किसानों को मिलेंगे 50% सब्सिडी पर कृषि यंत्र, जानिए पूरी योजना
किसानों को कृषि यंत्र (50% subsidy on agricultural machinery) खरीदने पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दे रही है मध्यप्रदेश सरकार, जानें अधिक जानकारी
50% subsidy on agricultural machinery | दिल्ली में प्रदूषण के लिए नरवाई जलाना प्रमुख जिम्मेदार है नरवाई जलाने के कारण दिल्ली में प्रदूषण प्रतिवर्ष बढ़ता जा रहा है पंजाब के बाद मध्य प्रदेश में नरवाई को जलाया जाता है मध्यप्रदेश में प्रदूषण का स्तर ना पड़े इसके लिए प्रदेश सरकार सजग हो गई है। प्रदेश में फसल कटने के बाद अवशेष (नरवाई) को जलाने की प्रवृत्ति को रोकने के लिए सरकार किसानों को कृषि यंत्र खरीदने पर 50 प्रतिशत तक अनुदान देगी। योजना के तहत किस प्रकार से किसानों को लाभ मिलेगा जानिए।
अवशेष प्रबंधन योजना तैयार की गई
केंद्र सरकार ने नरवाई जलाने पर रोकथाम के लिए जो योजना (50% subsidy on agricultural machinery) बनाई है, उसमें मध्य प्रदेश शामिल नहीं है। इसे देखते हुए सरकार ने फसल अवशेष प्रबंधन योजना तैयार की है। इसमें किसानों को छह लाख रुपये तक आने वाले यंत्रों को खरीदने पर अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए किसानों को आनलाइन आवेदन करना होगा और अनुदान की राशि सीधे खाते में अंतरित की जाएगी। प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में योजना को 2024-25 तक संचालित करने के लिए 59 करोड़ रुपये की स्वीकृति देने पर विचार किया जाएगा।
सरकार द्वारा किसानों को इतना अनुदान मिलेगा
सरकार द्वारा यह अनुदान केवल मध्यप्रदेश के किसानों (50% subsidy on agricultural machinery) को दिया जाएगा। प्रदेश के लघु, सीमांत, महिला, अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के किसानों को यंत्र की कीमत का 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा। अन्य श्रेणी के किसानों को 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
प्रदूषण रोकने के लिए लागू की जा रही यह योजना
कृषि विभाग द्वारा प्रस्तावित इस योजना (50% subsidy on agricultural machinery) पर अंतिम निर्णय कैबिनेट बैठक में लिया गया। प्रदेश में गेहूं, धान, सोयाबीन, चना सहित अन्य फसलों की कटाई हार्वेस्टर से होने के कारण खेत में नरवाई (पराली) छूट जाती है। किसान इसे साफ कराने के लिए अलग से मजदूर लगाने का व्यय बचाने के लिए आग लगा देते हैं। इससे प्रदूषण तो फैलता ही है, भूमि के पोषक तत्व भी प्रभावित होते हैं। इसका असर भूमि की उत्पादन क्षमता पर भी पड़ता है।
इन कृषि यंत्रों पर मिलेगा अनुदान
प्रदेश में फसल कटने के बाद अवशेष (नरवाई) को जलाने की प्रवृत्ति को रोकने के लिए सरकार किसानों को कृषि यंत्र (50% subsidy on agricultural machinery) खरीदने पर 50 प्रतिशत तक अनुदान देगी। इसके लिए फसल अवशेष प्रबंधन योजना लागू की जा रही है।
इसमें स्ट्रारीपर, बेलर, रीपर कम बाइंडर, मल्चर, हैप्पी सीडर, जीरो टिल, सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल, रोटावेटर, प्लाऊ सहित अन्य चिह्नित कृषि यंत्र को शामिल किया गया है। लघु, सीमांत, महिला, अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के किसानों को यंत्र की कीमत का 50 प्रतिशत तक अनुदान (50% subsidy on agricultural machinery) दिया जाएगा। अन्य श्रेणी के किसानों को 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
सभी वर्ग के किसानों को योजना का लाभ मिलेगा
मध्यप्रदेश में निवासरत लघु, सीमांत, महिला, अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के किसानों को यंत्र खरीदने पर अब अनुदान/सब्सिडी (50% subsidy on agricultural machinery) दी जाएगी।
कैबिनेट की बैठक में लिया निर्णय
कृषि विभाग द्वारा प्रस्तावित इस योजना (50% subsidy on agricultural machinery) पर अंतिम निर्णय बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में लिया जाएगा। प्रदेश में गेहूं, धान, सोयाबीन, चना सहित अन्य फसलों की कटाई हार्वेस्टर से होने के कारण खेत में नरवाई (पराली) छूट जाती है। किसान इसे साफ कराने के लिए अलग से मजदूर लगाने का व्यय बचाने के लिए आग लगा देते हैं। इससे प्रदूषण तो फैलता ही है, भूमि के पोषक तत्व भी प्रभावित होते हैं। इसका असर भूमि की उत्पादन क्षमता पर भी पड़ता है।
इधर ग्रामीण क्षेत्र में कमीशन भी बढ़ाया गया
कैबिनेट की बैठक (50% subsidy on agricultural machinery) के दौरान एक अन्य निर्णय के तहत उचित मूल्य की राशन दुकान से संबंधित कमीशन को पढया गया है। प्रदेश सरकार उचित मूल्य की राशन दुकानों के माध्यम से सार्वजनिक वितरण प्रणाली का खाद्यान्न वितरित कराती है। नगरीय क्षेत्र की दुकानों को खाद्यान्न् वितरण के लिए कमीशन प्रति क्विंटल 70 रुपये की जगह अब 90 रुपये दिया जाएगा। (50% subsidy on agricultural machinery)
ग्रामीण क्षेत्र की उचित मूल्य की दुकानों को दो सौ से अधिक पात्र परिवार एवं पूर्णकालिक विक्रेता होने पर कमीशन दस हजार 500 रुपये दिया जाएगा। दो सौ कम पात्र परिवार एवं पूर्णकालिक विक्रेता होने पर छह हजार रुपये प्रतिमाह और अशंकालिक विक्रेता होने पर तीन हजार रुपये प्रतिमाह कमीशन दिया जाएगा। खाद्यान्न के परिवहन, हम्माली आदि व्यय के लिए 65 रुपये की 70 रुपये प्रति क्विंटल दिए जाएंगे। (50% subsidy on agricultural machinery)
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