सोयाबीन की खेती से पहले जून माह में किए जाने वाले जरूरी कृषि कार्य
खरीफ की सीजन शुरू होने से पहले किसान साथी को मई, जून में कुछ जरूरी कृषि कार्य करने चाहिए। जिनकी जानकारी लेख में दी गई है।
Agricultural work in June month | रबी सीजन की फसलों की कटाई का कार्य पूरा हो चुका को है। अप्रैल से ही गर्मी भी बढ़ने लगी है। इस समय जिन किसानों के पास सिंचाई की व्यवस्था है, वह जायद की खेती यानी कि मूंग उड़द की बुवाई कर चुके हैं।
किसानों के लिए अप्रैल-मई एवं जून माह में कौन-कौन से कृषि कार्य किया जाना चाहिए, कृषि विशेषज्ञ इस विषय में क्या राय देते हैं। खेती किसानी के कार्य वर्षभर चलते रहते हैं किसान भाई मई जून माह में खेती से अच्छी पैदावार के लिए निम्नलिखित कृषि कार्य करें…
Agricultural work in June month
मई (May) माह में किए जाने वाले कृषि कार्य
Agricultural work in June month
- रबी फसलों की कटाई के पश्चात अवशेषों को जलाने की बजाय तुरंत गहरी जुताई कर दें।
- कृषि जिंसों के भंडारण वाली कोठियों, बोरियों पर मेलाथियान घोल का छिड़काव करें तथा अनाज को अच्छी तरह सूखने के पश्चात ही भंडारित करें।
- मिट्टी में पोषक तत्वों की जांच हेतु मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में नमूना भेजें, ताकि खरीफ फसल के उत्पादन में वृद्धि हो सके।
- सब्जी फसलें जैसे मिर्ची, भिंडी, बैंगन आदि पर होने वाले रोग नियंत्रण के लिए उपाय करें, समय-समय पर इन फसलों को देखते रहे।
- ग्रीष्मकालीन चारे के लिए ज्वार, मक्का, लोबिया की बुवाई करें।
- पशुओं को कृमि नाशक दवा पिलाई।
- फलोद्यान हेतु अनुशंसित दूरी पर गड्ढे की खुदाई करें, और फलदार वृक्षों को समय समय पर उचित प्रबंधन करें।
- फलोद्यान में अंतर वर्गीय फसल लेवें।
- Agricultural work in June monthग्रीष्मकालीन हरे चारे की फसल जैसे ज्वार, मक्का एवं लोबिया में 10 से 12 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें।
- पशुओं में गला घोटू एवं लंगडी जैसी बीमारियों का टीका लगवाए और लू से बचाव हेतु इन्हें छायादार स्थान में रखें।
- किलनी से बचाने हेतु मेलाथियान का उपयोग करें, और पशुओं को कृमि नाशक दवा पिलाएं।
- जायद फसल मूंग, उड़द आदि में समय समय पर सिंचाई कार्य करते रहें।
जून माह (June) में किए जाने वाले प्रमुख कृषि कार्य
Agricultural work in June month
- मानसून की प्रथम वर्षा होने पर खरीफ फसलों के लिए खेत की अंतिम तैयारियों पर अधिक ध्यान दें।
- खरीफ फसलों की आवश्यकता अनुसार खाद्य, बीज, उर्वरक एवं बीज उपचार हेतु दवाएं तथा जैव उर्वरकों की व्यवस्था करें।
- बीज उपचार में फफूंद नाशक तथा उसके बाद जैव उर्वरक लगाकर ही खरीफ फसलों की बोनी करें।
- वर्षा कालीन सब्जियों की बोनी कतार पर व पौध की दूरी अनुशंसा अनुरूप ही रखें।
- खरीफ प्याज टमाटर बैंगन मिर्च आदि की पौध तैयार करें।
- फसल Agricultural work in June month विविधीकरण के अंतर्गत दो-तीन गुणवत्ता युक्त प्रजातियों का प्रबंध अवश्य करके रखें।
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