नई तकनीक : खरीफ सीजन में मिलेगा किसानों को लाभ, कीटनाशक छिड़काव के लिए नहीं होना पड़ेगा परेशान
किसानों को दर्द से छुटकारा दिलवाने के लिए 4 स्टूडेंट ने सोलर स्प्रे पंप (Agriculture new technique solar spray pump) बनाया है, जो बाजार से आधी कीमत पर मिलेगा जानिए इस टेक्निक के बारे में
Agriculture new technique solar spray pump- देशभर में छोटी जोत एवं सीमांत किसान अधिक है खेती का रकबा कम होने के कारण किसान खेती किसानी से जुड़े हुए अधिकांश काम स्वयं करते हैं इन्हें कामों में कीटनाशक छिड़काव का काम भी सम्मिलित है कीटनाशक छिड़काव के दौरान किसानों को काफी परेशानी का सामना करते हुए दर्द उठाना पड़ता है। किसानों के दर्द को समझते हुए 4 स्टूडेंट ने कीटनाशक छिड़कने के लिए सोलर स्प्रे पंप बनाया है, जो बाजार से आधी कीमत पर मिल रहा है इससे किसानों को आर्थिक फायदा होगा वही दर्द से छुटकारा भी मिलेगा।
स्प्रे पंप सोलर सिस्टम पर काम करता है(Agriculture new technique solar spray pump)
सोलर स्प्रे पंप बनाने इमारत की महारत मध्य प्रदेश के छात्रों ने हासिल की है। प्रदेश के श्रेष्ठ तकनीकी शिक्षण संस्थान SGSITS के 4 स्टूडेंट ने सोलर ऑपरेटेड एर्गोनॉमिक नेप्सेस स्प्रेयर मशीन बनाई हैं। यह मशीन पूरी तरह से सोलर सिस्टम और बैटरी पर काम करती है। मशीन की खास बात यह है कि इसमें लगी बैटरी सोलर सिस्टम से ही चार्ज भी हो जाती हैं। इस मशीन से किसान अपनी फसलों पर आसानी से स्प्रे कर सकेंगे। इतना ही नहीं इसकी कीमत बाजार में उपलब्ध इलेक्ट्रिक और पेट्रोल से चलने स्प्रे करने वाली मशीनों की तुलना में आधी है।
ऐसे काम करता है यह सोलर स्प्रे पंप
स्प्रेयर मशीन को बनाने वाले स्टूडेंट श्याम शर्मा ने बताया कि मशीन को फाइनल ईयर के मेजर प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया है। शर्मा ने बताया कि मशीन सिस्टम के जरिए सोलर एनर्जी को मैकेनिकल एनर्जी में कन्वर्ट करके मोटर में सप्लाई की जाती हैं। मोटर में सप्लाई होने के बाद स्प्रेयर मशीन का नोजल वर्क करता है। इस मशीन मे सोलर के साथ साथ बैटरी का इस्तेमाल भी किया गया हैं। इस बैटरी की खास बात यह है कि इसे इलेक्ट्रिसिटी से चार्ज नहीं करना पड़ता है। मशीन की बैटरी सोलर सिस्टम से ही ऑटोमेटिक चार्ज हो जाती हैं। वहीं मशीन में लगी बैटरी पोर्टेबल है। जिसे निकाला भी जा सकता है।
सोलर स्प्रे पंप 4.5 हजार रुपए की लागत में बना
स्टूडेंट ऋषभ सिंह ने बताया कि मशीन में 18 लीटर के टैंक इस्तेमाल किया है। मशीन को बनाने में 4.5 हजार रुपए का खर्च आया है। लेकिन हम इस मशीन का मास प्रोडक्शन करें तो यह 3 हजार रुपए में ही तैयार हो जाएगी। इस मशीन को 4 स्टूडेंट की टीम श्याम शर्मा, ऋषभ सिंह, उत्कर्ष ठाकुर और शब्बीर वकील ने कॉलेज के प्रो. डॉ. कृष्णकांत धाकड़ और डॉ. अवधेश दलपति के मार्गदर्शन में बनाया हैं।
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स्प्रे पंप बनाने वाले स्टूडेंट किसान परिवारों से
सोलर स्प्रे पंप बनाने वाले श्याम शर्मा ने बताया कि हम तीन स्टूडेंट किसान परिवार से हैं। हम घर पर देखते थे कि स्प्रेयर करने वाली मशीनें जो इस्तेमाल होती हैं, उससे बदन दर्द होता है। जिसके बाद हमने मार्केट में 100 से ज्यादा प्रकार की स्प्रेयर मशीन को ऑब्जर्व करने के बाद यह मशीन तैयार की।
किसानों को दर्द से छुटकारा दिलाएगा यह स्प्रे पंप
SGSITS के मीडिया प्रभारी एलेक्स कुट्टी ने बताया कि स्टूडेंट ने यह मशीन एर्गोनॉमिक डिजाइन पर तैयार की हैं। जिससे शरीर के पिछले हिस्से में पड़ने वाला वजन पूरी बॉडी पर यूनिफॉर्मली डिस्ट्रीब्यूट हो जाता है। जिस वजह से बदन नहीं होता हैं। वहीं मशीन में कुशन के पट्टे लगाए गए हैं। जिससे शोल्डर और कमर पर बांधने से शरीर पर प्रेशर क्रिएट नहीं होता है।
बाजार से आधी कीमत, किसानों को मिलेगा फायदा
Agriculture new technique solar spray pump- स्टूडेंट ने यह मशीन मार्केट में मिलने वाली मशीनों के मुकाबले आधी कीमत में ही तैयार कर दी है। मार्केट में मैन्युअल मशीन 4 हजार से शुरू होती है। वहीं सिर्फ बैटरी वाली मशीन 8 हजार रुपए से शुरू होती है। जबकि सोलर पैनल वाली मशीन 10 हजार रुपए से शुरू होती हैं। स्टूडेंट ऋषभ ने बताया कि मार्केट में मिलने वाली मशीन को हाथ से चलाना पड़ता हैं। वहीं बैटरी वाली मशीन को इलेक्ट्रिसिटी से चार्ज करना पड़ता है।
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