खेती-किसानी

अरबी की वैज्ञानिक तरीके से खेती कर अत्यधिक मुनाफा कैसे ले, जानिए 

अरबी की वैज्ञानिक तरीके से खेती ( Arabi ki Vaigyanik Tarike se Kheti 2022) कैसे कर सकते हैं व इसके क्या लाभ है लेख में जानिए

Arabi ki Vaigyanik Tarike se Kheti 2022 | अरबी (Taro) एक उष्णकटिबन्धीय पेड़ है, जिसे इसकी जड़ में लगी अरबी नामक सब्जी के लिए मुख्यतः उगाया जाता है। अरबी एक कंद वाली फसल है। भारत में इसकी लगभग सभी जगहों में की जाती है। गरमी और बारिश अच्छा विकास होता है। इसके कंद में प्रमुख रूप से स्टार्च एवं पत्तियों में विटामिन A, कैल्शियम, फास्फोरस और आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। आइए जाने अरबी के फायदे व इसकी खेती कैसे करें ?

कई बीमारियों का इलाज है अरबी ( Arabi ki Vaigyanik Tarike se Kheti 2022)

  • गिल्टी (टयूमर)- अरुई के पत्तों के डाली को पीसकर लेप करने से रोग में लाभ होता है।
  • झुर्रियां- अरबी त्वचा का सूखापन और झुर्रियाँ भी दूर करती है। सूखापन चाहे आंतों में हो या सांस-नली में अरबी खाने से लाभ होता है।
  • पित्त प्रकोप- अरबी के कोमल पत्तों का रस और जीरे की बुकनी में मिलाकर देने से पित्त प्रकोप मिटता है।
  • पेशाब की जलन- अरबी के पत्तों का रस 3 दिन तक पीने से पेशाब की जलन मिट जाती है।
  • फोड़े-फुन्सी- अरबी के पत्ते के डण्ठल जलाकर उनकी राख तेल में मिलाकर लगाने से फोड़े मिटते है।
  • महिलाओं में दूध की वृद्धि- अरबी की सब्जी खाने से दुग्धपान कराने वाली स्त्रियों का दूध बढ़ता है।
  • वायु गुल्म (पेट में गैस बनना)- अरबी के पत्ते डण्ठल के साथ उबालकर उसका पानी निकालकर उसमें घी मिलाकर 3 दिन तक सेवन से वायु के गोला दूर होता है।
  • हृदय रोग- अरबी की रोजाना सब्जी खाने से हृदय रोग वाले मरीजों को राहत मिलेगी।
  • साथ ही अरबी की सब्जी खाने से पाचन इलाज होता है।

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भूमि एवं जलवायु ; अरबी की खेती कैसे करें

  • अरबी की खेती ( Arabi ki Vaigyanik Tarike se Kheti 2022 ) के लिए उचित जल निकास वाली बलुई दोपट भूमि सब से उपयुक्त मानी जाती है, जिस का pH मान 5.5 से 7 के मध्य हो।
  • उष्ण एवं समशीतोष्ण जलवायु अरबी की खेती के लिए उपयुक्त पानी जाती है। अधिक गरमी और सर्द जलवायु इस के पौधों के लिए, हानिकारक होती है।
  • सर्दियों के मौसम में पाला से पौधों की बढ़वार रुक जाती है। अरबी के कंद 20 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान में अच्छी वृद्धि करते हैं।

Arabi ki Vaigyanik Tarike se Kheti 2022 | उन्नतशील किस्में

  1. नरेंद्र अरबी 1- यह किस्म रोपाई के 160 से 170 दिन बाद खुदाई के लिए तैयार हो जाती है। इस का पौधा सामान्य आकार का होता है। इस की औसत पैदावार 150 क्विटल प्रति हेक्टेयर होती है।
  2. आजाद अरबी 1- यह कम अवधि की किस्म है। यह रोपाई के 120 दिन बाद तैयार हो जाती है। इसकी पैदावार 280 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
  3. पंचमुखी– यह किस्म कंद रोपाई के 180 से 200 दिन बाद तैयार हो जाती है। इसके प्रत्येक पौधे में 5 मुखपुत्री होती हैं। इस कारण इस को पंचमुखी कहा जाता है। इसकी औसत पैदावार 200 से 250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है।
  4. व्हाइट गोरैया- यह किस्म रोपाई के 180 से 190 दिन बाद खुदाई के लिए तैयार हो जाती है। इस के कंद खुजलाहटमुक्त होते हैं। यह किस्म औसतन 180-190 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार दे देती है।

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खेत की तैयारी व उर्वरक प्रबंधन

  • अरबी की रोपाई ( Arabi ki Vaigyanik Tarike se Kheti 2022 ) से पूर्व खेत को मिट्टी पलटने वाले हल से गहरी जुताई करनी चाहिए, इससे खेत में मौजूद पुराने फसल अवशेष पूरी तरह से नष्ट हो जाएं।
  • इसके बाद खेत में 200 से 250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर सड़ी गोबर की खाद अवश्य मिला दें।
  • इसके पश्चात 2-3 जुताई कल्टीवेटर से कर के मिट्टी भुरभुरी बना लेनी चाहिए,
  • बोआई से पूर्व प्रति हेक्टेयर 40 किलोग्राम नाइट्रोजन, 50 किलोग्राम फास्फोरस एवं 60 किलोग्राम पोटाश का प्रयोग करें और पौधों के विकास के समय रोपाई के 60 दिन बाद खेत में सिंचाई करते समय 20 से 25 किलोग्राम यूरिया का टौप ड्रेसिंग के रूप में प्रयोग करने से अच्छा उत्पादन मिलता है।

कंद रोपाई का समय और विधि 

  • अरबी ( Arabi ki Vaigyanik Tarike se Kheti 2022 ) के कंद की रोपाई के लिए जून-जुलाई का महीना सबसे उचित होता है।
  • गरमी के मौसम में पैदावार प्राप्त करने के लिए कंद की रोपाई फरवरी-मार्च माह में की जाती है।
  • अरबी की रोपाई करने के लिए खेत में 45-60 सेंटीमीटर की दूरी रखते हुए नालीनुमा मेड़ों को तैयार कर लेते हैं। इन पेंड़ों के मध्य नाली में 30 से 45 सेंटीमीटर की दूरी पर कंद की रोपाई कर मिट्टी से ढक देते हैं।

कंद की मात्रा एवं उपचार

अरबी की रोपाई ( Arabi ki Vaigyanik Tarike se Kheti 2022 ) कंद के रूप में की जाती है। रोपाई के लिए एक हेक्टेयर खेत में लगभग 15 से 20 क्विटल कंद की जरूरत होती है। यह मात्रा कंद के आकार और रोपाई की विधि पर निर्भर करती है।

कंदों की रोपाई से पहले उन्हें कार्बंडाजिम की 2 ग्राम मात्रा प्रति लिटर पानी में घोल बना कर उपचारित कर के ही रोपाई करनी चाहिए। इससे कंद के सड़ने से बचाव होता है।

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सिंचाई प्रबंधन

Arabi ki Vaigyanik Tarike se Kheti 2022 | अरबी की रोपाई करते समय भूमि में उचित नमी रखें और मौसम के अनुसार गरमियों में सप्ताह में 2 बार और बरसात में जरूरत के मुताबिक हलकी सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है। अरबी के खेत में जलभराव होने पर जल निकास की उचित व्यवस्था करें।

Arabi ki Vaigyanik Tarike se Kheti 2022 | कीट व रोग नियंत्रण

  1. थ्रिप्स ; यह कीट पत्तियों के निचले भाग पर चिपक कर पत्तियों से रस चूसते हैं। इससे पत्तियों का विकास रुक जाता है और पत्तियां पीली पड़ जाती हैं।
  2. प्रबंधन– इस कीट पर नियंत्रण पाने के लिए इमिडाक्लोप्रिड 1 मिलीलिटर प्रति लिटर पानी की दर से छिड़काव करें।
  3. झुलसा रोग : इसमें पत्तियों पर भूरे रंग के धब्बे दिखाई देने लगते हैं। रोग का अधिक प्रकोप होने पर पत्तियां काले रंग की होकर सूख जाती हैं और पौधे का विकास रुक जाता है।
  4. प्रबंधन– इसके नियंत्रण के लिए कार्बंडाजिम और मैंकोजेब की 3 ग्राम मात्रा प्रति लिटर पानी की दर से मिला कर छिड़काव करें।
  5. कंद सड़न : अरबी के खेत ( Arabi ki Vaigyanik Tarike se Kheti 2022 ) में अधिक समय तक ज्यादा नमी रहने के कारण कंद सड़न की समस्या आ जाती है। इसके प्रभाव से प्रारंभ में पौधे मुरझाने लगते हैं और अधिक प्रकोप होने पर पौधे सूख कर पूरी तरह नष्ट हो जाते हैं।
  6. प्रबंधन– इसके नियंत्रण के लिए खेत में जलभराव न होने दें और एलियट 1 ग्राम प्रति लिटर पानी अथवा कार्बंडाजिम 2 ग्राम प्रति लिटर पानी की दर से ड्रैचिंग करें।

अरबी की खुदाई

Arabi ki Vaigyanik Tarike se Kheti 2022 |अरबी के कंद उन की किस्मों के अनुसार लगभग 5-6 माह में खुदाई के लिए तैयार हो जाते हैं। जब पौधों की पत्तियां पीले रंग की दिखाई देने लगें, उस समय कंदों की खुदाई कर लेनी चाहिए। खुदाई के बाद कंदों को साफ पानी में धोकर छंटाई कर लें। छंटाई करते समय मातृ कंद एवं पुत्री कंद को काट कर अलग कर लें‌। इससे बाजार में अच्छा भाव मिलता है। अरबी की हरी पत्तियों से भी अच्छा लाभ कमाया जा सकता है।

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राधेश्याम मालवीय

मैं राधेश्याम मालवीय Choupal Samachar हिंदी ब्लॉग का Founder हूँ, मैं पत्रकार के साथ एक सफल किसान हूँ, मैं Agriculture से जुड़े विषय में ज्ञान और रुचि रखता हूँ। अगर आपको खेती किसानी से जुड़ी जानकारी चाहिए, तो आप यहां बेझिझक पुछ सकते है। हमारा यह मकसद है के इस कृषि ब्लॉग पर आपको अच्छी से अच्छी और नई से नई जानकारी आपको मिले।
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