किसानों के लिए खुशखबरी… 3 नई सहकारी समितियों का होगा गठन, यह मिलेगा फायदा
किसानों को लिए खुशखबरी निकल कर सामने आ रही है। केंद्र सरकार द्वारा अब 3 नई सहकारी समितियों (Cooperative organization for farmers) का गठन होगा। इससे किसानों को क्या होगा लाभ, जानें
Cooperative organization for farmers |केंद्र सरकार की कैबिनट बैठक के बाद किसानों के लिए खुशखबरी सामने आ रही हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्री मंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में केंद्र सरकार ने जैविक उत्पादों, बीज और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए तीन नई सहकारी समितियों की स्थापना करने की घोषणा की गई है।
बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बहु राज्य सहकारी समितियों (एमएससीएस) अधिनियम, 2002 के अंतर्गत जैविक उत्पादों (Cooperative organization for farmers) के लिए राष्ट्रीय स्तर की सहकारी समिति को स्थापना करने और उनके विकास को बढ़ावा देने के निर्णय को मंजूरी दी है। इससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी।
सहकारी समिति से बढ़ेगी किसानों की आय
इस संबंध में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि सहकारी समितियों (Cooperative organization for farmers) की स्थापना से इसके समावेशी विकास मॉडल से समृद्धि के लक्ष्य को प्राप्त करना लाभकारी साबित होगा। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि ये सहकारी समितियां ‘सहकार से समृद्धि’ (सहकारिताओं के माध्यम से समृद्धि) के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेंगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास और किसानों की आय को बढ़ाने में उपयोगी साबित होगी।
3 नई समितियों के गठन को मिली मंजूरी (Cooperative organization for farmers)
केंद्र सरकार की कैबिनेट की बैठक में देश में तीन नई सहकारी समितियों के गठन को मंजूरी दी गई हैं। बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि किसान सहकारिताएं जो किसानों की आय और कृषि उत्पादन से संबंध रखती हैं, वो सभी ग्रामीण भारत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
यादव ने कहा कि कैबिनेट ने आज सहकारिता (Cooperative organization for farmers) के क्षेत्र से जुड़े तीन महत्वपूर्ण फैसले लिए। उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने बैठक में नेशनल एक्सपोर्ट सोसाइटी, नेशनल कोऑपरेटिव सोसाइटी फॉर ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स और नेशनल लेवल मल्टी-स्टेट सीड कोऑपरेटिव सोसाइटी की स्थापना को मंजूरी दे दी हैं। जिससे किसानों की आय दोगुनी करने का सरकार का उद्देश्य पूरा होगा।
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किसानों की सभी जरूरतों को पूरा किया जाएगा
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि इन सहकारी समितियां ‘सहकार से समृद्धि’ (सहकारिताओं के माध्यम से समृद्धि) के लक्ष्य को साकार करने में लाभकारी होगी और ग्रामीण विकास और किसानों (Cooperative organization for farmers) की आय को बढ़ाने में भी मदद करेंगी। केंद्र सरकार के इस निर्णय से भारतीय सहकारी सीड (बीज) को भी प्रोत्साहन मिलेगा। इसके माध्यम से किसानों के बीज प्राप्त करने के लिए इसका उपयोग किया जाएगा। वहीं, किसानों की सप्लाई चेन को ध्यान में रखते हुए किसानों की सभी जरूरतों को पूरा किया जाएगा।
जैविक खेती को सरकार दे रही बड़ावा
जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार (Cooperative organization for farmers) के साथ-साथ राज्य सरकार भी विभिन्न प्रकार की योजनाएं संचालित कर रही हैं। कुछ दिन पहले ही केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि कृषि क्षेत्र देश का सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र है और इसके विकास के लिए केंद्र से होने वाले वित्त पोषण की कोई बाधा सामने नहीं आएगी।
उन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए कहा था कि इस क्षेत्र में जैविक खेती की संभावनाओं को देखते हुए केंद्र और पूर्वोत्तर राज्यों की सरकार भी कृषि क्षेत्र को विकसित करने के लिए मिलकर काम कर रही हैं। वहीं उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल्पना के अनुरूप इस शैक्षणिक संस्थान की स्थापना (Cooperative organization for farmers) से अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के साथ अरुणाचल प्रदेश में कृषि शिक्षा और अनुसंधान के विकास को रफ्तार मिलेगी।
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इन समितियों के गठन के बाद किसानों को होगा यह लाभ
केंद्र सरकार की सहकारी समितियों के गठन होने के बाद गांव-गांव में किसानों को कृषि की सही तकनीक, खाद-बीज के इस्तेमाल की सलाह देने वाले कृषि विस्तार अधिकारी सहकारिता विभाग के अंतर्गत आने वाले सहकारी समिति के दफ्तरों में बैठते हैं।
इसका एक यह बड़ा फायदा यह भी होगा कि कृषि और सहकारिता (Cooperative organization for farmers) दोनों ही विभाग मिलकर किसान की समस्या का समाधान कर पाएगें। इससे किसानों की फसलों के उत्पादन के साथ उनकी आय भी बढ़ेगी। इसके अतिरिक्त इन समितियों के माध्यम से युवाओं के लिए रोजगार के विभिन्न अवसर भी प्राप्त होंगे।
क्या होती हैं सहकारी समितियां
सहकारी समितियां (Cooperative organization for farmers) वे स्वयंसेवी संस्थाएं हैं जो अपने आर्थिक हितों के लिए कार्य करती हैं। यह अपनी सहायता स्वयं और परस्पर सहायता के सिद्धांत पर कार्य करती हैं। सहकारी समिति में कोई भी सदस्य व्यक्तिगत लाभ के लिए कार्य नहीं करता है।
इसके सभी सदस्य अपने-अपने संसाधनों को एकत्रित करके उनका अधिकतम उपयोग कर कुछ लाभ प्राप्त करते हें, जिसे वह आपस में बांट लेते हैं। संंक्षेप में कहें तो सहकारी समिति, संगठन का एक प्रकार है जिसमें व्यक्ति अपनी इच्छा से, समानता के आधार पर अपने आर्थिक हितों के लिए मिलकर कार्य करते हैं।
सहकारी समिति से जुड़े किसानों को क्या लाभ मिलते हैं
सहकारी समिति (Cooperative organization for farmers) से जुडे़ किसानों को कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। इनमें से जो प्रमुख लाभ इस प्रकार से हैं-
- सहकारी समिति के जरिये किसानों को कृषि कार्य के लिए सरलता से ऋण मिलता है।
- फसलों की खरीदी भी सहकारी समितियों के माध्यम से होने के कारण किसान सीधे इन समितियों से जुड़े रहते हैं।
- सहकारी समितियों (Cooperative organization for farmers) के जरिये किसान को सस्ता खाद, बीज व उवर्रक उपलब्ध कराया जाता है।
- सहकारी समिति के माध्यम से किसानों को सरकार की अनेक लाभकारी योजनाओं का लाभ मिलता है।
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