MP सहकारी समितियों से अल्पावधि फसल ऋण लेने वाले किसानों के लिए बड़ी खबर
मध्य प्रदेश के लाखों किसानों के लिए अच्छी खबर है सहकारी समिति अब किसानों से डिफाल्टर (Cooperative Societies Short Term Crop Loan) होने पर ज्यादा ब्याज नहीं वसूल पाएगी। डिफाल्टर होने पर दंड ब्याज की सीमा सहकारिता विभाग ने निर्धारित कर दी है।
Cooperative Societies Short Term Crop Loan-सहकारी समितियों से लोन लेने वाले किसानों को प्रदेश सरकार ने बड़ी राहत दी है। डिफाल्टर किसानों को मुख्यधारा में लाने के लिए ब्याज माफी योजना को मूर्त रूप दिया जा रहा है वही प्रदेश सरकार ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए सहकारी समितियों द्वारा किसानों से वसूले जा रहे ब्याज की दरें तय कर दी है निर्धारित दर से अधिक ब्याज सहकारी समिति आप किसानों से नहीं वसूल सकेगी।
मनमाना ब्याज नहीं वसूल पाएगी समितियां (Cooperative Societies Short Term Crop Loan)
समय पर अल्पावधि फसल ऋण नहीं चुकाने वाले किसानों से सहकारी समितियां अब मनमाना दंड ब्याज नहीं वसूल सकेंगी। सहकारिता विभाग ने तय कर दिया है कि किसी भी सूरत में दंड ब्याज दो प्रतिशत से ज्यादा नहीं लिया जाएगा। अभी समितियां चार प्रतिशत तक दंड ब्याज लगा रही हैं। इससे किसानों के ऊपर ब्याज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है और जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों को राशि भी नहीं मिल रही है। अब शिवराज सरकार किसान के ऊपर से ब्याज के भार को उतारने के लिए एकमुश्त समझौता योजना ला रही है।
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ब्याज की रकम भारी पड़ती है किसानों पर
गौरतलब है कि प्रदेश में किसानों को ब्याज रहित खरीद एवं रबी फसलों के लिए ऋण की सुविधा सहकारी समिति द्वारा दी जाती है किंतु जैसे ही किसान डिफाल्टर हो जाते हैं ब्याज की शुरुआत हो जाती है इस ब्याज की रकम अधिक होने के कारण किसान ऋण चुकता करने में असमर्थ हो जाता है।
प्रदेश में खरीफ फसलों के लिए 28 मार्च और रबी फसल के अल्पावधि ऋण को 15 जून तक चुकाना होता है। जो किसान इस अवधि में ऋण नहीं चुकाते हैं, उनसे समितियां आधार दर के साथ दंड ब्याज वसूलती हैं। वित्त विभाग ने ब्याज रहित ऋण देने में बैंक को जो लागत आती है, उस आधार दर को दस प्रतिशत तय किया है।
सहकारी समितियां दो से लेकर चार प्रतिशत तक दंड ब्याज ले रही हैं। इसको लेकर अनियमितता की शिकायतें भी मिलती हैं। पिछले दिनों समितियों के कर्मचारियों ने जब हड़ताल की तो यह बात भी सामने आई कि समितियों का कारोबार आर्थिक स्थिति ज्यादा दंड ब्याज लगाने की वजह से भी प्रभावित हो रहा है। संयुक्त पंजीयक सहकारिता अरविंद सिंह सेंगर ने बताया कि सहकारी अधिनियम में सहकारी संस्थाओं को दंड ब्याज लगाने का अधिकार है। विभाग ने तय कर दिया है कि अब ये दो प्रतिशत से अधिक दंड ब्याज वसूल नहीं कर सकेंगी।
डिफाल्टर किसानों को मिलेगी ब्याज माफी
Cooperative Societies Short Term Crop Loan-उधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समय पर ऋण चुकाने की वजह से डिफाल्टर हुए किसानों को ब्याज माफी देने की घोषणा की है। इसका फायदा लगभग 15 लाख किसानों को मिलेगा। इनके ऊपर पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक का ऋण का है। इसके लिए विभाग एकमुश्त समझौता योजना तैयार कर रहा है।
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