एमपी में फसल ऋण चुकाने की समय सीमा बढ़ेगी, किसानों को कैसे मिलेगा इसका फायदा जानिए
एमपी के किसानों के लिए अच्छी खबर है सरकार फसल ऋण चुकाने की समय सीमा बढ़ाने (crop loan repayment time limit in mp) वाली है जानिए कैसे मिलेगा इसका फायदा
crop loan repayment time limit in mp | मध्यप्रदेश में आगामी वर्ष में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। चुनावों के पहले सरकार ने प्रदेश के किसानों को साधने की बड़ी तैयारी कर ली है। प्रदेश में एक और फसल ऋण माफी को लेकर नई व्यवस्था शुरू करने की तैयारी की जा रही है वहीं अब राज्य सरकार प्रदेश के लाखों कर्जदार किसानों को फसल ऋण चुकाने की समय सीमा बढ़ाने की सौगात देने वाली है। आइए जानते हैं फसल ऋण की समय सीमा (crop loan repayment time limit in mp) चुकाने की समय सीमा पढ़ने से कैसे किसानों को लाभ मिलेगा।
एमपी में फसल चक्र की समय सीमा बढ़ेगी
मप्र सरकार फसल चक्र की समय सीमा (crop loan repayment time limit in mp) बढ़ाने जा रही है। इसके तहत अल्पावधि में पकने वाली फसलों गेहूं, चना, धान आदि के लिए यह फसल चक्र या क्रॉप सीजन 12 माह का होगा, जबकि लंबी अवधि में पकने वाली गन्ने और केले की फसल के लिए सीमा 18 माह तय होगी। अभी तक अल्पावधि फसलों के लिए फसल चक्र 4-6 और लंबी अवधि (crop loan repayment time limit in mp) की फसलों के लिए 8-9 माह होता है।
किसानों को कर्ज चुकाने के लिए मिलेगा दोगुना समय
मप्र में बैंक किसानों को अल्पकालीन फसलों के लिए कर्ज चुकाने (crop loan repayment time limit in mp) के लिए दो फसल चक्र और लंबी अवधि की फसलों के लिए एक फसल चक्र की मोहलत देती है। इसके बाद कर्ज की राशि डूबत खातों या एनपीए में डाल दी जाती है। किसान को अगली फसल के लिए बैंक कर्ज (crop loan repayment time limit in mp) नहीं देते। सोसायटियों से क्रेडिट पर खाद-बीज नहीं मिलता। मजबूरन किसानों को साहूकारों से कर्ज लेकर नकद में खाद बीज खरीदना पड़ता है।
जानकारों का कहना है कि प्रदेश में कहीं फसल जल्दी पकती है, कहीं विलंब से। किसानों की शिकायत रहती है कि बैंक फसल कटने के बाद उसे उचित मूल्य पर बेचने तक का समय नहीं देते। किसानों को सस्ते दामों में उपज बेचकर बैंकों का कर्ज (crop loan repayment time limit in mp) चुकाना पड़ता है। यह न करने पर किसान डिफॉल्टर हो जाते हैं। लेकिन एक अब निश्चित पैमाने पर फसल चक्र की गणना होगी। इससे किसानों को अच्छे भाव का इंतजार करने का समय मिलेगा।
डिफाॅल्टर्स की संख्या घटेगी
प्राप्त जानकारी के अनुसार किसानों को फसल चक्र बढ़ने (crop loan repayment time limit in mp) की अवधि बढ़ने से एक और पर्याप्त समय मिलेगा वहीं दूसरी ओर बैंकों को भी इसका फायदा मिलेगा। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि फसल चक्र की अवधि बढ़ जाने से बैंकों में डिफाल्टर किसानों की संख्या में कमी आएगी।
बताया जा रहा है कि इसका फायदा प्रदेश के लगभग 30 लाख किसानों को मिलेगा। मप्र में कुल 1 करोड़ किसान हैं। इनमें से करीब 30 लाख डिफॉल्टर हैं। एसएलबीसी के समन्वयक तरसेम सिंह जीरा के अनुसार नई व्यवस्था (crop loan repayment time limit in mp) से मप्र में डिफॉल्टर किसानों की संख्या में बढ़ोतरी की वर्तमान दर आधी रह जाएगी। किसानों को कर्ज चुकाने के लिए ज्यादा समय मिलेगा।
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