खेती-किसानी

सफेद बैंगन की खेती से होगी लाखों की कमाई, अच्छी पैदावार के लिए करना होगा ये काम

सफेद बैंगन का नाम शायद ही किसी ने सुना होगा, लेकिन बहुत ही इसकी खेती की जाती है। आज हम यहां सफेद बैंगन की खेती (Cultivation of White Brinjal) के बारे में चर्चा करेंगे...

Cultivation of White Brinjal | सफेद बैंगन का नाम शायद ही किसी ने सुना होगा, इसकी खेती कई देशों में की जाती है। सफेद बैंगन की खेती एक ऐसी खेती है, जो बहुत लम्बे समय तक उपज देती रहती है और साथ-साथ लाखों में कमाई भी होती है। यह पूरे वर्ष उगाये जाने वाली सब्जी है।

इसलिए बैंगन की खेती (Cultivation of White Brinjal) किसी भी जलवायु वाली भूमि मे बड़े आसानी से की जा सकती है। आम बैंगन के बजाये सफेद बैंगन की खेती करने से किसानों को काफी मुनाफा हो सकता है। सफेद बैंगन को खेत के साथ गमले में भी उगाया जा सकता है। आज हम इस सुंदर लेख में आपको सफेद बैंगन की खेती में मुनाफे के बारे में जानकारी देंगे।

सफेद बैंगन के फायदे (Cultivation of White Brinjal)

सफेद बैंगन पोटैशियम, कॉपर, मैग्नीशियम, विटामिन बी जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है। सफेद बैंगन (Cultivation of White Brinjal) ही नहीं, इसके पत्तों के इस्तेमाल से भी स्वास्थ्य को कई फायदे होते हैं।

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सफेद बैंगन का पौधा/नर्सरी तैयार कैसे करें

Cultivation of White Brinjal | जिस स्थान पर नर्सरी डालनी है वहाँ पर सबसे पहले 1 से 1.5 मीटर लम्बी और 3 मीटर चौड़ी क्यारी बनाकर कुदाल से गुड़ाई करके मिट्टी को भुरभुरी कर लें। उसके बाद प्रति क्यारी 200 ग्राम DAP डालकर जमीन को समतल कर लें। जमीन समतल करने के बाद वहां की मिट्टी को पैर से दबा दें। इसके बाद बैंगन के बीजों को बाविस्टिन या थीरम से उपचारित कर लें। फिर दबे हुई समतल जमीन पर लाइन खींचकर हाइब्रिड बैंगन के बीजों की बुआई करें।

बीजों की बुआई (Cultivation of White Brinjal) के बाद भुरभुरी मिट्टी से बीजों को ढक दें। इतना करने के बाद जूट की बोरियों से या किसी लम्बे कपड़े से नर्सरी की जमीन को ढक देना चाहिए, फिर इसके बाद इसके ऊपर से पुआल फैला देना चाहिए। बैंगन के खेत की 2 बार 15 दिनों के अन्तराल पर कुदाल की सहायता से गुड़ाई कर देनी चाहिए। इससे पौधे की जड़ों का अच्छा विकास होता है।

सफेद बैंगन की खेती का सही समय

सफेद बैंगन की फरवरी और मार्च का महीना गर्मी में खेती (Cultivation of White Brinjal) का उपर्युक्त समय रहता है, क्योंकि ज्यादा देर से बैंगन की रोपाई करने से अधिक तापमान और लू चलने के कारण पौधों का विकास ठीक से नहीं हो पाता है।

इसलिए 15 जनवरी के बाद बैंगन की नर्सरी डाल देनी चाहिए। फरवरी और मार्च में पौधे की रोपाई मुख्य खेत में कर देनी चाहिए। लेकिन यदि बरसात में बैंगन की खेती करना चाहते हैं तो जून में बैंगन को खेत में लगाया जाता है।

सिंचाई (Cultivation of White Brinjal)

सफेद बैंगन की बुवाई के तुरंत बाद फसल में हल्की सिंचाई का काम कर देना चाहिये। इसकी खेती में ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती। बस ध्यान रखें कि जैविक खाद या जीवामृत का प्रयोग करें। इस फसल को कीड़े और बीमारियों से बचाने के लिये नीम से बने जैविक कीटनाशक का इस्तेमाल जरूर करें। मिट्टी में नमी को बनाये रखने के लिये समय-समय पर सिंचाई करते रहें। बैंगन (Cultivation of White Brinjal) की फसल 70-90 दिनों के बीच पककर तैयार हो जाती है।

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बैंगन के पौधों को सहारा दें

अगर सफेद बैंगन की खेती मल्चिंग पर करते हैं और सिंचाई के लिए ड्रिप इरिगेशन का प्रयोग करते हैं। तो पौधों को सहारे की जरूरत होगी, क्योंकि अगर कभी बारिश हो जाती है, तो पौधों के गिरने की सम्भावना रहती है। ऐसी स्थिति में बैंगन (Cultivation of White Brinjal) के पौधों को सहारा देने के लिए बांस के बम्बू का प्रयोग करना चाहिए।

सफेद बैंगन सेहत के लिए फायदेमंद

सफेद बैंगन स्वाद के साथ-साथ सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। इसमें खूब फाइबर होता है, जो पाचन के लिए काफी हेल्दी होता है। नियमित रूप से सफेद बैंगन को आहार में शामिल करने से गैस, एसिडिटी और कब्ज की परेशानी को दूर किया जा सकता है।

  • कोलेस्ट्रॉल कम करता है
  • शुगर लेवल को कंट्रोल करता है
  • वजन घटा सकते हैं
  • पाचन को स्वस्थ बनाए रखता है
  • ब्रेन फंक्शन बढ़ाता है
  • किडनी के लिए फायदेमंद

इसके साथ ही सफेद बैंगन (Cultivation of White Brinjal) पोटैशियम, कॉपर, मैग्नीशियम, विटामिन बी जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है। सफेद बैंगन डायबिटीज मरीजों के लिए भी फायदेमंद होता है और सफेद बैंगन की पत्तियां भी फायदों से भरपूर होती हैं।

पत्तियों में मौजूद फाइबर और मैग्नीशियम शुगर लेवल को कंट्रोल में रखते करते हैं। सफेद बैंगन (Cultivation of White Brinjal) वजन कम करने के साथ ही हार्ट को भी हेल्दी रखता है।

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राधेश्याम मालवीय

मैं राधेश्याम मालवीय Choupal Samachar हिंदी ब्लॉग का Founder हूँ, मैं पत्रकार के साथ एक सफल किसान हूँ, मैं Agriculture से जुड़े विषय में ज्ञान और रुचि रखता हूँ। अगर आपको खेती किसानी से जुड़ी जानकारी चाहिए, तो आप यहां बेझिझक पुछ सकते है। हमारा यह मकसद है के इस कृषि ब्लॉग पर आपको अच्छी से अच्छी और नई से नई जानकारी आपको मिले।
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