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देसी गाय पालन योजना में अनुदान दिए जाने की यह है संपूर्ण प्रक्रिया, समझिए आसान तरीके से

देसी गाय पालन योजना क्या है योजना में अनुदान कितना मिलता है अनुदान (Desi Gopalan Grant Scheme easy process) के लिए क्या करना होगा यह जानिए।

केंद्र सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लिए हर संभव कोशिश करने में लगी हुई है केंद्र सरकार खेती में लागत कम करने पर जोर दे रही है इसी के तहत राज्य सरकारों को निर्देश दिए गए हैं कि अधिक से अधिक किसानों को प्राकृतिक एवं जैविक खेती की ओर मोड़े। केंद्र सरकार की किसी योजना के तहत मध्य प्रदेश सरकार में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने के लिए देसी गाय पालन योजना (Desi Gopalan Grant Scheme easy process) की शुरुआत की है इस योजना के तहत देसी गाय पालने पर किसानों को प्रतिमाह अनुदान दिया जाएगा। इस योजना से जुड़ी हुई प्रत्येक जानकारी एवं योजना के अंतर्गत दिए जा रहे अनुदान प्रक्रिया को आसान तरीके से समझने के लिए इस लेख को अंत तक पढ़े।

देसी गोपालन योजना क्या है (What is Desi Gopalan Yojana)

भूसे एवं चारे के साथ-साथ हरी घास की उपलब्धता कम होने के कारण किसान चाह कर भी गायों को पाल नहीं पाते हैं, छोटे एवं सीमांत जोत के किसान इसी कारण गाय पालन से होने वाले फायदे का लाभ नहीं ले पाते हैं। यही कारण है कि किसानों को मजबूरन देसी गायों को सड़कों पर छोड़ना पड़ता है इससे आवारा बेसहारा होकर गाय इधर-उधर भटकती रहती है। यही कारण है कि सड़कों पर गाय बेसहारा दिखाई देना आम बात हो गई है। प्रदेश सरकार ने मध्य प्रदेश सरकार ने एक साथ दो तरीके से किसानों को फायदा मिले ऐसी योजना तैयार की है। इस योजना को ही देसी गोपालन योजना नाम दिया गया है।

देसी गोपालन योजना का उद्देश्य (Objective of Desi Gopalan Scheme)

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना से सड़कों पर आवारा गायों की समस्या से निजात मिलेगी वहीं खेती किसानी के दौरान उपयोग हो रहे रासायनिक उर्वरक एवं कीटनाशक मात्रा में भी कमी आएगी किसान प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ेंगे इससे भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी। इससे निश्चित तौर पर किसानों की आमदनी में भी इजाफा होगा। साथ ही इस स्कीम के तहत प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को गोपालन के लिए प्रतिमाह अनुदान दिया जाएगा, ताकि किसान प्राकृतिक खेती को शुन्य लागत वाली खेती बनाते हुए इस खेती के लिए जरूरी जीवामृत और घन जीवामृत बना सकें, इसलिए किसान के पास देशी गाय होना जरूरी है। वहीं सड़कों पर आवारा-बेसहारा घूम रही गायों को सहारा मिलेगा एवं सड़कों पर पशुओं के विचरण करने से आए दिन होने वाले एक्सीडेंट में भी कमी आएगी।

देसी गोपालन योजना में कितना अनुदान मिलेगा?

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भूमि के संरक्षण के लिए प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने का आह्वान किया है। इसी के मद्देनजर मध्य प्रदेश सरकार ने नर्मदा नदी के दोनों ओर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिए जाने का निर्णय लिया इसी के साथ प्रदेशभर के लिए प्राकृतिक खेती करने के लिए देसी गाय पालने पर किसानों को अनुदान रूपी सहायता देने का फैसला लिया। प्रदेश सरकार ने गोवंश देशी गायें पालने पर एक गाय के लिए हर महीने 900 रुपए देने का निर्णय लिया है इस हिसाब से देसी गाय पालने पर किसान को 10800 रुपए का अनुदान प्रतिवर्ष मध्य प्रदेश सरकार द्वारा दीया जाएगा।

कौन-कौन से किसान इस योजना के तहत पात्र होंगे

इस योजना के तहत मध्य प्रदेश के सभी किसान पात्र होंगे। हालांकि प्रदेश सरकार ने देसी गोपालन योजना में अनुदान दिए जाने के लिए कुछ शर्तें निर्धारित की है, इन शर्तों के अनुसार उन्हीं किसानों को गोपालन योजना का लाभ दिया जाएगा, जो किसान प्राकृतिक खेती करेंगे। मतलब प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को ही योजना के अनुसार अंतर्गत देसी गाय पालने पर अनुदान के रूप में प्रतिवर्ष 10800 रुपए मिलेंगे।

देसी गोपालन योजना में अनुदान की प्रक्रिया क्या रहेगी

मध्य प्रदेश के किसानों को देसी गोपालन योजना के अंतर्गत देसी गाय पालने पर अनुदान की प्रक्रिया कृषि विभाग एवं प्राकृतिक कृषि बोर्ड के द्वारा निर्धारित की जाएगी। प्राकृतिक कृषि बोर्ड एवं कृषि विभाग के अधिकारी मिलकर योजना का विस्तृत प्रारूप तैयार करेंगे।

देसी गोपालन अनुदान योजना का लाभ लेने के लिए क्या करना होगा

किसानों को देसी गाय (Desi Gopalan Grant Scheme easy process) पालने के लिए मध्यप्रदेश सरकार अनुदान योजना चलाएगी। इसका लाभ लेने के लिए किसानों को प्राकृतिक खेती करना अनिवार्य रखा गया है। प्राकृतिक खेती करने संबंधी घोषणा पत्र किसानों को देना होगा। जिसकी जांच कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा की जाएगी एवं कृषि विभाग के द्वारा प्राकृतिक कृषि बोर्ड को प्रतिवेदन दिया जाएगा। इसके बाद शासन की ओर से देसी गाय पालने के लिए अनुदान की शुरुआत अनुदान देने की शुरुआत कर दी जाएगी।

प्राकृतिक खेती के लिए क्या करना होगा?

प्राकृतिक खेती के इच्छुक किसानों को आत्मा परियोजना के अंतर्गत जिला स्तर के परियोजना संचालक प्राकृतिक खेती के संबंध में अवगत कराना होगा। इच्छुक किसान को प्राकृतिक खेती के लिए आवेदन देना होगा। इसका प्रारूप सरकार द्वारा जारी किया जाएगा। इसमें उसे घोषित करना होगा कि वह कितनी भूमि पर प्राकृतिक खेती करना चाहता है। इसके बाद उसे सरकारी सहायता मिल सकेगी। इस योजना के तहत सिर्फ वही किसान दायरे में आएंगे, जो प्राकृतिक खेती करेंगे। अन्य पद्धति से खेती करने पर उन्हें देशी गाय के लिए 900 रुपए का भुगतान नहीं किया जाएगा।

आत्मा परियोजना के अंतर्गत होगी प्राकृतिक खेती

प्राकृतिक खेती के इच्छुक किसानों को आत्मा परियोजना के अंतर्गत जिला स्तर के परियोजना संचालक प्राकृतिक खेती के संबंध में अवगत कराना होगा। इच्छुक किसान को प्राकृतिक खेती के लिए आवेदन देना होगा। इसका प्रारूप सरकार द्वारा जारी किया जाएगा। इसमें उसे घोषित करना होगा कि वह कितनी भूमि पर प्राकृतिक खेती करना चाहता है। इसके बाद उसे सरकारी सहायता मिल सकेगी। इस योजना के तहत सिर्फ वही किसान दायरे में आएंगे, जो प्राकृतिक खेती करेंगे। अन्य पद्धति से खेती करने पर उन्हें देशी गाय के लिए 900 रुपए का भुगतान नहीं किया जाएगा। इस योजना के तहत हर ब्लॉक में पांच-पांच पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं की सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। यह न सिर्फ ट्रेनिंग देंगे, बल्कि इस बात को भी देखेंगे कि प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को ही गाय पालन की सरकारी सहायता मिल रही है।

अनुदान योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज

देसी गोपालन अनुदान योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को यह दस्तावेज देना होंगे :-

  • जमीन की खसरा b1
  • जमीन का नक्शा
  • किसान का आधार कार्ड
  • बैंक खाते पासबुक की प्रतिलिपि
  • प्राकृतिक खेती करने संबंधी घोषणा पत्र
  • देसी गाय पालने का घोषणा पत्र
  • देसी गाय का चिकित्सीय प्रमाण पत्र

किसान कौन-कौन सी गाय खरीद सकता है

56 तरह की भारतीय नस्ल की गाय (Desi Gopalan Grant Scheme easy process) देशी श्रेणी में आएंगी। इसमें मालवी, निमाड़ी, गीर, थारपारकर, नागौरी, कांकरेज, साहीवाल आदि गाय देशी नस्ल की गाय मानी जाती है। मध्यप्रदेश में मूल रूप से मालवी, निमाड़ी और गुजरात की गीर गाय अधिक हैं। खास है कि एक देसी गाय से 30 एकड़ में प्राकृतिक खेती की जा सकती है। यानी इसके गोबर और मूत्र से ही जीवामृत और घन जीवामृत बनाए जा सकते हैं। इस योजना की खास बात यह है कि ग्रामीण क्षेत्र के किसान हो या शहरी क्षेत्र के जो भी प्राकृतिक खेती करेगा, उन्हें देशी गाय पालन के लिए 900 रुपए प्रति गाय के हिसाब से भुगतान किया जाएगा।

देसी गोपालन अनुदान योजना का लाभ लेने की प्रक्रिया

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही देसी गोपालन अनुदान योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को देसी गाय पालना होगी। देसी गाय के साथ साथ प्राकृतिक खेती भी करना होगी। किसान अपनी जमीन के संपूर्ण रकबे में से कुछ हिस्से में प्राकृतिक खेती कर सकते हैं। अनुदान योजना की इन शब्दों का पालन करते हुए किसान को अपने क्षेत्र के कृषि विभाग के अधिकारी/कर्मचारी से मिलना होगा। कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा प्राकृतिक खेती करने संबंधी प्रक्रिया बतलाई जाएगी जिसका पालन करने के पश्चात किसान को अनुदान का लाभ मिलने लगेगा।

गोवंश को लेकर हाईकोर्ट ने दिए थे सख्त निर्देश

सड़कों पर बनने वाले आवारा बेसहारा मवेशियों गोवंश (Desi Gopalan Grant Scheme easy process) को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में सतीश कुमार वर्मा ने 2009 में याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने 7 सितंबर 2015 को सरकार को आदेश दिया था कि आवारा पशुओं के मामले में सख्त एक्शन लिया जाए। इसके बाद 2018 को बृजेंद्र यादव और 2019 को पूर्णिमा शर्मा ने याचिका दायर की थी। इसके साथ ही सतीश वर्मा ने अवमानना याचिका भी दायर की थी। जिसके बाद हाईकोर्ट ने पिछले साल 11 जनवरी को सरकार को सख्त नियम लागू करने की चेतावनी दी थी।

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राधेश्याम मालवीय

मैं राधेश्याम मालवीय Choupal Samachar हिंदी ब्लॉग का Founder हूँ, मैं पत्रकार के साथ एक सफल किसान हूँ, मैं Agriculture से जुड़े विषय में ज्ञान और रुचि रखता हूँ। अगर आपको खेती किसानी से जुड़ी जानकारी चाहिए, तो आप यहां बेझिझक पुछ सकते है। हमारा यह मकसद है के इस कृषि ब्लॉग पर आपको अच्छी से अच्छी और नई से नई जानकारी आपको मिले।
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