कृषि तकनीक

नई तकनीक : ऐसा स्मार्ट ड्रोन जो खेत में बीमारी से ग्रस्त पौधों को पहचानकर उन पर ही कीटनाशक का छिड़काव करेगा

ड्रोन तकनीक में बड़ा बदलाव आने वाला है। ऐसे ड्रोन (Doctor Drone will protect crops) बनाए जा रहे हैं, जो फसल के लिए डॉक्टरी का काम करेंगे बीमारी की पहचान कर फसल पर दवा का छिड़काव करेंगे।

Doctor Drone will protect crops- खेती में नई नई तकनीक इस्तेमाल होने लगी है कृषि वैज्ञानिक नई नई तकनीकों से खेती को लाभ का धंधा बनाने में लगे हुए हैं। ऐसी ही खेती के लिए नवीन तकनीकी है ड्रोन पद्धति। ड्रोन के द्वारा खेती में क्रांतिकारी बदलाव आने वाला है। कृषि वैज्ञानिक ऐसे से ड्रोन बनाने लगे हैं जिनके माध्यम से फसलों की हर जरूरत को पूरा किया जा सके।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) इंदौर और केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान (सीआइएई) भोपाल ऐसा स्मार्ट ड्रोन बना रहे हैं जो खेत में फसल के केवल खराब या बीमारी से ग्रस्त पौधों या हिस्सों को पहचानकर उन पर ही कीटनाशक का छिड़काव करेगा। इस ड्रोन में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) और सेंसर तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इसमें खराब और अच्छे पौधों की पहचान इमेज प्रोसेसिंग तकनीक की मदद से की जाएगी।

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फसल का जो हिस्सा बीमार उसी पर दवाई का छिड़काव करेगा ड्रोन

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) इंदौर और केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान (सीआइएई) भोपाल द्वारा बनाया जा रहा यह ड्रोन (Doctor Drone will protect crops) अपनी तरह का पहला ऐसा स्मार्ट ड्रोन होगा, जो फसल के अच्छे हिस्सों पर कीटनाशक नहीं छिड़केगा। इससे फसलों की गुणवत्ता बेहतर रहेगी और कीटनाशक व समय की भी बचत होगी। दरअसल, केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 में किसानों को डिजिटल और उच्च प्रौद्योगिकी वाली सेवाओं से जोड़ने के लिए किसान ड्रोन व रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की घोषणा बजट में की थी।

कृषि लागत में इस प्रकार कमी आएगी

केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल के निदेशक डा.सीआर मेहता ने बताया कि विभिन्न फसलों और फलों में 20 से 30 प्रतिशत तक कीट लग जाते हैं। इससे बचाव के लिए पूरी फसल पर कीटनाशक का छिड़काव करना पड़ता है। इससे खेती की लागत भी बढ़ जाती है। कीटनाशक के अपने नुकसान हैं। प्रदेश में पहली बार इस तरह की तकनीक का उपयोग कृषि क्षेत्र में किया जाएगा। इससे निश्चित तौर पर कृषि लागत में कमी आएगी और इसका फायदा किसानों को मिलेगा।

किसान आसानी से इस्तेमाल कर सकेंगे

आइआइटी इंदौर के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो.(डा.) शैबल मुखर्जी का कहना है कि पूरी तरह स्वचालित इस ड्रोन को संचालित करना आसान होगा। महज कुछ बटन की सहायता से किसान सहजता से इसका उपयोग कर सकेंगे। इसी वर्ष इसे तैयार कर सीआइएई को सौंपा जाएगा। वह इसे व्यावसायिक उपयोग के लिए विकसित करेगा। इस संबंध में दोनों संस्थानों के अध‍िकारियों में विस्तार से चर्चा हो चुकी है।

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यह स्मार्ट ड्रोन इस प्रकार काम करेगा

आधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस यह स्मार्ट ड्रोन फसलों के डॉक्टर के रूप में कार्य करेगा। यह ड्रोन के द्वारा एआइ और इमेज प्रोसेसिंग तकनीक की मदद से खराब और अच्छी फसल, फलों और सब्जियों के फोटो लेकर एक सर्वर में रखे जाएंगे। इसके आधार पर ड्रोन में लगे सेंसर खेत में कीटनाशक छिड़काव से पहले फसल के केवल उन हिस्सों की पहचान कर लेंगे जिनमें कीट लग गए हैं या किसी तरह का रोग है।

देश में विकसित पहले ‘वेगा’ माइक्रोप्रोसेसर से बना ड्रोन आइआइटई के पास है

आइआइटी इंदौर के पास ऐसा ड्रोन भी है जिसे देश में ही विकसित पहले माइक्रोप्रोसेसर ‘वेगा’ से तैयार किया गया है। ‘वेगा’ सी-डैक (सेंटर फार डेवलपमेंट आफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग) बेंगलुरु ने तैयार किया है। इससे भारत स्व-विकसित माइक्रोप्रोसेसर से ड्रोन बनाने में सक्षम हो गया है। कृषि क्षेत्र के लिए तैयार की जा रही तकनीकों में भी संस्थान इस ड्रोन का इस्तेमाल करने पर विचार कर सकता है।

ड्रोन से ही फसल नुकसान का सर्वे होगा

Doctor Drone will protect crops- आने वाले खरीफ सीजन से ही कृषि क्षेत्र में ड्रोन की उपस्थिति दिखाई देने लगेगी। ड्रोन के द्वारा ही फसल नुकसान होने पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं अन्य कार्यक्रमों के लिए फसलों का सर्वे होगा। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों की तेजी से प्रगति के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में सरकार उन्हें टेक्नालाजी से जोड़ रही है। पीएम की दूरदृष्टि के कारण बीमित किसानों को क्लेम के लिए फसलों के नुकसान का सर्वे भी ड्रोन द्वारा किया जाएगा। श्री तोमर ने कहा कि पहले कभी कौन सोच सकता था कि ड्रोन से पेस्टीसाइड का स्प्रे संभव हो सकेगा लेकिन सरकार की मंशा अब गांव-गांव इस टेक्नालाजी का उपयोग करने की है ।

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राधेश्याम मालवीय

मैं राधेश्याम मालवीय Choupal Samachar हिंदी ब्लॉग का Founder हूँ, मैं पत्रकार के साथ एक सफल किसान हूँ, मैं Agriculture से जुड़े विषय में ज्ञान और रुचि रखता हूँ। अगर आपको खेती किसानी से जुड़ी जानकारी चाहिए, तो आप यहां बेझिझक पुछ सकते है। हमारा यह मकसद है के इस कृषि ब्लॉग पर आपको अच्छी से अच्छी और नई से नई जानकारी आपको मिले।
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