M.Sc पास किसान हल्दी की खेती से बना लखपति, जानिए उनकी कहानी उन्ही की जुबानी
खेती की सही समझ और थोड़ी सी मेहनत से आप भी लखपति बन सकते हैं। ये कर दिखाया है मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले के एक किसान ने। हल्दी की उन्नत खेती (Earning from Turmeric Farming) की जानकारी जानें.
Earning from Turmeric Farming | खेती की सही समझ और थोड़ी सी मेहनत से आप भी लखपति बन सकते हैं। ये कर दिखाया है मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले के एक किसान ने। वे 8 साल पहले महाराष्ट्र से हल्दी के बीज लाए थे और बुरहानपुर में 3 एकड़ खेत में लगा दिए।
इस प्रयोग में उन्हें ऐसी सफलता मिली कि कुछ ही सालों में लाखों की कमाई होने लगी। उम्मीद से अधिक कमाई होता देख किसान ने तीन की जगह 7 और फिर 15 एकड़ में हल्दी की फसल लगा दी। यहीं नहीं अब तो महाराष्ट्र के किसान यहां आकर खेती की तकनीक सीख रहे हैं।
जानें, उन्होंने खेती से किस तरह अधिक मुनाफा लिया
मेरे परिवार के पास 15 एकड़ जमीन है, जिस पर पिता खेती (Earning from Turmeric Farming) करते आ रहे हैं। गांव के दूसरे किसानों की तरह वो भी पारंपरिक खेती करते रहे। उनके साथ ही मैं भी खेतों में जाता। फसलों की देखरेख कैसे करते हैं, देखता और समझता था। मुझे खेतों में रहना बचपन से ही पसंद था। बड़ा हुआ तो खेती की ओर रुझान बढ़ने लगा।
मैंने एग्रीकल्चर में M.Sc किया है। जब तक पिता खेती (Earning from Turmeric Farming) करते रहे, तब तक सिर्फ दाल-रोटी और पढ़ाई-लिखाई का ही खर्चा निकल पाता था। मुझे कुछ ऐसा करना था कि खेती से ही अच्छा मुनाफा कमा सकूं। जहां भी जाता, वहां के खेती करने के तरीके को समझता। सीखने की कोशिश करता। इसी दौरान एक बार मैं अपनी रिश्तेदारी में महाराष्ट्र गया। वहां मुझे पता चला कि सलेम प्रजाति की हल्दी काफी अच्छी होती है। इसके अलावा हल्दी की खेती में लागत भी कम आती है। मुनाफा अधिक होता है।
हल्दी की खेती की शुरुआत..
अक्षय बताते है की, वह सलेम प्रजाति की हल्दी के बीज (Earning from Turmeric Farming) लेकर बुरहानपुर आ गया। पिताजी से बात की। उन्होंने मुझ पर भरोसा किया और 15 एकड़ में से 3 एकड़ जमीन हल्दी उगाने के लिए दे दी। एक एकड़ में हल्दी उगाने की लागत 50 से 55 हजार रुपए आई। 9 महीने में फसल पक कर तैयार हो जाती है।
पहली बार में ही तीन एकड़ में करीब 300 क्विंटल हल्दी की पैदावार (Earning from Turmeric Farming) हुई। प्रति एकड़ के हिसाब से उस समय दो से तीन लाख रुपए में फसल बेची। लागत निकालने के बाद हमे एक से 1.5 लाख रुपए की आमदनी हुई। पहली बार में ही अच्छा मुनाफा मिलने के बाद पिताजी को भरोसा हो गया कि हल्दी की फसल बेहतर विकल्प साबित होने वाली है।
इस साल 7 एकड़ में लगाई है फसल
अक्षय ने बताया, इस साल 7 एकड़ खेत में हल्दी की फसल (Earning from Turmeric Farming) लगाई है। हल्दी की फसल अक्टूबर में लगाई जाती है, जो 9 महीने बाद जुलाई में पक कर तैयार हो जाती है। एक एकड़ में करीब 100 क्विंटल हल्दी का उत्पादन हो जाता है। हालांकि मैं 1 एकड़ में 175 क्विंटल तक हल्दी उगा ले रहा हूं। अब पिता भी परंपरागत फसलों के अपेक्षा हल्दी को महत्व देने लगे हैं। इसलिए इस बार ज्यादा 7 एकड़ जमीन पर फसल लगाई है।
न रोग लगता, न नुकसान का डर
अक्षय ने बताया कि हल्दी में बाकी फसलों (Earning from Turmeric Farming) की तरह नुकसान का खतरा नहीं होता। इसमें न तो रोग लगता है, न ही मौसम का डर होता है। हल्दी की फसल में एक खूबी यह भी है कि इसे आंधी, तूफान और जानवरों से कोई नुकसान नहीं होता। साधारण बारिश फसल को खराब नहीं करती। हालांकि, अधिक बारिश के कारण फसल में फंगस जरूर लग जाती है।
अक्षय बताते हैं कि वे फसल में किसी भी तरह के केमिकल का इस्तेमाल नहीं करते हैं। वे केवल ऑर्गेनिक खाद का ही उपयोग करते हैं। फसल से हल्दी (Earning from Turmeric Farming) निकालने के लिए मशीन आती है। उसे ट्रैक्टर के बीच में लगाते हैं। इसके बाद मजदूर मशीन से हल्दी निकालते हैं। खेत से निकली हल्दी अदरक की तरह नजर आती है। फसल लगाने के लिए खेत की सिर्फ गहरी जुताई करना पड़ता है। इससे मिट्टी अधिक भुरभुरी हो जाती है, इससे हल्दी में गांठ अच्छे से बन जाती है।
हल्दी के पौधों में 4 से 5 फीट की दूरी जरूरी
हल्दी की खेती (Earning from Turmeric Farming) में गुल से गुल की दूरी करीब 2 फीट और पौधे से पौधे की दूरी करीब 4 से 5 फीट रखनी होती है, इससे फसल सुरक्षित रहती है। बुआई के बाद पौधा तैयार होने पर करीब 4-5 बार निराई करते हैं। यह 8 से 9 महीने में तैयार हो जाती है। एक एकड़ में करीब 100 क्विंटल हल्दी होती है। इसे बाजार में बेचने पर 1.5 लाख रुपए तक मिलते हैं। यानी कि 1 एकड़ में 1.5 लाख रुपए की कमाई होती है।
इसमें से 50 हजार रुपए लागत के हटा दो तो एक लाख रुपए मुनाफा (Earning from Turmeric Farming) होता है। अक्षय ने बताया कि मुनाफा देखकर इस बार 7 एकड़ में फसल लगाई है। उन्हें 7 लाख रुपए की कमाई होने की उम्मीद है। बता दें, हल्दी 2 तरह की होती है। पहली गीली हल्दी तो दूसरी सूखी। गीली हल्दी 1000 से 1200 रुपए प्रति क्विंटल बिकती है, वहीं सूखी हल्दी 6 से 8 हजार रुपए प्रति क्विंटल बिक जाती है।
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अक्षय को देख दूसरे किसान भी कर रहे हल्दी की खेती
अक्षय की हल्दी की फसल (Earning from Turmeric Farming) देखकर बुरहानपुर के कई गांवों के किसान आज हल्दी की खेती ही कर रहे हैं। बुरहानपुर के अंबाड़ा, सारोला, उमरदा, बाड़ा, जैनाबाद, गुलई, बड़गाव माफी, सिंधखेड़ा, सिरपुर, टिटगांव, दर्यापुर, बोदरली, फोपनार, डोगरगांव, बड़झिरी, टिटगांव कला, बड़गांव माफी, देवरी माल, हिंगना सहित करीब 30 से अधिक गांव के किसानों ने करीब 3 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में हल्दी की फसल लगाई है।
किसानों का कहना है कि हम हल्दी की खेती (Earning from Turmeric Farming) करना महाराष्ट्र से सीखे थे, लेकिन अब बुरहानपुर हल्दी की खेती में इतना उन्नत कर चुका है कि हमारी फसल देखने महाराष्ट्र के किसान आने लगे हैं। कई बार उन्होंने हमें भी अपने गांव बुलाया है, ताकि हम वहां के किसानों को खेती के बारे में सीखा सकें।
कृषि विशेषज्ञ ने भी हल्दी की खेती को लेकर दी सलाह
हनुमंतखेड़ा गांव के किसान (Earning from Turmeric Farming) सचिन पाटिल ने बताया कि हल्दी की खेती की शुरुआत महाराष्ट्र के सांगली से बीज लाकर की थी। अब करीब 2 एकड़ जमीन में इसकी खेती कर रहे हैं। वहीं वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र, सांडसकला के डॉ. कार्तिकेय सिंह के अनुसार हल्दी कम समय में अधिक उत्पादन और आय बढ़ाने वाली फसल है।
किसानों को समय-समय पर यूरिया से बचकर जैविक खेती (Earning from Turmeric Farming) करने की सलाह दी जा रही है। कई किसान जबरदस्त तरीके से हल्दी की जैविक खेती के प्रति आकर्षित हुए हैं। यह एक अच्छा संकेत है। इससे किसान आत्मनिर्भर बनेंगे।
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