खेती-किसानी
किसान इस पेड़ की खेती करके करोड़ों कमा सकते हैं, जानिए तरीका
खेती के साथ खेत की मेड़ पर इस प्रजाति के पेड़ लगाकर कुछ ही वर्षों में करोड़ों (Eucalyptus Cultivation Crores Earned) कमाए जा सकते हैं। जानिए इसका पूरा तरीका
Eucalyptus Cultivation Crores Earned | किसान कृषि के साथ-साथ अन्य अंतरवर्तीय फसल भी कर सकते हैं। जैसे की खेत की मेड पर युकेलिप्टिस की खेती कर करोड़ों कमाए जा सकते हैं। युकेलिप्टिस की कई अभीष्ट विशषेताओं के कारण सजावट, लकड़ी, जलावन और कोमल लकड़ी व इसका इस्तेमाल मुख्यत: मलेरिया को कम करने के रूप में भी हमारे लिए बहुत उपयोगी है। युकेलिप्टिस की सफेदा व नीलगिरी किस्म की खेती करके भी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। इनकी खेती का तरीका जानिएl
हर मौसम में कर सकते हैं (Eucalyptus Cultivation Crores Earned) इसकी खेती
सफेदा को अलग-अलग जगहों पर विभिन्न नामों से से जाना जाता है। सफेदा को नीलगिरी के नाम से भी जाना जाता है। सफेदा का यह पेड़ किसी भी तरह की जलवायु में उगाया जा सकता है। साथ ही किसी भी प्रकार की मिट्टी में इसकी खेती की जा सकती है। हालांकि, 6.5 से 7.5 के मध्य ph मान वाली भूमि पर इसका पेड़ बेहद तेजी से विकास करता है।
नीलगिरी युकेलिप्टिस
दुनिया भर में इसकी लगभग ३०० प्रजातियां प्रचलन में हैं। यह पेड़ काफी लंबा और पतला होता है। इसकी पत्तियों से प्राप्त होने वाले तेल का उपयोग औषधी और अन्य रूप में किया जाता है। पत्तियां लंबी और नुकीली होती हैं। जिनकी सतह पर गांठ पाई जाती है जिसमें तेल संचित रहता है। इस पौधे (Eucalyptus Cultivation Crores Earned) की पल्लवों पर फूल लगे होते हैं जो एक कप जैसी झिल्ली से अच्छी तरह ढंके होते हैं। फूलों से फल बनने की प्रक्रिया के दौरान यह झिल्ली स्वयं ही फट कर अलग हो जाती है। इसके फल काफी सख्त होते हैं जिसके अंदर छोटे-छोटे बीज पाए जाते हैं।
सफेदा की खेती
सफेदा के पेड़ पूरी तरह से विकसित होने में लगभग 10 साल का समय लेते हैं। इस दौरान आप इन पेड़ों के बीच में कम समय पर मुनाफा देने वाले फसलों को लगा सकते हैं। ऐसा करने से आप सफेदा की खेती के अलावा इसके साथ लगाए गए फसलों से भी बढ़िया मुनाफा हासिल कर सकते हैं।
सफेदा की किस्में
सफेदा की कई उन्नत (Eucalyptus Cultivation Crores Earned) किस्में मौजूद है, जिसके पेड़ो की ऊंचाई 30 से 90 मीटर तक हो सकती है। युकेलिप्टस की दो ऐसी प्रजातियां (सेंचुरियन और कोस्ट रेडवुड ) है, जिनके पौधे सबसे अधिक लम्बाई तक विकसित होते है। किन्तु भारत में यह किस्म नहीं पायी जाती है। भारत में सफेदा की 6 प्रजातियों को उगाया जाता है। जो अधिकतम 80 मीटर तक ही बढ़ते है।
सफेदा की 6 किस्में इस प्रकार है
- युकेलिप्टस निटेंस,
- युकेलिप्टस ऑब्लिक्वा,
- युकेलिप्टस विमिनैलिस,
- युकेलिप्टस डेलीगेटेंसिस,
- युकेलिप्टस ग्लोब्युल्स
- युकेलिप्टस डायवर्सीकलर आदि है।
भारत में यहां पर होती है इसकी खेती
Eucalyptus Cultivation Crores Earned | भारत में विभिन्न राज्यों में इसकी खेती की जाती है। भारत के हरियाणा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, बिहार, केरल, गुजरात, पश्चिम बंगाल, गोवा, महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर खेती होती है। इसकी लकड़ियों का उपयोग फर्नीचर से लेकर पार्टिकल बोर्ड और इमारतों को बनाने में इस्तेमाल किए जाते हैं।
इनका उपयोग
यूकेलिप्टस ग्लोबूलस (Eucalyptus globulus) जातिवाला वृक्ष बाहर से मँगाकर लगाया गया है। इस स्थान पर यह बहुत अच्छा उगता है और काफी ऊँचे-ऊँचे वृक्ष के जंगल तैयार हो गए हैं। ऊँचे वृक्ष से अच्छे प्रकार की इमारती लकड़ी प्राप्त होती है, जो जहाज बनाने, इमारती खंभे, अथवा सस्ते फर्नीचर के बनाने में काम आती है। इसकी पत्तियों से एक शीघ्र उड़नेवाला तेल, यूकेलिप्टस तेल, निकाला जाता है, जो गले, नाक, गुद्रे तथा पेट की बीमारियों, या सर्दी जुकाम में ओषधि के रूप में प्रयुक्त होता है। इस वृक्ष से एक प्रकर का गोंद भी प्राप्त होता है। पेड़ो की छाल कागज बनाने और चमड़ा बनाने के काम में आती है।
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इसके साथ अन्य खेती कर सकते है
सफेदा की खेती करने वाले किसानों के लिए गुड न्यूज यह हैं कि, इन पेड़ों के बीच में कम समय पर मुनाफा देने वाली फसलों को लगाया जा सकता हैं। ये फसलें सफेदा खेती की लागत निकाल कर देती हैं। इसके अलावा अच्छा खासा मुनाफा भी मिलता है। इन पेड़ों के बीच किसान अन्य फसल जैसे की हल्दी, अदरक, अलसी और लहसुन की खेती कर अत्यधिक मुनाफा देने वाले पौधों को लगा सकते हैं।
सफेदा की खेती से भूजल स्तर नीचे जाता हैं
भारत में किसानों को अत्यधिक जानकारी नहीं होने के कारण सफेदा की खेती नहीं करते है इसके लिए सरकार भी किसानों को प्रोत्साहित नहीं करती है और यह भी माना जाता है कि, इसकी खेती से भूजल स्तर नीचे जाता हैं। हालांकि अभी तक इसकों लेकर सरकार की तरफ से कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। फिर भी किसान अगर इस पेड़ की खेती करते हैं तो सिर्फ 10 साल में ही एक एकड़ की खेती में करोड़ रुपये तक का मुनाफा हासिल कर सकते हैं।
1 हेक्टेयर से करोड़ रुपए तक का मुनाफा
Eucalyptus Cultivation Crores Earned | सफेदा के पौधों को विकसित होने में पेड़ बनने में 10 से 12 वर्ष का समय लग जाता है। इसकी खेती में लागत भी कम लगती है। एक पेड़ का वजन 400 kg के आस-पास होता है। 1 हेक्टेयर के खेत में तकरीबन एक से डेढ़ हज़ार पेड़ों को लगाया जा सकता है। पेड़ तैयार होने के बाद इन लकड़ियों को बेचकर किसान आराम से 70 लाख से एक करोड़ तक की कमाई कर सकते हैं।
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