खेती-किसानी

खेती के आइडिया ने बदली जिंदगी : एमबीए पति-पत्नी लाखों की नौकरी छोड़ कमा रहे करोड़ों रुपए

खेती किसानी से करोड़ों रुपए (Farming earning crores 2022) कैसे कमाए जा सकते हैं। जोधपुर के एमबीए पास एक युवा कपल ने यह कर दिखाया। पढ़िए इनकी पूरी कहानी

Farming earning crores 2022 : वर्तमान समय में खेती घाटे का सौदा अधिक साबित होती है लेकिन खेती में अपनी सूझबूझ एवं सही तकनीक का उपयोग करने से करोड़ों की रुपए की आमदनी हो सकती है। जोधपुर के एक युवा कपल ने खेती के एक आइडिया से अपनी पूरी जिंदगी बदल ली। इससे अन्य किसानों को प्रेरणा मिल रही है वहीं युवा वर्ग भी खेती किसानी के प्रति आकर्षित हो रहे हैं खेती किसानी को अपना कैरियर बना रहे हैं।

खेती किसानी (Farming earning crores 2022) से करोड़ाें का मुनाफा कमा रहे

वर्तमान की युवा पीढ़ी अब खेती किसानी को कैरियर के तौर पर ले रहे हैं। आईआईटी और आईआईएम जैसे इंस्टीट्यूट से प्रोफेशनल डिग्री हासिल करने के बाद भी वे करियर के तौर पर खेती को सिलेक्ट कर रहे है। इंडिया के टॉप मोस्ट इंस्टीट्यूशंस से सीखी गई स्किल्स के यूज से ऐसे युवा घाटे का बिजनेस माने जाने वाले एग्रीकल्चर सेक्टर से करोड़ाें का मुनाफा कमा रहे हैं।

युवा कपल ने लाखों का पैकेज छोड़ा

खेती किसानी (Farming earning crores 2022) से करोड़ों रुपए कैसे कमाए जा सकते हैं यह कर दिखाया जोधपुर के एक युवा कपल ने उन्होंने लाखों रुपए का पैकेज छोड़कर खेती किसानी करना शुरू की। जोधपुर के सुरपुरा में रहने वाले एक कपल के आइडिया ने जोधपुर आईआईटी को भी इंप्रेस किया है।

ललित को 2013 में पुणे से मार्केटिंग में MBA करने के बाद 8 लाख का पैकेज मिला। बैंक में रिलेशनशिप मैनेजर की नौकरी थी। पत्नी भी चार्टर्ड अकाउंटेंट है। लाइफ अच्छे से गुजर सकती थी, लेकिन दोनों ने कुछ अलग करने की सोची।लाखों रुपए का पैकेज छोड़ प्लांट नर्सरी की शुरुआत की। शुरुआत में शहर के पास ही एक जमीन पर प्लांट के साथ एक्सपेरिमेंट किया, लेकिन कुछ खास हाथ नहीं लगा। इसके बाद दोबारा ट्रेनिंग लेकर 2018 में शुरुआत की। 9 लाख का मुनाफा हुआ। अब इनका टर्नओवर 1 करोड़ तक पहुंच गया है।

ललित ने बताया कि कॉलेज में वे टॉप-10 स्टूडेंट में थे। लास्ट ईयर में जब इंटर्नशिप कर रहे थे तो हर दिन 32 से 33 किलोमीटर जाना होता था। एक दिन पुणे के वाघोली कस्बे की तरफ गया तो वहां बड़े–बड़े ग्रीन हाउस और पॉलीहाउस देखे। इनके बारे में जानकारी जुटाई, तभी सोच लिया था पुश्तैनी जमीन पर ग्रीन हाउस और पॉली हाउस लगा नर्सरी प्लांट लगाएंगे। फल और सब्जियों की खेती करेंगे।

2018 में नर्सरी से की शुरुआत

Farming earning crores 2022 : पुश्तैनी जमीन पर इसकी शुरुआत के लिए पिता ब्रहमसिंह से पुश्तैनी 12 बीघा जमीन में से 400 वर्ग मीट जमीन मांगी। पिता शुरू में राजी नहीं थे, लेकिन बाद में मान गए। इसके बाद ललित ने जयपुर के उद्यान डिपार्टमेंंट से ट्रेनिंग ली। शुरुआत में कोई खास फायदा नहीं हुआ।

इसके बाद 2018 में स्वास्तिक नाम से नर्सरी की शुरूआत की। ललित ने बताया कि नर्सरी की शुरुआत 15 लाख के बजट से की थी। शुरुआत में टर्न ओवर 23 से 30 लाख रुपए था। लेकिन, अब यह बढ़कर 1 करोड़ तक पहुंच गया है।

बिना पानी मिट्टी के उगाई पौधे

जोधपुर की IIT के गार्डन का प्रोजेक्ट भी ललित ही संभाल रहे है। इसके अलावा कई प्राइवेट गार्डन हैं जिसकी बागवानी का जिम्मा ललित की स्वास्तिक नर्सरी पर है। यही कारण है कि इनकी नर्सरी के इनडोर-आउटडोर प्लांट की भारी डिमांड है। उन्हें यह प्रोजेक्ट टाटा कम्पनी के एक प्रोजेक्ट के जरिए मिला था। आईआईटी परिसर में न पर्याप्त पानी था और न ही अच्छी मिट्टी। ड्रिप इरिगेशन की मदद से प्लांट और ग्रास डवलप किए। यह करीब एक करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट था। उन्होंने बताया कि कई हैण्डीक्राफ्ट फैक्ट्रियों में भी ग्रीनरी को लेकर काम किए हैं और यह सिलसिला जारी है।

ललित की शादी पाली शहर की खुशबू देवड़ा से हुई। पत्नी सीए हैं। शादी के बाद पत्नी भी खेतीबाड़ी में पूरा साथ दे रही है। फॉर्म हाउस और नर्सरी से लेकर अन्य काम खुशबू के जिम्मे हैं। रिटेलर का काम भी वही देखती हैं जबकि मार्केटिंग और नर्सरी मैनेजमेंट का पूरा काम ललित देखते हैं।

ललित ने बताया कि इन्टर्नशिप पूरी हुई तो बतौर आईसीआईसीआई सिक्यूरिटी रिलेशनशिप मैनेजर आठ लाख के पैकेज में जॉब ऑफर हुई, लेकिन ठुकरा दिया। फिर दो कम्पनियों के ऑफर लेटर भी आए लेकिन एक्सेप्ट नहीं किए। पॉली हाउस में इंटरेस्ट था, इसलिए गुजरात में कुछ कम्पनियों पर सर्वे किया जाे सब्जियों के उत्पादन से लाखों रुपए कमा रही थी।

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इस तरह है फ्रूट और फ्लावर प्लांट

Farming earning crores 2022 : नर्सरी में कचनार, अमलतास, स्पॅथोडिया, नीला, पीला व लाल गुलमोहर, अर्जुन, लेटेंस्ट्रोमिया स्पेसीयोजा,‌‌ टुबिया रसिया,‌‌ टर्मिनेलिया मेटालिका, मिलिंगटोनिया होरटेन शिव, हर सिंगार, शेमल, किजेलिया पिनाटा, पोर्सिया, केशिया जवनिका, एरिका व इंडिया जैसे प्लांट हैं।

फ्रूट में चीकू नींबू सेव, प्लम्स, आंवला, अंजीर, अमरूद, शहतूत, फालसा, काजू, सीताफल जामुन पपीता इमली एवं एवाकोडा, पीयर्स आदी है।

खीरे की खेती से शुरुआत

  • सबसे पहले आधा एकड़ में 29 टन खीरे का प्रोडक्शन किया।
  • चार लाख की लागत आई, मंडी में बेचने पर 9 लाख का मुनाफा हुआ 2 साल बाद बेलदार टमाटर लगाया, इसमें 3 लाख खर्च आया, टमाटर की खेती मैं 50% फायदा मिला।
  • 2018 – 19 में टर्नओवर 35 लाख तक पहुंचा, इसमें 40% का मुनाफा कमाया
  • इसके बाद 60 से 65 लाख का टर्नओवर किया, उसमें मुनाफा 25% रहा।
  • अब तक अलग-अलग क्रॉप और प्लांट से 1 करोड़ का टर्नओवर पहुंच चुका है।

दूसरे राज्य से मंगवाए पौधे

Farming earning crores 2022 : दंपति की एक हाईटेक नर्सरी में 10 से लेकर डेढ़ लाख रुपए तक का प्लांट है। जोधपुर में 1.50 लाख का कल्पवृक्ष एक फैक्ट्री के गार्डन में लगाया था।

गेंदे के फूल के बीज कोलकाता से मंगवाए गए, इस पर भी 50 हजार रुपए का मुनाफा होता है। नर्सरी से प्लांट राजस्थान के अलावा गुजरात भेजे जाते हैं और राजमुंद्री के प्लांट आंध्र प्रदेश में कल्याण गांव में देश की सबसे बड़ी नर्सरी से मंगवाए गए हैं। प्लांट को बेचने के साथ कस्टमर को ट्रेनिंग भी दी जाती है कि कैसे केयर करनी है, कौन सी खाद देनी है और कितनी धूप चाहिए।

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राधेश्याम मालवीय

मैं राधेश्याम मालवीय Choupal Samachar हिंदी ब्लॉग का Founder हूँ, मैं पत्रकार के साथ एक सफल किसान हूँ, मैं Agriculture से जुड़े विषय में ज्ञान और रुचि रखता हूँ। अगर आपको खेती किसानी से जुड़ी जानकारी चाहिए, तो आप यहां बेझिझक पुछ सकते है। हमारा यह मकसद है के इस कृषि ब्लॉग पर आपको अच्छी से अच्छी और नई से नई जानकारी आपको मिले।
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