डीएपी पर 5 गुना सब्सिडी बढ़ी : किसानों को मिलेगा 2501 रुपए का फायदा, अन्य उर्वरकों के भाव भी जानें
केंद्र सरकार ने उर्वरकों पर सब्सिडी बढ़ा दी है इसका सीधा फायदा किसानों को मिलेगा किसानों को महंगे दाम पर उर्वरक (Fertilizer subsidy 2022) नहीं खरीदना पड़ेगा।
Fertilizer subsidy 2022 | मोदी सरकार की तरफ से चालू खरीफ मौसम के लिए डीएपी सब्सिडी के 5 गुना बढ़ाकर 2501 रुपए कर दी है। जिससे बढ़ती महंगाई के दौर में किसानों को काफी राहत मिलेगी। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि 2020-21 में डीएपी के प्रति बोरी पर ₹512 की सब्सिडी दी जाती थी। इस समय डीएपी का एमआरपी 1350 रुपए है, जो कि उतनी ही रहेगी। वही सब्सिडी मिलाकर डीएपी बोरी की कीमत 3851 रुपए होनी चाहिए थी।
केंद्र ने 60,939 करोड़ रुपए की सब्सिडी की मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चालू खरीफ मौसम के लिए डीएपी के लिए फास्फेट और पोटाश उर्वरक के लिए 60,939 करोड़ रुपए की सब्सिडी (Fertilizer subsidy 2022) की मंजूरी दी है। ऐसे में महंगाई के इस दौर में किसानों पर बोझा नहीं डालने के लिए मोदी सरकार का यह उत्कृष्ट कदम है। यद्यपि केंद्रीय सरकार ने यह फैसला तब लिया है जब वैश्विक बाजार में आपूर्ति प्रभावित होने से कच्चे माल के लगातार कमी हो रही है। इससे फर्टिलाइजर की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है।
किसानों को बड़ी राहत मिलेगी
केंद्र सरकार के इस निर्णय से किसानों को काफी राहत मिलेगी। महंगे आयत में घरेलू उत्पादन लागत बढ़ने से चालू वित्त वर्ष में फर्टिलाइजर ढाई लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है। यह पिछले साल की तुलना में 55% तक बढ़ सकती है। ऐसे में केंद्र सरकार फ़र्टिलाइज़र की आपूर्ति की जारी रखने के लिए प्रमुख उत्पादन देशों से बातचीत कर रही है। फ़र्टिलाइज़र उपलब्धता के लिए दीर्घकालीन रणनीति पर अमल शुरू कर दिया गया है।
फर्टिलाइजर की पर्याप्त उपलब्धता के लिए केंद्र सरकार की लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए सरकार केमिकल और फर्टिलाइजर मंत्री मनसुख मांडवीया को जल्द ही सऊदी अरब, ओमान और मोरक्को का जैसे फ़र्टिलाइज़र उत्पादन देशों की यात्रा पर भेजेगी।
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फर्टिलाइजर सब्सिडी ढाई लाख करोड रुपए तक बढ़ने की संभावना
सऊदी अरब, ओमान और मोरक्को जैसे फ़र्टिलाइज़र उत्पादक देश से फ़र्टिलाइज़र की आपूर्त के लिए तत्कालीन और दीर्घकालीन आपूर्ति के सौदों पर विचार-विमर्श करेंगे। वही रबी सीजन की तुलना में खरीफ सीजन मैं फर्टिलाइजर की खपत 15 से 20% अधिक होती है। जिसे देखते हुए भी वैश्विक बाजार को खंगाला जा रहा है। वहीं केंद्र सरकार यूरिया के खुदरा मूल्य के कोई वृद्धि नहीं होने देगी। वहीं गैर यूरिया वाले फ़र्टिलाइज़र के मूल्यों में भी कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। केंद्रीय कैबिनेट ने हाल ही में 6 महीने के लिए 60,939.23 करो रुपए की सब्सिडी फास्फेट और पोटेशियम फ़र्टिलाइज़र के लिए मंजूर की है।
इसमें यूरिया की सब्सिडी शामिल नहीं है, वहीं चालू वित्त वर्ष 2022-23 में फर्टिलाइजर सब्सिडी (Fertilizer subsidy 2022) ढाई लाख करोड रुपए के स्तर को छू सकती है। वहीं पिछले साल 2021-22 फर्टिलाइजर सब्सिडी 1.62 लाख करोड रुपए थी वही 2013-14 में फर्टिलाइजर सब्सिडी 71 हजार करोड रुपए थी। भारत को 40 से 45% फास्फेटिक फर्टिलाइजर्स आपूर्ति करने के लिए चीन का उत्पादन घटने से निर्यात लगभग ठप हो गया है। वहीं रूस और यूक्रेन युद्ध और ईरान और रूस पर लगे प्रतिबंध के चलते विश्वक स्तर पर फ़र्टिलाइज़र की कीमतों में भारी तेजी है, इसके अतिरिक्त ढुलाई खर्च में भी वृद्धि हुई है, यूरिया का मूल्य साल भर में $380 से बढ़कर $930 प्रति टन पहुंच गया है।
खरीफ सीजन में उर्वरक की कमी नहीं होगी
केंद्र सरकार ने भरोसा दिलाया है कि खरीफ फसलों की बुवाई मौसम के और बाकी कोई कमी नहीं होने दी जाएगी वहीं केंद्र सरकार ने 19 अप्रैल 2022 को कहा कि वह चालू वित्त वर्ष के लिए गैर युवक पर दी जाने वाली सब्सिडी की घोषणा जल्दी ही करेगी। दक्षिण पश्चिम मानसून की शुरुआत के साथ जून से शुरू होने वाली खरीफ फसलों की बुवाई के संबंधित तैयारियों पर आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन में केंद्रीय उर्वरक सचिव आरके चतुर्वेदी ने कहा कि किसानों को सस्ती कीमत पर उर्वरको के पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार कदम उठा रही है।
उन्होंने कहा कि हमने उन लोगों के आयत के लिए वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं के साथ अल्पकालीन और दीर्घकालीन समझौते किए हैं जैसे खरीफ सत्र में उर्वरकों की कोई कमी नहीं होगी उन्होंने यह भी कहा कि जनवरी 2021 से मौजूदा वो राजनीतिक स्थिति के कारण और उर्वरकों की वैश्विक कीमतों में काफी वृद्धि हुई है जिसे ध्यान में रखते हुए एक अंतर मंत्रालय सीमित ने चालू वित्त वर्ष के लिए फास्फेट और पोटेशियम उर्वरकों के लिए नई सब्सिडी दर की सिफारिश की है।
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उर्वरक विदेशों से आयात होगा
सरकार द्वारा आगामी खरीफ सत्र के लिए 104. 72 लाख टन उर्वरक (Fertilizer subsidy 2022) का आयात किए जाने का अनुमान है, इसमें 40 लाख टन यूरिया, 29 लाख टन डीएपी, 23.12 लाख एम ओ पी और 13.20 लाख एसएसपी शामिल है। सरकार ने रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने से ठीक पहले 22 फरवरी को भारत 3.7 लाख टन डीएपी और एनपीके की आपूर्ति हासिल करने में सफल रहा उन्होंने कहा कि सऊदी अरब के साथ हुए अल्पकालिक समझौते के तहत वित्त वर्ष 2022 तक के लिए सार्वजनिक उपक्रमों और कंपनियों ने कुल 25 लाख टन डीएपी एनपीके खरीद समझौते किए हैं।
खरीफ फसल की तैयारी में जुटी मध्यप्रदेश सरकार
प्रदेश में खरीफ फसलों के लिए किसानों को यूरिया, डीएपी सहित अन्य खाद की कमी न आए, इसके लिए सरकार तैयारियों में जुट गई है। तीन लाख 53 हजार टन खाद का भंडारण किया जा चुका है। खरीफ सीजन के लिए केंद्र सरकार ने 25 लाख टन खाद उपलब्ध कराने पर सहमति जताई है।
प्रदेश को पिछले साल केंद्र ने 12.16 लाख टन यूरिया, छह लाख तीन हजार टन डीएपी और एक लाख 63 हजार टन एनपीके खाद की आपूर्ति की थी। इसे देखते हुए इस बार 25 लाख टन से ज्यादा खाद की मांग का प्रस्ताव भेजा गया था। केंद्र सरकार ने 13 लाख टन यूरिया, दस लाख टन डीएपी और दो लाख टन एनपीके की आपूर्ति पूरे सीजन में करने पर सहमति जताई है। वहीं, सरकार ने अग्रिम भंडारण योजना के तहत दो लाख 66 हजार टन यूरिया, 73 हजार टन डीएपी और 13 हजार टन एनपीके का भंडारण करके किसानों को वितरण प्रारंभ कर दिया है।
अब तक मध्य प्रदेश के एक लाख 31 हजार टन खाद किसानों को वितरित किया जा चुका है। अग्रिम भंडारण योजना में किसानों से ब्याज नहीं लिया जाता है। किसानों को 70 प्रतिशत खाद सेवा सहकारी संस्थाओं के माध्यम से उपलब्ध करवाया जाता है। इस बार सरकार की कोशिश यही है कि किसानों को सीजन के समय खाद के लिए परेशान न होना पड़े। दरअसल पिछले वर्ष डीएपी और यूरिया को लेकर आपूर्ति व्यवस्था गड़बड़ा गई थी और सरकार को नकद विक्रय केंद्रों की संख्या बढ़ानी पड़ी थी।
सब्सिडी युक्त नई दरें तत्काल प्रभावी हुई
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पोषक तत्व पर आधारित नई सब्सिडी दर को लागू कर दिया जाएगा वहीं विश्व बाजार में यूरिया की कीमत 1 साल पहले की तुलना में इस वर्ष अप्रैल में 145% तक बढ़ चुकी है वहीं डीएपी 66% ,एम ओ पी.116%, सल्फर 102% और फास्फेट 134 प्रतिशत मंहगा हो चुका है। आने वाले खरीफ मौसम में उर्वरकों की कुल जरूरत 356.34 लाख टन रहने का अनुमान है। देश में उर्वरकों की आवश्यकता 485.59 लाख टन रहेगी, जिसमें 104.72 लाख टन उर्वरक का आयात किया जाएगा। 254.79 लाख टन की उपलब्धता घरेलू स्तर पर बनी रहेगी।
खरीफ सीजन में उर्वरकों के यह भाव रहेंगे
केंद्र सरकार ने इस बार NPK आधारित खाद के दामों को स्थिर रखने के लिए कंपनियों को सब्सिडी देने का फैसला किया था। यही कारण है कि इस बार खाद उर्वरकों के दामों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। केंद्र सरकार ने इस खरीफ सीजन के लिए 60939 करोड़ रुपए की सब्सिडी जारी की थी। जो कि इस वर्ष 2022 खरीफ सीजन में लागू की गई है। भारतीय कंपनी इफको ने खरीफ सीजन 2022 के लिए खाद और उर्वरकों की कीमत जारी की है। यह कौन है इफको ने यूरिया 266.50 रुपये प्रति बैग (45 किलो), DAP 1,350 रुपये प्रति बैग (50 किलो), NPK 1,470 रुपये प्रति बैग (50 किलो), MOP 1,700 रुपये प्रति बैग (50 किलो) भाव जारी किए हैं।
उर्वरकों पर सब्सिडी नहीं मिलती तो यह भाव रहते
रूस और यूक्रेन में चल रहे युद्ध के कारण खाद/उर्वरक (Fertilizer subsidy 2022) के निर्माण में काम आने वाले कच्चे माल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। जिसके कारण कई देशों में खाद/उर्वरक के दाम आसमान छू रहे हैं। देश में भी खाद की कीमतों को बढ़ाने का दबाव था। लेकिन सरकार ने इन पर सब्सिडी बढ़ाकर किसानों को एक बड़ी राहत दी है। बिना सब्सिडी के यूरिया- 2,450 रुपये प्रति बैग (45 किलो), DAP 4,073 रुपये प्रति बैग (50 किलो), NPK 3,291 रुपये प्रति बैग (50 किलो), MOP 2,654 रुपये प्रति बैग (50 किलो) मिलता।
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