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फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी के लिए गुड न्यूज़ 10 करोड़ का लोन लेने पर तीन करोड़ की सब्सिडी मिलेगी

सरकार किसानों को 10 करोड़ का लोन (FPO Subsidy Yojana 2022) लेने पर 3 करोड रुपए की सब्सिडी दे रही है योजना का लाभ कैसे मिलेगा जानिए।

FPO Subsidy Yojana 2022 | किसानों के लिए किसानों का संगठन यानी कि फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी के तहत सरकार किसानों को कई लाभ प्रदान कर रही है। किसानों के लिए गठित किए जा रहे फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी को केंद्र एवं राज्य सरकार से अनुदान एवं सब्सिडी मिल रही है। हाल ही में सरकार ने फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी के लिए दायरा बढ़ा दिया है इस कंपनी के माध्यम से किसानों के लिए यदि कंपनी ग्रामीण क्षेत्र में उद्यम लगाती है, तो सरकार उसे 10 करोड़ का लोन प्रदान करेंगी वहीं योजना के तहत तीन करोड़ रुपए की सब्सिडी भी मिलेगी। सरकार की पूरी योजना क्या है एवं लाभ कैसे मिलेगा जानें।

यह है पूरी (FPO Subsidy Yojana 2022) योजना

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद उन्नयन योजना एवं उद्यम क्रांति योजना चलाई जा रही है। उद्यम क्रान्ति एवं प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्ननयन योजना के तहत गांव-गांव में उद्योग खोले जायेंगे। सरकार की मंशा है कि गांव में यदि एक उद्योग की युनिट खुलती है तो उससे कम से कम 10 लोगों को रोजगार मिलता है। गांव में उद्योग पहुंचेगा, तभी गांव की दशा बदलेगी। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की योजना है कि गांव के युवा लोग शासकीय योजनाओं का लाभ लेकर उद्यमी बनें।

एफपीओ योजना का उद्देश्य यह है

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना के तहत 35 प्रतिशत व अधिकतम 10 लाख रुपये की सब्सिडी (FPO Subsidy Yojana 2022) दी जा रही है। उद्यम क्रान्ति योजना मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू की गई है। इसमें 50 लाख रुपये तक का लोन का प्रावधान है। योजना के तहत तीन प्रतिशत ब्याज अनुदान व ढाई प्रतिशत लोन रिस्क के बीमे की राशि सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। वहीं फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन यदि 10 करोड़ तक के उद्यम लगाते हैं तो उन्हें तीन करोड़ रुपये तक की सब्सिडी दी जाती है।

इस प्रकार मिलेगा योजना का लाभ

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन यानी कि किसान उत्पादक संगठन को उद्यम लगाने के लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करना होगी। योजना के लिये आवेदन एमपी ऑनलाइन से स्वीकार किये जाते हैं। योजना का संचालन मध्य प्रदेश में जिला उद्योग एवं व्यापार केंद्र के द्वारा किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने सभी बैंक शाखाओं को प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना एवं उद्यम क्रान्ति योजना के तहत एक-एक प्रकरण अनिवार्य तौर पर स्वीकृत करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इतना ही नहीं प्रदेश सरकार के निर्देश के पश्चात जिला स्तर पर फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी एवं अन्य उद्यमियों की समस्याओं एवं सुझाव के लिये जिला उद्योग एवं व्यापार केंद्र के महाप्रबंधक को हेल्पलाइन नंबर जारी करने के निर्देश दिए हैं।

कृषि उत्पादन संगठन/फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी क्या है

कृषक उत्पादन कंपनी, जिसे आम आमतौर पर एफपीओ (FPO Subsidy Yojana 2022) यानी किसानी उत्पादन संगठन कहते हैं। यह किसानों का पंजीकृत समूह होता है, जो खेतीबारी से उत्पन्न काम में लगे हुए होते हैं। यही किसान कृषि उत्पादन कंपनी बनाकर खेती और उसे से जुड़ी व्यवसायिक गतिविधियां करता है।केंद्र सरकार द्वारा छोटे एवं सीमांत किसानों की आय बढ़ाने कृषि उपज की ब्रांडिंग और तैयारी से लेकर खेतीबारी, बागबानी, पशुपालन मछली पालन फूड प्रोसेसिंग जैसे तमाम कामों के लिए किसानों का संगठन तैयार करवाया जा रहा है। किसानों के बीच अब फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन यानी एफपीओ की भूमिका बढ़ती जा रही है, किसान एक कंपनी के रूप में एक एफपीओ का गठन कर अधिक आय अर्जित कर सकते हैं। एफपीओ किसानों को न केवल कृषि उपज का मूल्य खुद ही तय करने का अवसर देता है, बल्कि छोटी जोत वाले किसान को दलालों, बिचोलियों और मंडियों के भंवरजाल से छूटकारा दिलाने में भी काफी मददगार साबित हो रहा है।

एपीओ के के लिए पंजीकरण कैसे होता है?

कोई भी किसान जो खेती किसानी से जुड़ा हुआ है। संगठित होकर एफपीओ का पंजीयन कंपनी अधिनियम के तहत कर सकते हैं, इसके लिए कम से कम 10 किसान सदस्यों का होना जरूरी है।

FPO के लिए आवश्यक दस्तावेज

FPO Subsidy Yojana 2022 | पंजीकरण के पूर्व इन किसानों को अपना पैनकार्ड, आधारकार्ड, पासबुक, दो-दो फोटो, खेत की खतौनी, मोबाइल नंबर व ईमेल, कंपनी के दो पृस्तावित नाम, निदेशक और शेयर धारकों की संख्या जरूरी है। एफपीओ के पंजीकृत कार्यालय के लिए नवीनतम बैंक स्टेटमेंट/ टेलीफोन या मोबाइल बिल/बिजली या गैस बिल को स्कैन की हुई प्रतिलिपि वह संपत्ति के मालिक से अनापत्ति प्रमाणपत्र की स्कैन की गई कॉपी भी जरूरी होती है। किसान कागजातों के साथ किसी भी सीए यानी चार्टर्ड अकाउंटैंट से संपर्क कर पंजीयन की प्रक्रिया को पूरा कर सकता है।

एफपीओ का रजिस्ट्रेशन कैसे होता है

पंजीयन के पूर्व एफपीओ में निदेशक यानी डायरेक्टर की भूमिका का निर्वहन करने वाले किसानों को डिजिटल सिग्नेचर बनाया जाता है, इस दौरान चार्टर्ड अकाउंटैंट किसानों के द्वारा सुझाए एफपीओ के नाम की उपलब्धता की जांच व अप्रूवल के लिए कंपनी के रजिस्ट्रार को ओनलाइन आवेदन करता है, जब तक एफपीओ के नाम का अप्रूवल आता है, जब तक चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा निर्देशक के डिन नंबर यानी डायरेक्टर आईडेंटिफिकेशन नंबर का आवेदन किया जाता है, जो केंद्र सरकार द्वारा जारी किया जाता है यह एक 8 अंकों की अवधि पहचान संख्या होती है जिसे आजीवन वैधता प्राप्त होती है।

एफपीओ के नियम एवं उद्देश्य

FPO Subsidy Yojana 2022 | पंजीयन के साथ-साथ किसानों द्वारा कंपनी के उद्देश्य और नियम व निर्देशक के रूप में आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन वह मेमोरेंडम एसोसिएशन बनाया जाता है, कंपनी संचालन के कर दो की पूरी जानकारी मेमोरी टर्न ऑफ सोशल व आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन लिखे होते हैं। यह सभी प्रक्रिया पूरी करने की के बात कंपनी को पंजीयन करके के लिए अपनी कंपनी रजिस्टर को ऑनलाइन आवेदन किया जाता है अगर ऑनलाइन आवेदन में कोई कमी नहीं होती है तो कंपनी रजिस्टर द्वारा पंजीयन करण प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है साथ ही कंपनियों का पैन नंबर वह दिन नंबर जारी किया जाता है अगर आवेदन में कोई कमी है तो उसे सुधारने का मौका मिलता है।

FPO बनाने में कितना खर्चा आता है

कंपनी पंजीयन की प्रक्रिया आमतौर पर 35 से 40 हजार रुपए का खर्चा आता है, कंपनी के पंजीकरण के पश्चात कंपनी के नाम से किसी भी बैंक में एक खाता खोला जाना जरूरी है साथ ही, पंजीकरण के पंजीकृत होने के 90 दिनों के अंदर एनुअल जनरल मीटिंग करना जरूरी होता है। इस के अंदर सभी महत्वपूर्ण प्रस्ताव पास किए जाते हैं। इस के बाद एफपीओ में शेयरधारकों के रूप में किसानों को जोड़ कर कारोबारी गतिविधियों को बढ़ाया जा सकता है।

एफपीओ का संगठन ऐसा होता है

जब किसान संगठित होकर एफपीओ (FPO Subsidy Yojana 2022) को एक कंपनी के रूप में पंजीकृत कराते हैं तो इन्हीं किसानों में से अधिकतम 15 किसान डायरैक्टर्स और प्रमोटर्स के रूप में चुने जाते हैं, जो कंपनियां के मालिकाना हकदार होता है। इसके बाद जब एफपीओ एक किसान के रूप में पंजीकृत हो जाती है, तब कंपनी के निर्देशक मंडल द्वारा एक सीईओ के नियुक्ति की जाती है इसके अलावा रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज कै साथ सूचनाओ के आदान-प्रदान के लिए एक कंपनी सेक्रेटरी की नियुक्ति भी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर द्वारा की जाती है और कंपनी के सभी कानूनी कागजातों, वार्षिक विवरणी आदि को जमा करने के लिए चार्टर्ड अकाउंटैंट की नियुक्ति भी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर द्वारा की जाती है।

किसान किस प्रकार एफपीओ के जरिए अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं ?

देश में कमजोर आय वाले किसानों की संख्या सबसे अधिक है, ऐसे किसानों को उनकी पैदावार का उचित मूल्य भी नहीं मिल पाता है। इसकी प्रमुख वजह यह भी है, की कमजोर होने के चलते उनके पास कम मात्रा में कृषि उपज होती हैं ऐसे में कम मात्रा होने से उनकी कृषि उपज की विक्रय सही कीमत पर नहीं हो पाती है। इस दशा में अगर यही छोटी जोत वाले किसान एफपीओ बनाकर अपने थोड़े-थोड़े कृषि उत्पादों को इकट्ठा कर उसकी बिक्री करते हैं, तो उन्हें उसकी न केवल वाजिब कीमत मिलती है, बल्कि अपने उत्पादों की प्रोसेसिंग कर अगर बिक्री करें तो अधिक आय की संभावना बढ़ जाती है।

इसे एक उदाहरण से समझ सकते हैं। किसान मंडी में गेहूं की कीमत प्रति किलोग्राम 18 से ₹20 की दर से बेचता है। पर वही जब आटे के रूप में प्रोसेस करके बेचा जाता है, तो वह 28 से ₹30 प्रति किलोग्राम की दर से बिकता है इसके अलावा एफपीओ (FPO Subsidy Yojana 2022) खेतीबारी से जुड़े खाद, बीज, दबाव दवाओं और कृषि उपकरण आदि का निर्माण, खरीदबिक्री का काम भी कर सकता है।

एफपीओ के लिए जरूरी बातें

किसी भी एफपीओ के पंजीकरण के बाद वार्षिक रूप से कंपनी की एनुअल रिटर्न्स रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के कार्यालय में ओनलाइन माध्यम से चार्टर्ड अकाउंटैंट के जरिए। 30 दिसंबर तक जमा करना अनिवार्य होता है। इसके लिए एफपीओ के खाते में हुए लेनदेन का ऑडिट करवाना पड़ता है। इस की वार्षिक विवरणी भरने के लिए सभी निर्देशकों का केवाईसी होना भी अनिवार्य है। वीवरणी भरते समय शेयर्स होल्डर्स की लिस्ट, शेयर में हुए लंदन की लिस्ट, ऑडिटर जरूरी होती है। यह भी जानकारी समय से ना भरी जाए तो कंपनी के रजिस्टर द्वारा एफपीओ का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

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आर्थिक मदद केंद्र सरकार से भी मिलती है

FPO Subsidy Yojana 2022 | खेतीबाड़ी से जुड़े बिजनेस के अलावा एफपीओ को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र व राज्य सरकारों की तरह से कई तरह से माली इमदाद मिलती है, इसमें केंद्र सरकार के द्वारा शुरुआती संचालन के लिए 1500000 लाख रुपए तक की सहायता देती है, इसके अलावा भारत सरकार के लघु कृषि हुआ पानी एसएफएसी नाबार्ड सहित कई एजेंसियों द्वारा लोन व अनुदान मुहैया दिया जाता है।

एफपीओ कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना कर सकता है

एफपीओ के जरीए खेती-बाड़ी मे काम आने वाले कृषि यंत्रों, ट्रैक्टर आदि पर फार्मा मशीनरी बैंक के लिए ₹1200000 लाख रुपए तक सहायता मिलती है, इसके बीच कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना के लिए ₹600000 लाख रुपए तक के अनुदान का प्रावधान है। एफपीओ के लिए सरकारें तमाम अनुदान योजना संचालित कर रही है, जिसमें आवेदन पर एफपीओ का लाभ उठा सकते हैं, इससे से एफपीओ से जुड़े किसान वाजिब रेट पर इन सुविधा का लाभ ले सकते हैं।

क्या एफपीओ के लिए लाइसेंस जरूरी है?

FPO Subsidy Yojana 2022 | सरकार द्वारा एफपीओ को खाद, बीज, कीटनाशक, सरकारी रेट पर अनाज की खरीदारी के लिए लाइसेंस भी मुहैया कराया जाता है, किसान इसका लाभ लेकर अपनी आमदनी में इजाफा कर सकते हैं, फूड प्रोसेसिंग से जुड़ी एफपीओ को एफएसएसएआई खाद सुरक्षा और मानक अधिनियम खेत लाइसेंस लेना जरूरी होता है।

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राधेश्याम मालवीय

मैं राधेश्याम मालवीय Choupal Samachar हिंदी ब्लॉग का Founder हूँ, मैं पत्रकार के साथ एक सफल किसान हूँ, मैं Agriculture से जुड़े विषय में ज्ञान और रुचि रखता हूँ। अगर आपको खेती किसानी से जुड़ी जानकारी चाहिए, तो आप यहां बेझिझक पुछ सकते है। हमारा यह मकसद है के इस कृषि ब्लॉग पर आपको अच्छी से अच्छी और नई से नई जानकारी आपको मिले।
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