कृषि समाचार

गेहूं के भाव बढ़े, अफवाह फैलने से हुई थी गिरावट, मालवराज, पूर्णा, लोकवन व मिल क्वालिटी गेहूं के ताजा रेट जानें

गेहूं उत्पादक किसानों के लिए अच्छी खबर है। गेहूं के भाव (Gehu ke Taja Bhav) फिर से बढ़ चुके हैं एक अफवाह के कारण गेहूं के भाव में गिरावट आई थी।

Gehu ke Taja Bhav सोमवार को मंडियों में गेहूं बेचने की आस लगाए बैठे किसानों के लिए अच्छी खबर है, इन्हें अब गेहूं के अच्छे भाव मिलेंगे। हालांकि गेहूं के भाव शुरू से ही तेज बने हुए हैं। लेकिन हाल ही में एक अफवाह के कारण 3 से 4 दिन तक गेहूं के भाव में गिरावट हुई थी। अफवाह का पता चलते ही फिर से गेहूं के भाव बढ़ चुके हैं। दरअसल गेहूं निर्यात के दौरान कांडला में अफवाह फैल गई थी कि सरकार निर्यात पर टैक्स लगाने वाली है। इस अफवाह एवं माल भाड़े में वृद्धि होने के कारण गेहूं के रेट 50 से ₹100 कम हो गए थे।

यह है गेहूं के ताजा भाव (Gehu ke Taja Bhav)

निर्यातकों की ओर से कांडला में गेहूं के दाम बढ़ा दिए गए हैं। निर्यातकों की ओर से गेहूं की खरीदी 2540 रुपये क्विंटल पर की जा रही है। इसके असर से कृषि उपज मंडी मंडियों में दिखाई दीया। मिल क्वालिटी गेहूं और मालवराज गेहूं के दाम में मजबूती आ गई है। इंदौर में 50 रुपये की तेजी आ गई है। बांग्लादेश एवं दक्षिण अफ्रीका के देशों में मक्का भी निर्यात की जा रही है जिसके चलते मक्का के दाम भी अच्छे बने हुए हैं। मक्का के दाम 2300 से 2325 रुपये क्विंटल के बीच मजबूत बने हुए हैं। गेहूं के दाम मिल क्वालिटी 2200-2225, मालवराज 2200-2250, पूर्णा 2300-2350, लोकवन 2400- 2450 रुपये क्विंटल।

निर्यात शुल्क लगाने की अफवाह फैली थी

दरअसल देश के अन्य राज्यों के साथ-साथ मध्य प्रदेश सरकार गेहूं खरीदी में लक्ष्य पिछड़ चुकी है। ऐसे में निर्यात शुल्क लगाने की अफवाह कांडला में फैली जिस पर व्यापारियों ने भरोसा भी कर लिया। यह करतूत मंदड़ियों की बताई जा रही है। कम भाव में गेहूं का स्टॉक करना दिए कारण बताया जा रहा है। मंदड़ियों की कोशिश थी कि वे गेहूं के बाजार में थोड़ी नरमी लाए। उन्होंने अफवाह उड़ाकर ऐसा माहौल खड़ा किया कि सरकार निर्यात पर शुल्क लगाने वाली है। इसके कारण गेहूं की लेवाली कमजोर हुई, वही भाव गिरे। इस अफवाह के कारण किसानों को घाटा उठाना पड़ा।

गेहूं के भाव 2500 से ऊपर पहुंच गए थे

केंद्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा निर्यात में टैक्स की छूट दिए जाने के पश्चात मध्य प्रदेश से गेहूं का निर्यात बढ़ गया था जिसके कारण बीते समय कांडला में गेहूं खरीदी भाव 2550 तक पहुंच गए थे। लेकिन यह भाव बीते कुछ दिनों से लगातार घट रहे हैं। बीते दिनों इसे घटाकर 2470 रुपये क्विंटल किया गया था। दो दिन में अब दाम और घटाकर 2440 रुपये कर दिया है। कांडला में गेहूं के दाम घटाने का असर मध्य प्रदेश की मंडियों में नजर आ रहा है। इंदौर में मालवराज गेहूं के दाम में 50 रुपये की गिरावट आ गई है। इसकी वजह बाजार में फैली हुई एक अफवाह है।

गेहूं के भाव को लेकर यह फैली अफवाह

प्रदेश से गेहूं का निर्यात अच्छा हो रहा था इसी दरमियान अफवाह फैल गई। सूत्रों के अनुसार निर्यात केंद्रों पर तीन दिनों से अफवाह चल रही थी कि सरकार गेहूं पर निर्यात शुल्क लागू कर सकती है। यही कारण है कि अचानक गेहूं निर्यात करने वाले व्यापारी स्टॉक निकालने में लग गए एवं गेहूं कि मुझे दाम पर खरीदी नहीं करने लगे जिसके चलते गेहूं के रेट में गिरावट हो गई।

प्याज-लहसुन की कमजोर आवक

भाव कमजोर होने के कारण प्याज एवं लहसुन की आवक कमजोर हो रही है इंदौर मंडी में ही आलू-प्याज और लहसुन की आवक कमजोर बनी हुई है। प्याज सुपर 900- 1050, एवरेज 600-850, गोल्टा 300-400, गोल्टी 100-200, आलू चिप्स 1400-1600, एवरेज 1200-1400, गुल्ला 500-700, लहसुन ऊंटी सुपर बोल्ड 3200- 3500, सुपर बोल्ड 2800-3000, बोल्ड 2200-2500, एवरेज 1300- 2000, बारीक लहसुन 300-700 रुपये क्विंटल।

इंदौर में नए मूंग की आवक होने लगी

इंदौर में मूंग बेस्ट 6600-6700 नया मूंग 6800-7000 एवरेज 6000-6500 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रही है। मसूर में छुटपुट मांग बराबर बनी रहने से भाव मजबूती पर टिके हुए हैं। मसूर नीचे में 6625 ऊपर में 6650 रुपये प्रति क्विंटल तक बोली गई। चना, तुवर और उड़द में कामकाज सामान्य रहा। भाव में कोई विशेष परिवर्तन नहीं रहा।

काबुली चना भाव : काबुली बिटकी 4200-5100, एवरेज 5200-7800, मीडियम 7900- 8800, बोल्ड 9100-9300 रुपये। चना कांटा 4900-4950 नया विशाल 4700-4800 मसूर 6625-6650 तुवर महाराष्ट्र सफेद 6200-6300 कर्नाटक नई 6500-6600 निमाड़ी तुवर 5500- 6100 मूंग बेस्ट 6600-6700 नया मूंग 6800-7000 एवरेज 6000-6500 उड़द बेस्ट बोल्ड 7000 मीडियम 5500- 6200 हलकी 2500-4500 रुपये।

राज्य सरकार समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदेगी

गेहूं (Gehu ke Taja Bhav) चना एवं मसूर के बाद अब राज्य सरकार ग्रीष्मकालीन मूंग की खरीदी भी समर्थन मूल्य पर करेगी इसके लिए राज्य सरकार ने केंद्र को प्रस्ताव भेज दिया है इधर पंजाब में मूंग की खरीदी समर्थन मूल्य पर होने लगी है। देशभर में ग्रीष्मकालीन मूंग की बोवनी 14.12 फीसद बढ़कर 16.25 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले सीजन में इसकी बोवनी 14.24 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी। इसके बावजूद मूंग की कीमतों में लंबी तेजी नजर नहीं आ रही है। इधर, मध्य प्रदेश में मूंग की आवक मंडियों में अच्छी हो रही है जबकि खरीदारी जैसी होनी चाहिए वैसी नहीं होना है।

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राधेश्याम मालवीय

मैं राधेश्याम मालवीय Choupal Samachar हिंदी ब्लॉग का Founder हूँ, मैं पत्रकार के साथ एक सफल किसान हूँ, मैं Agriculture से जुड़े विषय में ज्ञान और रुचि रखता हूँ। अगर आपको खेती किसानी से जुड़ी जानकारी चाहिए, तो आप यहां बेझिझक पुछ सकते है। हमारा यह मकसद है के इस कृषि ब्लॉग पर आपको अच्छी से अच्छी और नई से नई जानकारी आपको मिले।
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