कृषि समाचार

गेहूं निर्यात मुक्त श्रेणी से प्रतिबंधित श्रेणी में – किसानों से ज्यादा व्यापारियों में मची हलचल, केंद्र सरकार ने राहत प्रदान की

गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध से देश विदेश एवं व्यापारियों में हलचल (Gehu Niryat Pr Pratibandh ka Asar) मची हुई है जानिए इसकी वजह ...

देश में खाद्यान्न जरूरतों को पूरा करने के लिए एवं देश में खाद्यान्न संकट उत्पन्न ना हो, इसका हवाला देते हुए केंद्र सरकार ने गेहूं के एक्सपोर्ट यानी निर्यात (Gehu Niryat Pr Pratibandh ka Asar) पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके पश्चात डीजीएफटी ने गेहूं के निर्यात को मुक्त श्रेणी से हटाकर प्रतिबंधित श्रेणी में डाल दिया। डीजीएफटी का यह आदेश शुक्रवार रात को जारी हुआ था, लेकिन इसका असर अब दिखाई देने लगा है।

व्यापारी जहां विरोध में है, वही इस आदेश के बाद गेहूं के दामों में गिरावट दर्ज होने लगी है। दूसरी ओर मध्य प्रदेश के कई कृषि उपज मंडियों में इस प्रतिबंध का विरोध करते हुए व्यापारियों ने खरीददारी बंद कर दी है। गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगने के दूसरे दिन यानी शनिवार सुबह कृषि मंडी के खुलते ही खलबली मच गई थी। व्यापारियों के विरोध को देखते हुए केंद्र सरकार ने निर्यात को लेकर कुछ राहत प्रदान की है।

निर्यात पर प्रतिबंध से व्यापारी नाराज, मंडियों में हड़ताल

गेहूं का एक्सपोर्ट (निर्यात) (Gehu Niryat Pr Pratibandh ka Asar) बंद होने से मध्यप्रदेश के मंडी अनाज व्यापारी नाराज हैं। इसके चलते वे हड़ताल पर चले गए। मध्यप्रदेश की प्रमुख कृषि उपज मंडियों में आज मंगलवार को उपज का क्रय विक्रय नहीं हुआ। ज्ञात हो कि प्रदेश की अधिकांश कृषि उपज मंडिया शनिवार से ही बंद है। भोपाल ग्रेन एंड ऑइल सीड्स मर्चेंट्स एसोसिएशन के प्रवक्ता संजीवकुमार जैन ने बताया, सरकार ने आकस्मिक निर्यात बंद कर दिया है। इसके चलते व्यापारियों का व्यापार अस्थिर हो चुका है। मप्र महासंघ के आह्वान पर 17 और 18 मई को खरीदी नहीं करने का फैसला लिया है।

यह भी पढ़ें…गेहूं निर्यात पर रोक लगाने से किसका फायदा – नुकसान होगा जानिए

बड़ी खबर : गेहूं उपार्जन की तिथि बढ़ाई गई, भुगतान में सुविधा के लिए बैंकों को यह निर्देश दिए

व्यापारियों की नाराजगी का कारण यह है

मंडी व्यापारीयों के अनुसार भोपाल, इंदौर समेत प्रदेश के थोक व्यापारी गेहूं को कांडला समेत अन्य बंदरगाह पर भेजते हैं। जहां से एक्सपोर्टर कंपनियां गेहूं दूसरे देशों में भेजती है। कंपनियों ने बंदरगाह से अनलोडिंग रोक दी है। जिम्मेदारों का कहना है कि हम माल लोड नहीं कर सकते। सौदा कैंसिल करने का भी कह रहे हैं। यदि गाड़ी वापस आती है तो व्यापारी को लाखों का नुकसान होगा।

चूंकि, एक्सपोर्ट में अच्छी डिमांड होने से व्यापारियों ने ऊंचे भाव पर गेहूं खरीदा है। ऐसे में यदि गेहूं एक्सपोर्ट नहीं हुआ तो मुसीबत खड़ी हो जाएगी। सरकार आकस्मिक निर्यात शुरू करें। गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध से पोर्ट में हजारों गाड़ियां खाली नहीं हो रही।

प्रदेश सरकार ने समर्थन मूल्य पर खरीदी की तारीख बढ़ाई

इधर, भले ही केंद्र सरकार द्वारा गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया हो किंतु इसका असर किसानों पर नहीं के बराबर पड़ेगा, इसकी वजह समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन की तारीख आगे बढ़ाना है। मध्य प्रदेश सरकार ने गेहूं समर्थन मूल्य पर खरीदने की तारीख 16 मई से आगे बढ़ाते हुए 31 मई कर दी है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों के गेहूं का एक-एक दाना समर्थन मूल्य पर खरीदा जाए।

गेहूं खरीद की तिथि बढ़ाने से किसानों को अपना गेहूं विक्रय करने का और मौका मिल सकेगा। जो किसान गेहूं विक्रय नहीं कर पाए हैं, वे निर्धारित बढ़ी हुई तिथि में गेहूं विक्रय कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‌प्रदेश में अभी तक 41 लाख 57 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष मध्य प्रदेश में गेहूं की रिकार्ड खरीद की गई थी। एक करोड़ 29 लाख टन से ज्यादा गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद कर मध्य प्रदेश ने पंजाब को पछाड़ दिया था।

इन शर्तों के साथ गेहूं निर्यात में छूट

सरकार ने गेहूं निर्यात को लेकर नया नोटिफिकेशन जारी किया है। इसके मुताबिक 13 मई को आदेश जारी होने से पहले तक सीमा शुल्क के साथ रजिस्टर्ड किया जा चुका गेहूं का कंसाइनमेंट एक्सपोर्ट किया जा सकेगा। नए आदेश के मुताबिक सरकार ने फैसला किया है 13 तारीख से पहले जांच के लिए सीमा शुल्क विभाग को सौंपा गया या उनके सिस्टम में रजिस्टर्ड गेहूं का कंसाइनमेंट निर्यात किया जा सकेगा।

केंद्र सरकार ने मिस्र को निर्यात किए जाने वाले गेहूं के कंसाइनमेंट को भेजने की अनुमति भी दे दी है। बता दें कि यह कंसाइनमेंट पहले ही गुजरात के कच्छ में स्थित कांडला पोर्ट पर शिप में लोड किया जा रहा था। मिस्र की सरकार ने भारत सरकार से गेहूं की खेप को निर्यात किए जाने की परमिशन मांगी थी। इसके बाद सरकार ने इसकी मंजूरी दी।मिस्र को निर्यात करने वाली कंपनी मैसर्स मेरा इंटरनेशनल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के मुताबिक उन्हें कुल 61,500 मीट्रिक टन गेहूं की लोडिंग पूरी करने का काम मिला था, जिसमें से 44,340 मीट्रिक टन गेहूं पहले ही लोड किया जा चुका है। सिर्फ 17,160 मीट्रिक टन गेहूं ही लोड किया जाना बाकी था।

भारत के गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध का असर दिखने लगा

रूस-यूक्रेन युद्ध और भारत के गेहूं एक्सपोर्ट पर बैन का दुनिया के बाजार में असर दिखना शुरू हो गया है। इस साल में अब तक गेहूं के दाम में 60% तक की बढ़ोतरी हो गई है। भारत के कदम का दुनियाभर में असर दिखना शुरू हो गया है। ब्रेड से लेकर नूडल्स तक के दाम बढ़ गए हैं। बढ़ते दामों की वजह से आने वाले वक्त में कई देशों में गेहूं से बनी खाद्य वस्तुओं के लाले पड़ सकते हैं। ज्ञात हो कि भारत ने गेहूं के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया है, यानी अब भारत विदेशों में गेहूं को नहीं बेचेगा। सरकार ने इसके लिए भारत और पड़ोसी देशों में फूड सिक्योरिटी का हवाला दिया गया है।

लक्ष्य अनुरूप समर्थन मूल्य पर खरीदी नहीं हो पाई

समर्थन मूल्य पर सरकार द्वारा गेहूं खरीद इस साल घटकर 1.8 करोड़ टन पर आ गई है। यह बीते 15 सालों में सबसे कम है। 2021-22 में कुल 4.33 करोड़ टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई थी। भारत के बाजारों में गेहूं की कीमत 2500 रुपए प्रति क्विंटल है, जबकि न्यूनतम समर्थन मूल्य 20,15 रूपए प्रति क्विंटल ही है। कृषि विशेषज्ञों की माने तो गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध के बाद भारत के घरेलू बाजार पर इसका असर दिखना शुरू हो गया है। भारतीय बाजारो में गेहूं की कीमत में 10% की कमी आई है। उम्मीद है कि गेहूं से बनने वाले खाने-पीने की चीजों के दामों में भी कमी आएगी।

गेहूं पर प्रतिबंध लगाने का असर दुनिया पर पड़ रहा

Gehu Niryat Pr Pratibandh ka Asar : भारत गेहूं एक्सपोर्ट करने वाले दुनिया के सबसे बड़े देशों में से एक है। भारत सरकार द्वारा गेहूं पर प्रतिबंध लगाने के निर्णय से अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं की कीमतों में और बढ़ोतरी होगी। इसका असर दिखना भी शुरू हो गया है। दुनिया के मार्केट में ब्रेड, केक से लेकर नूडल्स और पास्ता तक- हर चीज की कीमत में लगातार बढ़ोतरी हुई है।

इधर, पिछले 3 सालों में गेहूं के एक्सपोर्ट में रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की गई है। भारत ने पिछले साल के मुकाबले अपने गेहूं के एक्सपोर्ट में 215% तक की बढ़ोतरी की। अब जिस तरह से भारत ने अपने घरेलू खर्च की आपूर्ति के लिए एक्सपोर्ट पर बैन लगाए हैं उससे इंटरनेशनल मार्केट पर बड़ा असर पड़ेगा।

यह भी पढ़ें…गेहूं के भाव बढ़े, अफवाह फैलने से हुई थी गिरावट, मालवराज, पूर्णा, लोकवन व मिल क्वालिटी गेहूं के ताजा रेट जानें

भारतीय गेहूं ने वैश्विक बाजार पर कब्जा जमाया, किसानों को मिलेगा लंबे समय तक फायदा, निर्यात 100 लाख टन होने का अनुमान

जुड़िये चौपाल समाचार से-

ख़बरों के अपडेट सबसे पहले पाने के लिए हमारे WhatsApp Group और Telegram Channel ज्वाइन करें और Youtube Channel को Subscribe करें।

नोट :- धर्म, अध्यात्म एवं ज्योतिष संबंधी खबरों के लिए क्लिक करें।
नोट :- टेक्नोलॉजी, कैरियर, बिजनेस एवं विभिन्न प्रकार की योजनाओं की जानकारी के लिए क्लिक करें।

राधेश्याम मालवीय

मैं राधेश्याम मालवीय Choupal Samachar हिंदी ब्लॉग का Founder हूँ, मैं पत्रकार के साथ एक सफल किसान हूँ, मैं Agriculture से जुड़े विषय में ज्ञान और रुचि रखता हूँ। अगर आपको खेती किसानी से जुड़ी जानकारी चाहिए, तो आप यहां बेझिझक पुछ सकते है। हमारा यह मकसद है के इस कृषि ब्लॉग पर आपको अच्छी से अच्छी और नई से नई जानकारी आपको मिले।
Back to top button

Adblock Detected

Please uninstall adblocker from your browser.