कृषि समाचार

गेहूं के भाव को लेकर सरकार उठाएगी बड़ा कदम, भाव पर पड़ेगा असर, आरक्षित स्टाक 15 वर्ष में सबसे कम स्तर पर

गेंहू के भाव को लेकर किसानों के लिए बढ़ी खबर है। गेंहू के भाव (Gehun Current Price) क्या चल रहे है व आगे क्या स्थिति बनेगी जानिए।

Gehun Current Price | गेहूं के भाव को लेकर रूस यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर फरवरी माह से लेकर अब तक उतार-चढ़ाव की स्थिति चल रही है। देश से भारी मात्रा में गेहूं निर्यात हुआ। जिसके चलते किसानों को गेहूं के भाव भी अच्छे मिले। इसके पश्चात सरकार ने मई माह में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, वहीं हाल ही में गेहूं से बने उत्पाद पर भी निर्यात प्रतिबंधित कर दिया।

इस बीच सरकार गेहूं के भाव को लेकर बड़ा कदम उठाने वाली है, इससे गेहूं के भाव पर असर पड़ेगा। गेहूं के भाव को लेकर सरकार द्वारा बनाई जा रही योजना के पीछे की असल वजह यह है कि इस वर्ष गेहूं का आरक्षित स्टॉक 15 वर्ष में सबसे कम स्तर पर पहुंच गया है। इसलिए गेहूं के भाव को लेकर वर्तमान एवं आगे की स्थिति क्या रहेगी यह जानिए।

मई में गेहूं के निर्यात पर रोक लगी थी

इस बार ग्रीष्मकालीन मौसम में भीषण गर्मी के चलते गेहूं की फसल (Gehun Current Price) को नुकसान को देखते हुए केन्द्र सरकार ने मई में गेहूं निर्यात पर रोक लगा दी थी। जिसके बावजूद घरेलू बाजार में गेहूं की कीमतें ऊंचे स्तर पर बनी हुई है।

दरअसल घरेलू कारोबारियों की तरफ से स्पष्ट रुप से कहा जा रहा है कि यदि केन्द्र सरकार गेहूं के आयात से ड्यूटी हटाती है और अंतरराष्ट्रीय गेहूं की कीमतें कम होती है तो अगले प्रमुख त्योहारी मौसम पर गेहूं का आयात शुरु होने की संभावना बढेगी क्योंकि उस अवधि में गेहूं और गेहूं उत्पादों की कीमतें अपेक्षाकृत बढती है।

गेहूं का आरक्षित स्टाक 15 वर्ष के निम्नस्तर पर

फूड कार्पोरेशन आफ इंडिया (एफसीआई) और राज्य सरकारों के एजेंसियों के केन्द्रीय भंडारों में इस महीने के प्रारंभ में गेहूं का स्टाक 2.66 करोड़ टन था जो एक अगस्त 2008 के बाद का सबसे कम थोक है। एक अंदाज के अनुसार अक्टूबर तक गेहूं का आरक्षित थोक घटकर लगभग 2.29 करोड़ टन रहेगा। सरकारी नियम के अनुसार हर वर्ष कम से कम 2.05 करोड़ टन गेहूं (Gehun Current Price) का थोक आरक्षित रखना जरूरी होता है।

चालू वर्ष के रबी सीजन में गेहूं की प्राप्ति में 56 प्र.श. की कमी होने से गेहूं का केन्द्रीय थोक घटा है। सरकार ने मई 2020 से मुफ्त अनाज की योजना अमल में लाई है। गेहूं की फसल कम आने से 2021-’22 की रवि सीजन में (अप्रैल-जून) मात्र 1.88 करोड़ टन गेहूं (Gehun Current Price) की प्राप्ति हुई थी। जो गत वर्ष 4.30 करोड़ टन थी।

यह भी पढ़िए…. गेहूं में आएगा महंगाई का दौर, कैटल फील्ड 1900 रुपए हुई, अन्य कृषि जिंसों के भाव भी जानें

गेहूं की कीमतों में रिकॉर्ड तोड़ वृद्धि हुई

यह भी उल्लेखनीय है कि हाल ही में गेहूं की कीमतों में 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। एक वर्ष में तुलना करें तब देश के कुछ भागों में गेहूं (Gehun Current Price) के भाव 8 अगस्त को 30.61 रुपए किलो हो गए हैं जबकि ठीक एक वर्ष पूर्व 25 रुपए किलो के थे, अर्थात् गेहूं के तेजी का रूप धारण कर रखा है। जानकारों का मत है कि नई फसल आने के पूर्व अंतिम चार माह अधिक संकट के होते हैं। भावों में तेजी के लिए पक्का समय यही होता है।

रूस के कृषि मंत्री ने कहा कि यदि उत्पादन 13 करोड़ टन के लक्ष्य के आसपास नहीं होता है, तब जुलाई महीने से शुरू हो रहे नया विपणन वर्ष 2022-23 में गेहूं के सबसे बड़े निर्यातक देश रूस 5 करोड़ टन निर्यात लक्ष्य में कटौती कर सकता है। मंत्री ने आगे बताया कि बसंत ऋतु में ठंड देरी से शुरू होने की आशंका के साथ-साथ वर्षा और विदेशी कृषि कल पुर्जों के अभाव में गेहूं (Gehun Current Price) कटाई में देरी हो सकती है। गेहूं नई फसल कटाई तुलनात्मक रूप से धीमी गति से चल रही है।

जानकारों का मत है कि खाद्य निगम के पास बाजार में हस्तक्षेप करने के सीमित विकल्प है। माना जा रहा है कि निर्यात रोकने के पहले स्टॉक लिमिट के हथियार का उपयोग कर लिया जाए।

आटे के दाम में भी वृद्धि हुई

गेहूं के साथ साथ आटे के दाम में भी इस वर्ष रिकार्ड तोड़ वृद्धि दर्ज की गई। आटा का भाव एक साल पहले 29.47 रुपए किलो था, जो कि अब 35.13 रुपए किलो हो गया है। वहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं का भाव (Gehun Current Price) जुलाई में मासिक आधार पर 14.5 प्रतिशत गिर गया था। वहीं पिछले साल भारत ने 72 लाख टन गेहूं का निर्यात किया था। इस साल गेहूं का निर्यात 60 लाख टन होने का अनुमान है। वहीं गेहूं की नई फसल नौ महीने के बाद ही उपलब्ध हो सकेगी।

यह भी पढ़िए….गेहूं के भाव में जबरदस्त उछाल आया, मंडी भाव 2500 रुपए पार

गेहूं को लेकर सरकार की यह योजना है

सरकार में गेहूं की बढती कीमतों से मोदी सरकार चिंतित हैं। यही कारण है कि मोदी सरकार की तरफ से गेहूं (Gehun Current Price) के आयात करने की योजना बना रही है। जिसके लिए मोदी सरकार की तरफ से गेहूं के आयात पर 40 प्रतिशत ड्यूटी को समाप्त करने की संभावना है। चूंकि गेहूं के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक देश भारत में इस समय गेहूं की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है।

ऐसे में केन्द्र सरकार गेहूं के भाव को नीचे लाने के लिए सभी संभावित विकल्पों पर विचार कर रही है। चूंकि इस साल में गेहूं (Gehun Current Price) की कीमत 22 प्रतिशत बढी है। जिसके तहत 8 अगस्त 2021 को गेहूं 25 रुपए किलो था जो कि 8 अगस्त 2022 को गेहूं 30.61 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया। वहीं एक महीने पहले गेहूं 29.76 रुपए किलो था।

गरीब कल्याण योजना पर असर पड़ने की संभावना

केन्द्र सरकार के पास इस साल घरेलू बाजार में गेहूं (Gehun Current Price) की कीमत थामने में हस्तक्षेप करने के लिए सीमित विकल्प है, क्योंकि गेहूं की खरीद 57 प्रतिशत घटकर 1.88 करोड़ टन रह गई है। वहीं तब तक गेहूं भंडार का उपयोग सावधानी से करना होगा। वहीं संभावना यही है कि यदि घरेलू बाजार में गेहूं की ज्यादा कमी हुई तो प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को बढाने के बारे में गंभीरता पूर्वक सोचना होगा। यह योजना अगले महीने यानी सितम्बर में समाप्त होगी।

यह भी पढ़िए…सरकार नहीं बेचेगी गेहूं, खुले मार्केट में गेहूं की कमी के चलते बढ़ेंगे दाम

इस वर्ष गेहूं का उत्पादन भी कमजोर रहा

कृषि मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार 2021-’22 (जुलाई से जून) के फसल वर्ष में गेहूं (Gehun Current Price) का उत्पादन तीन प्रतिशत घटकर 10.6 करोड़ टन हुआ था। ‘मार्च में गेहूं की फसल तैयार हुई थी तब गर्मी पड़ने से की फसल प्रभावित हुई थी। एक अगस्त 2022 के दिन एफसीआई के पास 2.79 करोड़ टन चावल का स्टाक था।

इसके अलावा चावल मिलों के पास से अभी 1.3 करोड़ टन चावल प्राप्त करना बाकी है। सरकारी आदेश के अनुसार 1.02 करोड़ टन चावल का थोक आरक्षित होना चाहिए। इसके सामने एफसीआई के पास 1 अक्टूबर को चावल का दो करोड़ है टन थोक रहेगा।

फसल वर्ष 2021-’22 (अक्टूबर से सितंबर) में सरकार ने 5.80 करोड टन चावल की खरीदी की है। अब सीजन समाप्त होने तक सरकार के चावल की कुल प्राप्ति 6 करोड़ टन होगी। गत वर्ष चावल की 6 करोड़ टन रिकार्ड प्राप्ति हुई थी। सरकार ने मई महीने में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण खाद्यान्न योजना (पीएमजीएवाय) के 6ठे चरण में कई फेरबदल किया है। उसमें सरकार ने 1.10 करोड़ टन चावल का आबंटन किया है और गेहूं (Gehun Current Price) का आबंटन उतना ही घटा है।

गेहूं की तेजी को विराम, भाव में 50 रुपए की गिरावट

गेहूं आयात पर ड्यूटी में छुट की खबर से ही गेहूं के बढ़ते भावों पर रुकावट आ गई। आगामी तेजी को विराम लगते ही बड़े स्टॉक वाले गेहूं की बिक्री के लिए तैयार हो रहे हैं। इधर ट्रकों के भाड़े बढ़ने से भी गेहूं (Gehun Current Price) की तेजी का रुकना माना जा रहा है।

देशभर में महंगाई का हल्ला होने से अब किसी भी सूरत में गेहूं आटा के भाव बढ़ना मुश्किल माना जा रहा है। विश्व में गेहूं की पैदावार वाला देश इस साल भारी मात्रा में गेहूं भेजकर प्रसिद्धि पा चुका है। आयातित गेहूं अगर आया भी तो इसकी व्यापार पड़ताल 3000 रुपए के करीब की बताई जा रही है। गेहूं (Gehun Current Price) की तेजी आगे नहीं रुकी तो स्टॉक लिमिट का खतरा भी बन सकता है।

यह भी पढ़िए…. गेहूं निर्यात प्रतिबंध के बाद अब रवा, मैदा के निर्यात पर भी रोक लगी, गेहूं के भाव पर यह असर पड़ेगा

गेहूं की तेजी का अधिक प्रभाव दक्षिण भारत पर

गेहूं की तेजी का सर्वाधिक प्रभाव दक्षिण भारत में पड़ेगा। यह तेजी सत्तारूढ़ दल के लिए परेशानी का कारण बन सकती है। इसी संबंध में बाजार में चर्चा चल पड़ी है कि गेहूं (Gehun Current Price) के आयात पर 40 प्रतिशत शुल्क कम किया जा सकता है। फिर भी तत्काल आयात के आसार कम है। वैश्विक बाजार में आपूर्ति कम है और भावों में इतनी मंदी भी नहीं आई है। रूस-यूक्रेन में फसल की कटाई शुरू हुई है। नया गेहूं विदेशों से आने में समय लगेगा।

जैसे- जैसे समय व्यतीत होता जाएगा, मांग में और वृद्धि होने की संभावना है क्योंकि पिछले कुछ महीनों से वैश्विक आपूर्ति कमजोर बनी हुई है। भारत को घरेलू बाजार की आपूर्ति देखकर गेहूं-आटे (Gehun Current Price) की अनुमति देना चाहिए। गेहूं का गणित बिगड़ जाने पर नवंबर से मार्च तक हाहाकार मच सकता है।

सामान्य स्थिति होने पर निर्यात करने में कोई हर्ज नहीं है। बाजार में ऐसी चर्चा का दौर चल पड़ा है कि गेहूं (Gehun Current Price) की कीमतों पर काबू पाने के लिए आयात पर 40 प्रतिशत शुल्क खत्म किया जा सकता है। इसके अलावा स्टॉक लिमिट भी लगा देना चाहिए।

इस वर्ष एमएसपी ( MSP ) खरीदी में 57 प्रतिशत की गिरावट आई

Gehun Current Price | उत्पादन के संबंध में जानकारी रखने वाले सभी व्यक्तियों को यह पता है कि इस वर्ष एमएसपी खरीदी में 57 प्रतिशत की गिरावट आई है। अंतिम समय में काफी कुछ प्रलोभन भी दिए गए हैं। फिर भी लक्ष्य प्राप्त नहीं हो सका। कुल खरीदी 187 लाख टन से कुछ अधिक मात्रा में हुई है।

नई फसल 6-7 माह बाद शुरू होगी। तब तक खाद्य निगम के पास पर्याप्त भंडार है, किंतु मुसीबत दूर करने वाला भंडार नहीं है। यदि ऐसा होता तब गेहूं (Gehun Current Price) चिंता का विषय भी नहीं बनता, जो आज बना हुआ है। आज अनेक मैदा- आटा मिलें आगे का भविष्य अधिक तेजी का देख रहे हैं।

यह भी पढ़िए….गेहूं निर्यात प्रतिबंध के बावजूद गेहूं के औसत भाव में जोरदार बढ़ोतरी, जानें गेहूं के ताजा रेट

गेहूं की वैश्विक पैदावार घटी, औसत भाव में जोरदार बढ़ोतरी हुईं, जानिए भारत की स्थिति

गेंहू, सोयाबीन व चना के भावों में वृद्धि, जानिए मंडी भाव

किसानों के लिए बड़ी खबर ; अब नहीं बढ़ेंगे प्याज के भाव, सरकार ने यह तैयारी की

जुड़िये चौपाल समाचार से-

ख़बरों के अपडेट सबसे पहले पाने के लिए हमारे WhatsApp Group और Telegram Channel ज्वाइन करें और Youtube Channel को Subscribe करें।

नोट :- धर्म, अध्यात्म एवं ज्योतिष संबंधी खबरों के लिए क्लिक करें।

राधेश्याम मालवीय

मैं राधेश्याम मालवीय Choupal Samachar हिंदी ब्लॉग का Founder हूँ, मैं पत्रकार के साथ एक सफल किसान हूँ, मैं Agriculture से जुड़े विषय में ज्ञान और रुचि रखता हूँ। अगर आपको खेती किसानी से जुड़ी जानकारी चाहिए, तो आप यहां बेझिझक पुछ सकते है। हमारा यह मकसद है के इस कृषि ब्लॉग पर आपको अच्छी से अच्छी और नई से नई जानकारी आपको मिले।
Back to top button

Adblock Detected

Please uninstall adblocker from your browser.