गेहूं निर्यात प्रतिबंध के बाद अब रवा, मैदा के निर्यात पर भी रोक लगी, गेहूं के भाव पर यह असर पड़ेगा
गेहूं के निर्यात पर लंबे समय से प्रतिबंध (Gehun Niryat News 2022) लगा हुआ है इसके बाद अब रवा मैदा पर भी सरकार ने रोक लगा दी है। इसका यह असर पड़ेगा।
Gehun Niryat News 2022 | इस वर्ष गेहूं की खेती करने वाले किसानों को गेहूं के अच्छे भाव मिलने से फायदा हुआ, लेकिन एकाएक सरकार ने गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिसके कारण गेहूं के भाव में गिरावट हो गई थी, इधर जिस दौरान गेहूं के भाव तेज थे।
उसी दौरान सीजन में गेहूं का कारोबार करने वाले कारोबारियों ने लाखों क्विंटल गेहूं का स्टॉक कर लिया था, इन कारोबारियों को फायदा उस समय मिलने लगा जब आटा एवं रवा, मैदा निर्यात होने लगा इससे गेहूं के भाव में तेजी आई लेकिन सरकार ने अब फिर से आटा रवा मैदा निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस प्रतिबंध के पश्चात आम लोगों से लेकर किसान एवं व्यापारियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा ? एवं गेहूं के भाव को लेकर आगे क्या स्थिति रहने वाली है, जानिए।
गेहूं के कारोबार में अस्थिरता(Gehu Niryat News 2022)
रूस यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर इस वर्ष वैश्विक स्तर पर खाद्यान्न संकट गहराया। यही कारण है कि भारत से गेहूं का निर्यात तेजी से हुआ लेकिन सरकार ने अचानक गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया। इससे गेहूं का कारोबार प्रभावित हुआ। व्यापारियों के अनुसार इस वर्ष गेहूं का कारोबार काफी विषम परिस्थितियों से गुजर रहा है। गेहूं के सीजन की शुरुआत के बाद से ही एवं के भावGehun Niryat News 2022में उतार-चढ़ाव का दौर अब तक बना हुआ है। व्यापारी बताते हैं कि इसकी वजह केंद्र सरकार की नीतियां है।
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अब सरकार ने आटा, रवा, मैदा पर प्रतिबंध लगाया
केंद्र सरकार की अस्पष्ट निर्यात-आयात नीति ने गेहूं (Gehun Niryat News 2022) के कारोबार में भाव को लेकर अस्थिरता ला दी है। मंगलवार को केंद्र की एक अधिसूचना के अनुसार 14 अगस्त – 22 से रवा, मैदे व गेहूं के अन्य उत्पादन के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
इसके पहले 12 जून से गेहूं के आटे के निर्यात पर प्रतिबंध लगा हुआ है। गेहूं के भाव (Gehun Niryat News 2022) में करीब 100 रुपये क्विंटल की मंदी आ गई है, जिससे स्टाकिस्टों में घबराहट का माहौल है। बता दें सीजन में तेजी के दौर में कारोबारियों ने लाखों क्विंटल गेहूं स्टॉक कर रखा है, जो ब्याज भाड़े से महंगा पड़ने लगा है।
समर्थन मूल्य से ऊंचे दाम पर बिका गेहूं
इस वर्ष गेहूं उत्पादन में किसानों (Gehun Niryat News 2022) की बल्ले बल्ले रही। शुरुआत दिनों से ही मंडी नीलामी में गेहूं के भाव सरकारी खरीदी भाव 2050 से काफी ऊंचे रहे। कारण सरकार ने गेहूं निर्यात को लेकर पूरा समर्थन कर रखा था।
नतीजतन देश के अन्य राज्यों के साथ-साथ मध्य प्रदेश से लाखों टन गेहूं निर्यात किया गया। इस दौरान मिल क्वालिटी गेहूं 2300 के करीब बिकने लगा था लेकिन सीजन के दौरान ही 13 मई से गेहूं पर प्रतिबंध लगा दिया। सैकड़ों टन गेहूं कांडला पोर्ट पर धरा रह गया, जिससे कारोबारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। तभी से गेहूं के भाव (Gehun Niryat News 2022) में सरता चल रही है।
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हाल ही में गेहूं के दाम में वृद्धि हुई थी
गेहूं के भाव को लेकर बाजार में मंदी की धारणा बन गई थी, लेकिन गेहूं (Gehun Niryat News 2022) उत्पादों का निर्यात जारी रहने से गेहूं के भाव में पुनः तेजी का माहौल बनने लगा था, जिसे रोकने के लिए केंद्र ने जून – 22 से आटे निर्यात पर रोक लगा दी थी, जिससे पुनः मंदी आ गई।
त्योहार सीजन में रवा, मैदे में मांग बन गई थी। विदेशों में निर्यात होने से भाव में 200 की तो आ गई, जिसे रोकने के लिए सरकार में 14 अगस्त से रवा, मैदे के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दिया, जिससे गेहूं के भाव (Gehun Niryat News 2022) में पुनः मंदी आ गई है। आटा उद्योगपति नितिन शाह ने बताया कि गेहूं व गेहूं के उत्पाद के निर्यात को लेकर सरकार के बार-बार बदलते फैसले को लेकर व्यापार असमंजस की स्थिति में आ गया है। आटा प्लांट नुकसानी में आ गए हैं।
क्या सरकार गेहूं आयात करेगी?
गेहूं कारोबार से जुड़े जानकार बताते हैं कि गेहूं एवं गेहूं के उत्पादों पर प्रतिबंध से गेहूं के कारोबार में स्थाई मंदी नहीं आएगी, क्योंकि सीजन में समर्थन मूल्य खरीदी में सरकार को लक्ष्य से आधी मात्रा में भी गेहूं नहीं मिल पाया। कारोबारियों के गोदाम भले ही भरे हो, पर सरकारी गोदाम खाली पड़े हैं। ऐसे में बाजार में मांग बनने पर गेहूं के भाव उछल सकते हैं। जानकारों के अनुसार ऐसी स्थिति में सरकार गेहूं (Gehun Niryat News 2022) आयात का निर्णय ले सकती है।
गेहूं के भाव आगे क्या रहेंगे?
Gehun Niryat News 2022 | केंद्र सरकार ने फोरी तौर पर भले ही गेहूं के साथ साथ गेहूं के उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया हो, किंतु इससे आंशिक तौर पर ही गेहूं के भाव में कमी आएगी। इसकी वजह यह है कि बाजार में गेहूं कम मात्रा में उपलब्ध है। इससे जाहिर है कि गेहूं के भाव में वृद्धि होगी। गेहूं के भाव में वृद्धि होने की एक बड़ी वजह यह भी है कि केंद्र सरकार चाह कर भी गेहूं आयात को स्वीकृति नहीं प्रदान करेगी, क्योंकि वैश्विक स्तर पर औसतन गेहूं का भाव 2700 रुपए प्रति क्विंटल है।
गेहूं के वर्तमान मंडी भाव
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