भारत ने एक करोड़ टन गेहूं निर्यात का लक्ष्य रखा था, इसी पर टिकी विश्व की निगाहें
भारत खाद्यान्न के मामले में पूरी तरह आत्मनिर्भर हो चुका है। देश ने इस वर्ष गेहूं निर्यात का एक करोड़ टन (Global Market Gehu Niryat 2022) का लक्ष्य रखा था, विश्व की निगाहें इसी लक्ष्य पर टिकी हुई है।
Global Market Gehu Niryat 2022 | खाद्यान्न के मामले में लगभग पूरी तरह आत्मनिर्भर हो चुके भारत ने इस वर्ष गेहूं के निर्यात के लिए व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल दुनिया भर के संभावित क्षेत्रों/देशों में भेजे थे। एशिया, अफ्रीका और यूरोपीय देशों में गेहूं का बड़ा बाजार है। जहां गेहूं निर्यात की पर्याप्त संभावनाएं हैं, जिसे प्रथम चरण में भारत का व्यापारिक दल ने मोरक्को, ट्यूनीशिया इंडोनेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड वियतनाम, तुर्की, अल्जीरिया और लेबनान का दौरा किया।
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विश्व स्तर गेहूं की डिमांड (Global Market Gehu Niryat 2022)
भारत ने यह व्यापारिक दल इसलिए भी भेजे गए क्योंकि इस वर्ष रूस और यूक्रेन के मध्य चल रहे युद्ध के कारण विश्व स्तर पर अनाज की अधिक डिमांड थी। इसका नतीजा यह निकला कि कई देशों ने भारतीय गेहूं को हाथों हाथ लिया। भारत ने विश्व स्तर पर गेहूं की निकली मांग को देखते हुए चालू फसल वर्ष 2022 – 23 में कुल 1 करोड टन गेहूं निर्यात का लक्ष्य निर्धारित किया है। लेकिन यह लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया, उसके पहले ही भारत में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया। जबकि दूसरी ओर देखा जाए तो भारत में खाद्यान्न की पर्याप्त उपलब्धता है।
कॉमर्स, शिपिंग, रेलवे और निर्यातकों टास्क फोर्स का गठन हुआ
गेहुं निर्यात को आगे बढ़ाने के लिए केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने उच्चस्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया है। इस टास्क फोर्स में कॉमर्स, शिपिंग, रेलवे और कृषि उत्पादन के निर्यातकों को शमिल किया गया। केंद्र सरकार द्वारा गठित इसी टास्क फोर्स दल ने विश्व स्तर पर उन देशों का दौरा किया, जो रूस एवं यूक्रेन से गेहूं खरीदते थे। जिसको लेकर एग्रीकल्चरल एंड प्रोसैस्ड फूड प्रोडक्टस एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एपीडा) ने पिछले दिनों हरियाणा के करनाल में वहां की किसानों, व्यापारियों और निर्यातकों के साथ बैठक की थी।
पिछले वर्ष 70 लाख टन गेहूं का निर्यात किया था
गेहूं निर्यात बाजार में प्रतिस्पर्धा होने के लिए कृषि बाजार में प्रतिस्पर्धा होने के लिए कृषि उपज की गुणवत्ता पर जोर दिया गया। वहीं डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (डीजीएफटी) के आंकड़ों के तहत 2021 – 22 के तहत 70 लाख टन गेहूं का निर्यात किया था। गेहूं के कुल निर्यात का 50% हिस्सा अकेले बांग्लादेश को निर्यात किया गया था। वही मिश्र अपने गेहूं आयात 60 लाख का 81% हिस्सा यूक्रेन और रूस से लेता रहा है।
भारत के गेहूं निर्यात लक्ष्य पर टिकी विश्व की निगाहें
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विश्व की निगाहें भारत पर टिकी हुई है विश्व खाद्यान्न संकट से जूझ रहा है ऐसे में सभी की उम्मीद व विश्वास है कि भारत ने जो गेहूं निर्यात का लक्ष्य रखा था, उसके मुताबिक गेहूं निर्यात करेगा एवं गेहूं निर्यात पर लगाए हुए प्रतिबंध को हटाएगा।
किसानों के पास गेहूं का स्टाक नहीं
मंडी में अच्छा भाव होने के कारण किसान पहले ही अपनी उपज को बेच चुके हैं। बताया जाता है कि गेहूं का अधिकांश स्टॉक व्यापारियों के पास है व्यापारियों ने गेहूं निर्यात के चलते ऊंचे भाव में किसानों से गेहूं खरीद लिया था, जो अब निर्यात नहीं होने के कारण गोदामों में पड़ा हुआ है। यही कारण है कि किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय करने के लिए गेहूं उपार्जन केंद्रों पर गेहूं निर्यात प्रतिबंध लगाए जाने के पश्चात भी नहीं पहुंच रहे हैं, वही मंडियों में भी गेहूं की आवक कम मात्रा में हो रही है।
व्यापारियों को सता रहा स्टॉक लिमिट का डर
Global Market Gehu Niryat 2022 | इधर गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने के पश्चात व्यापारियों को खाद्यान्न स्टॉक लिमिट करने का डर सता रहा है। मंडी व्यापारी बताते हैं कि इस घर के कारण ही कई व्यापारी कम दाम पर मंडी में अपना गेहूं बेचने लगे हैं।
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