गेहूं की वैश्विक पैदावार घटी, औसत भाव में जोरदार बढ़ोतरी हुईं, जानिए भारत की स्थिति
विश्व स्तर पर गेहूं की मांग इस वर्ष जोरदार बनी हुई है। खास बात यह है कि इस वर्ष गेहूं का उत्पादन पिछले वर्ष (Global wheat production 2022) की तुलना में घटा है वही भाव में वृद्धि हुई है।
Global wheat production 2022 | रूस यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर एवं अन्य जलवायु मौसम के कारण विश्व स्तर पर गेहूं की पैदावार इस वर्ष घटी है, वही डिमांड अधिक होने के कारण भाव में वृद्धि हुई है। विशेषज्ञ अभी से आने वाले वर्षों में भी यही स्थिति रहने की संभावना जता रहे है। इधर विश्व के साथ-साथ भारत में भी पैदावार पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष कमजोर रही है।
विश्व स्तर पर गेहूं के उत्पादन पर एक नजर (Global wheat production 2022)
- अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) ने अपनी वर्ष 2022-23 की रिपोर्ट में गेहूं का वैश्विक उत्पादन पिछले साल की तुलना में 40 लाख घटकर से 73.5 करोड़ टन रहने का अनुमान जताया है। गेहूं के उत्पादन में सबसे बड़ी कमी यूक्रेन में युद्ध की वजह से आई है, यूक्रेन में जहां पर पिछले साल के मुकाबले गेहूं का उत्पादन एक तिहाई घट गया है। ऑस्ट्रेलिया में भी रकबा एवं यील्ड कमजोर रहने से पैदावार घटी, जबकि मोरक्को में सूखे की वजह से गेहूं की उपज घटी।
- भारत में भी गेहूं की यील्ड कमजोर है, यूरोपीय संघ में भी पिछले साल की तुलना में उपज घटी। इसी तरह चीन में भी गेहूं की पैदावार पैदावार थोड़ी कम रहेगी। यूएसडीए का कहना है कि गेहूं की वैश्विक खपत 30 लाख टन घटकर 78.8 करोड़ टन रहने के आसार हैं। यूएसडीए ने वर्ष 2022 सीजन के लिए गेहूं के औसत भाव को 10.75 डॉलर प्रति बुशेल आंका है जो पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 3.05 डॉलर प्रति बुशेल ऊपर है।
भारत में भी गेहूं की पैदावार कमजोर रही
यूएसडीए के मुताबिक 2021-22 में गेहूं का वैश्विक उत्पादन 77.92 करोड़ टन रहा, जो वर्तमान वर्ष 2022-23 में घटकर 76 दशमलव 48 करोड़ टन रहा। वर्ष 2022 टी20 में भारत में गेहूं का उत्पादन 10.85 करोड़ टन रहने का अनुमान है यह अनुमान वर्ष 2020-21 में गेहूं के कुल उत्पादन 10.95 करोड़ टन से कम है। वही इस वर्ष गेहूं का निर्यात अन्य वर्षो की तुलना तुलना में बड़ा है 2020-21 में 35.97 लाख टन निर्यात हुआ था, वहीं इस वर्ष यह निर्यात 70 लाख टन तक पहुंच गया है।
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अलग-अलग देशों में गेहूं की पैदावार यह रही
यूएसडीए ने रूस में 2022-23 में आठ करोड़ टन गेहूं पैदा होने का अनुमान जताया है, कजाकिस्तान में गेहूं का उत्पादन 1.30 करोड़ टन पहुंचने का अनुमान है अमेरिका में 4.70 करोड़ टन, चीन में 13.50 करोड़ टन, यूरोपीय संघ में 13.65 करोड़ टन गेहूं की पैदावार होने का अनुमान है। जबकि वर्ष 2020 2021-22 में रूस में 7.51 करोड़ चीन में 13.69 करोड़ टन यूरोपियन संघ में 13.84 करोड़ टन गेहूं की पैदावार हुई थी।
वैश्विक स्तर पर गेहूं की खपत
वर्ष 2022-23 में गेहूं की कुल वैश्विक खपत 78.75 करोड़ टन रहने की संभावना है, जो वर्ष 2021-22 के दौरान हुई कुल खपत 79.07 करोड़ टन से कम है। वहीं वर्ष 2022 टी20 में गेहूं का वैश्विक अंतिम स्टॉक 26. 70 करोड टन रहने के आसार हैं, जो वर्ष 2021-22 में 27.97 करोड़ टन से कम है। भारत में गेहूं का अंतिम स्टॉक 2022-23 में 1.63 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष यानी कि 2021-22 में कुल स्टाक 2.13 करोड़ टन से कम है।
सोयाबीन की पैदावार कम होने की आसार
Global wheat production 2022 | इधर विश्व स्तर पर सोयाबीन की फसल की पैदावार कम होने के आसार अभी से जताए जा रहे हैं। अमेरिकी कृषि विभाग ने वर्ष 2022-23 के लिए जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत में कुल तिलहन उत्पादन 421.85 लाख टन रहने का अनुमान है। जबकि वर्ष 2021-22 से यह अधिक है। हालांकि वर्ष 2022 में तिलहन उत्पादन में यह बढ़ोतरी का कॉटन सीड, मूंगफली, रेपसीड और सनफ्लावर का उत्पादन बढ़ने से होगी जबकि सोयाबीन का उत्पादन घटने के आसार है।
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