कृषि समाचार

अब सभी एक ब्रांड के होंगे ; किसानों का यह होगा फायदा

Government fertilizer scheme 2022 | केंद्र सरकार ने सभी फ़र्टिलाइज़र एक ही ब्रांड से बेचे जाने का निर्णय लिया है, इससे किसानों का किस प्रकार से फायदा होगा जानिए।

Government fertilizer scheme 2022 | आज के दौर में खेती किसानी के लिए प्रमुख रूप से फर्टिलाइजर की आवश्यकता उर्वरकों की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है। रबी एवं खरीफ दोनों सीजन में उर्वरकों को लेकर किसानों के बीच आपाधापी रहती है। यही कारण है कि किसानों को फायदा दिए जाने को लेकर केंद्र सरकार ने फ़र्टिलाइज़र नीति में बदलाव करते हुए अब एक ही ब्रांड से सभी प्रकार के फर्टिलाइजर बेचे जाने का निर्णय लिया है इस निर्णय से किसानों का किस प्रकार से फायदा होगा एवं इससे किसानों की खाद (fertilizer) को लेकर जो समस्याएं हैं वह हल होगी या नहीं यह जानिए।

एक ही ब्रांड से बिकेंगे सभी प्रकार के फर्टिलाइजर

केंद्र सरकार ने फ़र्टिलाइज़र (Government fertilizer scheme 2022) नीति में बदलाव करते हुए सभी फर्टिलाइजर कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि अब सभी प्रकार के फर्टिलाइजर एक ही ब्रांड से बेचे जाएं। कृषकों को यूरिया, डीएपी, एनपीके, एमओपी जैसे सब्सिडी में मिलने वाले सभी उर्वरक भारत ब्राण्ड के ही मिलेंगे, चाहे वे किसी भी कंपनी के हों। अब देश में सभी उर्वरक भारत के नाम से किसानों को मिलेंगे। ‘एक राष्ट्र एक उर्वरक’ की अवधारणा को मूर्तरूप देते हुए उर्वरक मंत्रालय भारत सरकार ने इसके आदेश सभी कम्पनियों को जारी कर दिये हैं। फर्टिलाइजर सब्सिडी (Government fertilizer scheme 2022)स्कीम अब प्रधानमंत्री भारतीय जनउर्वरक परियोजना (पीएमबीजेपी) के नाम से जानी जाएगी।

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फर्टिलाइजर की नई बोरियों का प्रचलन 2 अक्टूबर से

भारत सरकार के उर्वरक मंत्रालय में संयुक्त सचिव सुश्री नीरजा आदिदाम द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार फर्टिलाइजर (Government fertilizer scheme 2022) की नई बोरियों का प्रचलन 2 अक्टूबर 2022 से प्रारंभ होगा। इसके साथ ही फर्टिलाइजर कम्पनियों को पुरानी बोरियां प्रचलन से हटाने के लिए 31 दिसम्बर 2022 तक का समय दिया गया है। इस योजना के तहत फर्टिलाइजर की नई बोरियों का डिजाइन भी कम्पनियों को भेज दिया गया है। प्रत्येक बोरी पर ब्राण्ड नेम व लोगों के साथ प्रधानमंत्री भारतीय जनउर्वरक परियोजना लिखा रहेगा। साथ ही बोरी के एक तिहाई हिस्से पर कम्पनियों का नाम, लोगो व अन्य जानकारी रहेगी।

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पुरानी बोरियों को खपाने की डेडलाइन तय

उर्वरक मंत्रालय ने सभी कंपनियों से कहा है कि वे 19 सितंबर, 2022 के बाद पुरानी डिजाइन और लोगो वाली बोरियों की खरीद न करें। नए ब्रांड के फर्टिलाइजर दो अक्टूबर 2022 से बाजार (Government fertilizer scheme 2022) में उतारे जाएंगे। कंपनियों को अपनी पुरानी बोरियों को खपाने के लिए 31 दिसंबर 2022 तक का समय दिया गया है।

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सरकार ने उर्वरक नीति में क्यों बदलाव किया

सरकार ने हाल ही में जो फैसला लिया है उसे यह सवाल उठने लगा है उठा की सरकार ने यह निर्णय क्यों लिया एवं इससे किसानों का क्या फायदा होगा। इस संबंध में जानकार बताते हैं कि केंद्र ने उर्वरकों की चोरी और कालाबाजारी रोकने के लिए प्रधानमंत्री जन उर्वरक (Government fertilizer scheme 2022) परियोजना के तहत एक देश-एक फर्टिलाइजर योजना लागू करने का फैसला लिया है।

इससे आगामी रबी सीजन से किसानों को एक जैसी खाद मिलेगी। यह कंपनियों की बजाय भारत ब्रांड नाम से जानी जाएगी। इस योजना के अंतर्गत यूरिया, डीएपी, एमओपी और एनपीके ‘भारत’ ब्रांड के नाम से उपलब्ध होंगे। केंद्र ने यह निर्देश सभी उर्वरक (Government fertilizer scheme 2022) कारखानों, ट्रेडिंग और मार्केटिंग कंपनियों को दिया है।

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किसानों को ऐसे होगा फायदा

केंद्र सरकार की नई फर्टिलाइजर नीति (Government fertilizer scheme 2022)के पश्चात सभी प्रकार के उर्वरक ‘भारत’ ब्रांड के तहत बिकने से फर्टिलाइजर चोरी को घटाने में मदद मिलेगी। खाद की बोरी पर एक साइड के दो तिहाही हिस्से पर नए ब्रांड और लोगो का उल्लेख होगा। बाकी एक तिहाई में कंपनी अपना ब्यौरा और निर्धारित तथ्य प्रिंट करेगी। प्रत्येक बोरी पर प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक योजना छपा रहेगा। इससे चोरी रोकने में मदद मिलेगी। यदि कालाबाजारी होती है तो भी जल्द पकड़ा जा सकेगा। इससे किसानों को खाद की उपलब्धता सही समय पर एवं उचित मूल्य पर हो पाएगी।

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खाद की मात्रा को लेकर भी सरकार लेने वाली है बड़ा फैसला

इधर खाद यानी उर्वरक (fertilizer) की मात्रा को लेकर भी सरकार बड़ा फैसला लेने वाली है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सभी किसानों को समान मात्रा में खाद की उपलब्धता को इसलिए सरकार खाद (Government fertilizer scheme 2022) की मात्रा तय करने वाली है। बताया जा रहा है कि किसानों को आलू, गेहूं और सरसों के लिए एक नियमित मात्रा में खाद मिलेगी, जिससे आगे चलकर इनको इसकी किल्लत नहीं झेलनी पड़ेगी।

वहीं यदि कोई इसकी ब्लैक में बिक्री करता है तो उस पर कड़ी करवाई की जाएगी। कृषि विभाग द्वारा प्रति हेक्टेयर के हिसाब से किसानों को खाद (Government fertilizer scheme 2022) उपलब्ध करवाई जाएगी। बताया जा रहा है कि सरकार यह फैसला खाद की ज़्यादा मात्रा खेत में डालने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होने लगातार बढ़ती शिकायतों के कारण लेने वाली है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरसों के लिए यूरिया (Government fertilizer scheme 2022) कृषि विभाग ने किसानों के लिए 210 किलो यूरिया, 130 किलो डीएपी, 25 किलो जिंक, 40 किलो सल्फर और बोरोन नहीं मिलेगा। इसके अलावा आलू के लिए 307 किलो यूरिया, 326 किलो डीएपी, 25 किलो सल्फर, 30 किलो जिंक और 12 किलो बोरोन उपलब्ध करवाया जाएगा, जबकि गेहूं के लिए 275 किलो यूरिया, 130 किलो डीएपी, 20 किलो सल्फर, 35 किलो जिंक मिलेगा।

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राधेश्याम मालवीय

मैं राधेश्याम मालवीय Choupal Samachar हिंदी ब्लॉग का Founder हूँ, मैं पत्रकार के साथ एक सफल किसान हूँ, मैं Agriculture से जुड़े विषय में ज्ञान और रुचि रखता हूँ। अगर आपको खेती किसानी से जुड़ी जानकारी चाहिए, तो आप यहां बेझिझक पुछ सकते है। हमारा यह मकसद है के इस कृषि ब्लॉग पर आपको अच्छी से अच्छी और नई से नई जानकारी आपको मिले।
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