How to cultivate Coriander Farming : कम समय में धनिया की खेती से ले दोगुना मुनाफा
धनिया की खेती से किस तरह कम समय में दोगुना मुनाफा ले सकते हैं, जानिए धनिए की खेती (How to cultivate Coriander Farming) की संपूर्ण जानकारी
How to cultivate Coriander Farming : प्राचीन काल से ही भारत में मसाले की खेती की जा रही है। जिसमें मसाले के रूप में धनिये का प्रथम स्थान है। इसका उपयोग मुख रूप से सब्जी में किया जाता है। धनिया की खेती मुख्यतः मोरक्को, रूमानिया, फ़्रांस, स्पेन, इटली, हॉलैंड, यूगोस्लाविया, सोवित रूस, भारत व मिस्र आदि देशों में की जाती है। भारत में इसकी खेती मुख्य रूप से राजस्थान, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिल नाडु, बिहार, उत्तर प्रदेश, तथा कर्नाटक में की जाती है। धनिये की हरी पत्ती के लिए इसे भारत के सभी राज्यों में उगाया जाता है। अगर आप धनिये की खेती करके कम समय में अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है।
उन्नत किस्मे (How to cultivate Coriander Farming)
- आर. सी. आर. : इस किस्म का पौधा सीधा, लंबा, गोल व बीज छोटे होते है। तथा या उकठा रोग प्रतिरोधी किस्म है। इसकी औसत लगभग उपज 1200 टन प्रति हेक्टेयर है। धनिया की यह किस्म राजस्थान राज्य के क्षेत्रों में के लिए उपयुक्त है। यह किस्म लगभग 130 से 140 दिन में तैयार हो जाती है। इस किस्म को 1988 में राजस्थान के जोबेनर के आर.ए.यू. राज द्वारा विकसित किया गया था।
- को- 1 : इसके पौधे लम्बे, पत्तियों की अधिकता, बीज व पत्तियों दोनों हेतु उपयुक्त होती है। इसकी औसत उपज लगभग 500 टन प्रति हेक्टेयर होती है। धनिया की यह किस्म तमिलनाडु राज्य के क्षेत्रों में बोई जाती है। यह किस्म लगभग 110 दिन में तैयार हो जाती है। इस किस्म को 1981 में कोयम्बटूर के टी.एन.ए.यू. द्वारा विकसित की गयी है।
- राजेंद्रा स्वाति : इसके पौधे मध्य लम्बाई मिश्रित खेती हेतु उपयुक्त, इससे अधिक वाष्पतेल प्राप्त होता है। यह तना सूजन बीमारी से प्ररोधी किस्म है इसकी औसत उपज लगभग 1200 से 1400 टन प्रति हेक्टेयर तक है। धनिये की यह किस्म बिहार राज्य के क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है। यह किस्म 100 दिन में तैयार हो जाती है। इस किस्म को 1988 में ढोली आर.ए.यू. बिहार में विकसित किया गया।
- साधना : इसके पौधे बारानी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त होते है एवं चैंपा व बरुथी रोगों से प्रतिरोधी होते है। धनिया की यह किस्म आन्ध्र प्रदेश राज्य के क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है। इस किस्म को 1989 में गुंटूर ए. प. ए. यू. द्वारा विकसित किया गया है।
- गुजरात धनिया 1 : धनिया की इस किस्म में बीज बड़ा, शाखाएं अधिक एवं हरे रंग की व पैदावार भी अधिक होती है। यह लगभग 112 दिन में तैयार हो जाती है। इसकी उपज लगभग 1100 टन प्रति हेक्टेयर है। यह किस्म गुजरात राज्य के क्षेत्रों में बोई जाती है। यह किस्म को वर्ष 1974 में विकसित किया गया था।
खेती के लिए उपर्युक्त मिट्टी
How to cultivate Coriander Farming : धनिया की खेती किसी भी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है। क्षारीय एवं बलुई मिट्टी, हल्की मिट्टी इसके लिए उपयुक्त होती है। भूमि का पी. एच. मान तकरीबन 6.5 से 7.5 के बीच उपयुक्त होता है।
खेत की तैयारी
धनिया की अच्छी उपज के लिए हल से या फिर कल्टीवेटर से मिट्टी को अच्छी तरह जुताई कर ले। हर जुताई के बाद पाटा या रोटावेटर चलाकर मिट्टी को भुरभुरी और समतल बना लेना चाहिए। रोटावेटर चलाते समय एक बोरी जिंकटेड सिंगल सुपर फास्फेट फर्टिलाइजर खाद्य या जैविक खाद का इस्तेमाल खेत में डालने के लिए कर सकते हैं फिर खेत में धनिया की बुवाई कर सिंचाई करनी होगी। इसकी खेती में जैविक खाद या रसायनिक खाद का इस्तेमाल कर सकते है।
बुवाई का समय
How to cultivate Coriander Farming : धनिया की खेती किसी भी मौसम में किया जा सकता है। बारिश के मौसम में इसकी बुवाई सितंबर से नवम्बर तक कर सकते है। ठंड में इसकी बुवाई 15 जनवरी से मार्च तक कर सकते है। गर्मी में इसकी बुवाई जुलाई से 15 अप्रैल तक कर सकते है। अगर आपके पास सिंचाई की उपलब्धता है तो इसकी बुवाई 15 अप्रैल से 15 जून तक भी कर सकते है। इसकी अच्छी खेती के लिए किसान खरपतवार नाशक का इस्तेमाल कर सकते है।
प्रश्नों के माध्यम से जानिए धनिया की खेती की पूरी जानकारी :-
प्रश्न : 1 एकड़ धनिए की खेती में कितनी लागत आती है ?
उत्तर- इसकी खेती की लागत मौसम के हिसाब से बदलती रहती है, जैसे कि- ठंड के समय में- 8 से 10 kg,
गर्मी में- 13 से 15 kg,
बरसात में- 11 से 13 kg
किसानों के ऊपर भी निर्भर रहता है कि वह किस हिसाब से बुवाई करते हैं अगर High Density में बुवाई करते हैं तो निश्चित ही बीज की मात्रा 12 kg से ज्यादा लगेगी। हम तीनों मौसम का एवरेज 12 kg मानकर चलते हैं। यानी कि से 1 एकड़ की धनिया की खेती में बीज की मात्रा 12 kg लगेगी। धनिया के एक-एक किलो के 12 सीड्स के पैकेट 4200 रुपए का आएगा।
प्रश्न : 1 एकड़ की खेती से धनिया का कितना उत्पादन होता हैं ?
उत्तर- धनिया का उत्पादन मौसम (How to cultivate Coriander Farming) के हिसाब से घटता और बढ़ता है। ठंड के मौसम में 35 क्विंटल प्रति एकड़, गर्मी में 25 क्विंटल प्रति एकड़ व बरसात में इसका उत्पादन 30 क्विंटल प्रति एकड़ होता है। तीनों सीजन का एवरेज 30 क्विंटल प्रति एकड़ लेते हैं, यानी कि 1 एकड़ की खेती से 30 क्विंटल उत्पादन होता है। अच्छा उत्पादन लेने के लिए धनिए की खेती पेड बनाकर करें।
प्रश्न : क्या धनिया की खेती के साथ अन्य खेती कर सकते हैं ?
उत्तर- धनिए की खेती के साथ अन्य खेती कर सकते हैं विशेष तौर पर अगर धनिए की खेती पेड बनाकर की जाए तो धनिए के अतिरिक्त बीच में अन्य फसल भी बो कर अच्छा उत्पादन ले सकते हैं। जैसे कि गाजर व अन्य फसल बोई जा सकती है।
प्रश्न : 1 एकड़ धनिया की खेती से कितनी आमदनी होती है ?
उत्तर- धनिया की खेती का भाव मौसम के हिसाब से बदलता रहता है। गर्मी और बरसात में 25 से 30 रुपए का अच्छा मंडी भाव मिलता है जबकि ठंड के मौसम में सबसे कम 10 से 15 रुपए का भाव व कभी कभार तो 5 रुपए किलो मंडी भाव मिलता है। हम तीनों मौसम का एवरेज 15 रुपए किलो मानकर चलते हैं। 30 क्विंटल धनिए का मंडी भाव तकरीबन 45000 तक मिलता है।
प्रश्न : 1 एकड़ से कितना मुनाफा होता है ?
उत्तर- मुनाफे की बात (How to cultivate Coriander Farming) की जाए तो प्रति 1 एकड़ से किसान भाई 45000 रुपए तक की कमाई कर सकते हैं। जिसमें बुवाई की लागत तकरीबन 16000 आई थी, तो इस प्रकार से कुल मुनाफा 181 %, यानी 29000 रुपए हुआ।
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