1200 रुपए में नहीं मिलेगी डीएपी खाद की बोरी, जानिए डीएपी की एक बोरी का वास्तविक मूल्य
खरीफ सीजन के लिए डीएपी एवं सुपर रासायनिक खाद ( IFFCO DAP latest rates ) की आवश्यकता रहती है। इनके वर्तमान रेट क्या है जानिए।
IFFCO DAP latest rates | खरीफ सीजन की तैयारी कर रहे किसानों के लिए डीएपी एवं सुपर खाद की अत्यधिक आवश्यकता रहती है। खाद की उपलब्धता सरकार किसानों को सेवा सहकारी संस्थाओं के माध्यम से करवाती है। इसके अलावा खुले बाजार में भी खाद विक्रय होता है। हाल ही में सरकार ने डीएपी खाद पर सब्सिडी बढ़ाई किंतु सब्सिडी बढ़ाने के पश्चात भी खाद पुराने रेट से अधिक दाम पर मिल रही है वर्तमान में डीएपी सहित अन्य उर्वरकों के भाव क्या है यह जानिए।
5 गुना बड सब्सिडी, इस भाव में मिलेगी डीएपी खाद की एक बोरी
खरीफ मौसम के लिए केंद्र सरकार में डीएपी के ( IFFCO DAP latest rates ) की सब्सिडी 5 गुना बढ़ाकर 2501 रुपए कर दी है। लागत बढ़ने के पश्चात सब्सिडी रहित डीएपी खाद की एक बोरी 3851 रुपए की हो गई थी। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के अनुसार 2020-21 में डीएपी के प्रति बोरी पर 512 रुपए की सब्सिडी दी जाती थी। इस समय डीएपी का एमआरपी 1350 रुपए है, जो कि उतनी ही रहेगी। यानी कि डीएपी खाद की एक बोरी 1350 रुपए में ही मिलेगी। सब्सिडी बढ़ाए जाने के पहले डीएपी खाद की एक बोरी 1200 रुपए में मिल रही थी।
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खरीफ सीजन में अन्य उर्वरकों के भाव
केंद्र सरकार ने इस बार NPK आधारित खाद के दामों को स्थिर रखने के लिए कंपनियों को सब्सिडी देने का फैसला किया था। यही कारण है कि इस बार खाद उर्वरकों के दामों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। केंद्र सरकार ने इस खरीफ सीजन के लिए 60939 करोड़ रुपए की सब्सिडी जारी की थी। जो कि इस वर्ष 2022 खरीफ सीजन में लागू की गई है। भारतीय कंपनी इफको ने खरीफ सीजन 2022 के लिए खाद और उर्वरकों की कीमत जारी की है। यह कौन है इफको ने यूरिया 266.50 रुपये प्रति बैग (45 किलो), DAP 1,350 रुपये प्रति बैग (50 किलो), NPK 1,470 रुपये प्रति बैग (50 किलो), MOP 1,700 रुपये प्रति बैग (50 किलो) भाव जारी किए हैं।
डीएपी, यूरिया एवं अन्य उर्वरकों के सब्सिडी रहित रेट
वैश्विक स्तर पर खाद/उर्वरक के निर्माण में काम आने वाले कच्चे माल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। जिसके कारण कई देशों में खाद/उर्वरक के दाम आसमान छू रहे हैं। देश में भी खाद की कीमतों को बढ़ाने का दबाव था। लेकिन सरकार ने इन पर सब्सिडी बढ़ाकर किसानों को एक बड़ी राहत दी है। बिना सब्सिडी के यूरिया- 2,450 रुपये प्रति बैग (45 किलो), DAP 4,073 रुपये प्रति बैग (50 किलो), NPK 3,291 रुपये प्रति बैग (50 किलो), MOP 2,654 रुपये प्रति बैग (50 किलो) मिलता।
सुपर खाद के भाव में बढ़ोतरी हुई
सरकार ने सिंगल सुपर फास्फेट की 50 किलो की एक बोरी किसानों को अब 425 रुपये में मिलेगी। यह वृद्धि पिछले साल की तुलना में ₹151 प्रति बोरी है। सुपर खाद के भाव में वृद्धि का यह फैसला उर्वरक समन्वय समिति की बैठक में हुआ। किसान खरीफ फसलों की बोवनी से पहले खेत को तैयार करने के लिए सुपर फास्फेट (पाउडर) खाद का उपयोग करते हैं। दानेदार खाद का उपयोग अन्य खाद के साथ मिलाकर किया जाता है। पिछले दिनों मध्य प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त शैलेंद्र सिंह की अध्यक्षता में उर्वरक समन्वय समिति की बैठक हुई, जिसमें सिंगल सुपर फास्फेट की दर तय की गई। अब किसानों को सिंगल सुपर फास्फेट पाउडर की बोरी अब 274 रुपये की जगह 425 रुपये (151 रुपये वृद्धि) में मिलेगी। वहीं, दानेदार खाद 304 रुपये की जगह अब 465 (161 रुपये वृद्धि) रुपये में मिलेगी।
70% खाद किसानों को सेवा सहकारी संस्थाओं से मिलेगा
कृषि विभाग एवं सहकारिता विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक मध्य प्रदेश के एक लाख 31 हजार टन खाद किसानों को वितरित किया जा चुका है। अग्रिम भंडारण योजना में किसानों से ब्याज नहीं लिया जाता है। किसानों को 70 प्रतिशत खाद सेवा सहकारी संस्थाओं के माध्यम से उपलब्ध करवाया जाता है। इस बार सरकार की कोशिश यही है कि किसानों को सीजन के समय खाद के लिए परेशान न होना पड़े। दरअसल पिछले वर्ष डीएपी और यूरिया को लेकर आपूर्ति व्यवस्था गड़बड़ा गई थी और सरकार को नकद विक्रय केंद्रों की संख्या बढ़ानी पड़ी थी।
खाद पर सब्सिडी ढाई लाख करोड रुपए तक बढ़ने की संभावना
IFFCO DAP latest rates | चालू वित्त वर्ष 2022-23 में फर्टिलाइजर सब्सिडी ढाई लाख करोड रुपए के स्तर को छू सकती है। वहीं पिछले साल 2021-22 फर्टिलाइजर सब्सिडी 1.62 लाख करोड रुपए थी वही 2013-14 में फर्टिलाइजर सब्सिडी 71 हजार करोड रुपए थी। भारत को 40 से 45% फास्फेटिक फर्टिलाइजर्स आपूर्ति करने के लिए चीन का उत्पादन घटने से निर्यात लगभग ठप हो गया है। वहीं रूस और यूक्रेन युद्ध और ईरान और रूस पर लगे प्रतिबंध के चलते विश्वक स्तर पर फ़र्टिलाइज़र की कीमतों में भारी तेजी है, इसके अतिरिक्त ढुलाई खर्च में भी वृद्धि हुई है, यूरिया का मूल्य साल भर में $380 से बढ़कर $930 प्रति टन पहुंच गया है।
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