किसानों के लिए गुड न्यूज : धान, सोयाबीन, मक्का आदि फसलों का MSP बढ़ेगा, सरकार ने दी मंजूरी
खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (Kharif Crops Minimum Support Price Increase) बढ़ाने की मंजूरी सरकार ने दे दी है।
Kharif Crops Minimum Support Price Increase : किसानों के लिए अच्छी खबर है। केंद्र सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। बुधवार को कैबिनेट की मीटिंग में मोदी ने खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) को बड़ाने की मंजूरी दे दी है। कैबिनेट और सीसीईए (CCEA) की बैठक में यह निर्णय लिया गया। केंद्र सरकार ने यह फैसला बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कुल 14 फसलों पर समर्थन मूल्य बढ़ाने को मंजूरी दी है। सरकार के इस फैसले का सीधा फायदा देश के 12 करोड़ किसानों को मिलेगा।
न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) बढ़ाए जाने के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि आजादी के बाद से ही किसानों को लागत के अनुसार आय नहीं हो रही थी। मोदी सरकार ने किसानों की समस्या को समझा और किसानों की आय 2022 दोगुनी करने की बात कही। सीएसीपी (CACP) द्वारा खरीफ फसलों का लागत मूल्य निकाला गया जिसके आधार पर सरकार ने इनके समर्थन मूल्य में इजाफा किया है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य 20% तक बढ़ेगा
खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य(Minimum Support Price) बड़ाने के बाद साल 2022-23 के लिए खरीफ की फसलों जैसे धान, सोयाबीन, मक्का आदि फसलों का MSP बढ़ जाएगा और किसानों को अपनी फसल की ज्यादा कीमत मिलेगी। हालांकि बताया जा रहा है कि सरकार खरीफ फसलों की MSP में 5 से 20% तक की बढ़ोतरी कर सकती है। अभी फिलहाल 2021-22 के लिए धान का एमएसपी 1940 रुपये प्रति क्विंटल है।
धान, ज्वार, बाजरा और रागी की MSP बढ़ी
सरकार ने धान की फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 200 रुपये प्रति क्विटल का इजाफा किया गया है। फिलहाल धान की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) 1550 रुपये प्रति क्विंटल है। मोटे अनाज मसलन ज्वार, बाजरा और रागी के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 900 रुपये प्रति क्विंटल तक की वृद्धि की है। वहीं दालों में मूंग की MSP में प्रति क्विंटल 300 रुपये का इजाफा किया गया है। जबकि तुअर दाल की MSP में प्रति क्विंटल 225 रुपये की बढ़ोतरी की गई है।
बजट 2018 के अनुसार मोदी सरकार ने किसानों को उनकी फसल की लागत से डेढ़ गुना ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) देने का वादा किया था। एमएसपी की घोषणा आमतौर पर फसलों की बुआई से पहले की जाती है ताकि किसान उनके मनमुताबिक फसलों की खेती करने के लिए चयनित कर सके। खरीफ फसलों की बुआई देश में दक्षिण पश्चिम मानसून की शुरुआत के साथ होती है।
Cabinet approves MSPs for Kharif Marketing Season 2022-23: Union Minister Anurag Thakur pic.twitter.com/SIaZgb8EBF
— ANI (@ANI) June 8, 2022
MSP बढ़ा कर डेढ़ गुना की
कृषि लागत व मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों के आधार पर तैयार कैबिनेट नोट पिछले एक महीने से अधिक समय से विचाराधीन है। हाल ही में सरकार ने आम बजट में ही फसलों के एमएसपी बढ़ाकर डेढ़ गुना करने का ऐलान किया था। प्रधानमंत्री ने पिछले सप्ताह ही गन्ना किसानों से मुलाकात में इस हफ्ते की कैबिनेट में MSP बड़ाने की बात कही थी। सूत्रों के मुताबिक MSP का निर्धारण ए-2+एफएल के फॉर्मूले पर किया गया है। फसल की लागत का आकलन के बाद उसमें 50 फीसद लाभ मार्जिन जोड़ा जाएगा। न्यूनतम समर्थन मूल्य में होने वाली वृद्धि के बाद के प्रभावों का आकलन करने के लिए यह बैठक बुलाई गई थी।
क्या है न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price)
Kharif Crops Minimum Support Price Increase : न्यूनतम समर्थन मूल्य सरकार द्वारा चलाई जा रही एक योजना है। जिसके द्वारा फसलों को न्यूनतम कीमत पर भारत सरकार द्वारा खरीदा जाता है। इस मूल्य को न्यूनतम समर्थन मूल्य कहा जाता है। केंद्र सरकार द्वारा अभी तक 14 फसलों पर समर्थन मूल्य बढ़ाने को मंजूरी दी है।
इसका उद्देश्य– समर्थन मूल्य किसानों को अपनी फसल का सही दाम दिलवाने के उद्देश्य से आरंभ की गई है। जिसके द्वारा फसलों की एक न्यूनतम लागत तय कर दी जाती है। जिस मूल्य से नीचे फसल को नहीं खरीदा जा सकता। इस योजना के माध्यम से किसान सशक्त एवं आत्मनिर्भर भी बनेंगे। न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना किसानों के जीवन स्तर को सुधारने में भी कारगर साबित होगी।
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