सिर्फ ₹10 में तत्काल खसरा खतौनी और आनलाइन जमीन की पावती मिलेगी, किसानों को यह करना पड़ेगा
मध्य प्रदेश (Khasra - Khatauni / Jameen ki Pavti) सरकार द्वारा किसानों के लिए चलाई जा रही तत्काल खसरा खतौनी एवं ऑनलाइन जमीन की पावती मिलने वाली योजना के बारे में जानिए।
Khasra – Khatauni / Jameen ki Pavti | मध्य प्रदेश सरकार किसानों के लिए कई योजनाएं चला रही है। इन योजनाओं से किसानों का अच्छा फायदा हो रहा है। सरकार ने किसानों के लिए अब ऑनलाइन खसरा खतौनी एवं जमीन की पावती दिए जाने की योजना शुरू की है जमीन का खसरा खतौनी मात्र ₹10 के शुल्क में किसानों को तत्काल मिलेगा।
सरकार की योजना है कि अब किसानों को उनके मोबाइल पर खसरा-खतौनी सहित अन्य राजस्व रिकॉर्ड की कॉपी उपलब्ध कराई जाएं।
राजस्व विभाग ने किया (Khasra – Khatauni / Jameen ki Pavti) नियमों में बदलाव
कृषकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए राजस्व विभाग ई-तकनीक को बढ़ावा दे रहा है, ताकि किसानों एवं आमजन को तहसील एवं पटवारी के चक्कर न लगाने पड़ें। वर्षों पूर्व आम जनता और किसानों को अपने खाते की नकल पाना कठिन कार्य था। जनता की परेशानी को ध्यान में रखते हुए राजस्व विभाग के नियमों में बदलाव कर जनता की सुविधा से जुड़े अभिनव प्रयोग किए जा रहे हैं।
राजस्व विभाग द्वारा कृषकों से अपील की गई है कि सुविधाजनक रूप से किए गए बदलाव का ई-तकनीक के माध्यम से लाभ उठाएं और परेशानी से बचें। सरकार द्वारा किसानों और अन्य व्यक्तियों को उनके खाते की खसरा, बी-1 एवं ऋण-पुस्तिका की प्रति वाट्सएप पर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है।
रिकॉर्ड प्राप्ति के लिए यहां करना होगा फोन
खसरा खतौनी के लिए किसानों (Khasra – Khatauni / Jameen ki Pavti) को सीएम जनसेवा 181 पर मोबाइल से फोन कर दस्तावेज की मांग करनी होगी। इसके लिए दस रुपए के हिसाब से प्रति कॉपी शुल्क ऑनलाइन जमा करना होगा। इस कॉपी का उतना ही महत्व होगा जितना कि तहसील से निकलवाए गए राजस्व रिकॉर्ड सत्यापित कापी का होता है। इस संबंध में राजस्व विभाग ने सभी अधिकारियों को निर्देश भी जारी कर दिए हैं।
किसान कियोस्क सेंटर से भी ले सकते हैं नकल
- Khasra – Khatauni / Jameen ki Pavti | प्रदेश सरकार ने यह काम भोपाल ई-गवर्नेंस लिमिटेड को दिया है। आइटी सेंटर और लोक सेवा प्रबंधन विभाग ने इसके लिए जन सेवा केन्द्र और एमपी ऑनलाइन कियोस्क सेंटरों को सेवा प्रदाता के लिए अधिकृत किया है। लोगों को 181 पर फोन कर बताना होगा कि उन्हें फलां खसरा नम्बर की कॉपी चाहिए या बी-1 की नकल चाहिए।
- ऑनलाइन भुगतान के संबंध में दस्तावेज की जानकारी भी देनी होगी। नक्शे की भी नकल उपलब्ध कराई जाएगी। सारी जानकारी देने के बाद किसान को मोबाइल पर जानकारी उपलब्ध करा दी जाएगी।
- हार्ड कॉपी निकलवाने किसानों को एमपी ऑनलाइन या जनसेवा केंद्र जाना होगा। हालांकि सॉफ्ट कॉपी (Khasra – Khatauni / Jameen ki Pavti) भी वे दिखाकर अपना काम कर सकेंगे। बताया जाता है कि जिला और संभाग स्तर पर राजस्व से जुड़ी जानकारियों को लोगों तक पहुंचाने के लिए जिले के आइटी अधिकारियों को अधिकृत किया है, जो एमपी ऑनलाइन और जनसेवा केन्द्रों को एक हफ्ते के अंदर ये रिकॉर्ड इन सेंटर्स को उपलब्ध कराने का काम करेंगे।
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आनलाइन मिलेगी जमीन की पावती
- किसानों और भूमि स्वामियों को अपनी भू-अधिकार ऋण पुस्तिका प्राप्त करने के लिए तहसील कार्यालय और पटवारियों के बहुत चक्कर लगाने पड़ते थे। यहां तक कि इसके लिए पटवारियों (Khasra – Khatauni / Jameen ki Pavti) को रिश्वत भी देना पड़ती थी, लेकिन अब ऋण पुस्तिका के लिए किसानों को पटवारी के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
- आम जनता की सुविधा के लिए अब भू-अधिकार ऋण पुस्तिका यानी की जमीन की पावती को आनलाइन कर दिया गया है। कोई भी व्यक्ति अपनी भू-अधिकार ऋण पुस्तिका को नजदीकी कियोस्क सेंटर अथवा कामन सर्विस सेंटर या स्वयं के एंड्रायड मोबाइल से निर्धारित शुल्क 10 रुपये अदा कर ले सकता है।
भूमि की खरीदी-बिक्री भी भू-अभिलेख पोर्टल से जुड़ी
Khasra – Khatauni / Jameen ki Pavti | आम जनता की सुविधा के लिए प्रदेश में भूमि क्रय-विक्रय (रजिस्ट्री) को भी भू-अभिलेख पोर्टल के इंटीग्रेशन से सरल बनाया गया है। संपदा पोर्टल और रेवेन्यू केस मैनेजमेंट पोर्टल को जोड़ा गया है।
जनता को रजिस्ट्री के समय भूमि का सत्यापन किए जाने की सुविधा दी गई है एवं उसी समय नामांतरण के लिए प्रकरण दर्ज कर लिया जाता है। संपदा पोर्टल पर रजिस्ट्री होते ही रेवेन्यू केस मैनेजमेंट पोर्टल पर नामांतरण स्वतः दर्ज हो जाता है एवं पेशी की तारीख भी तय हो जाती है।
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