समर्थन मूल्य खरीदी पर गेहूं की खरीदी एक बीघा के लिए अधिकतम उपज की मात्रा निर्धारित, उपज विक्रय के अन्य नियम भी जानिए
मध्यप्रदेश में गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए इस वर्ष कई नए नियम बनाए गए हैं प्रति बीघा फसल उपज (Limit fixed for sale of wheat on support price) की मात्रा भी निर्धारित की गई है। शासन के अन्य नियम क्या है, जानिए
Limit fixed for sale of wheat on support price- मध्य पदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी का कार्य 25 मार्च से शुरू होगा। समर्थन मूल्य पर खरीदी को लेकर तमाम तैयारियां जोर शोर से की जा रही है। इस बीच कई नियम इस वर्ष नए बनाए गए हैं, गेहूं की खरीदी के लिए एक बिघा पर अधिकतम उपज की मात्रा शासन द्वारा निर्धारित कर दी गई है। उपज की तय मात्रा से अधिक गेहूं किसान से शासन नहीं खरीदेगा।
यह लिमिट तय की है सरकार ने-Limit fixed for sale of wheat on support price
एक बीघा जमीन के पंजीयन पर अधिकतम फसल बेचने की भी लिमिट तय है। किसान ने अगर एक बीघा जमीन का पंजीयन कराया है, तो वह अधिकतम 10 क्विंटल उपज ही बेच सकता है। उससे ज्यादा उपज एक बीघा पर नहीं खरीदी जाएगी। (सरकार इस सीमा को बढ़ा भी सकती है। अभी यह लिमिट 10 क्विंटल ही तय है।)
समर्थन मूल्य यह है
शासन की ओर से 1 क्विंटल गेहूं का समर्थन मूल्य 1937 रुपए है। इसी कीमत पर उस वर्ष सरकार गेहूं की खरीदी करेगी। (सरकार यदि आगामी भविष्य में इसे बदलती है, तो फिर उसी मूल्य पर खरीदी होगी।)
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फसल बेचते समय यह नियम रहेगा
अभी तक जिस किसान ने जिस नाम से रजिस्ट्रेशन कराया है, उसे फसल बेचते समय खुद मौजूदा रहना जरूरी था। इस बार शासन ने इसमें बदलाव किया है। फसल बेचने के लिए किसान अपने प्रतिनिधि के तौर पर पिता/पुत्र/पति/भाई को अधिकृत कर सकता है। हालांकि इसमें यह निर्धारण रहेगा कि जिस समय पंजीयन के दौरान पंजीयनकर्ता किसान ने जिसकी जानकारी दी वहीं उपस्थित रह पाएगा। फसल बेचते समय उसकी जगह इनमें से कोई भी मौजूद रह सकता है।
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उपार्जन केंद्र पर नोडल अधिकारी तैनात रहेंगे
प्रदेश में 25 मार्च से गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद प्रारंभ होगी। इसमें पात्र किसानों से गुणवत्तायुक्त उपज की खरीद सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक उपार्जन केंद्र पर दो-दो नोडल अधिकारी तैनात किए जाएंगे। फर्जी विक्रय को रोकने के लिए केंद्र प्रभारी और विक्रेता के बीच ये अधिकारी जांचकर्ता के तौर पर रहेंगे।
इनका काम किसान से ऋण पुस्तिका या खाते की नकल की छायाप्रति प्राप्त करना, आधार कार्ड और पंजीयन संबंधी दस्तावेज लेकर जांच करना होगा। इसके बाद गुणवत्ता देखी जाएगी। यदि यह उचित होगी तो विक्रय प्राधिकार जारी किया जाएगा, जो खरीदी केंद्र प्रभारी सुरक्षित रखेंगे। पोर्टल पर इसके बिना कोई भी जानकारी दर्ज नहीं की जाएगी। प्रतिदिन तौल पर्ची किसान को दी जाएगी।
मंडी से जानकारी ली जाएगी
Limit fixed for sale of wheat on support price-नोडल अधिकारी प्रतिदिन मंडी में अनाज बेचने वाले किसानों की जानकारी प्राप्त करके उपार्जन केंद्र पर विक्रय करने वाले किसानों की विक्रय पात्रता का परीक्षण करेंगे। उपज की गुणवत्ता की जांच भी नोडल अधिकारी करेंगे। यह किसान से ऋण पुस्तिका या खाते की नकल, आधार कार्ड और शासकीय खरीद केंद्र पर विक्रय के पंजीयन संबंधी दस्तावेज भी लेंगे।
इसके आधार पर मंडी में प्रतिदिन उपज बेचने वाले किसानों की जानकारी कंप्यूटर में दर्ज की जाएगी। यदि किसान ने पात्रता अनुसार उपज मंडी में बेच दी है तो उसकी पात्रता उपार्जन केंद्र में उतनी कम की जा सकेगी क्योंकि पंजीयन के समय क्षेत्र, संभावित उत्पादन सहित अन्य जानकारियां ली गई हैं।
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