शीतलहर की आहट ; फसलों को पाले से बचाव के उपाय, अपनाएं यह तरीका मिलेगी बढ़िया पैदावार
किसानों को शीतलहर (Measures to protect crops from frost) यानी पाले से रबी फसलों को बचाना आवश्यक हो जाता है, कृषि विशेषज्ञों से जानें शीतलहर से फसल बचाव के तरीके..
Measures to protect crops from frost | इस समय पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। शीतलहर के बढ़ने से फसलों पर भी संकट के बादल छाने लगे है। बता दे की, बढ़ती ठंड से रबी फसल चौपट हो सकती है जिसके चलते कृषि विशेषज्ञों ने शीतलहर से फसलों की बचाव (Measures to protect crops from frost) के लिए कई तरह के सुझाव दिए हैं, तो आइए जानें पाले से फसलों के बचाव के विभिन्न तरीके, जिनसे पैदावार बढ़िया मिलने की संभावना है..
सब्जियों को पाले से ऐसे बचाए (Measures to protect crops from frost)
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के विशेषज्ञों ने सर्दियों की सब्जियों को पाले से होने वाले नुकसान से बचाने की सलाह सब्जी उत्पादकों को दी है। विशेषज्ञों की मानें तो पौधों की सतह का तापमान ठंड से नीचे गिर सकता है, क्योंकि हवा का तापमान ठंड के करीब पहुंच जाता है। इससे बर्फ के क्रिस्टल उसी तरह बनते हैं जैसे गर्म रातों में ओस बनती है।
पीएयू के कुलपति डॉ. सतबीर सिंह गोसाल के अनुसार, पाला गिरना (Measures to protect crops from frost) एक अजैविक कारक है। इससे सब्जी उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने दावा किया कि गर्मी में उगाए जाने वाली सब्जी- जैसे ककड़ी, टमाटर, मिर्च और बैंगन के साथ-साथ आलू पर भी पाले का प्रभाव पड़ता है।
भले ही वे अक्टूबर या नवंबर में बोई जाती हैं। उनकी मानें तो सर्दी में उगाई जाने वाली गोभी, फूलगोभी, प्याज और लहसुन जैसी सब्जियां (Measures to protect crops from frost) महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित नहीं होती हैं। ऐसे में डॉ. गोसाल ने किसानों से उपज और बाजार मूल्य बढ़ाने के लिए पीएयू द्वारा अनुशंसित तकनीकों का उपयोग करने का आग्रह किया।
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फसलों के बचाव के तरीके
वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. तरसेम सिंह ढिल्लों के अनुसार, प्लास्टिक मल्च के उपयोग से फसल उत्पादन (Measures to protect crops from frost) पर कई सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक मल्च के उपयोग से पाले से होने वाली क्षति से सुरक्षा, मिट्टी के तापमान में वृद्धि, मिट्टी की नमी का संरक्षण और कीट व रोगों से भी पोधों का बचाव होता है।
पाले से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए प्लांट कवर एक बेहतरीन उपकरण हैं। यह रात में हवा में संवहन संबंधी गर्मी के नुकसान को कम करता है और लंबी तरंग विकिरण को बढ़ाता है।
वरिष्ठ ओलेरिकल्चरिस्ट डॉ. कुलबीर सिंह की मानें तो उत्पादकों ने लो टनल तकनीक (Measures to protect crops from frost) को प्राथमिकता देनी चाहए। ये लचीली, पारदर्शी सामग्री से बने होते हैं और पौधों की पंक्तियों को घेरने के लिए उनके चारों ओर हवा को गर्म करने और पौधों के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
यह विधि, जो सामान्य मौसम की तुलना में लगभग एक महीने तक फसल को आगे बढ़ाती है। ऐसे में इसका उपयोग बढ़ते मौसम में गर्मियों (Measures to protect crops from frost) की सब्जियों की फसलों को जल्दी उगाने के लिए किया जाता है। वहीं, दिसंबर से फरवरी के बीच मुख्य रूप से लो टनल तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है।
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