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गेहूं की फसलें माहू रोग से हो रही पीली, कृषि विभाग ने दी यह दवाई छिड़कने की सलाह

गेंहू की फसल में अब माहू रोग (Medicine for aphids in wheat crop) के लक्षण नजर आने लगे है। जिसके कारण फसलें पीली पड़ती दिख रही है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने इसके लिए यह दवाई छिड़काव की सलाह दी है..

Medicine for aphids in wheat crop | बदलते मौसम के कारण गेंहू की फसलों में जड़ में माहू कीटव्याधी की समस्या सामने आ रही हैं। इंदौर जिले के कई हेक्टेयर फसल में इसकी समस्या सामने आने के बाद कृषि विभाग की टीम ने खेतों का निरीक्षण किया था। किसानों को इस बीमारी से बचाने की सलाह देने के लिए अधिकारियों की टीम ग्राम स्तर पर अभियान भी चला रही है।

बता दे की, पिछले दो सालो से किसानों के बीच किटव्याधी की समस्या आने लगी है। इससे पहले यह समस्या चना, सोयाबीन एवं अन्य फसलों (Medicine for aphids in wheat crop) में देखी जाती थी। बदलते दौर में किसानों को अब सजग रहने की जरूरत है। इन कीट एवं रोग के लिए कौन सी दवाई का छिड़काव करना चाहिए, जानें कृषि विशेषज्ञों से….

गेहूं की फसल में जड़ माहू कीट की समस्या दिखी

कृषि विभाग की सलाह है कि गेहूं की फसल में जड़ माहू (Medicine for aphids in wheat crop) कीटव्याधी की समस्या देखनों को मिल रही है। इसको देखते हुए कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा इंदौर जिले के ग्रामों का भ्रमण कर गेहूं की फसलों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को गेहूं की फसल में जड़ माहू कीट की समस्या सामने आई। कृषि विभाग के संचालक शिवसिंह राजपूत ने बताया कि कीटव्याधी की समस्या सामने आई है।

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जड़ माहू कीट के लक्षण

जड़ माहू कीट से गेहूं की फसल में पीलापन (Medicine for aphids in wheat crop) आता हैं और पत्तियां ऊपर से नीचे की ओर सूखने लगती ह एवं पौधा सूख जाता है। अपनी प्रारंभिक अवस्था में यह कीट छोटे-छोटे पेच में दिखाई देता है, जो कुछ ही दिनों में पूरे खेत में फैल जाता है। जड़ माहू कीट हल्के पीले एवं काले रंग का होता है, जिसका जीवन चक्र 7 से 10 दिन का होता है।

इन दवाओं के छिड़काव की सलाह

फसलों को कीट से बचाव के लिए किसानो को सलाह (Medicine for aphids in wheat crop) कृषि विभाग ने खेत की सतत् निगरानी करते रहने की सलाह दी हैं। कीट की समस्या पाये जाने पर एसिटामाप्रिड 20 प्रतिशत एसपी 60 ग्राम प्रति एकड़ या इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एसएल की 50 एमएल मात्रा प्रति एकड़ छिड़काव कर सकते हैं।

थायोमेथाक्सॉम 25 प्रतिशत डबल्यूजी (Medicine for aphids in wheat crop) की 50 ग्राम मात्रा प्रति एकड़ के साथ एनपीके 19.19.19 एक किलोग्राम प्रति एकड़ का 150-200 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव किया जा सकता हैं।

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राधेश्याम मालवीय

मैं राधेश्याम मालवीय Choupal Samachar हिंदी ब्लॉग का Founder हूँ, मैं पत्रकार के साथ एक सफल किसान हूँ, मैं Agriculture से जुड़े विषय में ज्ञान और रुचि रखता हूँ। अगर आपको खेती किसानी से जुड़ी जानकारी चाहिए, तो आप यहां बेझिझक पुछ सकते है। हमारा यह मकसद है के इस कृषि ब्लॉग पर आपको अच्छी से अच्छी और नई से नई जानकारी आपको मिले।
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