Modern Farming se bna Karodpati : आठवीं पास किसान बना करोड़पति, जानिए कैसे
आठवीं पास किसान मॉडर्न फार्मिंग कि खेती से किसान बना करोड़पति (Modern Farming se bna Karodpati), 22 से ज्यादा देशों के लोग आ चुके हैं तकनीक सीखने
Modern Farming se bna Karodpati : 8वीं पास किसान आज मॉडर्न फार्मिंग के क्षेत्र का बड़ा नाम बनाया है। राजस्थान, गांव का एक साधारण किसान बना करोड़पति। पहले ही साल 67 टन खीरे का प्रोडक्शन हुआ और बंपर कमाई हुई। लेकिन मॉडर्न फार्मिंग का उन्हें कृषि वैज्ञानिकों जैसी नॉलेज है। किसान इस खेती से 60 लाख रुपए साल का कमा रहा है। इस किसान के पास देश-प्रदेश के लोग मॉडर्न फार्मिंग को सीखने आते हैं।
खेती से किसान (Modern Farming se bna Karodpati) बना करोड़पति
गांव का एक साधारण सा 8वीं पास किसान आज मॉडर्न फार्मिंग के क्षेत्र का बड़ा नाम बन चुका है। 10 साल पहले की गई पहल से खेती करके यह किसान आज करोड़पति बन चुका है। जिस खेती को लोग घाटे का सौदा मानते थे किसान रामनारायण थाकण ने उसे बड़े मुनाफे का सौदा बना दिया है।
आज उनके मॉडर्न फार्मिंग को देखने देश-प्रदेश से लोग आते हैं। जयपुर जिले की झोटवाड़ा पंचायत समिति के बसेड़ी गांव में यह फार्म एग्रो टूरिज्म का सेंटर बन चुका है। साल 2013 में रामनारायण ने सरकारी सब्सिडी से दो पॉली हाउस लगाए। उन्हें इसका आइडिया कृषि विभाग की प्रदर्शनी देखकर आया। उस वक्त पॉली हाउस लगाने वाले इस क्षेत्र के वे पहले किसान थे।
पहले ही साल 67 टन खीरे का प्रोडक्शन
रामनारायण ने खीरे की खेती में पहले ही साल 67 टन खीरे का प्रोडक्शन हुआ और बंपर कमाई हुई। इसके बाद रामनारायण ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इजराइली तकनीक से पॉली हाउस में खीरे की खेती को और बढ़ाना शुरू किया। हर साल एक पॉली हाउस लगाते गए। जिसमें वे ताइवानी खीरा उगाते हैं। खीरे की स्थानीय बाजार में अच्छी मांग है।
कई देशों के लोग आ चुके हैं तकनीक सीखने
गांव का एक साधारण सा 8वीं पास किसान आज मॉडर्न फार्मिंग (Modern Farming se bna Karodpati) के क्षेत्र का बड़ा नाम बन चुका है। 10 साल पहले की गई पहल से खेती करके यह किसान आज करोड़पति बन चुका है। जिस खेती को लोग घाटे का सौदा मानते थे किसान रामनारायण थाकण ने उसे बड़े मुनाफे का सौदा बना दिया है। आज उनके मॉडर्न फार्म को देखने देश-प्रदेश से लोग आते हैं। जयपुर जिले की झोटवाड़ा पंचायत समिति के बसेड़ी गांव में यह फार्म एग्रो टूरिज्म का सेंटर बन चुका है। रामनारायण के इस मॉडर्न फार्म को देखने के लिए 3 महीने पहले 22 से ज्यादा देशों के लोग आ चुके हैं तकनीक सीखने, हर साल 60 लाख की इनकम।
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पॉली हाउस में खीरे की खेती
साल 2013 में रामनारायण ने सरकारी सब्सिडी (Modern Farming se bna Karodpati) से दो पॉली हाउस लगाए। उन्हें इसका आइडिया कृषि विभाग की प्रदर्शनी देखकर आया। उस वक्त पॉली हाउस लगाने वाले इस क्षेत्र के वे पहले किसान थे। पहले ही साल 67 टन खीरे का प्रोडक्शन हुआ और बंपर कमाई भी। इसके बाद रामनारायण ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इजराइली तकनीक से पॉली हाउस में खीरे की खेती को और बढ़ाना शुरू किया। हर साल एक पॉली हाउस लगाते गए। जिसमें वे ताइवानी खीरा उगाते हैं। खीरे की स्थानीय बाजार में अच्छी मांग है।
किसान के पास कृषि वैज्ञानिकों जैसी नॉलेज
रामनारायण 8वीं तक ही पढ़े लिखे हैं, लेकिन मॉडर्न फार्मिंग (Modern Farming se bna Karodpati) का उन्हें कृषि वैज्ञानिकों जैसी नॉलेज है। पॉली हाउस में क्रॉप मैनेजमेंट से लेकर मार्केटिंग तक का पूरा काम खुद संभालते हैं। फार्म पर रोज दूरा-दराज के किसान, एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स आकर उनसे पॉली हाउस में खेती करने और मुनाफा कमाने के गुर सीखते हैं। रामनारायण की पत्नी भी खेती के काम में उनका हाथ बंटाती हैं। उनका एक बेटा बिजनेस की पढ़ाई कर रहा है, लेकिन साथ-साथ खेती की तकनीक भी सीख रहा है।
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खेती में पानी का मैनेजमेंट
रामनारायण ने पॉली हाउस में सिंचाई के लिए पानी का मैनेजमेंट भी बहुत खास ढंग से किया है। पॉली हाउस के पास दो बड़े फार्म पोंड बना रखे हैं। 4-4 हजार वर्ग गज के छह पॉली हाउस की छत कैचमेंट एरिया का काम करती है। पॉली हाउस पॉली हाउस की छत पर गिरा पानी सीधे फार्म पोंड में इकट्ठा होता है, यह पानी सिंचाई में काम आता है। पॉली हाउस में ड्रिप इरिगेशन से सिंचाई होती है।
स्पेशल तकनीक का इस्तेमाल
Modern Farming se bna Karodpati : रामनारायण ने पॉली हाउस में ग्रीन हाउस एनर्जी के तत्व के इस्तेमाल से खेती की। उसके फार्म पर बड़े सोलर पैनल लगे हैं। सोलर पैनल से बिजली की जरूरतें पूरी हो जाती हैं। पॉली हाउस में टेंपरेचर कंट्रोल करने से लेकर ड्रिप इरिगेशन में काफी बिजली खर्च होती है। इसकी सप्लाई दिन में सोलर एनर्जी से हो जाती है। सोलर पैनल से बिजली का एक बड़ा खर्च बच जाता है।
मॉडल को सफल होता देख बाकी किसानों ने भी रामनारायण की तरह पॉली हाउस लगाकर उन्नत खेती शुरू की है। रामनारायण के खेत में खुद के 6 पॉली हाउस है। जबकि उनके परिवार में ही चाचा-ताऊ और अन्य भाइयों को मिलाकर 22 पॉली हाउस हैं। रामनारायण की तकनीक का फायदा ये है कि आज उनसे सीखकर कई किसान खेती से मुनाफा कमा रहे हैं।
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