गर्मियों में करें मूंग की खेती- लाभ के साथ-साथ मिट्टी की गुणवत्ता में भी सुधार होगा
गेहूं की फसल कटाई फरवरी माह से शुरू हो जाती है, जो अप्रैल तक चलती है। इसके बाद गर्मियों में मूंग की खेती (Moong cultivation in summer) करने से लाभ के साथ-साथ मिट्टी की गुणवत्ता में भी सुधार हो सकता है। गर्मियों में कैसे करें मूंग की खेती जानिए।
Moong cultivation in summer – इस खेती की अवधि 70 से 80 दिन मात्र ही होती है। और कम अवधि होने से उत्पादन लागत कम होने के साथ किट व्याधि व जानवरों से नुकसान की संभावना भी कम हो जाती है और भरपूर उत्पादन मिलता है। मूंग की खेती की तैयारी से लेकर रोग प्रबंधन के संबंध में विस्तार पूर्वक जानिए।
Moong cultivation in summer | गर्मियों में करें मूंग की खेती; खेत की तैयारी
उनकी खेती के लिए खेत में जमाव हेतु नमी सुनिश्चित करने के लिए पलेवा के बाद ओट आने पर कल्टीवेटर डिस्क हैरो से जुताई कर के खेत को भुरभुरा, समतल व खरपतवार रहित कर देते हैं।
प्रजातियों का चुनाव:- उत्पादन तकनीक का सर्वाधिक महत्वपूर्ण विषय उपयुक्त प्रजातियों का चयन करना है क्योंकि अनुशंसित प्रजातियों के बोने का प्रभाव तुरंत एवं विश्वविद्यालय (Moong cultivation in summer) के अथक एवं समन्वित प्रयासों से जायल में पूर्वोत्तर मैदानी क्षेत्र हेतु प्रजातियों जैसे नेहा, सम्राट, पुसा विशाल, एसयूएम 1, नरेंद्र मूंग व उर्दू हेतु उत्तरा, आजाद उर्दू 1, 2 पंत उर्द और 35,19 नरेंद्र उर्द आदि विकसित किये है।
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बुवाई का समय
जायद दलहन उत्पादन बढ़ाने में बुवाई के समय का बहुत महत्व है। यदि बुवाई समय पर की जाए तो न केवल पैदावार अधिक होती है। बल्कि रोग (Moong cultivation in summer) और कीटों की संभावना भी कम हो जाती है। फलियां पकत्ते समय वर्षा का होना काफी नुकसानदायक होता है। उर्दू की बुवाई मार्च के प्रथम सप्ताह तक करना लाभदायक होता है तो वही मुंग को मार्च के प्रथम सप्ताह से लेकर अप्रैल के प्रथम सप्ताह तक की जानी चाहिए।
बुवाई की विधि:- बुवाई सदैव लाइन (Moong cultivation in summer) से होनी चाहिए इसके लिए मल्टीक्रॉप सीड ड्रिल या देशी हल का प्रयोग करना चाहिए। लाइन से लाइन की दूरी 25 सेंमी तथा पौधे से पौधे की दूरी 10 सेंमी रखना लाभदायक पाया गया है।
बीज शोधन:- दलहन बीजों को बीज जनित रोगों से बचाने के लिए गोमूत्र में शोधित कर लेना चाहिए। इस प्रक्रिया को राइजोबियम कल्चर से उपचार करने के 2-3 दिन पूर्व कर लेना चाहिए।
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बीजोपचार
राइजोबियम कल्चर का एक पैकेट 250 ग्राम 10 किलो बीज के लिए पर्याप्त होता है। इसके लिए आधा लीटर (Moong cultivation in summer) पानी में 50 करोड घोलघर उसमें एक पैकेट कल्चर मिला दिया जाता है। अब इसे 10 किग्रा बीज पर डालकर अच्छी तरह से मिला ले जिससे सभी बीज पर कल्चर काले उसी प्रकार से चिपक जाए। उपचार इन बीजों को दो-तीन घंटे छाया में सुखा कर तुरंत बुवाई करें जिससे पैदावार में 10-15 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
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उर्वरक प्रयोग
उर्वरक प्रयोग मृदा परीक्षण के अनुसार करना चाहिए जायद दलहन 60 किलोग्राम गोबर (Moong cultivation in summer) की खाद ट्राईकोडरमा के साथ में मिलाकर बुवाई के 10 दिन पहले करना चाहिए। 2 किलोग्राम नीम की खली और अरंडी की खली मिलाकर बुवाई के साथ कुडो में बीज से 2-3 सेंटीमीटर नीचे देना चाहिए। 200 किलोग्राम जिप्सम के अतिरिक्त प्रयोग से कैल्शियम व गंधक के प्रति हो जाती है। तथा पैदावार में बढ़ोतरी होती है।
सिंचाई
जावेद आलम में कुल तीन से चार सिंचाईयो की आवश्यकता पड़ती है। प्रथम बुवाई (Moong cultivation in summer) के 20-25 दिन के बाद करनी चाहिएं, जल्दी कर देने पर जमाव व राइजोबियम गांठों की संख्या पर प्रतिकूल असर पड़ता है। शेष सिंचाई 12-15 दिन के अंतराल पर करते रहना चाहिए। फुल आने से पहले तथा फलियों में दाना बनते समय सिंचाई अत्यंत आवश्यक है।
खरपतवार नियंत्रण
खरपतवारों की रोकथाम अच्छे उत्पादन के लिए अति आवश्यक है। शोध परिणाम के अनुसार पेंडीमेथलीन 3.5 लीटर प्रति हेक्टेयर छिड़काव (Moong cultivation in summer) बुवाई के 48 घंटे के अंदर करने के साथ 25-30 दिन पर एक गुड़ाई कर देना पर घूमी में वायु संचार व जोड़ों का विकास अच्छा होने से उपज में बढ़ोतरी होती है।
फसल सुरक्षा
पीला चेतरी रोग – इस रोग के अधिक प्रकोप (Moong cultivation in summer) होने पर पूरी फसल पीली दिखाई पड़ने लगती है। यह विषाणु द्वारा उत्पन्न रोग है तथा सफेद मक्खी द्वारा फैलाया जाता है।
रोग को फैलाने वाली मक्खी के नियंत्रण हेतु नीम का काढ़ा 5 लीटर प्रति लीटर से 7 लीटर पानी में घोलकर 1 एकड़ फसल पर छिड़काव करें। प्रभावित पौधों को उखाड़ कर जमीन में दबा दें बालदार सुंडी, पत्ती छेदक सुंडी, थ्रिप्स व सफेद मक्खी तथा जंगली पशु फसल को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। इनकी रोकथाम (Moong cultivation in summer) हेतु 5 किलो नीम का पत्ता 2 किलो ऑक का पत्ता 250 ग्राम लहसुन तथा 500ग्राम तंबाकू का पत्ता या धतूरा का पत्ता को 15 लीटर पानी में उबालकर जब पानी 8 लीटर पानी रह जाए तब ठंडा करके उसे 15 लीटर पानी में 1 लीटर काढ़ मिलाकर छिड़काव करें।
गर्मियों में करें मूंग की खेती:-उपरोक्त तकनीकी बिंदुओं को गर्मियों में की जाने वाली मूंग की खेती के दौरान अमल करते हैं तो 10-12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज (Moong cultivation in summer) के साथ वायु द्वारा होने वाला मृदा संरक्षण की रोकथाम भूमि के ऊपरी उपजाऊ सत्ता की रक्षा व फली चौड़ाई उपरांत हरी खाद में प्रयुक्त करके टिकाऊ खेती को भी बढ़ावा मिलता है।
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