खेती-किसानी

मोती की खेती से कम लागत में लाखों की कमाई होगी, जानिए इसकी खेती का पूरा गणित

खेती का ट्रेंड बदलता जा रहा है पारंपरिक खेती के अलावा किसान व्यवसायिक खेती करने लगे हैं ऐसी ही एक खेती है मोती की खेती (Moti ki Unnat Kheti)। इसके विषय में जानिए सबकुछ

Moti ki Unnat Kheti | तमाम कोशिशों के बाद भी पारंपरिक खेती से किसानों को पर्याप्त मुनाफा नहीं हो पाता है इसलिए कृषि के जानकार किसानों को व्यवसायिक खेती करने की सलाह अधिक देते हैं। व्यवसाय खेती में मोती की खेती भी की जाती है। किसकी खेती करने से कम समय में लाखों की कमाई हो सकती है। खास बात यह है कि इसकी खेती में लागत भी कम आती है। इससे कम वक्त में आप बेहतर कमाई कर सकते हैं। पिछले कुछ सालों में इसकी डिमांड बढ़ी है। सरकार भी इसकी खेती को बढ़ावा दे रही है।

मोती की खेती के क्या आवश्यक है?

  • ओडिशा के भुवनेश्वर स्थित सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फ्रेश वाटर एक्‍वाकल्‍चर CIFA के डायरेक्टर एसके स्वैन के मुताबिक मोतियों की खेती (Moti ki Unnat Kheti) के लिए 3 चीजों का होना जरूरी है।
  • कम से कम 10×15 का तालाब होना चाहिए। जिसका पानी पीने लायक होना चाहिए। अगर आपके पास तालाब के लिए जगह नहीं है तो घर पर सीमेंटेंड टब भी बना सकते हैं।
  • सीपी- जिनसे मोती तैयार होता है। आप चाहें तो नदी से खुद सीपी निकाल सकते हैं या खरीद भी सकते हैं। साउथ के राज्यों में अच्छी क्वालिटी की सीपियां मिल जाती हैं।
  • मोती का बीज यानी सांचा, जिस पर कोटिंग करके अलग-अलग आकार के मोती बनाए जाते हैं। यानी जैसा सांचा वैसा मोती।

कैसे बनता है मोती, इसकी प्रोसेस क्या है?

सीपी से मोती बनने में करीब एक साल का वक्त लगता है। इसके लिए सबसे पहले सीपियों को दो से तीन दिनों तक एक जाली में बांधकर अपने तालाब में रखा जाता है ताकि वे खुद को उस पर्यावरण के मुताबिक ढाल सकें। इससे उनकी सर्जरी में सहूलियत होती है। इसके बाद उन्हें वापस तालाब से निकाला जाता है। इसके बाद सर्जरी का काम शुरू होता है।

यानी सीपी का बॉक्स हल्का ओपन कर उसमें मोती का बीज यानी सांचा डाल देते हैं। फिर उसे बंद कर दिया जाता है। इस दौरान अगर सीपी को ज्यादा इंजरी होती है तो उसका ट्रीटमेंट भी किया जाता है। सर्जरी के लिए मार्केट से आप उपकरण खरीद सकते हैं। कई लोग एक कॉमन स्क्रू ड्राइव और पेंच की मदद से भी सर्जरी कर देते हैं।

सर्जरी के बाद इन सीपियों को नायलॉन के एक जालीदार बैग में रखकर नेट के जरिए तालाब में एक मीटर गहरे पानी में लटका दिया जाता है। ध्यान रहे कि तालाब पर ज्यादा तेज धूप न पड़े। गर्मी से बचाने के लिए आप उसे तिरपाल से कवर कर सकते हैं। बरसात के सीजन में इसकी खेती करना ज्यादा बेहतर होता है। फिर इनके भोजन के लिए कुछ एल्गी यानी कवक और गोबर के उपले डाले जाते हैं। हर 15-20 दिन पर मॉनिटरिंग की जाती है। ताकि अगर कोई सीपी मरती है तो उसे निकाल दिया जाए। औसतन 40% सीपी इस प्रोसेस में मर जाती हैं।

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मोतियों की खेती की ट्रेनिंग कहां मिलती है?

ट्रेनिंग के लिए आप नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क कर सकते हैं। इंडियन काउंसिल फॉर एग्रीकल्‍चर रिसर्च के तहत एक नया विंग बनाया गया है, जो भुवनेश्वर में है। इस विंग का नाम CIFA यानी सेंट्रल इंस्‍टीट्यूट ऑफ फ्रेश वाटर एक्‍वाकल्‍चर है। एसके स्वैन कहते हैं कि कोरोना के पहले हम लोग एक हफ्ते की ट्रेनिंग देते थे। इसमें मोतियों की खेती की पूरी प्रोसेस सिखाई जाती थी। इसके लिए किसानों से 8 हजार रुपए फीस रखी गई थी। किसानों को ट्रेनिंग के बाद सीपियां भी प्रोवाइड कराई जाती थीं। इस संस्थान से अब वर्चुअल ट्रेनिंग दी जा रही है। इसकी फीस एक हजार रुपए है। अब तक 600 से ज्यादा लोगों को हम लोग ऑनलाइन ट्रेनिंग दे चुके हैं। इसके अलावा देश में कई प्राइवेट संस्थान और निजी लेवल पर भी इसकी ट्रेनिंग दी जाती है।

लागत से तीन-चार गुना तक कमा सकते हैं मुनाफा

Moti ki Unnat Kheti | एक सीप के तैयार होने में 30 से 35 रुपए का खर्च आता है। तैयार होने के बाद एक सीप से दो मोती निकलते हैं और एक मोती कम से कम 120 रुपए में बिकता है। अगर क्वालिटी अच्छी हुई तो 200 रुपए से भी ज्यादा कीमत मिल सकती है। अगर हम एक एकड़ के तालाब में 25 हजार सीपियां डालें तो इस पर करीब 8 लाख रुपए का खर्च आता है। अगर हम ये भी मान लें कि तैयार होने के क्रम में कुछ सीप बर्बाद भी हो गए तो भी 50% से ज्यादा सीप सुरक्षित निकलते ही हैं। इससे आसानी से 30 लाख रुपए सालाना कमाई हो सकती है।

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राधेश्याम मालवीय

मैं राधेश्याम मालवीय Choupal Samachar हिंदी ब्लॉग का Founder हूँ, मैं पत्रकार के साथ एक सफल किसान हूँ, मैं Agriculture से जुड़े विषय में ज्ञान और रुचि रखता हूँ। अगर आपको खेती किसानी से जुड़ी जानकारी चाहिए, तो आप यहां बेझिझक पुछ सकते है। हमारा यह मकसद है के इस कृषि ब्लॉग पर आपको अच्छी से अच्छी और नई से नई जानकारी आपको मिले।
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