गेहूं के भाव को लेकर अस्थिरता का माहौल : यह अफवाहें फैलने लगी, जानिए ताजा भाव
गेहूं के भाव में कुछ समय से तेजी आई है। इस बीच गेहूं के भाव (MP gehun rate 2022) को लेकर अफवाहें फैलने लग गई है।
MP gehun rate 2022 | गेहूं के उत्पादों पर जीएसटी लगने एवं मंडियों में गेहूं की आवक कम होते ही गेहूं के भाव में वृद्धि होने लगी। आलम यह हो गया कि मंडियों में मिल क्वालिटी गेहूं की भी किल्लत होने लगी। अक्सर देखने में आता है कि ऐसी स्थिति में कुछ ना कुछ अफवाह जरूर फैलती है, वैसा ही इस बार भी होता दिख रहा है।
इस बार मंडियों में यह अफवाह फैल गई कि सरकार के पास गेहूं का पर्याप्त मात्रा में भंडार नहीं है जिसके कारण सरकार गेहूं का आयात करेगी वहीं दूसरी ओर बाजार में यह भी अफवाह फैली कि सरकार गेहूं के बढ़ते दामों पर नियंत्रण के लिए आटा-गेहूं पर स्टाक सीमा लागू कर सकती है। मंडियों एवं बाजारों में फैल रही अफवाहों की वास्तविकता क्या है जानिए
गेहूं (MP gehun rate 2022) आयात का निर्णय नहीं लिया
गेहूं के बाजार में चर्चा जोरो पर है कि सरकार अब गेेहूं का आयात करेगी। दरअसल बीते दिनों से लगातार मिल क्वालिटी के गेहूं की मंडियों में किल्लत बनी हुई है। सरकारी गोदामों से गेहूं की बिक्री की मांग व्यापारी कर रहे हैं। बताया जा रहा था कि मार्च और अप्रैल में हुए भरपूर निर्यात से सरकारी गोदामों में गेहूं का स्टाक कमजोर है। इस बीच बाजार में अफवाह फैल गई की सरकार गेहूं आयात करने जा रही है। हालांकि ऐसा कोई भी निर्णय नहीं हुआ है।
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आटे के दाम में वृद्धि हुई तो स्टाक लिमिट की फैली अफवाह
MP gehun rate 2022 | पिछले कुछ दिनों से बाजार और मंडी में मिल क्वालिटी गेहूं की किल्लत लगातार बनी हुई है। आटा-रवा-मैदा में त्योहार की मांग भी शुरू हो गई है। मिलों को आवश्यकता अनुरूप मिल क्वालिटी गेहूं नहीं मिल रहा है। इसके असर से गेहूं और आटा का बाजार ऊंचा बना हुआ है। मंडियों में आशानुरूप गेहूं की आवक नहीं हो रही है। आवक की कमी के चलते दाम में और तेजी देखी गई। मिल क्वालिटी गेहूं इंदौर मंडी में इस सप्ताह 2400 रुपये तक बिक गया।
यह मिल क्वालिटी गेहूं (MP gehun rate 2022) में अब तक के सबसे ऊंचे दाम है। दाम अभी यहीं थमते नहीं दिख रहा। गेहूं के बढ़े दामों के समर्थन में आटा-रवा के दामों में भी उछाल आया। आटा ऊपर में 1370 तक बिका। यही कारण है कि आटे के दाम में वृद्धि होते ही बाजार में स्टॉक लिमिट तय करने की अफवाह फैल गई। मंडी व्यापारियों के अनुसार बाजार में कारोबारियों के बीच चर्चा जोरों पर है कि सरकार बढ़ते दामों पर नियंत्रण के लिए आटा-गेहूं पर स्टाक सीमा लागू कर सकती है। हालांकि सरकार ने ऐसा कोई निर्णय अभी तक नहीं लिया है। ऐसे में यह अफवाह भी निराधार ही है।
गेहूं के भाव में आगे भी तेजी रहेगी
मंडियों (MP gehun rate 2022) में भले ही अफवाहों का दौर चल रहा है किंतु वास्तविकता यह है कि गेहूं के दाम में आगे भी तेजी रहेगी चाहे वह स्टॉक लिमिट का निर्णय भले ही क्यों ना ले लें। ज्ञात हो कि केंद्र सरकार पूर्व में भी खाद्य तेलों और दालों की महंगाई नियंत्रित करने के लिए ऐसे कदम उठा चुकी है। यदि ऐसा हुआ तो फौरी गिरावट तो जरूर होगी लेकिन यह डर ज्यादा है कि स्टाक सीमा का कालाबाजारी लाभ लेते हुए स्टाक की कमी का बहाना बनाएंगे, ऐसे में आटा-रवा के दाम आगे और बढ़ सकते हैं।
कारोबारी मान रहे हैं कि अब गेहूं-आटा (MP gehun rate 2022) के दाम नियंत्रण के लिए सरकारी गोदामों का गेहूं खुले बाजार में बिक्री करना चाहिए। बाजार में गेहूं की आवक बढ़ेगी तो ही दाम नियंत्रित होंगे। वर्ना दाम आगे भी बढ़ते रहेंगे। त्योहारी मांग और सरकारी गोदामों में स्टाक कमजोर रहने का लाभ स्टाकिस्ट उठा रहे हैं।
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सरकार के पास गेहूं का पर्याप्त स्टॉक है
सरकार के पास गेहूं (MP gehun rate 2022) का पर्याप्त स्टॉक है इस बात की पुष्टि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर ने संसद में एक प्रश्न का जवाब देते हुए की। केंद्रीय कृषि मंत्री ने संसद में जवाब देते हुए साफ कर दिया है कि केंद्रीय भंडार में पर्याप्त गेहूं का स्टाक है। कुल 285.10 लाख टन 1 जुलाई तक गेहूं का स्टाक था जबकि बफर स्टाक 275.80 टन होना चाहिए। हालांकि उन्होंने स्वीकारा की सरकारी गेहूं खरीदी कम हुई, क्योंकि अच्छे दामों के कारण बाजार में किसानों ने गेहूं बेचना अधिक पसंद किया। इधर आयात की अफवाह के कारण शुक्रवार को इंदौर मंडी में गेहूं के दामों में हल्की नरमी देखी गई।
वर्तमान में गेहूं के यह भाव चल रहे हैं
MP gehun rate 2022 | मिल क्वालिटी जो 2400 के ऊपर बिका था, अब 2400 तक ही लेवाली दिख रही है। पूर्णा और मालवराज में ग्राहकी कम है। प्लांट की ओर से दाम बढ़ाकर 2400 रुपये तक कर दिए गए हैं।
- मंडी भाव गेहूं : मिल क्वालिटी 2350-2400, पूर्णा 2500-2525,लोकवन 2600-2650, मालवराज 2175-2200 और मक्का 2325-2350 रुपये क्विंटल।
- आटा– 1350 से 1370, मैदा 1480 से 1500, रवा 1500-1520 और बेसन 6200 रुपये प्रति 50 किलो।
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