कृषि समाचार

मानसून की राह देख रहे किसानों के लिए बढ़ी ख़बर, एमपी के इन जिलों में अलर्ट जारी

मध्य प्रदेश के किसानों के लिए मानसून (MP Mansun News) को लेकर अच्छी खबर है। प्रदेश में जल्द मानसून की बारिश होगी यह है ताजा जानकारी

MP Mansun News | मानसून का इंतजार किसानों से लेकर अन्य सामान्य जन को भी रहता है। मानसून की राह तक रहे किसानों एवं अन्य सामान्य के लिए अच्छी खबर यह है कि मध्य प्रदेश में मानसून ने अपनी दस्तक दे दी है। गुरुवार को मानसून खंडवा बेतूल में एंट्री कर चुका है। अब प्रदेश में मानसून का इंतजार जल्द खत्म होगा। प्रदेश में मानसून की एंट्री होते ही उज्जैन इंदौर भोपाल में बादल छा चुके हैं।

गर्मी एवं उमस के बीच बादल पानी बरसाने के लिए उमड़ने लगे हैं। गुरुवार को भोपाल में दिनभर की गर्मी और उमस के बाद शाम को बारिश शुरू हो गई। इसके अलावा खजुराहो, नरसिंहपुर, बैतूल, नौगांव, दमोह, सतना, रीवा, मलाजखंड, ग्वालियर, गुना में भी शाम तक बारिश रिकॉर्ड की गई। इधर मानसून की आमद के पश्चात मौसम विभाग ने प्रदेश के कई जिलों के लिए बारिश का अलर्ट जारी किया है।

इंदौर भोपाल (MP Mansun News) में 72 घंटे के अंदर मानसून की वर्षा होगी

मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुवार को मानसून के आते ही बैतूल, भिंड में डेढ़-डेढ़ इंच, मंदसौर और खंडवा में एक-एक इंच, ग्वालियर, दतिया, सीहोर व विदिशा में आधा-आधा इंच बारिश हुई। शिवपुरी, नर्मदापुरम, रायसेन और पचमढ़ी में भी बारिश हुई। पचमढ़ी में करीब 1 इंच बारिश हुई। भोपाल और इंदौर में अगले 72 घंटे के अंदर मानसून की एंट्री हो सकती है। भोपाल से पहले इंदौर में मानसून पहुंचेंगा।

यह भी पढ़िए….सोयाबीन की बोवनी के समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, कृषि विशेषज्ञों से जानिए

 सोयाबीन बीज का परीक्षण इस प्रकार घर बैठे चंद मिनटों में करें

शुक्रवार तक मध्य प्रदेश के कई जिला में पहुंचेगा मानसून

मध्यप्रदेश के कई इलाकों में गुरुवार सुबह से ही घने बादल छाने लगे थे। मौसम विभाग ने बताया कि अभी अरब से आना वाला मानसून बैतूल और खंडवा में ही सक्रिय है। यह शुक्रवार को आगे बढ़ सकता है। इसके 48 घंटे के अंदर यह इंदौर में पहुंच सकता है। भोपाल में मानसून की एंट्री 72 में हो सकती है। बंगाल की खाड़ी से जबलपुर के रास्ते मानसून की एंट्री शुक्रवार को सकती है।

उज्जैन सहित एमपी के इन जिलों में बारिश का अलर्ट

मौसम विभाग के अनुसार मध्यप्रदेश में अगले 24 घंटे के दौरान कई इलाकों में हल्की से भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने उमरिया, डिंडोरी, कटनी, पन्ना, दमोह, सागर और छतरपुर में कहीं-कहीं भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, ग्वालियर, चंबल, रीवा, अनूपपुर, शहडोल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, टीकमगढ़ और निवाड़ी में कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

मानसून को दक्षिणी पूर्वी और दक्षिण पश्चिमी हवाएं लाती है

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मानसून की एंट्री के लिए लगातार तीन दिन तक अधिकांश हिस्सों में बारिश होना जरूरी है। इसके साथ ही हवाएं दक्षिणी पूर्वी और दक्षिण पश्चिमी होना जरूरी है। इसके अलावा भी अन्य कारण मानसून की एंट्री के लिए जरूरी होते हैं। इन दोनों परिस्थितियों के होने पर ही मानसून की एंट्री मानी जाती है।इंदौर संभाग में दो दिन बारिश हुई, लेकिन फिर ब्रेक हो गया है। इस कारण मानसून महाराष्ट्र-एमपी की बॉर्डर पर अटक गया।

वर्ष 2019 में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से संयुक्त रूप से मानसून आया था। प्रदेश में आने से पहले मानसून बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में पहुंचने के बाद समुद्र से उठी मानसूनी हवाएं दो शाखाओं में बंट जाती हैं। एक अरब सागर की तरफ से मुंबई, गुजरात राजस्थान होते हुए आगे बढ़ता है। दूसरा बंगाल की खाड़ी से पश्चिम बंगाल, बिहार, पूर्वोत्तर होते हुए हिमालय से टकराकर गंगा नदी के क्षेत्रों की ओर मुड़ जाता है। उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में मानसून की बारिश होती ही नहीं।

एमपी में मानसून की एंट्री अरब की खाड़ी से

मध्यप्रदेश में मानसून अरब की खाड़ी से आया है। अरब सागर का मानसून पाकिस्तान की हवाओं के कारण महाराष्ट्र से आगे नहीं बढ़ पाया था। गुरुवार को बैतूल और खंडवा के अधिकांश इलाकों में लगातार तीन दिन तक 2.5 मिमी से ज्यादा बारिश हुई। इधर, बंगाल की खाड़ी से मानसून पूर्वी भारत से हिमालय तक सक्रिय होने लगा है। मंगलवार से जबलपुर संभाग में बारिश शुरू हो गई थी। खंडवा और बैतूल से मानसून की एंट्री हो गई।

एमपी में मानसून 28 जून तक सभी जिलों को कवर करेगा

MP Mansun News : मध्यप्रदेश में मुख्य रूप से बंगाल की खाड़ी से आने वाले दक्षिण पूर्वी मानसून से बारिश होती है। यह समूचे मध्यप्रदेश में बारिश कराता है, जबकि अरब से आने वाला मानसून सिर्फ मालवा-निमाड़ में बारिश कराता है। क्योंकि जून में अरब में सामान्य तौर पर ज्यादा सिस्टम नहीं बनते हैं, इसलिए बंगाल की खाड़ी से ही ज्यादातर मानसून मध्यप्रदेश में आता है।

इधर, मानसून कभी-कभी अरब सागर से इंदौर के रास्ते एंट्री करता है, लेकिन पूरे मध्यप्रदेश को यह नहीं भिगा पाता है। प्रदेश में बारिश होने के लिए बंगाल की खाड़ी से मानसून के सक्रिय होना जरूरी है। प्रदेश में बंगाल की खाड़ी का मानसून सबसे अहम है। आमतौर पर एक तरफ से मानसून की एंट्री के बाद के दो से तीन दिन में दूसरा सिस्टम भी सक्रिय हो जाता है। मध्यप्रदेश में हमेशा दोनों तरफ से ही मानसून आता है। इस बार मध्यप्रदेश में मानसून 28 जून तक सेट हो सकता है।

यह भी पढ़िए….सोयाबीन की बंपर पैदावार के लिए यह 5 गलतियां भूल कर भी न करें, अच्छी पैदावार के लिए यह करें

कृषि विशेषज्ञों की सलाह : सोयाबीन की फसल के लिए किसान इन बातों का विशेष ध्यान रखें

जुड़िये चौपाल समाचार से-

ख़बरों के अपडेट सबसे पहले पाने के लिए हमारे WhatsApp Group और Telegram Channel ज्वाइन करें और Youtube Channel को Subscribe करें।

नोट :- धर्म, अध्यात्म एवं ज्योतिष संबंधी खबरों के लिए क्लिक करें।

राधेश्याम मालवीय

मैं राधेश्याम मालवीय Choupal Samachar हिंदी ब्लॉग का Founder हूँ, मैं पत्रकार के साथ एक सफल किसान हूँ, मैं Agriculture से जुड़े विषय में ज्ञान और रुचि रखता हूँ। अगर आपको खेती किसानी से जुड़ी जानकारी चाहिए, तो आप यहां बेझिझक पुछ सकते है। हमारा यह मकसद है के इस कृषि ब्लॉग पर आपको अच्छी से अच्छी और नई से नई जानकारी आपको मिले।
Back to top button

Adblock Detected

Please uninstall adblocker from your browser.