निर्यात पर प्रतिबंध के बाद आज खुली मंडिया, गेहूं एवं अन्य फसलों के भाव यह रहे
हड़ताल के बात कृषि उपज मंडियों में गुरुवार को कृषि जिंसों (Niryat pr Pratibandh ke bad Mandi Bhav) की बिक्री हुई, गेहूं सहित अन्य फसलों के दाम यह रहे।
Niryat pr Pratibandh ke bad Mandi Bhav- लगातार पांच दिनों से मध्य प्रदेश की कृषि उपज मंडियों में कामकाज बंद है। मंडियां शनिवार, रविवार एवं सोमवार को अवकाश के कारण बंद थी। वही केंद्र सरकार द्वारा निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने पर व्यापारियों ने मंगलवार एवं बुधवार को हड़ताल घोषित की थी। केंद्र सरकार द्वारा निर्यात में कुछ दिलाई दए जाने के पश्चात मंडियों में गुरुवार को कृषि उपज की बिक्री हुई। मध्य प्रदेश की अधिकांश मंडियों में गुरुवार को गेहूं सहित अन्य कृषि जिंसों की आवक सामान्य रही। गेहूं के भाव को लेकर जहां अंदेशा जताया जा रहा था कि निर्यात पर प्रतिबंध के बाद गेहूं के भाव में तेज गिरावट होगी, किंतु ऐसा मंडियों में नहीं दिखाई दिया, लगभग सभी मंडियों में गेहूं के भाव स्थिर रहे।
प्रदेश की प्रमुख मंडियों की स्थिति जानें(Niryat pr Pratibandh ke bad Mandi Bhav)
मंदसौर कृषि मंडी दो दिनों बाद खुली:4 हजार 894 बोरी जिंसों की आवक, सोयाबीन 6000 से 7491 क्विंटल बिका। तीन दिन की छुट्टी और दो दिनी मंडी व्यापारी की हड़ताल के बाद खुली मंडियों में अच्छी आवक रही। गुरुवार को मंदसौर कृषि उपज मंडी में 34 हजार 894 बोरी जिंसों की आवक रही।
मंदसौर मंडी में यह रहे जिंसों के भाव : मक्का – 2000 – 2290, उड़द – 2600 – 4800, सोयाबीन – 6000 – 7491, गेहूं 2050 – 2360, चना – 3800 – 4552, मसूर – 5500 – 6610, धनिया 7551 – 11941, लहूसन – 501 – 7501, मैथी – 4260 – 6000, अलसी, 7400 – 7165, सरसों – 6201 – 6781, तारामीरा – 5080 – 5420 , इसबगोल – 11000 – 14781, प्याज – 100 – 800, कलाैंजी – 10000 – 14400, डालर चना – 7000 – 8600, तिल्ली 7400 – 8600, मटर – 1801 – 2699, असालीया – 6001 -7250।
भोपाल ; 5 दिन बाद खुली मंडी
गुरुवार को मंडी में गेहूं, चना या अन्य अनाज की खरीदी की गई, लेकिन आवक और भाव दोनों ही कम रहे। एसोसिएशन के अध्यक्ष ज्ञानचंदानी ने बताया, पांच हजार क्विंटल गेहूं की आवक हुई और भाव दो हजार से 2250 रुपए प्रति क्विंटल तक रहे। चना की आवक कमजोर रही। आने वाले दिनों में आवक बढ़ जाएगी।
कृषि उपज मंडी छिंदवाड़ा
छिंदवाड़ा में गेहूं के भाव को लेकर संशय की स्थिति बन रही है, जिसके कारण गुरुवार को मंडी शुरू होने के साथ ही आवक कुछ कम दर्ज की गई। गुरुवार को कुसमेली मंडी में 15 हजार क्विंटल गेहूं की आवक दर्ज की गई, जबकि इससे पूर्व कुसमेली मंडी में तीस हजार क्विंटल तक प्रतिदिन गेहूं पहुंच रहा था। वहीं मंडी में किसानों को 2200 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिला। कयास लगाए जा रहे थे कि कुसमेली मंडी में खरीदी बंद होने से आवक बढ़ जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मंडी खुलने के साथ ही पहले दिन आवक में कमी दर्ज की गई आने वाले दिनों में मंडी में आवक मिलने वाले भाव पर निर्भर रहेगी। गुरुवार को गेहूं अधिकतम 2200 रुपये तक मिला है जिसके कारण आवक आने वाले दिनों में बढ़ने की संभावना मंडी प्रबंधन जता रहा है।
कृषि उपज मंडी सागर
पांच दिन से बंद चल रही सागर कृषि उपज मंडी दो दिनों की हड़ताल के बाद गुरुवार से एक बार फिर खुल गई है। तीन दिन छुट्टी और दो दिन हड़ताल होने की वजह से मंडी में कम ही किसान अपनी उपज लेकर पहुंचे, जिस कारण बाजार भाव पूर्वानुमान की तरह नहीं गिरे। इंदौर व दूसरी मंडियों में भी भाव तेज होने से सागर में भी किसानों को अपनी उपज के ठीक दाम मिले, लेकिन राहत की बात यह है कि सागर के कई व्यापारियों का माल कांडला पोर्ट में उतरने लगा है जिस वजह से व्यापारियों ने भी राहत की सांस ली है।
सागर कृषि उपज मंडी में सिर्फ दो सौ ट्राली की आवक रही तो नहीं गिरे भाव
सागर कृषि उपज मंडी पांच दिन बाद मंडी खुली, लेकिन मंडी में कम आवक होने से बाजार भाव नहीं गिर सके। यदि आवक अधिक होती तो व्यापारी भी परिवहन न होने का हवाला देकर माल सस्ते दामों में ही खरीदते। जानकारी के अनुसार मंडी में करीब 180 से दो सौ ट्राली माल की ही आवक हुई, जिसमें से कुछ ही ट्राली गेहूं आया था। व्यापारियों के अनुसार आवक कम होने से लगभग 110 ट्राली में चना, मसूर, तेवडा, बटरी की आवक हुई, जबकि 80 ट्राली में गेहूं व सोयाबीन रहा। गेहूं के भाव जो 19 सौ तक पहुंच गए थे वह 1920 से 2375 तक में बिके हैं। इसके अलावा चना, मसूर के भाव में भी तेजी दर्ज की गई और व्यापारियों को भाव बढ़ने की उम्मीद के चलते उन्होंने भी तेज भाव में खरीदी की।
सारंगपुर कृषि उपज मंडी
पिछले चार दिनों में सारंगपुर कृषि उपज मंडी में गेहूं का भाव 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर गया है। वहीं किसान भी भाव कम होने से मंडी नहीं आ रहे हैं जिसके चलते गुरुवार को केवल 871 क्विंटल गेहूं की बिकने आई। जबकि रोक लगाने से पहले 2 से 3 हजार क्विंटल प्रतिदिन गेहूं बिकने आ रहा था। देश में कम हो रहा है गेहूं के भंडारण को लेकर सरकार द्वारा दूसरे देशों में निर्यात पर रोक लगाई गई है। जिसका व्यापारियों द्वारा विरोध किया जा रहा है। जिसके विरोध में व्यापारियों ने मंगलवार और बुधवार दो दिनो तक खरीदारी नहीं की। इसका असर कृषि उपज मंडी में भी दिखाई देने लगा है। 3 दिन पहले जहां गेहूं के भाव 200 रुपये गिर गए थे वहीं गुरुवार को 100 रुपये की और गिरावट दर्ज की गई। नीलामी में अधिकतम बोली 2071 रुपये तक लगी। ऐसे में किसानों को काफी घाटा हो रहा है।
समर्थन मूल्य से मंडियों में अभी भी भाव ज्यादा
व्यापारियों द्वारा बताया जा रहा है कि मंडियों में गेहूं के भाव में 300 रुपये प्रति क्विंटल तक की गिरावट दर्ज हुई है। मंडियों में गुरुवार को गेहूं के औसत भाव 2100 रुपए रहे हैं, जो समर्थन मूल्य से अधिक ही है। जिसके चलते अभी भी समर्थन मूल्य के केंद्रों पर गेहूं बेचने किसान नहीं जा रहे है। सारंगपुर कृषि उपज मंडी में पहुंचे किसान विजय कुमार ने बताया कि हम सोच रहे थे के गेहूं के भाव बढेंगे लेकिन अब उल्टा ही हो गया। मंडी में गेहूं की ट्रॉली लेकर पहुंचे तो 300 रुपये क्विंटल तक गेहूं के कम भाव लगाएं जिसके चलते हमने गेहूं को नहीं बेचा। अब भाव बढ़ने पर ही बेचेंगे। तब तक माल का स्टॉक कर रखेंगे।
इसको लेकर राज्यसभा सदस्य प्रतिनिधि रोशन खत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा गेंहू निर्यात पर रोक लगाने के कारण आज कांडला पोरबंदर गुजरात पर हारो गेंहू के ट्रक भरे हुए खड़े है जिसे व्यापारियो के साथ साथ किसानों को भी आर्थिक नुकसान हो रहा है। दो दिन की हड़ताल के बाद आज मंडियों में नीलामी शुरू हुई है लेकिन गेंहू के दामो में कमी आई है। सरकार को निर्यात पर लगाई गई पाबंदी तत्काल हटानी चाहिए जिसे किसानों का हित हो। निर्यात पर रोक लगने के बाद गेहूं के भाव 300 रुपये तक नीचे आ गए हैं। अभी और भी भाव गिरने की आशंका है। किसान भी अब मंडी में गेहूं कम ला रहे हैं। लगता है कि माल को किसान स्टॉक कर रहे हैं। मुन्नालाल गुप्ता, गल्ला व्यापारी, डबरा
भाव गिरा तो किसानों ने स्टॉक किया गेहूं
Niryat pr Pratibandh ke bad Mandi Bhav-निर्यात पर लगी रोक के बाद गेहूं का भाव गिरने के चलते किसान भी गेहूं का स्टॉक कर रहे हैं। पहले मंडियों गेहूं की जोरदार आवक हो रही थी। लेकिन गुरुवार को मध्य प्रदेश की लगभग सभी कृषि उपज मंडियों में आवाज कम ही रही। वहीं गुरुवार को गेहूं की अधिकतम बोली 2300 रुपये तक लगाई गई। निर्यात पर रोक लगाए जाने से पहले मंडी में गेहूं 2000 से 2300 रुपये तक बिक रहा था। व्यापारियों का कहना है कि कुछ दिन और देखने के बाद किसान अपनी उपज लेकर अधिक पहुंचेंगे। हालांकि गेहूं के निर्यात पर रोक से कई व्यापारियों को घाटा होने की बात कही जा रही है।
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