गेहूं निर्यात प्रतिबंध के बाद आगे गेहूं के भाव की क्या स्थिति रहेगी, जानिए
गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध (Niryat Pratibandh Ke Bad Gehu ke Rate/Bhav) के बाद गेहूं के रेट क्या रहेंगे, इस मामले में विशेषज्ञ क्या कहते हैं, जानिए
केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा निर्यात (Niryat Pratibandh Ke Bad Gehu ke Rate/Bhav) को बढ़ावा देने के लिए किए गए उपायों के पश्चात इस वर्ष गेहूं का जबरदस्त तरीके से निर्यात होने लगा। निर्यात बढ़ने की एक वजह रूस एवं यूक्रेन के मध्य होने वाला युद्ध भी बना। विदेशों में लगातार बढ़ रहे गेहूं के रेट से स्थानीय स्तर पर गेहूं खरीदने वाले व्यापारी से लेकर गेहूं का रक्षा भाव मिलने पर किसान उत्सुक थे। इस बीच अचानक केंद्र सरकार ने निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया।
केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के पूर्व गेहूं के भाव 2500 रुपए प्रति क्विंटल प्रति तक पहुंच गए थे। वहीं खेलची बाजार में गेहूं के दाम 28 सौ रुपए प्रति कुंटल एवं आटा 29 एवं 30 रुपए प्रति किलो की दर पर पहुंच गया। गेहूं एवं आटे के दाम में हो रही निरंतर वृद्धि पर लगाम लगाने के लिए ही केंद्र सरकार ने निर्यात पर प्रतिबंध लगाया। निर्यात पर प्रतिबंध के बाद मंडी व्यापारियों ने हड़ताल कर दी वही खुले बाजार में गेहूं के दाम सौ से डेढ़ सौ रुपए घट गए। केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए निर्यात के बाद आगे की क्या स्थिति रहेगी? गेहूं के भाव क्या रहेंगे? क्या निर्यात पर से प्रतिबंध हटाया जाएगा? पढ़िए पूरा विश्लेषण।
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कांडला में गेहूं के भाव 2550 तक पहुंच गए थे
गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध (Niryat Pratibandh Ke Bad Gehu ke Rate/Bhav) लगने के ठीक पहले कांडला में गेहूं खरीदी के भाव 2550 रुपए तक पहुंच गए थे। एक्सपोर्ट कारोबारी पूरी तरह आश्वस्त होकर गेहूं को ऊंचे दाम पर खरीद रहे थे, इसका असर मंडियों में भी दिखाई दे रहा था। मंडी व्यापारी भी ऊंचे दाम पर गेहूं खरीद कर एक्सपोर्ट के लिए बंदरगाह भेज रहे थे। वही गेहूं मील क्वालिटी 2225- 2250, पूर्णा 2300-2400, लोकवन 2400-2450, मालवराज 2250- 2275 रुपये क्विंटल (इंदौर मंडी) के भाव पर बिका। कारोबारियों का अनुमान था कि यही स्थिति रही तो गेहूं 2800 से 3000 रुपए प्रति कुंतल तक पहुंच सकता है। कारोबारी यह भी मान कर चल रहे थे कि सरकार महंगाई रोकने खासतौर पर गेहूं के लिए कोई कदम उठाएगी। हालांकि किसी को इस बात का अंदेशा नहीं था कि गेहूं निर्यात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाएगा।
किसानों को राहत देने के लिए सरकार ने यह किया
गेहूं निर्यात प्रतिबंध का असर किसानों पर नहीं पड़े इसके लिए सरकार ने समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन की तारीख को आगे बढ़ाया। समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन की प्रक्रिया अब 31 मई तक चलेगी, वहीं सरकार ने किसानों को राहत देते हुए गेहूं की सरकारी खरीदी के क्वालिटी मानकों में राहत देने का ऐलान किया है। अब सरकारी खरीदी में 2 प्रतिशत तक टूटा, 4 प्रतिशत तक आशंकि टूटा, 14 प्रतिशत नमी और 2 प्रतिशत तक अन्य अनाज मिश्रित और दशमलव 75 प्रतिशत तक अशुद्धि मिश्रित गेहूं भी खरीदने की घोषणा की है।
गेहूं पर बोनस की मांग कर रहे हैं किसान
गेहूं निर्यात प्रतिबंध के खिलाफ जहां मध्य प्रदेश की लगभग सभी मंडियों में व्यापारी हड़ताल कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर किसान संगठन भी निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने का विरोध कर रहे हैं। निर्यात प्रतिबंध से किसानों की उपज के दाम गिरने की आशंका जताई जा रही है। दरअसल गेहूं का सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य 2015 रुपये किलो है। बीते वर्षों में समर्थन मूल्य के साथ प्रदेश अलग से 100 से 150 रुपये तक बोनस भी देता था। इस साल गेहूं पर प्रदेश सरकार की ओर से अलग से कोई बोनस भी घोषित नहीं किया है। नतीजा बीते सप्ताह तक खुले बाजार में गेहूं इस समर्थन मूल्य से भी 200 से 500 रुपये तक ऊपर बिक रहा था। इसी के चलते किसान सरकारी बिक्री में शामिल नहीं हो रहे थे। अब मंडी में दाम कम होंगे तो किसानों को सरकारी खरीदी में माल बेचना पड़ेगा। इसलिए किसान अब बोनस की मांग करने लगे हैं।
खुले बाजार में गेहूं के दाम घटे
निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने के पश्चात लगभग सभी जगह खुले बाजार में गेहूं के दामों में गिरावट नजर आई। इंदौर की स्थिति देखी जाए तो यहां पर गेहूं के दाम में 200 रुपये तक की गिरावट नजर आई। हालांकि यह गिरावट ज्यादातर मिल क्वालिटी और मालवराज किस्म के गेहूं के दामों में नजर आ रही है। इसी किस्म का गेहूं ही निर्यात में जा रहा था। रोटी वाली किस्मों यानी लोकवन, 147, सुजाता, शरबती और चंदोसी जैसी किस्मों के गेहूं के दाम में बमुश्किल 50 रुपये प्रति क्विंटल तक की ही कमी है।
खेरची में आटे का भाव पहुंचा 2800 तक
इंदौर में मिलों की ओर से आटा 2500 रुपये क्विंटल के दामों पर आपूर्ति किया जा रहा है। हालांकि शहर के बाजार में उपभोक्ताओं को आटा 2700 से 2800 रुपये प्रति क्विंटल तक मिल रहा है। आटा के खेरची कारोबारी मुकेश चौहान (इंदौर) के अनुसार 10 दिन पहले की तुलना में तो आटा अभी सस्ता ही है। अब भी खेरची में अगर बड़े पैक यानी 20-25 किलो की पैकिंग में आटा इसी कीमत 2600 रुपये प्रति क्विंटल के दाम पर बिक रहा है।
गेहूं के भाव आगे क्या रहेंगे
निर्यात पर प्रतिबंध (Niryat Pratibandh Ke Bad Gehu ke Rate/Bhav) लगाए जाने को अभी 1 सप्ताह भी नहीं हुआ है। इस दौरान गेहूं के दाम में हल्की सी गिरावट हुई है आगे की स्थिति को लेकर व्यापारी असमंजस की स्थिति में है। बाजार में अभी इंतजार है कि सरकार का अगला कदम क्या होगा। इसके आधार पर ही आगे दामों में आगे की गिरावट या मजबूती तय होगी। हालांकि व्यापारी दबी जुबान कह रहे हैं कि यह प्रतिबंध ज्यादा दिनों तक नहीं रहेगा सरकारी स्तर पर गेहूं की खरीदी बंद होते ही प्रतिबंध हटा लिए जाएंगे। गेहूं के भाव को लेकर व्यापारी बताते हैं कि भाव 2500 से 3000 प्रति क्विंटल के बीच वर्ष पर बने रहने की उम्मीद है।
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