प्राकृतिक खेती के लिए ऑन लाइन पंजीयन इस प्रकार करें, देसी गोपालन योजना सहित कई फायदे मिलेंगे
एमपी के किसानों को प्राकृतिक खेती करने पर अब शासन की कई योजनाओं का लाभ मिलेगा प्राकृतिक खेती (Online registration for natural farming) के लिए पंजीयन की प्रक्रिया जानिए
Online registration for natural farming | किसानों द्वारा इस्तेमाल रसायनिक खेती से उनकी उपज में वृद्धि तो होती ही है, लेकिन इसके कई दुष्परिणाम भी है। इसी को ध्यान में रखकर केंद्र व राज्य सरकार अपने अपने स्तर पर योजनाएं चला रही है। इसी कड़ी में राज्य सरकार द्वारा गौपालन अनुदान योजना के साथ साथ प्राकृतिक खेती को बढ़ाने की पहल है।
जिसके लिए इस योजना को मध्य प्रदेश कैबिनेट में मंजूरी मिल चुकी है। योजना के तहत मध्यप्रदेश के किसानों को गाय पालने पर अनुदान की राशि दी जाएगी। इसी क्रम में प्राकृतिक खेती करने के इच्छुक कृषकों के पंजीयन के लिए पोर्टल तैयार किया गया है। इस प्रकार मिलेगा योजना का लाभ, योजना में रजिस्ट्रेशन की संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए किसान साथी बने रहिए चौपाल समाचार के इस लेख के साथ..
एमपी के 100 जिलों का होगा चयन
प्राकृतिक खेती (Online registration for natural farming) को बढ़ावा देने के लिए प्रारंभिक रूप से प्रदेश सरकार प्रत्येक जिले के 100 गांवों का चयन करेगी। प्रदेश सरकार ने हाल ही में प्राकृतिक कृषि पद्धति के प्रचार प्रसार के लिए किसानों को एक देसी गाय के पालन पर अनुदान और हर जिले के 100 गांव में प्राकृतिक खेती शुरू करने की योजना को मंजूरी प्रदान कर दी है।
एमपी गौपालन अनुदान योजना 2022 क्या है ?
मध्यप्रदेश सरकार में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्राकृतिक खेती (Online registration for natural farming) से जोड़ने के लिए गौपालन योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत देसी गाय पालने पर किसानों को अनुदान दिया जाएगा।
किसानों को भूसे एवं चारे के साथ-साथ हरी घास की उपलब्धता कम होने के कारण गायों को पाल नहीं पाते हैं, छोटे एवं सीमांत जोत के किसान इसी कारण गाय पालन से होने वाले फायदे का लाभ नहीं ले पाते हैं। यही कारण है कि किसानों (Online registration for natural farming) को मजबूरन गायों को सड़कों पर छोड़ना पड़ता है।
इससे आवारा बेसहारा होकर गाय इधर-उधर भटकती रहती है। यही कारण है कि सड़कों पर गाय बेसहारा दिखाई देना आम बात हो गई है। मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों को फायदा मिले इसके लिए गौपालन योजना (Online registration for natural farming) तैयार की है।
एमपी गोपालन अनुदान योजना 2022 का उद्देश्य
केंद्र सरकार किसानों (Online registration for natural farming) की आय को दोगुना करने के लिए हर संभव कोशिश करने में लगी हुई है। केंद्र सरकार खेती में लागत कम करने पर जोर दे रही है। इसी के तहत राज्य सरकारों को निर्देश दिए गए हैं कि अधिक से अधिक किसानों को प्राकृतिक एवं जैविक खेती की ओर मोड़े।
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना से सड़कों पर आवारा गायों की समस्या से निजात मिलेगी वहीं खेती किसानी के दौरान उपयोग हो रहे रासायनिक उर्वरक एवं कीटनाशक मात्रा में भी कमी आएगी किसान प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ेंगे इससे भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी। इससे निश्चित तौर पर किसानों की आमदनी में भी इजाफा होगा।
साथ ही इस स्कीम के तहत प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को गौपालन के लिए प्रतिमाह अनुदान दिया जाएगा, ताकि किसान प्राकृतिक खेती को शुन्य लागत वाली खेती बनाते हुए इस खेती के लिए जरूरी जीवामृत और घन जीवामृत बना सकें, इसलिए किसान (Online registration for natural farming) के पास देशी गाय होना जरूरी है।
वहीं सड़कों पर आवारा-बेसहारा घूम रही गायों को सहारा मिलेगा एवं सड़कों पर पशुओं के विचरण करने से आए दिन होने वाले एक्सीडेंट में भी कमी आएगी।
एमपी सरकार द्वारा गौपालन पर कितना अनुदान मिलेगा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Online registration for natural farming) ने भूमि के संरक्षण के लिए प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने का आह्वान किया है। इसी को ध्यान में रखकर मध्यप्रदेश सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिए जाने का निर्णय लिया इसी के साथ प्रदेशभर के लिए प्राकृतिक खेती करने के लिए गाय पालने पर किसानों को अनुदान देने का फैसला लिया।
सरकार एक देसी गाय पालने पर किसानों को प्रतिमाह 900 रुपए का अनुदान भी देगी- प्रदेश सरकार ने गाय पालने पर एक गाय के लिए हर महीने 900 रुपए देने का निर्णय लिया है इस हिसाब से देसी गाय पालने (Online registration for natural farming) पर किसान को 10800 रुपए का अनुदान प्रतिवर्ष मध्य प्रदेश सरकार द्वारा दीया जाएगा।
एमपी गौपालन अनुदान योजना 2022 की पात्रता एवं शर्तें
योजना के तहत मध्यप्रदेश के सभी किसान (Online registration for natural farming) पात्र होंगे। हालांकि प्रदेश सरकार ने देसी गोपालन योजना में अनुदान दिए जाने के लिए कुछ शर्तें निर्धारित की है, इन शर्तों के अनुसार उन्हीं किसानों को गोपालन योजना का लाभ दिया जाएगा, जो किसान प्राकृतिक खेती करेंगे। यानी की, प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को ही योजना के अंतर्गत देसी गाय पालने पर अनुदान के रूप में प्रतिवर्ष 10800 रुपए मिलेंगे।
गौपालन अनुदान योजना में अनुदान की प्रक्रिया क्या रहेगी ?
प्रदेश के किसानों को देसी गोपालन योजना (Online registration for natural farming) के अंतर्गत किसानों को अनुदान की प्रक्रिया कृषि विभाग एवं प्राकृतिक कृषि बोर्ड के द्वारा निर्धारित की जाएगी। प्राकृतिक कृषि बोर्ड एवं कृषि विभाग के अधिकारी मिलकर योजना का विस्तृत प्रारूप तैयार करेंगे।
इस योजना के तहत सिर्फ वही किसान (Online registration for natural farming) दायरे में आएंगे, जो प्राकृतिक खेती करेंगे। अन्य पद्धति से खेती करने पर उन्हें देशी गाय के लिए 900 रुपए का भुगतान नहीं किया जाएगा। इस योजना के तहत हर ब्लॉक में पांच-पांच पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं की सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। यह न सिर्फ ट्रेनिंग देंगे, बल्कि इस बात को भी देखेंगे कि प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को ही गाय पालन की सरकारी सहायता मिल रही है।
ऐसे मिलेगा गौपालन अनुदान योजना का लाभ
योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को प्राकृतिक खेती (Online registration for natural farming) करना अनिवार्य रखा गया है। प्राकृतिक खेती करने संबंधी घोषणा पत्र किसानों को देना होगा। जिसकी जांच कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा की जाएगी एवं कृषि विभाग के द्वारा प्राकृतिक कृषि बोर्ड को प्रतिवेदन दिया जाएगा। इसके बाद शासन की ओर से देसी गाय पालने के लिए अनुदान की शुरुआत अनुदान देने की शुरुआत कर दी जाएगी।
प्राकृतिक खेती (Online registration for natural farming) के इच्छुक किसानों को आत्मा परियोजना के अंतर्गत जिला स्तर के परियोजना संचालक प्राकृतिक खेती के संबंध में अवगत कराना होगा। इच्छुक किसान को प्राकृतिक खेती के लिए आवेदन देना होगा। इसका प्रारूप सरकार द्वारा जारी किया जाएगा। इसमें उसे घोषित करना होगा कि वह कितनी भूमि पर प्राकृतिक खेती करना चाहता है। इसके बाद उसे सरकारी सहायता मिल सकेगी।
प्राकृतिक खेती के लिए क्या करना होगा ?
प्राकृतिक खेती के इच्छुक किसानों (Online registration for natural farming) को आत्मा परियोजना के अंतर्गत जिला स्तर के परियोजना संचालक प्राकृतिक खेती के संबंध में अवगत कराना होगा। इच्छुक किसान को प्राकृतिक खेती के लिए आवेदन देना होगा। इसका प्रारूप सरकार द्वारा जारी किया जाएगा।
इसमें किसान को घोषित करना होगा कि, वह कितनी भूमि पर प्राकृतिक खेती करना चाहता है। इसके बाद उसे सरकारी सहायता मिल सकेगी। इस योजना के तहत सिर्फ वही किसान दायरे में आएंगे, जो प्राकृतिक खेती करेंगे। अन्य पद्धति से खेती करने पर उन्हें देशी गाय के लिए 900 रुपए का भुगतान नहीं किया जाएगा।
गौपालन अनुदान योजना में कितनी तरह की नस्लें शामिल
योजना (Online registration for natural farming) के अंतर्गत 56 तरह की भारतीय नस्ल की गाय देशी श्रेणी में आएंगी। इसमें मालवी, निमाड़ी, गीर, थारपारकर, नागौरी, कांकरेज, साहीवाल आदि गाय देशी नस्ल की गाय मानी जाती है। मध्यप्रदेश में मूल रूप से मालवी, निमाड़ी और गुजरात की गीर गाय अधिक हैं। खास है कि एक देसी गाय से 30 एकड़ में प्राकृतिक खेती की जा सकती है।
यानी इसके गोबर और मूत्र से ही जीवामृत और घन जीवामृत बनाए जा सकते हैं। इस योजना की खास बात यह है कि ग्रामीण क्षेत्र के किसान हो या शहरी क्षेत्र के जो भी प्राकृतिक खेती करेगा, उन्हें देशी गाय पालन के लिए 900 रुपए प्रति गाय के हिसाब से भुगतान किया जाएगा।
योजना में आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज
देसी गोपालन अनुदान योजना (Online registration for natural farming) का लाभ लेने के लिए किसानों को यह दस्तावेज देना होंगे –
- बैंक खाते पासबुक की प्रतिलिपि
- प्राकृतिक खेती करने संबंधी घोषणा पत्र
- देसी गाय पालने का घोषणा पत्र
- देसी गाय का चिकित्सीय प्रमाण पत्र
- जमीन की खसरा b1
- जमीन का नक्शा
- किसान का आधार कार्ड
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आवेदन की प्रक्रिया यह रहेगी
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही देसी गोपालन अनुदान योजना (Online registration for natural farming) का लाभ लेने के लिए किसानों को देसी गाय पालना होगी। देसी गाय के साथ साथ प्राकृतिक खेती भी करना होगी। किसान अपनी जमीन के संपूर्ण रकबे में से कुछ हिस्से में प्राकृतिक खेती कर सकते हैं।
अनुदान योजना की इन शब्दों का पालन करते हुए किसान को अपने क्षेत्र के कृषि विभाग के अधिकारी/कर्मचारी से मिलना होगा। कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा प्राकृतिक खेती करने संबंधी प्रक्रिया बतलाई जाएगी जिसका पालन करने के पश्चात किसान को अनुदान का लाभ मिलने लगेगा।
योजना में आवेदन ऐसे करें
किसानों से प्राकृतिक खेती (Online registration for natural farming) के लिए ऑनलाईन पंजीयन करने के लिए प्रक्रिया अपनाने की अपील की गई है। किसान अपने मोबाईल पर विभागीय वेबसाईट http://mpkrishi.org टाईप करें। वेबसाईट के होम पेज पर नीचे दी गई लिंक पर किसान पंजीयन के लिए क्लिक करें। पंजीयन तीन स्टेप में होगा।
जिसमें कृषक की जानकारी, मोबाईल का वेरीफिकेशन एवं अन्य जानकारी फीड कर जानकारी भरेंगे। प्रक्रिया पूर्ण कर लेने पर कृषक का प्राकृतिक खेती (Online registration for natural farming) के लिए पंजीयन हो जाएगा।
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