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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना : छोटा प्रीमियम बढ़ा लाभ, योजना का लाभ कैसे लें, सरल भाषा में जानें

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PM fasal Bima Yojana 2022) के तहत किसानों को छोटा प्रीमियम जमा करना होता है इस योजना की विशेषताएं सरल भाषा में समझें।

PM fasal Bima Yojana 2022 : देशभर के किसान हमेशा अपने आप को प्राकृतिक आपदा तो कभी बाजार में गिरती कीमतों को लेकर आज सुरक्षित महसूस करता है केंद्र सरकार किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए कई योजनाएं चला रही है योजना में एक योजना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना। इस योजना की बारीकियों को आसान भाषा में समझिए।

किसानों के लिए बीमा योजना पहले भी थी। लेकिन ये कई कारणों से सफल नहीं हुई- कभी प्रीमियम दर बहुत ज्यादा, कभी नुकसान यह दावा राशि बहुत कम, तो कभी स्थानी नुकसान शामिल नहीं। परिणामस्वरूप मुश्किल से 20% किसान ही उनसे जोड़ते थे, और अपना हक पाने के लिए भी उनको अनेक प्रकार की परेशानियां उठानी पढ़ती थी। अंतः बीमा योजना के प्रति किसानों का भरोसा कम हो गया था।

फसल बीमा योजना (PM fasal Bima Yojana 2022) की विशेषताएं

  • फसल बीमा में यह सरकार की अब तक की सबसे बड़ी मदद है।
  • फलस्वरूप किसानों के लिए यह अब तक की सबसे कम प्रीमियम दर होगी। प्रीमियम का शेष भार सरकार द्वारा वाहन किया जाएगा – 90 प्रतिशत से ज्यादा होने पर भी।
  • खाद्यान्न दलहन तिलहन फसलों के लिए एक मौसम एक दर होगी जिलेवार और फसल बार अलग-अलग दर से अब मुक्ति मिलेगी- खरीफ: सिर्फ 2% – रबि: सिर्फ 1.5%
  • पूरा संरक्षण मिलेगा- बीमा पर कोई कंपनी नहीं होगी और इसके कारण दावा राशि में भी कमी या कटौती भी नहीं होगी।
  • पहली बार जल भराव को स्थानीय जोखिम में शामिल किया गया है।
  • पहली बार देश भर में फसल कटाई के बाद चक्रवात एवं बेमौसम बारिश का जोखिम भी शामिल किया गया है।
  • पहली बार सही आकलन और शीघ्र भुगतान के लिए मोबाइल और सैटेलाइट टेक्नोलॉजी के व्यापक उपयोग पर जोड़ दिया गया है।

प्रश्न : फसल बीमा क्या है ?

उत्तर : फसल बीमा किसानों की फसलों से जुड़े जोखिम की वजह से हो सकने वाले नुकसान से रक्षा करने का माध्यम है। इससे किसानों को अचानक आए जोखिम या खराब मौसम से फसल को हुए नुकसान की भरपाई की जाती है।

प्रश्न : इस समय कौन-कौन सी फसल बीमा योजनाएं चल रही है ?

उत्तर : इस समय राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एनएआईएस), संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एमएनएआईएस), मौसम आधारित फसल बीमा योजना (डब्ल्यूबीसीआईएस), एवं नारियल पान बीमा योजना (सीपीआईएस), चल रही है। राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना और संशोधित कृषि बीमा योजना को रबि 2015-16 के बाद बंद कर किसानों को अधिक सुरक्षा देने के लिए अब खरीद 2016 से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) शुरू की जा रही है।

प्रश्न : पहले की योजनाओं (एनआईएस) और (एमएनएआईएस) को रबी 2015-16 के बाद क्यों बंद किया जा रहा है ?

उत्तर : इस योजना में किसानों को पुरानी सभी योजनाओं की तुलना में सबसे कम प्रीमियम राशि देनी होगी। किसानों को प्रीमियम की रकम का बोझ अब महसूस नहीं होगा। इस बोझ की वजह से पहले बहुत से किसान बीमा नहीं कराते थे और इन्हें नुकसान होने पर कोई भरपाई नहीं मिल पाती थी। नई योजना में अब सभी किसानों को लिए खरीद में ज्यादा से ज्यादा 2 फ़ीसदी और रवि में ज्यादा से ज्यादा 1.5 फ़ीसदी बीमा दर रखी गई है। इसके अलावा सालाना बागवानी/व्यावसायीक फसल के लिए प्रीमियम किधर ज्यादा से ज्यादा 5 फ़ीसदी की गई है यह दरे पहले की काफी कम है।

प्रश्न : क्या पहले की योजनाओं की तरह इस नई योजना में भी किसानों को कैंपिंग की समस्या का सामना करना पड़ेगा?

उत्तर : नही, पहले की योजनाओ (PM fasal Bima Yojana 2022) में अधिक प्रीमियम होने पर बीमित राशी की सीमा तय करने से नुकसान होने पर भरपाई की रकम भी कम हो जाया करती थी, इसलिए नई योजना में इस प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है अब किसानों को भी मत राशि की पूरी रकम के अनुसार पूरा ह मिल सकेगा

प्रश्न : इस योजना के तहत कौन-कौन से जोखिम कवर किए गए हैं ?

उत्तर : इस योजना के तहत निम्नलिखित जोखिम कवर किए गए हैं-

1) उपज नुकसान के आधार पर— इस योजना में आग लगने क्या अलावा बिजली गिरने, तूफान, ओला पढ़ने, चक्रवात, अंधड़, बवंडर, बाढ़, जलभराव, जमीन धंसने सुखा, खराब मौसम, कीट एवं फसल को होने वाली बीमारियां आदि जोखिम से फसल को होने वाले नुकसान को शामिल करके एक ऐसा बीमा कवर दिया जाएगा, जिसमें इनसे होने वाले सारे नुकसान से सुरक्षा प्रदान की जाएगी।

2) सुरक्षित बुआई के आधार पर— अगर बीमित किसान बुआई/ रोपाई के लिए खर्च करने के बावजूद खराब मौसम की वजह से बुआई/रोपाई नहीं कर सकते तो वह बीमित राशि के 25% तक नुकसान का दावा ले सकेंगे।

3) फसल कटाई के बाद – फसल को चक्रवात, बेमौसम बारिश और स्थानीय आपदा जैसे ओलो, जमीन धंसने और जल भराव से होने वाले नुकसान का अंदाजा प्रभावित खेत के आधार पर किया जायेगा और इसके अनुसार किसानो के नुकसान का आकलन करके दावे तय किए जाएंगे।

प्रश्न : इस योजना के तहत कौन-कौन से राज्य भागीदार है

उत्तर : यह योजना सभी राज्य सरकारों और संघ शासित क्षेत्रों के लिए स्वैच्छिक है। अतः इस योजना में सभी राज और संघ शासित क्षेत्र शामिल हो सकते हैं।

प्रश्न : इस योजना के तहत कौन-कौन से किसान किन-किन फसलों का बीमा करा सकते हैं ?

उत्तर : राज्य सरकारों संघ शासित क्षेत्रों द्वारा तय किए गए इलाके में तय की गई फसल जो कि अनाज, खाद्यान्न, तिलहन, सालाना व्यावसायिक और बागवानी फसल हो सकती है, उगाने वाले किसान बीमा करा सकते हैं। नई बीमा योजना किए गए क्षेत्र मैं कैसीसी खाता धारा किसानों ( जिन्हें ऋणी किसान कहा जाता है) के लिए अनिवार्य है तथा अन्य सभी किसान अगर चाहे तो बीमा का लाभ ले सकते हैं।

प्रश्न : इस योजना के तहत किसान बीमा कैसे ले सकता है?

उत्तर : इस योजना के तहत बैंक कैसीसी खाता (जिन्हें ऋणी किसान कहा जाता है) धारक किसानों के लिए जरूरी प्रीमियम बीमा कंपनी के पास अपने आप भेज देते हैं और उन किसानों का बीमा हो जाता है अन्य सभी किसानों निकटतम बैंक या तय की गई बीमा कंपनी के स्थानीय एजेंट को प्रीमियम का भुगतान करके फसल बीमा करा सकते हैं।

प्रश्न : क्या नई फसल बीमा योजना में खेत वार और नुकसान का आकलन करने का नियम है ?

उत्तर : नई बीमा योजना में यह नियम बनाया गया है, कि स्थानीय आपदाओं जैसे ओला पढ़ने, जमीन धंसने और जल जलभराव से नुकसान होने पर योजना में खेत वार नुकसान का आकलन किया जाएगा। ठीक उसी तरह फसल कटाई के बाद खेत में पड़ी हुई फसल को 14 दिन के भीतर चक्रवात और बेमोसम बरसात से नुकसान होने पर पर भी खेत वार आकलन करके भुगतान करने का नियम बनाया गया है।

प्रश्न : क्या इस योजना में खराब मौसम के कारण बुवाई/रोपाई ना कर पाने पर नुकसान का मुआवजा देने का प्रावधान है ?

उत्तर : हां, बीमा की गई फसल की खराब मौसम के कारण बुवाई/रोपाई ना कर पाने पर बीमा मूल्य राशि का 25 फीसदी तक सीधे किसानों के खाते में जमा करने का प्रावधान इस योजना में किया गया है।

प्रश्न : फसल बीमा करवाने के लिए किससे संपर्क करें?

उत्तर : फसल बीमा के लिए अपने निकटतम बैंक का शाखा कृषि सहकारिता समिति, बीमा कंपनी उनके एजेंट से संपर्क करें।

प्रश्न : क्या फसल बीमा में नुकसान के दावे के भुगतान को जल्द से जल्द करने के लिए कोई उपाय किए गए हैं ?

उत्तर : नयी योजना में स्मार्टफोन से फसल कटाई आकलन की तस्वीरें खींच कर सर्वर पर अपलोड की जाएगी। जिससे फसल कटाई के आंकड़े जल्द से जल्द बीमा कंपनी को मिल सकेंगे। इससे दावो का भुगतान करने में लगने वाले समय को काफी कम किया जाएगा। रिमोट सेंसींग ओर ड्रोन जैसी तकनीक के इस्तेमाल से फसल कटाई प्रयोग की संख्या को कम करने में और नुकसान के आकलन में सहायता मिलेगी।

प्रश्न : इस योजना के तहत बीमा इकाई क्या है ?

उत्तर : यह योजना क्षेत्र दृष्टिकोण के आधार पर अमल मैं लाई जाएगी। मुख्य फसल के लिए बीमा इकाई ग्राम/ग्राम पंचायत स्तर पर होगी और अन्य फसलों के लिए बीमा इकाई राज्य सरकार द्वारा तय की जाएगी और यह ग्राम/ग्राम पंचायत से बड़े आकार की भी हो सकती है।

प्रश्न : इस योजना के तहत किसानों के लिए भी बीमीत राशि क्या होगी ?

उत्तर : इस योजना के तहत बीमित राशि से जिला स्तर तकनीकी समिति (डीएलटीसी) द्वारा उस फसल के लिए वित्त पैमाने के बराबर होगी।

प्रश्न : पूर्व की मौसम आधारित फसल बीमा योजना मैं क्या संशोधन किया गया है ?

उत्तर : मौसम आधारित फसल बीमा योजना (PM fasal Bima Yojana 2022) को संशोधित करके प्रशासनिक मानक और परिचालन के प्रावधान अब पीएमएफ बुवाई के समान कर दिए गए है जैसे इस योजना के तहत अब किसान के हिस्से की प्रीमियम दर को सभी फसलों के लिए खरीद मैं ज्यादा से ज्यादा 2% तथा रबी में ज्यादा से ज्यादा 1.5% किया गया है, और वार्षिक बागवानी-वाणिज्यिक फसल के लिए किसान की प्रीमियम दर को ज्यादा से ज्यादा 5% कर दिया गया है तथा सीमित राशि पर कंपनी का प्रावधान भी हटा दिया गया है ताकि किसानों को पूर्ण बीमित राशि की क्षतिपूर्ति मिल सके।

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राधेश्याम मालवीय

मैं राधेश्याम मालवीय Choupal Samachar हिंदी ब्लॉग का Founder हूँ, मैं पत्रकार के साथ एक सफल किसान हूँ, मैं Agriculture से जुड़े विषय में ज्ञान और रुचि रखता हूँ। अगर आपको खेती किसानी से जुड़ी जानकारी चाहिए, तो आप यहां बेझिझक पुछ सकते है। हमारा यह मकसद है के इस कृषि ब्लॉग पर आपको अच्छी से अच्छी और नई से नई जानकारी आपको मिले।
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