प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना से इनको मिलेगा लाभ, आवेदन व योजना की संपूर्ण जानकारी
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना (PM Micro Food Upgradation Scheme) क्या है ? इसका उद्देश्य, आवेदन कैसे करें व योजना की संपूर्ण जानकारी, जानें..
PM Micro Food Upgradation Scheme | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा देश में लगे लॉकडाउन के चलते लोगों को रोजगार प्रदान करने के लिए 20 मई को कैबिनेट मीटिंग में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना को आरंभ करने की घोषणा की गई थी। यह योजना छोटे (सूक्ष्म) एवं लघु खाद्य व्यवसाय करने वाले उद्यमियों के हित में शुरू की गई है।
इस योजना के तहत छोटे और लघु खाद्य व्यवसाय और राजस्व को आगे बढ़ाने के लिए सब्सिडी और सहायता के रूप में आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इसके अलावा लोगों को प्रशिक्षण, प्रशासनिक सहायता, MIS योजना का प्रचार प्रसार की सुविधाएं भी निशुल्क दी जाती है।
अगर आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही आर्टिकल पढ़ रहे हैं। क्योंकि आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से इस योजना का संपूर्ण विवरण प्रदान करने जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना क्या है ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी (PM Micro Food Upgradation Scheme) के द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना को लांच किया था। यह योजना वित्त वर्ष 2020-21 से चालू की गई है जो वित्त वर्ष 2024-25 तक संचालित की जाएगी यानी केंद्र सरकार द्वारा यह योजना 5 सालों तक चलाई जाएगी। इस योजना के माध्यम से देश के छोटे और लघु खाद्य उद्योगों के राजस्व में प्रगति लाई जाएंगी।
इस योजना के तहत खाद्य पदार्थों में गुणवत्ता और सुरक्षा की चीजों एवं हर जिले में लघु वन उत्पादन को ध्यान में रखकर कार्य किया जाता है साथ ही उद्यमियों को सब्सिडी के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करने, प्रशिक्षण देने का काम भी किया जाता है। इस समय प्रधानमंत्री (PM Micro Food Upgradation Scheme) सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना देश के छोटे/लघु उद्योगों को विकसित कर रही है जिससे रोजगार के अवसर उत्पन्न हो रहे हैं और बेरोजगारी दर में कमी देखने को मिल रही है।
इस योजना के तहत प्रशिक्षण सहायता
उन व्यक्तिगत इकाइयों और समूह को भी प्रशिक्षण सहायता प्रदान किया जाएगा जो पूंजी निवेश करके लाभ (PM Micro Food Upgradation Scheme) की प्राप्ति करने के इच्छुक हैं। जिन समूहों को विपणन और ब्रांडिंग सहायता प्रदान की जा रही है उन्हें और जिले में एक जिला एक उत्पाद का उत्पादन करने वाली मौजूदा इकाइयों और समूह को भी प्रशिक्षण सहायता दी जाएंगी।
यह प्रशिक्षण ऑनलाइन मॉड्यूल के माध्यम से प्रदान किया जाएगा। यह मॉडल छोटी छोटी अवधि के होंगे। जो साप्ताहिक आधार पर जिले के साथ ऑडियोवीजुअल समर्थन के तहत प्रदान की जाएगी। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (PM Micro Food Upgradation Scheme) द्वारा प्रति घंटे के हिसाब से एक निश्चित दर निर्धारित की गई है जिसे प्रशिक्षण पर खर्च किया जाएगा
राज्य स्तरीय तकनीकी संस्थाओं को सहायता
देश की राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (PMFME) के अंतर्गत राज्य स्तरीय तकनीकी संस्थाओं (PM Micro Food Upgradation Scheme) को भी नामांकित किया जाएगा। यह संस्थाएं राज्य स्तरीय तकनीकी संस्थाओं के लिए पीआईपी तैयार करने, पीआईपी को इनपुट प्रदान करने, जिला संसाधन व्यक्तियों के लिए क्षमता निर्माण प्रशिक्षण आयोजित करने, ब्रांडिंग और मार्केटिंग योजनाओं के लिए इनपुट प्रदान करने, जिला संसाधन व्यक्तियों को एडवाइस (advice) देने के लिए जिम्मेदार होंगे।
तैयार हुई पीआईपी में प्रस्तावित गतिविधियों (PM Micro Food Upgradation Scheme) के लिए एक वार्षिक प्रशिक्षण कैलेंडर शामिल होगा। जिसे राज्य स्तरीय अनुमोदित समिति के अनुमोदन के बाद मंत्रालय को हस्तांतरित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना का उद्देश्य
इस योजना (PM Micro Food Upgradation Scheme) को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य देश के छोटे और लघु उद्योगियो को उनके व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए आर्थिक सहायता के साथ-साथ अन्य की तरहां की की सुविधाएं प्रदान करना है। ताकि जो उद्योग कोरोनावायरस संक्रमण के कारण लगे लॉकडाउन में रुक गए थे उन्हें दोबारा से प्रगति प्रदान की जा सके। क्योंकि कोरोनावायरस संक्रमण के कारण लगे पहले लॉकडाउन की वजह से देश के अधिकतर उद्योग रुक गए थे।
जिसके कारण उद्योगों (PM Micro Food Upgradation Scheme) और राजस्व की प्रगति में भारी कमी आ गई थी। इसी समस्या देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने छोटे और लघु उद्योगो/राजस्व को प्रगति देने के लिए प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना को शुरू किया था।इस योजनाके माध्यम से छोटे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ-साथ ही रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे और बेरोजगार युवाओं को एक बेहतर रोजगार मिल सकेगा।
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना की जानकारी
- इस योजना (PM Micro Food Upgradation Scheme) के तहत 5 सालों की अवधि के लिए 10000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
- केंद्र सरकार द्वारा पहले साल का पूरा खर्च खुद वहन किया गया है।
- 4 वर्षों तक इस योजना पर किए जाने वाले खर्च को केंद्र और सभी राज्य/केंद्र शासित राज्य सरकारों के बीच 60:40 अनुपात में, पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के साथ 90:10 के अनुपात में साझा किया जाएगा।
- पीएम सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत योग्य उत्पाद लागत पर 10 लाख रुपए की अधिकतम सीमा के साथ 35% की दर से क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना किन-किन बिंदुओं पर आधारित है?
एक जिला एक उत्पाद पर सामान्य अवसंरचना में सहायता प्रदान करने में एसएचजी, एफपीओ कोआपरेटिव और व्यक्तिगत सूक्ष्म खाद्य उद्योगों (PM Micro Food Upgradation Scheme) को सहायता देने पर एचएचजी को प्रारंभिक पूंजी ब्रांडिंग और बिक्री में सहायता करने पर प्रशिक्षण और अनुसंधान में सहायता देना क्षमता निर्माण में सहायता करना
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना से यह लाभ मिलेगा
- सरकार द्वारा इस योजना का लाभ (PM Micro Food Upgradation Scheme) देश के छोटे और लघु व्यवसाय करने वाले उद्यमियों को दिया जाता है।
- इस योजना के तहत छोटे और लघु खाद्य व्यवसाय और राजस्व को आगे बढ़ाने के लिए सब्सिडी और सहायता के रूप में आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
- इसके अलावा लोगों को प्रशिक्षण, प्रशासनिक सहायता, MIS योजना का प्रचार प्रसार की सुविधाएं भी निशुल्क दी जाती है।
- सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (PM Micro Food Upgradation Scheme) के माध्यम से देश में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं। जिससे बेरोजगारी दर में गिरावट आ रही है।
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना की विशेषताएं
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Micro Food Upgradation Scheme) जी के द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना को 20 मई सन् 2022 को शुरू किया था।
- यह योजना वित्त वर्ष 2020-21 से शुरू की गई है जो वित्त वर्ष 2024-25 तक संचालित की जाएगी। यानी यह योजना 5 सालों के लिए चलाई गई है।
- 5 सालों तक इस योजना के तहत 10000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। जिसमें केंद्र सरकार और राज्य सरकार/केंद्र शासित प्रदेशों का 60:40 अनुपात में खर्च किया जाता है।
- सरकार द्वारा इस योजना के तहत 10 लाख तक की लागत वाली परियोजनाओं के लिए योग्य उद्यमियों को 35% की दर से क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी दी जाती है।
- प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना को शुरू करने का मुख्य लक्ष्य कोरोनावायरस संक्रमण के कारण जो खाद्य उद्योग रुक गए थे उन्हें प्रगति प्रदान करना है।
- प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (PM Micro Food Upgradation Scheme) के अंतर्गत चयन प्रक्रिया
- एक जिला एक उत्पाद में लगे उद्यम को वरीयता दी जाती है।
- व्यक्तिगत सूक्ष्म उद्यम की पहचान समूह के चयन के माध्यम से की जाती है।
- देश में आवेदकों के लिए जिला स्तर पर आवेदनों को आमंत्रित किया जाता है।
- प्राप्त हुए आवेदनों को जिला स्तरीय समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है।
- जिला स्तरीय समिति रिसोर्सेज पर्सन द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर इच्छुक अभ्यर्थियों की साक्षात्कार करती है।
- जिन मामलों में जिला स्तरीय समिति द्वारा सिफारिश की जाती है, संसाधन व्यक्ति उन्हें डीपीआर तैयार करने में मदद करेंगे। जिससे वह बैंक से आसानी से प्राप्त कर सके।
- डीपीआर के साथ सभी आवश्यक दस्तावेज जमा किए जाते हैं।
- लेकिन समर्थन की जाने वाली अलग-अलग सूक्ष्म इकाइयों को अंतिम सहमति राज्य सरकार द्वारा ही दी जाती है।
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना के लिए पात्रता
- आवेदक को भारत का स्थाई निवासी होना चाहिए।
- देश के छोटे और बड़े उद्योगपति दोनों योजना के आवेदन करने के पात्र हैं।
- उद्योग खाद्य (PM Micro Food Upgradation Scheme) प्रसंस्करण गतिविधियों से संबंध रखता हो।
- आवेदक की आयु 18 वर्ष या इससे अधिक की होनी चाहिए।
- आवेदक कम से कम 8वीं कक्षा पास होना चाहिए।
- केवल एक ही परिवार का एक व्यक्ति इस योजना का लाभ लेने का पात्र है।
- आवेदक जिस उद्योग के लिए आवेदन कर रहा हो उसका खुद मालिक होना चाहिए।
- उद्योग एक जिले में पहचाने गए उत्पाद, जिले के एक उत्पाद में शामिल होना चाहिए।
- कम से कम उद्योग में 10 श्रमिक काम करते हो।
- आवेदक द्वारा प्रोपराइटरशिप या पार्टनरशिप फर्म के लिए ही इस योजना का लाभ लिया जा सकता है।
- भूमि की लागत को परियोजना लागत में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।
- लंबी लीज या रेंटल वर्कशीट के साथ रेडी बिल्ट की लागत को परियोजना (PM Micro Food Upgradation Scheme) लागत में शामिल किया जा सकता है।
- वर्कशीट का लीज रेंटल जो परियोजना लागत में शामिल है अधिकतम 3 वर्षों की अवधि के लिए होना चाहिए।
योजना में आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- उद्योग से जुड़े दस्तावेज
- बैंक खाता विवरण
- पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
- मोबाइल नंबर
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया
- सबसे पहले आपको इस योजना (PM Micro Food Upgradation Scheme) की अधिकारिक वेबसाइट https://pmfme.mofpi.gov.in/pmfme/#/Home-Page] पर जाना है।
- इसके बाद आपके सामने वेबसाइट का होमपेज खुलकर आ जाएगा।
- वेबसाइट के होमपेज पर आपको Online Registration के विकल्प पर क्लिक कर देना है।
- अब आपके सामने अगला पेज खुल कर आ जाएगा।
- इस पेज पर आपको Sign Up के विकल्प पर क्लिक करना है।
- जैसे ही आप इस विकल्प पर क्लिक करेंगे आपके सामने एक फॉर्म खुलकर आ जाएगा।
- इस फॉर्म में आपको पूछी गई सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दर्ज कर देना है।
- इसके बाद आपको Register के बटन पर क्लिक करना है। अब आपको पोर्टल पर Login करना है
- अब आपको Select Beneficiary Type का चयन करना है।
- इसके बाद आपको अपनी यूजर आईडी, पासवर्ड दर्ज करके Submit के बटन पर क्लिक करना है।
- अब आपको Apply Now के बटन पर क्लिक करना है।
- जैसे ही आप इस विकल्प पर क्लिक करेंगे आवेदन फॉर्म आपके सामने आ जाएगा।
- इसके बाद आपको आवेदन फॉर्म में पूछी गई सभी विवरणों को ध्यानपूर्वक दर्ज करके सभी आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड कर देना है।
- अब आपको Submit के बटन पर क्लिक कर देना है।
- इस प्रकार से आप प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (PM Micro Food Upgradation Scheme) के तहत आवेदन कर सकते हैं।
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