प्री मानसून : किसान लगे खेती किसानी और बीज की व्यवस्था में, कृषि विभाग की तैयारियां अधूरी
मध्यप्रदेश में प्री मानसून की गतिविधियां (Pre Monsoon / Monsoon 2022) शुरू हो चुकी है। इस बीच कृषि विभाग किसानों के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं अभी तक नहीं कर पाया है।
Pre Monsoon / Monsoon 2022 | प्री मानसून की आहट होने लगी है किसान साथी खेती किसानी के कार्य में व्यस्त होने लगे हैं। बीज एवं अन्य कृषि
सामान की व्यवस्था होने लगी है। किसान साथी खाद बीज की व्यवस्था करने में जुट गए हैं, लेकिन कृषि विभाग अब तक नींद से नहीं जाग पाया है। किसानों के बीच चर्चा है कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मानसून की दस्तक एवं बोवनी शुरू होने के पश्चात कृषि विभाग एकाएक उठेगा, जबकि किसानों को कृषि विभाग के मार्गदर्शन एवं खाद बीज की अभी जरूरत है।
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प्री मानसून गतिविधियां शुरू हुई (Pre Monsoon / Monsoon 2022)
मध्य प्रदेश में मौसम का मिजाज बदलने लगा है। प्रदेश में प्री मानसून में आहट दे दी है। फ्री मानसून के चलते प्रदेश के कई इलाकों में हल्की फल्की बारिश हुई है। रविवार को रीवा एवं उमरिया में 22 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई। इसके अलावा मलजखंड, जबलपुर, ग्वालियर, सतना और खजुराहो में कहीं-कहीं बारिश हुई। इसे प्री मानसून एक्टिविटी के तौर पर देखा जा रहा है। इधर आने वाले 24 घंटे में भोपाल समेत प्रदेश के 12 जिलों में बारिश के आसार हैं।
कुछ शहरों में गरज-चमक के साथ तेज हवाएं भी चल सकती हैं। इंदौर में 24 मई तक हल्की बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार आज से पश्चिमी विक्षोभ (पाकिस्तान से आ रही हवाएं) एक्टिव हो जाएगा। इससे भी तापमान में गिरावट आएगी। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार से प्रदेशभर में प्री मानसून की हल्की बारिश शुरू हो जाएगी।
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तेज हवा के साथ इन शहरों में बारिश के आसार
भोपाल, रीवा, सागर, चंबल, जबलपुर, कटनी, उमरिया, बालाघाट, अनूपपुर, शहडोल, ग्वालियर, दतिया और शिवपुरी में शाम तक हल्के बादल और गरज-चमक हो सकती है। अगले 24 घंटे में हल्की बौछारें पड़ सकती हैं। तीन से चार दिन तेज हवाओं के साथ हल्की बारिश के आसार हैं। पिछले 24 घंटे में भिंड, श्योपुर कलां, शिवपुरी, मुरैना, ग्वालियर, दतिया, गुना, कटनी, पन्ना, उमरिया, बालाघाट, रीवा, सतना, सीधी, दमोह, शहडोल, सागर, अमरकंटक और बांधवगढ़ में हल्की बारिश हुई है।
मध्य प्रदेश में मानसून की एंट्री इस वर्ष जल्दी होगी
बंगाल की खाड़ी में बने साइक्लोन के कारण मानसून की गतिविधियां बढ़ गईं। इससे मानसून अंडमान निकोबार में समय से पहले आ गया। इससे ही अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी आने लगी है। इधर, पाकिस्तान से हवाओं के आने के कारण बारिश की गतिविधियां बढ़ गई हैं।
मौसम विभाग के अनुसार मध्य प्रदेश में मानसून की एट्री इस वर्ष अन्य वर्षो की तुलना में जल्दी होगी। मानसून के केरल तट तक 27-28 मई तक पहुंचने की संभावना है। इस स्थिति में यह मध्यप्रदेश में 13 से 15 जून के बीच आ जाएगा। 20 जून तक पूरे प्रदेश में एक्टिव हो सकता है। इस बार इंदौर-उज्जैन में सामान्य और भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर-चंबल और जबलपुर में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना है।
किसानों में उत्साह : कृषि विभाग की तैयारियां अधूरी
मौसम विभाग ने इस बार मानूसन की बारिश बेहतर रहने का अनुमान जताया है। ऐसे में किसान सोयाबीन फसल की बुआई को लेकर उत्साहित हैं लेकिन इसके विपरीत कृषि विभाग द्वारा मानसून एवं खरीफ फसल की बुवाई को लेकर तैयारियां पर्याप्त तैयारियां नहीं की गई है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कृषि विभाग द्वारा सोयाबीन बीज की व्यवस्था को लेकर किसानों को अब तक किसी प्रकार का मार्गदर्शन नहीं दिया जा रहा है।किसानों के लिए सोयाबीन बीज की व्यवस्था को लेकर शासन-प्रशासन ने अब तक गंभीरता नहीं दिखाई है।
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इन बिंदुओं पर पिछड़ा कृषि विभाग
मध्य प्रदेश के किसानों को प्रत्येक जिलेवार इस बार कितने बीज की आवश्यकता होगी, वर्तमान में कितना बीज कौन सी कंपनियों का उपलब्ध है इसकी जानकारी कृषि विभाग द्वारा अब तक सार्वजनिक नहीं की जा सकी है। ऐसे में किसान वर्ग भी असमंजस में नजर आ रहा है। कुल मिलाकर जिम्मेदार अधिकारियों ने किसानों को सोयाबीन बीज खरीदी के लिए पूरी तरह भगवान भरोसे छोड़ दिया है। ऐसे में सोयाबीन के नकली बीज बेचने वाले सक्रिय हो गए हैं।
पिछले वर्ष की तरह ही इस बार भी बाजार में सोयाबीन बीज की कालाबाजारी और गुणवत्ताहीन बीज की बिक्री की आशंका बढ़ गई है। क्योंकि बाजार में खाद-बीज की दुकानों पर जांच की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हो सकी है। 20 से 25 दिन के भीतर जिले में सोयाबीन की बुआई का सिलसिला शुरू हो जाएगा।
किसानों ने खरीफ फसल की बुआई को लेकर खेत तैयार करना भी शुरू कर दिए हैं। लगभग आठ से दस दिन बाद किसान सोयाबीन बीज की खरीदी को लेकर बाजार में आना शुरू हो जाएंगे। हर साल ऐसे मामले सामने आते हैं जब किसानों को बजार से महंगे दामों में सोयाबीन बीज खरीदने पड़ते हैं। बावजूद इसके इनकी गुणवत्ता ठीक नहीं निकलती। जिम्मेदार अधिकारी ऐन मौके पर बीज के सैंपल लेने के लिए दुकानों पर पहुंचते हैं तब तक हजारों क्विंटल बीज बेच दिया जाता है।
Pre Monsoon / Monsoon 2022 | कृषि विभाग द्वारा गुणवत्ता वाले बीज की सूची जारी नहीं की जाती है, वहीं दूसरी ओर यदि जा रही है। किसी किसान को खराब बीज बेचा जाता है तो इसकी शिकायत कहां करे। टोल-फ्री नंबर भी नहीं जारी किए गए हैं।
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