कृषि समाचार

गेहूं ने किसानों को मालामाल किया, लहसुन एवं प्याज ने रुलाया, इनके भाव क्यों कम है? जानिए

प्याज एवं लहसुन के भाव नहीं मिलने के कारण किसानों की हालत खराब हो रही है प्याज एवं लहसुन (Pyaj or Lahsun ke Bhav) की स्थिति क्यों हुई जानिए

Pyaj or Lahsun ke Bhav : इस वर्ष गेहूं की पैदावार करने वाले किसानों को अच्छा लाभ मिल रहा है, किंतु प्याज एवं लहसुन की खेती करने वाले किसान भाव नहीं मिलने के कारण परेशान हो रहे हैं। प्याज एवं लहसुन की यह स्थिति क्यों हो रही है? मंडियों में भाव क्यों कम है एवं आने वाले समय में कब तक प्याज एवं लहसुन के भाव में सुधार होगा या बढ़ोतरी होगी? आगे क्या स्थिति रहेगी यह जानिए

इस वर्ष प्याज एवं लहसुन का रकबा बढ़ा (Pyaj or Lahsun ke Bhav)

किसानों ने गेहूं-चने की फसल से अधिक लहसुन व प्याज की फसल पर भरोसा जताया था। जिससे अधिक लाभ मिल सके। क्योंकि पिछले साल लहसुन के भाव अधिक मिलने से किसानों ने इस बार उसका रकबा बढ़ाया है। जबकि परिणाम किसानों की उम्मीद के उलट मिल रहे हैं। एक तरफ लहसुन के भाव जमीन पर आ गए हैं तो वहीं फसल में रोग लगने के कारण उसका उत्पादन भी कम हुआ है। जिससे किसानों को दो तरफा नुकसान झेलना पड़ रहा है। यही स्थिति प्याज की भी है।

फसल में रोग लगा क्वालिटी भी खराब

पिछले साल 2021 में अच्छा भाव मिला तो किसानों ने इस साल लहसुन का रकबा बढ़ा दिया। लेकिन जब लहसुन खेतों से बाहर निकल कर आया और मंडियों में पहुंचा तो उसके भाव नहीं मिलने से लागत भी नहीं निकल पा रही है। कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि इसकी वजह इस बार लहसुन की फसल में कई प्रकार की बीमारी भी फैलना है। लहसुन की क्वालिटी भी अपेक्षाकृत उन्नत नहीं आ रही है। कलियां बारीक रह गई हैं। उपज में वायरस की समस्या के कारण यह स्थिति हुई। इसका असर अब यह हो रहा है कि प्याज एवं लहसुन की खेती के दौरान लगने वाले मजदूरों की मजदूरी तक निकल नहीं पा रही है, वहीं खेती के काम में लगे मजदूर के रेट भी पिछले वर्ष से ज्यादा हो गए हैं।

थ्रिप्स नमक कीट ने फसल को चौपट किया

  • इस वर्ष थ्रिप्स नमक कीट ने लहसुन की फसल को बर्बाद करने का काम किया है। ये छोटे आकर के पीले रंग के कीट होते हैं जो लहसुन और अन्य फसलों, जैस कपास, मिर्च और प्याज को भी प्रभावित करते हैं। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार थ्रिप्स कीट पौधों के कोमल भागों से रस चूस कर उनको कमज़ोर कर देता है जिस के कारण फलन (या फ्रूटिंग) पर असर पड़ता है। ये कीट सकिंग पेस्ट की श्रेणी में आते हैं और बहुत तेज़ी से बढ़ते हैं।
  • यदि ये एक खेत में लग जाएं तो आस-पास के दूसरे खेतों को भी ख़राब कर देते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि यह पेस्ट पत्तों, पंखुड़ियों और फलों का रास चूस लेते है जिस से पौधों में पोषण की कमी हो जाती है और वे मर जाते हैं जिस से उपज प्रभावित होती है। इन कीट पतंगों का जलवायु परिवर्तन साथ सम्बन्ध देखा जा सकता है। जैसे कि अचानक गर्मी बढ़ने और रात और दिन के तापमान में ज़्यादा अंतर होने से इन कीटों के अंडों की हैचिंग जल्दी होती है और ये तेज़ी से बढ़ते हैं। हवा में नमी और अचानक गर्मी पड़ने से इन कीड़ो को बढ़ने के लिए अनुकूल परिस्थितियां मिल सकती हैं।

कम हुई पैदावार

लहसुन की खेती करने वाले किसानों के अनुसार एक लहसुन की कट्टी लगाने पर 12 से 15 कट्टे का उत्पादन होता है, लेकिन इस बार 6 से 7 कट्टी ही उत्पादन हो रहा है और भाव भी कम मिल रहा है। इस कारण किसानों की लागत भी निकलना मुश्किल हो रहा है।

मंडी में नहीं मिल रहे भाव

इस समय सब्जी मंडी में लहसुन 1500 सौ से दो हजार रुपए क्विंटल के हिसाब से नीलाम हो रही है। वहीं पुराना लहसुन के खरीदार ही नहीं मिल रहे हैं। किसानों ने बताया कि शासन ने निर्यात चालू करने की बात कहीं थी उसका कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है।

फसल को ज्यादा समय तक नहीं रोक सकते

किसान असमंजस में हैं कि लहसुन को रोके या बेचें। उसमें लगे वायरस के कारण किसानों को लहसुन को रोकना भी संभव नहीं है भविष्य में लहसुन की मांग क्या रहती है यह भी कहा जा नहीं सकता। ऐसी स्थिति में इस बार लहसुन की फसल घाटे का सौदा नजर आ रही है। कारण यह है कि इस साल वैसे ही महंगा बीज के बाद रोग तथा दवाई का खर्च अधिक हो गया है। जबकि दाम नीचे बने हुए हैं।

आगे यह भाव रहने के आसार

Pyaj or Lahsun ke Bhav : व्यापारी प्याज एवं लहसुन के भाव को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति में है। व्यापारी बताते हैं कि प्याज के भाव में तेजी आ सकती किंतु इस वर्ष लहसुन के भाव ऐसे ही बने रहने की अधिक संभावना है।

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राधेश्याम मालवीय

मैं राधेश्याम मालवीय Choupal Samachar हिंदी ब्लॉग का Founder हूँ, मैं पत्रकार के साथ एक सफल किसान हूँ, मैं Agriculture से जुड़े विषय में ज्ञान और रुचि रखता हूँ। अगर आपको खेती किसानी से जुड़ी जानकारी चाहिए, तो आप यहां बेझिझक पुछ सकते है। हमारा यह मकसद है के इस कृषि ब्लॉग पर आपको अच्छी से अच्छी और नई से नई जानकारी आपको मिले।
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