समुन्नती एग्रो सोलूशन्स प्रा. लि. एवं एफपीओ के गठजोड़ से उन्नति कर रहे किसान, जानिए एफपीओ के बारे में
किसान उत्पादक संगठन FPO बनाकर किसान किस प्रकार अपनी आर्थिक उन्नति कर सकते हैं इस संगठन (Samunnati Agro Solutions Limited & Farmer Producer Company) के लिए क्या-क्या आवश्यक है, जानिए
Samunnati Agro Solutions Limited & Farmer Producer Company- समुन्नती एग्रो सोलूशन्स प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई एवं कृषक प्रोडूसर कम्पनी लिमिटेड यानी कि कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) की सहभागिता से किसानों की आर्थिक उन्नति हो रही है किसानों को अपनी उपज बेचने में सहूलियत हो रही है महीनों में आसान आसान दाम पर कृषि संसाधन उपलब्ध हो रहे हैं। इसका उदाहरण देवास जिले में आसानी से देखा जा सकता है।
यहां पर बागली कृषक प्रोडूसर कम्पनी लिमिटेड समुन्नती एग्रो सोलूशन्स प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई की सहायता/सहभागिता से आमला सेंटर के माध्यम से खरीफ वर्ष 2022 -23 में गेहू की खरेदी की जा रही है। उक्त खरीदी के दौरान संस्था के माध्यम से उच्चतम रेट पर मंडी एवं सीधे किसानो से नगद भुगतान पर खरेदी की जा रही है। जिसमे किसानो को अपने गेहूं की फसल का उच्चतम मूल्य प्राप्त हो रहा है एवं नगद भुगतान प्राप्त होने से किसानो में ख़ुशी का माहौल है एवं कृषि कार्यो में और अधिक मेहनत करके अधिक लाभ प्राप्त करने की इच्छा जागृत हो रही है।
लॉकडाउन में एफपीओ सहारा बनी समुन्नती एग्रो सोलूशन्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी
बागली कृषक प्रोडूसर कम्पनी लिमिटेड (एफपीओ) के डायरेक्टर जीतेन्द्र जी ने बताया की, (Samunnati Agro Solutions Limited & Farmer Producer Company) एफपीओ पास कोई भी लोन की सुविधा उपलब्ध नहीं थी और सन 2019-20 और 2020-21 में लॉकडाउन के वजह से एफपीओ ज्यादा बिज़नेस नहीं कर पायी और काम बिज़नेस के कारण लोन मिलना भी मुश्किल हो रहा था। ऐसी स्थिति में सितंबर 2021 के दौरान एफपीओ ने समुन्नति संस्था से 5 लाख का आयपीएल लोन के लिए अप्लाई किया और आसान तरीके से बिना ज्यादा कागजी कार्रवाई के एफपीओ को समुन्नती संस्था से 500000 का बिजनेस लोन मिल गया। लोन से लोन से फिर से नया बिज़नेस चालू किया। समुन्नति संस्था ने सोयाबीन और गेहू का मार्किट लिंकेज करके संस्था को ६ करोड़ तक पहुंच ने में एफपीओ की सहायत की।
एफपीओ अब किसानों से सीधे अनाज खरीद रहा
बागली एफपीओ के आमला सेंटर के माध्यम से मंडी एवं सीधे किसानो से अभी तक कुल 5228 क्विंटल की खरेदी की गयी है और एफ पि ओ ने खरीफ सीजन के समाप्त होने तक 10000 क्विण्टल की खरेदी का लक्ष्य रखा है। आमला खरेदी सेण्टर पर उपस्तिथ समुन्नति से कमलेश पाल, रजनेश कुमार सेंतु , विट्ठल पारस्कर, मलय दुबे, विनीत शर्मा, गौतम कुमार दे, नीलेश जी तथा बागली कृषक से कंपनी के डायरेक्टर जीतेन्द्र सिंह तंवर, रविंद्र सैन्धव जी के द्वारा बताया गया की हमारे आमला सेंटर के माध्यम से अभीतक कुल 5229 क्विंटल और लगभग 1.5 करोड़ तक का खरेदी का बिज़नेस एफपीओ के माध्यम से किया गया तथा खरीफ के समाप्त होने तक 20000 क्विंटल और लगभग 6 करोड़ का लक्ष्य रखा गया है। जिससे अधिक से अधिक किसानो को लाभ प्राप्त हो सके एवं उन्हें अपनी उपज का उच्चतम मूल्य प्राप्त हो सके एवं किसानो को नगद भुगतान होने से किसानो को अग्रिम कृषि कार्य को संपन्न कर सके।
समुन्नती एग्रो सोलूशन्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के लोन के बारे में जानिए
समुन्नति संस्था से एफपीओ को लोन एवं अन्य सुविधा जैसे कैपेसिटी बिल्डिंग, एफपीओ का डीजीटीलायजेशन, मार्केट लिंकेज आदि सुविधा एफपीओ के सुजल भविष्य और आर्थिक लाभ बढ़ाने के लिए की जाती है। इसके साथ ही संस्था एफपीओ को मार्गदर्शन प्रदान करती है।
- नए बने FPO के लिए बिजनेस चालू करने के लिए कम डॉक्युमेंट्स पर 5 लाख तक का लोन दिया जाता है।
- इसके लिए एफपीओ को कोई भी mortagage नहीं देना पड़ता है। FPO अपना बिजनेस 5 लाख से शुरू कर सकते है।
Samunnati- Trainings और कपैसिटी बिल्डिंग के लिए FPO के साथ मिलकर काम करते है। मार्केट लिंकेज- Samunnati अपना खरीदी सेंटर FPO को देकर अपने सदस्य और मंडी से खरीदी कर सकते है और Samunnati कंपनी को बेच सकते है संस्था FPO के साथ खरीद contact भी करते है
नोट : अधिक जानकारी के लिए समुन्नती एग्रो सोलूशन्स प्राइवेट लिमिटेड के विट्ठल पारस्कर से मोबाइल नंबर – 832968002 पर संपर्क किया जा सकता है।
जानिए एफपीओ के बारे में सब कुछ
दरअसल, छोटे एवं सीमांत किसानों की आय बढ़ाने कृषि उपज की ब्रांडिंग और तैयारी से लेकर खेतीबारी, बागबानी, पशुपालन मछली पालन फूड प्रोसेसिंग जैसे तमाम कामों में फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन यानी एफपीओ की भूमिका बढ़ती जा रही है, किसान एक कंपनी के रूप में एक एफपीओ का गठन कर अधिक आय अर्जित कर सकते हैं। एफपीओ किसानों को न केवल कृषि उपज का मूल्य खुद ही तय करने का अवसर देता है, बल्कि छोटी जोत वाले किसान को दलालों, बिजोलियों और मंडियों के भंवरजाल से छूटकारा दिलाने में भी काफी मददगार साबित हो रहा है।
कृषि उत्पादन संगठन यानी एपीओ (FPO)
कृषक उत्पादन कंपनी, जिसे आम आमतौर पर एफपीओ (Samunnati Agro Solutions Limited & Farmer Producer Company) यानी किसानी उत्पादन संगठन कहते हैं। यह किसानों का पंजीकृत समूह होता है, जो खेतीबारी से उत्पन्न काम में लगे हुए होते हैं। यही किसान कृषि उत्पादन कंपनी बनाकर खेती और उसे से जुड़ी व्यवसायिक गतिविधियां करता है।
एपीओ के के लिए पंजीकरण कैसे होता है?
कोई भी किसान जो खेतीबारी से जुड़ा हुआ है। संगठित होकर एफपीओ का पंजीयनकरण कंपनी अधिनियम के तहत कर सकते हैं, इसके लिए कम से कम 10 किसान सदस्यों का होना जरूरी है।
FPO के लिए आवश्यक दस्तावेज
पंजीकरण के पूर्व इन किसानों को अपना पैनकार्ड, आधारकार्ड, पासबुक, दो-दो फोटो, खेत की खतौनी, मोबाइल नंबर व ईमेल, कंपनी के दो पृस्तावित नाम, निदेशक और शेयर धारकों की संख्या जरूरी है। एफपीओ के पंजीकृत कार्यालय के लिए नवीनतम बैंक स्टेटमेंट/ टेलीफोन या मोबाइल बिल/बिजली या गैस बिल को स्कैन की हुई प्रतिलिपि वह संपत्ति के मालिक से अनापत्ति प्रमाणपत्र की स्कैन की गई कॉपी भी जरूरी होती है। किसान कागजातों के साथ किसी भी सीए यानी चार्टर्ड अकाउंटैंट से संपर्क कर पंजीयन की प्रक्रिया को पूरा कर सकता है।
एफपीओ का रजिस्ट्रेशन कैसे होता है
पंजीयन के पूर्व एफपीओ में निदेशक यानी डायरेक्टर की भूमिका का निर्वहन करने वाले किसानों को डिजिटल सिग्नेचर बनाया जाता है, इस दौरान चार्टर्ड अकाउंटैंट किसानों के द्वारा सुझाए एफपीओ के नाम की उपलब्धता की जांच व अप्रूवल के लिए कंपनी के रजिस्ट्रार को ओनलाइन आवेदन करता है, जब तक एफपीओ के नाम का अप्रूवल आता है, जब तक चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा निर्देशक के डिन नंबर यानी डायरेक्टर आईडेंटिफिकेशन नंबर का आवेदन किया जाता है, जो केंद्र सरकार द्वारा जारी किया जाता है यह एक 8 अंकों की अवधि पहचान संख्या होती है जिसे आजीवन वैधता प्राप्त होती है।
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एफपीओ के नियम एवं उद्देश्य
पंजीयन के साथ-साथ किसानों द्वारा कंपनी के उद्देश्य और नियम व निर्देशक के रूप में आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन वह मेमोरेंडम एसोसिएशन बनाया जाता है, कंपनी संचालन के कर दो की पूरी जानकारी मेमोरी टर्न ऑफ सोशल व आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन लिखे होते हैं। यह सभी प्रक्रिया पूरी करने की के बात कंपनी को पंजीयन करके के लिए अपनी कंपनी रजिस्टर को ऑनलाइन आवेदन किया जाता है अगर ऑनलाइन आवेदन में कोई कमी नहीं होती है तो कंपनी रजिस्टर द्वारा पंजीयन करण प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है साथ ही कंपनियों का पैन नंबर वह दिन नंबर जारी किया जाता है अगर आवेदन में कोई कमी है तो उसे सुधारने का मौका मिलता है।
FPO बनाने में कितना खर्चा आता है
कंपनी पंजीयन की प्रक्रिया आमतौर पर 35 से 40 हजार रुपए का खर्चा आता है, कंपनी के पंजीकरण के पश्चात कंपनी के नाम से किसी भी बैंक में एक खाता खोला जाना जरूरी है साथ ही, पंजीकरण के पंजीकृत होने के 90 दिनों के अंदर एनुअल जनरल मीटिंग करना जरूरी होता है। इस के अंदर सभी महत्वपूर्ण प्रस्ताव पास किए जाते हैं। इस के बाद एफपीओ में शेयरधारकों के रूप में किसानों को जोड़ कर कारोबारी गतिविधियों को बढ़ाया जा सकता है।
एफपीओ का संगठन ऐसा होता है
जब किसान संगठित होकर एफपीओ को एक कंपनी के रूप में पंजीकृत कराते हैं तो इन्हीं किसानों में से अधिकतम 15 किसान डायरैक्टर्स और प्रमोटर्स के रूप में चुने जाते हैं, जो कंपनियां के मालिकाना हकदार होता है। इसके बाद जब एफपीओ एक किसान के रूप में पंजीकृत हो जाती है, तब कंपनी के निर्देशक मंडल द्वारा एक सीईओ के नियुक्ति की जाती है इसके अलावा रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज कै साथ सूचनाओ के आदान-प्रदान के लिए एक कंपनी सेक्रेटरी की नियुक्ति भी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर द्वारा की जाती है और कंपनी के सभी कानूनी कागजातों, वार्षिक विवरणी आदि को जमा करने के लिए चार्टर्ड अकाउंटैंट की नियुक्ति भी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर द्वारा की जाती है।
किसान किस प्रकार एफपीओ के जरिए अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं ?
देश में कमजोर आय वाले किसानों की संख्या सबसे अधिक है, ऐसे किसानों को उनकी पैदावार का उचित मूल्य भी नहीं मिल पाता है। इसकी प्रमुख वजह यह भी है, की कमजोर होने के चलते उनके पास कम मात्रा में कृषि उपज होती हैं ऐसे में कम मात्रा होने से उनकी कृषि उपज की विक्रय सही कीमत पर नहीं हो पाती है। इस दशा में अगर यही छोटी जोत वाले किसान एफपीओ बनाकर अपने थोड़े-थोड़े कृषि उत्पादों को इकट्ठा कर उसकी बिक्री करते हैं, तो उन्हें उसकी न केवल वाजिब कीमत मिलती है, बल्कि अपने उत्पादों की प्रोसेसिंग कर अगर बिक्री करें तो अधिक आय की संभावना बढ़ जाती है।
इसे एक उदाहरण से समझ सकते हैं। किसान मंडी में गेहूं की कीमत प्रति किलोग्राम 18 से ₹20 की दर से बेचता है। पर वही जब आटे के रूप में प्रोसेस करके बेचा जाता है, तो वह 28 से ₹30 प्रति किलोग्राम की दर से बिकता है इसके अलावा एफपीओ खेतीबारी से जुड़े खाद, बीज, दबाव दवाओं और कृषि उपकरण आदि का निर्माण, खरीदबिक्री का काम भी कर सकता है।
एफपीओ के लिए जरूरी बातें
किसी भी एफपीओ के पंजीकरण के बाद वार्षिक रूप से कंपनी की एनुअल रिटर्न्स रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के कार्यालय में ओनलाइन माध्यम से चार्टर्ड अकाउंटैंट के जरिए। 30 दिसंबर तक जमा करना अनिवार्य होता है। इसके लिए एफपीओ के खाते में हुए लेनदेन का ऑडिट करवाना पड़ता है। इस की वार्षिक विवरणी भरने के लिए सभी निर्देशकों का केवाईसी होना भी अनिवार्य है।
वीवरणी भरते समय शेयर्स होल्डर्स की लिस्ट, शेयर में हुए लंदन की लिस्ट, ऑडिटर जरूरी होती है। यह भी जानकारी समय से ना भरी जाए तो कंपनी के रजिस्टर द्वारा एफपीओ का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
आर्थिक मदद केंद्र सरकार से भी मिलती है
खेतीबाड़ी से जुड़े बिजनेस के अलावा एफपीओ को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र व राज्य सरकारों की तरह से कई तरह से माली इमदाद मिलती है, इसमें केंद्र सरकार के द्वारा शुरुआती संचालन के लिए 1500000 लाख रुपए तक की सहायता देती है, इसके अलावा भारत सरकार के लघु कृषि हुआ पानी एसएफएसी नाबार्ड सहित कई एजेंसियों द्वारा लोन व अनुदान मुहैया दिया जाता है।
एफपीओ कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना कर सकता है
एफपीओ के जरीए खेती-बाड़ी मे काम आने वाले कृषि यंत्रों, ट्रैक्टर आदि पर फार्मा मशीनरी बैंक के लिए ₹1200000 लाख रुपए तक सहायता मिलती है, इसके बीच कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना के लिए ₹600000 लाख रुपए तक के अनुदान का प्रावधान है। एफपीओ के लिए सरकारें तमाम अनुदान योजना संचालित कर रही है, जिसमें आवेदन पर एफपीओ का लाभ उठा सकते हैं, इससे से एफपीओ से जुड़े किसान वाजिब रेट पर इन सुविधा का लाभ ले सकते हैं।
क्या एफपीओ के लिए लाइसेंस जरूरी है?
Samunnati Agro Solutions Limited & Farmer Producer Company- सरकार द्वारा एफपीओ को खाद, बीज, कीटनाशक, सरकारी रेट पर अनाज की खरीदारी के लिए लाइसेंस भी मुहैया कराया जाता है, किसान इसका लाभ लेकर अपनी आमदनी में इजाफा कर सकते हैं, फूड प्रोसेसिंग से जुड़ी एफपीओ को एफएसएसएआई खाद सुरक्षा और मानक अधिनियम खेत लाइसेंस लेना जरूरी होता है।
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