किसान डीएपी की जगह सिंगल फॉस्फेट क्यों खरीदे ? जानें इसके फायदे एवं प्राइस
किसानों को सिंगल सुपर फास्फेट (Single Super Phosphate Fertilizer) खेत मे क्यों डालना चाहिए?, इसके क्या फायदे है?, एवं इसकी एक बोरी कितने में मिलेगी जानिए सबकुछ
Single Super Phosphate Fertilizer | सिंगल सुपर फास्फेट यानी कि सुपर खाद अन्य खाद (Fertilizer) के मुकाबले खेती के लिए अधिक फायदेमंद साबित हो सकती है इससे किसानों को आर्थिक लाभ भी मिलेगा।
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक डीएपी ( DAP ) के स्थान पर सिंगल सुपर फास्फेट का उपयोग करना फायदेमंद है।
हम आपको चौपाल समाचार के इस लेख के माध्यम से बताएंगे की सिंगल सुपर फास्फेट ही क्यों लेना चाहिए, इसके क्या-क्या फायदे हैं ?, व इसकी एक बोरी कितने में मिलेगी जानिए..
किसान सिंगल सुपर फॉस्फेट (SSP) क्यों खरीदे ?
एसएसपी उर्वरक डीएपी (Single Super Phosphate Fertilizer) की अपेक्षा सस्ता है एवं बाजार में आसानी से उपलब्ध है। प्रति बैग डीएपी में 23 किलोग्राम फॉस्फोरस एवं 9 किलो नत्रजन पायी जाती है। फसलों में फॉस्फोरस, नत्रजन एवं सल्फर न्यूट्रेन्ट्स उपलब्ध करवाने के लिये डीएपी+सल्फर के विकल्प के रूप में यदि एसएसपी+यूरिया का उपयोग किया जाता है, तो डीएपी + सल्फर से कम मूल्य पर अधिक नाईट्रोजन, फॉस्फोरस एवं सल्फर प्राप्त किया जा सकता है।
इसके लिये 1 बैग डीएपी +16 कि.ग्रा. सल्फर (Single Super Phosphate Fertilizer) के विकल्प के रूप में 3 बैग एसएसपी +1 बैग यूरिया का प्रयोग किया जाता है, तो इससे भी कम मूल्य पर अधिक नाईट्रोजन, फॉस्फोरस एवं सल्फर प्राप्त किया जा सकता है। इसलिए कृषि विशेषज्ञों ने कृषकों को सलाह दी है कि डीएपी के स्थान पर एसएसपी एवं यूरिया का प्रयोग करें।
सिंगल सुपर फास्फेट में कई सूक्ष्म पोषक तत्व
डीएपी (Single Super Phosphate Fertilizer) के बाद एसएसपी सबसे लोकप्रिय फॉस्फेटिक उर्वरक है क्योंकि इसमें कई सूक्ष्म पोषक तत्वों के निशान के साथ-साथ फॉस्फोरस, सल्फर और कैल्शियम जैसे 3 प्रमुख पौधे पोषक तत्व होते हैं। इसीलिए सिंगल सुपर फास्फेट कम लागत में अधिक पैदावार लेने के लिए कृषि के लिए वरदान साबित होगा। किसान डीएपी खाद के बजाय अब सिंगल सुपर फास्फेट खाद का प्रयोग अधिक कर रहे हैं। इससे 1325 रुपए का काम मात्र 425 रुपए में हो जाएगा।
सिंगल सुपर फास्फेट फर्टिलाइजर के फायदे
एसएसपी यानी सिंगल सुपर फास्फेट एक फॉस्फोरस युक्त उर्वरक (Single Super Phosphate Fertilizer) है, जिसमें कि 16 प्रतिशत फॉस्फोरस एवं 11 प्रतिशत सल्फर की मात्रा पायी जाती है। इसमे उपलब्ध सल्फर के कारण यह उर्वरक तिलहनी एवं दलहनी फसलों के लिये अन्य उर्वरकों की अपेक्षा अधिक लाभदायक होता है।
सिंगल सुपर फास्फेट से यह मिलेगा फायदा
डीएपी के 1350 रुपए (Single Super Phosphate Fertilizer) के एक बैग में 23 किलोग्राम फास्फोरस व 9 किलोग्राम नाइट्रोजन पाई जाती है। डीएपी के स्थान पर एक सिंगल सुपर फास्फेट के 3 बैग 1275 रुपए एवं यूरिया का एक बैग 266 रुपए में लेते हँ, तो 1541 रुपए खर्च होंगे।
इन रुपयों में फास्फोरस 24 किलोग्राम, नाइट्रोजन 20 किलोग्राम एवं सल्फर 16 किलोग्राम (Single Super Phosphate Fertilizer) प्राप्त होता है। एक डीएपी खाद के कट्टे में 23 किलो फास्फोरस एवं 9 किलोग्राम नाइट्रोजन ही मिलेगी। इसमें सल्फर नहीं मिलेगी। जो दलहनी फसलों में प्रोटीन बढ़ाती है।
डीएपी खाद की जगह सिंगल सुपर फास्फेट खाद व यूरिया खाद (Single Super Phosphate Fertilizer) मिक्सर काम में लेते है तो किसानों को सिंगल सुपर फास्फेट में गुणवत्ता के साथ क्वालिटी भी ज्यादा मिलेगी। इसलिए सिंगल सुपर फास्फेट फायदेमंद है।
तिलहनी फसलों में ज्यादा लाभदायक
सिंगल सुपर फास्फेट में सल्फर उर्वरक (Single Super Phosphate Fertilizer) पाया जाता है। जो तिलहनी फसलें जैसे सरसों की फसल में तेल की मात्रा एवं दलहनी फसलों में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाता है। इसके चलते किसानों को अधिक से अधिक सिंगल सुपर फास्फेट का प्रयोग करना चाहिए।
सिंगल सुपर फास्फेट में क्या हैं?
सिंगल सुपर फॉस्फेट (Single Super Phosphate Fertilizer) भारत में मल्टी-न्यूट्रिएंट के साथ 11% सल्फर के अतिरिक्त न्यूट्रिएंट के साथ प्रमुख सामग्री के रूप में 16% P2O5 शामिल है, ट्रेस में 21% कैल्शियम और मिनरल रहता है। फॉस्फोरस को प्राथमिक पोषक तत्व माना जाता है क्योंकि पौधे के विकास के लिए यह आवश्यक है और क्योंकि फसलों द्वारा आवश्यक मात्रा कई मिट्टी में उपलब्ध फास्फोरस की आपूर्ति के सापेक्ष बड़ी है। उपलब्ध फास्फोरस की प्रचुर मात्रा में आपूर्ति उचित रूट विकास और जोरदार प्रारंभिक विकास को भी प्रोत्साहित करती है।
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सिंगल सुपर फास्फेट का क्या काम है?
कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कृषकों द्वारा फसलों में महंगे उर्वरकों का उपयोग किया जाता है। इसकी तुलना में सिंगल सुपर फास्फेट सस्ता उर्वरक (Single Super Phosphate Fertilizer) है। इसमें सल्फर (गंधक) की मात्रा अतिरिक्त रहती है।
सिंगल सुपर फास्फेट का उपयोग करने से पौधों की वृद्धि अच्छी होती है। साथ ही जड़ों का विकास होता है। फसल गुणवत्ता एवं उपज (Single Super Phosphate Fertilizer) में भी वृद्धि होती है। इसके अलावा इसमें उपस्थित सल्फर की मात्रा भी पाई जाती है जो कि फसलों में क्लोरोफ्लि का निर्माण कर पौधों को प्रोटीन प्रदान करता है।
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार सिंगल सुपर फास्फेट (Single Super Phosphate Fertilizer) के उपयोग से इन पौधों में एंजाइम एवं विटामिन का निर्माण होता है तथा दलहनी फसलों की जड़ों में ग्रंथियों का निर्माण कर वातावरणीय नाइट्रोजन पौधों को प्राप्त करने में सहायक है एवं फसल की उपज में 15-25 प्रतिशत की वृद्धि होती है तथा सिंगल सुपर फास्फेट में केल्शियम की मात्रा भी पाई जाती है। किसान भाई सिंगल सुपर फास्फेट का उपयोग कर फसल उत्पादन बढ़ाएं एवं भरपूर उपज प्राप्त करें।
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सिंगल सुपर फास्फेट के उपयोग करने का समय?
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार 75 किलोग्राम इफको मिश्रण में 45 किलोग्राम यूरिया, 20 किलोग्राम म्यूरेट आफ पोटाश व 10 किलोग्राम जिंक सल्फेट प्रति एकड़ बीजाई के समय प्रयोग किया जाना चाहिए। एक महीने के बाद पहली सिंचाई व 65 किलोग्राम यूरिया (Single Super Phosphate Fertilizer) का छिड़काव करें।
यदि यही मात्रा डीएपी (Single Super Phosphate Fertilizer) से देनी हो तो 50 किलोग्राम डीएपी, 45 किलोग्राम यूरिया, 40 किलोग्राम म्यूरेट आफ पोटाश दें। सिंचाई के बाद यूरिया की मात्रा 65 किलोग्राम ही रखें। सल्फर की कमी वाले क्षेत्रों में सिंग सुपर फास्फेट का प्रयोग करना चाहिए। इसके लिए 65 किलोग्राम यूरिया, 150 किलोग्राम सुपर फास्फेट, 40 किलोग्राम म्यूरेट आफ पोटाश प्रति एकड़ प्रयोग करें।
शेष नाइट्रोजन की मात्रा 65 किलोग्राम यूरिया पहली सिंचाई के बाद छिड़कें। यदि सिंगल सुपर फास्फेट (Single Super Phosphate Fertilizer) उपलब्ध न हो तो सल्फर की कमी को 100 किलोग्राम जिप्सम प्रति एकड़ खेत तैयार करते समय प्रयोग करके दूर किया जा सकता है।
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सिंगल सुपर फास्फेट और डीएपी में यह है अंतर
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक एसएसपी यानी सिंगल सुपर फास्फेट को यूरिया (Single Super Phosphate Fertilizer) के साथ प्रयोग करें तो डीएपी से बेहतर होगा, क्योंकि एसएसपी में नाईट्रोजन की उपलब्धता यूरिया (Urea) से हो जाती है. साथ ही इसमें पहले से सल्फर, कैल्शियम मौजूद है जो कि डीएपी में नहीं है।
जहां एसएसपी में नाईट्रोजन की मात्रा जीरो परसेंट है वहीं डीएपी (Single Super Phosphate Fertilizer) में यह 18 फीसदी पाया जाता है। डीएपी में 46 फीसदी फास्फोरस रहता है जबकि एसएसपी में सिर्फ 16 फीसदी, यानि की डीएपी की तुलना में एसएसपी में फास्फोरस 30 परसेंट कम है।
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सिंगल सुपर फास्फेट का प्राइस (Rate)
सिंगल सुपर फास्फेट (Single Super Phosphate Fertilizer) की 50 किलो की एक बोरी किसानों को अब 425 रुपये में मिलेगी। यह वृद्धि पिछले साल की तुलना में ₹151 प्रति बोरी है। मध्यप्रदेश उर्वरक समन्वय समिति की बैठक में तय किए गए निर्णय के अनुसार सिंगल सुपर फास्फेट की दर तय की गई। अब किसानों को सिंगल सुपर फास्फेट पाउडर की बोरी अब 274 रुपये की जगह 425 रुपये (151 रुपये वृद्धि) में मिलेगी। वहीं, दानेदार खाद 304 रुपये की जगह अब 465 (161 रुपये वृद्धि) रुपये में मिलेगी।
उर्वरकों के प्रयोग का सही तरीका यह
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक उर्वरकों (Single Super Phosphate Fertilizer) का प्रयोग मिट्टी परीक्षण के अनुसार ही करना चाहिए। नाइट्रोजन अधिक मात्रा में प्रयोग करने से फसल में बीमारी व कीटों का प्रकोप बढ़ जाता है व फसल देर से पकती है। यूरिया को गेहूं के बीज के साथ मिलाकर नहीं बोना चाहिए, क्योंकि इसमें कई बार गेहूं के जमाव पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
फोस्फोरस व पोटाश (Single Super Phosphate Fertilizer) प्रयोग करते समय कम से कम मिट्टी के संपर्क में आना चाहिए। अधिक लाभ के लिए इन तत्वों को बीजाई के समय ड्रिल करें। यदि खेत में दलहनी फसलों को हरी खाद के रूप में प्रयोग किया गया हो तो नाइट्रोजन की मात्रा कम कर दें। यदि गेहूं की बुवाई ज्वार या बाजरे की फसल काटने के बाद की तो नाइट्रोजन की मात्रा 25 प्रतिशत बढ़ा दें। ओस पड़ी फसल पर यूरिया न डाले। यदि दिन का तापमान अधिक हो तो दोपहर बाद यूरिया डालें।
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