सोयाबीन की 9560 वैरायटी में फंगस का अटैक ; किसान साथी किस प्रकार करें फसल की सुरक्षा, जानें
Soyabean Crop Fungus Control ; सोयाबीन की फसल पर मौसम की मार पड़ती नजर आ रही है। सोयाबीन में फंगस का अटैक हुआ है। किस प्रकार इस बीमारी से निजात (Soyabean Crop Fungus Control) पाएं जानिए।
Soyabean Crop Fungus Control | सोयाबीन की फसल 2 महीने यानी कि 60 से 65 दिन के लगभग की हो गई है इस समय सोयाबीन की फसल में फलियां लगने लगी है वही फूल भी आ रहे हैं यही वह समय है जब सोयाबीन की पर्याप्त देखरेख हो जाने पर बंपर पैदावार होती है।
किसानों को ऐसे समय विशेष तौर पर सजगता बरतने की आवश्यकता है क्योंकि यदि अभी सोयाबीन के फल फूल को नुकसान पहुंचा तो पैदावार प्रभावित होना तय है। वैसे भी लगातार मौसम की मार के चलते एवं अधिक वर्षा होने के कारण सोयाबीन की फसल (Soyabean Crop Fungus Control) सहित खरीफ की अन्य फसलों की बढ़वार लगभग रुक सी गई है।
सोयाबीन वैरायटी 9560 में Soyabean Crop Fungus Control
लगातार पानी गिरने के कारण सोयाबीन (Soyabean Crop Fungus Control) की बड़वार रुकी हुई है वही मौसम खुलते ही अब सोयाबीन की 9560 वैरायटी में फंगस का अटैक हुआ है। खेतों में लहलहा रही सोयाबीन वैरायटी 9560 में फंगस रोग का प्रभाव नजर आने लगा है, इस रोग के कारण सोयाबीन की फलियां नष्ट हो रही है। 9560 वैरायटी की सोयाबीन बोने वाले किसानों के लिए यह चिंता का विषय बन चुका है।
समय रहते इस रोग का निदान नहीं किया तो यह फंगस सोयाबीन की फसल को चौपट कर देगा। आइए इस लेख में हम यह जानते हैं कि इस फंगस पर किस प्रकार से नियंत्रण (Soyabean Crop Fungus Control) किया जाए एवं इसके साथ ही इस समय रिंग कटर एवं पीला मोजक अटैक से सोयाबीन फसल के बचाव की विधियां भी जानेंगे।
क्या है फंगस रोग – What is fungus disease ?
खेतों में पानी की अधिक मात्रा का होना, किसी संक्रमित पौधे से या प्रतिकूल मौसम जैसे कई कारक होते हैं जो सोयाबीन के पौधों में फंगस (Soyabean Crop Fungus Control) का कारण बन सकते हैं। फंगस के कारण पौधों की पत्तियों और ऊपरी हिस्से की तो नुकसान पहुंचाता ही है और ये पौधे की जड़ों के साथ-साथ फल एवं फूल को भी नष्ट कर देता है।
फंगस रोग अक्सर हल्के आर्द्र या नम मौसम की स्थिति के कारण या कुछ रोगजनकों के कारण होते हैं, जो मिट्टी को भी खराब कर देते हैं। हर फंगस को नमी पसंद होती है इसलिए अपने खेतों में पानी इकट्ठा ना होने दें।
जड़ों से फैलता है फंगस रोग
फंगस यानी ‘फ्यूजेरियम ऑक्सीस्पोरम’ फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले सबसे घातक रोगजनकों में से एक है। एक बार जब यह रोगजनक किसी पौधे की जड़ में लग जाता है, तब यह जड़ से पूरे पौधे में तेजी से फैल जााता है और पौधे के पूरे वस्कुलर सिस्टम को संक्रमित (Soyabean Crop Fungus Control) कर देता है।
यह फंगस वर्षों तक मिट्टी में रह सकता है। यह फंगस 100 से भी ज्यादा फसलों को अपना निशाना बना सकता है। इसी कारण फंगस को किसानों के लिए एक बड़ा सिरदर्द है।
कई वर्षों तक मिट्टी में रहते है फंगस के बीजाणु
फंगस रोग इतना घातक है की, एक बार जब यह फसलों के संपर्क में आ जाता है तो इस संक्रमण (Soyabean Crop Fungus Control) को रोकना लगभग नामुमकिन हो जाता है। गौरतलब है कि, इस फंगस के बीजाणु 20 वर्षों से भी ज्यादा समय तक मिट्टी में रह सकते हैं। यही वजह है, कि इसके प्रसार को रोकना कृषि क्षेत्र की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है।
सोयाबीन में फंगस की रोकथाम कैसे करें ?
बाजार में कई प्रकार के फफूंदीनाशक (Soyabean Crop Fungus Control) मिलते हैं जो कई प्रकार की फसल के रोगों से फसल को बचाते हैं और फसल की उपज बढ़ाने में मदद करते हैं। इन कीटनाशकों के काम करने का तरीका और अलग-अलग फसलों में इसकी डोज़ जानना बहुत जरूरी होता है।
बाजार में टेक्निकल कोंबिनेशन से निर्मित कई फंजीसाइड है जो अधिक मशहूर है क्योंकि इनका असर जल्दी और देर तक रहता है। तो आइये जानते हैं कुछ दो कोंबिनेशन से निर्मित फंजीसाइड दवाएं (Soyabean Crop Fungus Control) जो फसल के लिए उपयोगी साबित होती हैं।
1. एज़ोक्सिस्ट्रोबिन 11 + टेबुकोनाज़ोल 18.3 एससी (Azoxystrobin 11% + Tebuconazole 18.3% SC) :- यह बाजार में स्पेक्ट्रम, कस्तोडिया आदि नाम से जानी जाती है। यह एक विश्व स्तरीय कवकनाशक है जिसमें एज़ोक्सिस्ट्रोबिन 11% और टेबुकोनाज़ोल 18.3% डब्ल्यू/ डब्ल्यू एससी है। यह कवक के श्वसन को रोकता है। यह Triazole और Strobilurin chemistries का एक शक्तिशाली संयोजन है जो Systemic और Translaminar (पत्ती के दोनों तरफ) गति करके पौधे की प्रणाली में तेजी से फैलता है और बीमारियों से नियंत्रण करता है। यह फंजीसाइड कोशिका झिल्ली जैवसंश्लेषण और श्वसन को रोककर कवक कोशिकाओं को मारता (Soyabean Crop Fungus Control) है।
2. कार्बेन्डाजिम 12+ मैनकोज़ब 63 डब्ल्यूपी (Carbendazim 12% + Mancozeb 63% WP) यह फंजीसाइड Sixer, Saaf, Kuber आदि नामों से बाजार में उपलब्ध है. यह दो कार्बेन्डाजिम और मैकोजेब केमिकल का एक संयोजन है जो क्रमश डायथियोकार्बामेट समूह और बेंज़िमिडाज़ोल कार्बोनेट समूह के है. यह कॉम्बिनेशन संपर्क (कोंटेक्ट) और प्रणालीगत (Systemic) कवकनाशक से मिलकर बना है जिससे बीमारियों से सुरक्षात्मक और उपचारात्मक (Soyabean Crop Fungus Control) प्रभाव सुनिश्चित होता है।
सोयाबीन की फसल को इन लगों से बचाना भी आवश्यक
चक्र भंग रोग प्रबंधन – चक्र मूंग के नियंत्रण हेतु प्रारंभिक अवस्था में ही टेट्रानिलिप्रोल 18.18 एस.सी. ( 250-300 मिली/हे) या थायक्लोप्रिड 21.7 एस.सी. (750मिली/हि) या प्रोफेनोफॉस 50 ई.सी ( 1 सी/.है ) या इमामेक्टीन बेन्जोएट) (425मिली है) का छिड़काव करें। यह भी सलाह दी जाती है कि इसके फैलाब की रोकथाम हेतु प्रारंभिक अवस्था में ही पौधे के ग्रसित भाग (Soyabean Crop Fungus Control) को तोड़कर नष्ट करें।
बिहार हेयरी कैटरपिलर (कामलिया किट) रोग प्रबंधन – बिहार हेयरी कैटरपिलर का प्रकोप प्रारंभ होने पर किसानों को सलाह हैं कि प्रारंभिक अवस्था में झुण्ड में रहने वाली इन इल्लियों को पौधे सहित खेत से निष्कासित करें एवं इसके नियंत्रण (Soyabean Crop Fungus Control) हेतु फसल पर लैम्बडा सायहेलोबिन 04.90 सी.एस. ( 300 मिली/हे ) या इंडोनसाकार्ब 15.8 एस.सी. ( 333 मिली/हे ) का छिड़काव करें।
पीला मोजेक रोग प्रबंधन – इस रोग के नियंत्रण के लिए तत्काल रोगग्रस्त पौधों को खेत से उखाड़कर निष्कासित करें तथा इन रोगों को फैलाने वाले वाहक सफेद मक्खी की रोकथाम हेतु पूर्वमिश्रित कीटनाशक भायोमियोक्सम सायहेलोबिन (125 मिली/हे) बीटासायफ्लुमिन+इमिडाक्लोप्रिड ( 350 मिली/हे) का छिड़काव करें। इनके छिड़काव से तना + या मक्खी का भी नियंत्रण किया जा सकता है। यह भी सलाह (Soyabean Crop Fungus Control) है कि सफेद मक्खी के नियंत्रण हेतु कृषकगण अपने खेत में विभिन्न स्थानों पर पीला स्टिकी ट्रैप लगाएं।
फफूंदजनित रोग प्रबंधन – फफूंदजनित रोगों से सुरक्षा तथा बीज की गुणवत्ता में सुधार हेतु सोयाबीन की फसल में दाने भरने की अवस्था में अनुशंसित फफूंदनाशकों (Soyabean Crop Fungus Control) टेवूकोनाझोल 25.9% ई.सी ( 625मि.ली/हे) या टेबूकोनाझोल+सल्फर (1.25 या पायरोक्लोस्ट्रोबीन % 20 डब्ल्यू. जी. (375-500 ग्रा/हे.) या पायरोक्लोस्ट्रोबीन + इपिक्साकोनाजोल 50 g/l एस.ई. ( 750. मि.ली/हे. ) या फ्लुक्सापोक्साट+पायरोक्लोस्ट्रोबीन ( 300 ग्रा/हे. ) का छिड़काव किया जा सकता है।
फंगस को लेकर सामान्य प्रश्न / उत्तर
प्रश्न – फंगस फसल के लिए इतना घातक क्यों है ?
उत्तर – अंतरराष्ट्रीय अध्ययन से पता चला है कि, एक निश्चित प्रकार के एंजाइम (Soyabean Crop Fungus Control) की अनुपस्थिति में इस फंगस के संक्रमण की दर कहीं ज्यादा बढ़ जाती है।
प्रश्न – फंगस कहा व किस प्रकार फसल पर अटैक करता है ?
उत्तर – फंगस ‘फ्यूजेरियम ऑक्सीस्पोरम’ वर्षों तक मिट्टी में रह सकता है। मिट्टी से पौधे की जड़ से फैलते हुए पूरे वस्क्युलर सिस्टम को संक्रमित (Soyabean Crop Fungus Control) कर देता है।
(नोट :- इनका उपयोग करने के दौरान विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें)
यह भी पढ़िए….सोयाबीन फसल की आधी उम्र हुई, अच्छी पैदावार के लिए किसान साथी अब यह करें
सोयाबीन में पीला मोजेक रोग फैलाने वाली सफेद मक्खी किट से फसल को कैसे बचाएं, जानिए
कम लागत में सोयाबीन आवक अधिक होगी , सोयाबीन की जैविक खेती के बारे में जानिए
जुड़िये चौपाल समाचार से
ख़बरों के अपडेट सबसे पहले पाने के लिए हमारे WhatsApp Group और Telegram Channel ज्वाइन करें और Youtube Channel को Subscribe करें, हम सब जगह हैं।