खेती-किसानी

सोयाबीन की खेती के लिए उपयोगी साप्ताहिक सलाह

भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान ने किसानों के लिए साप्ताहिक उपयोगी सलाह (Soyabean Weekly Advisory 22 to 28 August) जारी की है, जानिए

Soyabean Weekly Advisory 22 to 28 August | इस वर्ष सोयाबीन की बोवनी की तिथियों में भिन्नता देखी गयी है। जहाँ सोयबीन की शीघ्र पकने वाली किस्मों की बोवनी जून के द्वितीय या तृतीय सप्ताह में की गई, इस समय दाने भरने की स्थिति में हैं जबकि बाद में बोई गई सोयाबीन में की फसल तथा अन्य कुछ किस्मों में इस समय फूलने या उसके बाद की स्थिति में हैं।

सोयाबीन के प्रमुख क्षेत्रों में विगत सप्ताह फसल पर प्रमुख कीट जैसे चक्र भृंग, तना मक्खी एवं पत्ती खाने वाली इल्लियों का प्रकोप बना हुआ है। इसी प्रकार सोयाबीन की कुछ किस्मों में पीला मोजेक वायरस रोग या अन्य कुछ रोग का प्रकोप देखा जा रहा है।

कृषको को सलाह हैं, कि अपनी फसल की सतत निगरानी करते रहे एवं किसी भी कीट या रोग के प्रारंभिक लक्षण दिखते ही, निम्नानुसार नियंत्रण के उपाय अपनाए।

1) चने की इल्ली रोग प्रबंधन –

ऐसे क्षेत्र जहा सोयाबीन की फसल (Soyabean Weekly Advisory 22 to 28 August) दाने भरने की अवस्था में हैं, चने की इल्ली द्वारा दाने खाने की सम्भावना को देखते हुए सलाह हैं कि फसल पर इंडोक्साकार्ब 15.8 एस.सी (333 मि.ली/हे) या टेट्रानिलिप्रोल 18.18 एस.सी. (250-300 मिली/हे) या इमामेक्टीन बेन्जोएट ( 425 मिली है) या लैम्बडा सायहेलोथ्रिन 04.90 सी. एस. (300 मिली/हे) का छिड़काव करें।

2) खेत में चूहों के नियंत्रण के लिए क्या करें

कुछ क्षेत्रों में सोयाबीन (Soyabean Weekly Advisory 22 to 28 August) की फलिया कट-कट कर गिरने की स्थिति देखी गई हैं। यह समस्या शीघ्र पकने वाली किस्मों में ही अधिकतर देखि जाती हैं जो कि प्रारंभिक रूप से चूहों द्वारा निर्मित समस्या हो सकती है, अतः सलाह है की चूहों के नियंत्रण हेतु चूहों के बील के आसपास जिंक फास्फाइड आधारित बिस्कुट या आटे की गोलिया बनाकर रखे।

3) चक्र भंग रोग प्रबंधन –

चक्र मूंग के नियंत्रण (Soyabean Weekly Advisory 22 to 28 August) हेतु प्रारंभिक अवस्था में ही टेट्रानिलिप्रोल 18.18 एस.सी. ( 250-300 मिली/हे) या थायक्लोप्रिड 21.7 एस.सी. (750मिली/हि) या प्रोफेनोफॉस 50 ई.सी ( 1 सी/.है ) या इमामेक्टीन बेन्जोएट) (425मिली है) का छिड़काव करें। यह भी सलाह दी जाती है कि इसके फैलाब की रोकथाम हेतु प्रारंभिक अवस्था में ही पौधे के ग्रसित भाग को तोड़कर नष्ट करें।

4) तना मक्खी रोग प्रबंधन –

तना मक्खी, चक्र मूंग तथा पत्ती खानेवाली इल्लियों के एक साथ नियंत्रण हेतु पूर्वमिश्रित कीटनाशक (Soyabean Weekly Advisory 22 to 28 August) क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 09.30 % + लैम्बडा सायहेलोथ्रिन 04.60 % ZC (200) मिली/हे) या बीटासायफ्लुध्रिन + इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली/है) या पूर्वमिश्रित थायमिथोक्सम+लेम्बडा सायहेलोबिन (125 मिली है) का छिड़काव करें।

5) सेमीलूपर, तम्बाकू की इल्ली एवं चने की इल्ली के लिए यह दवाई डाले –

पत्ती खाने वाली इल्लियाँ (सेमीलूपर, तम्बाकू की इल्ली एवं चने की इल्ली) हो, इनके नियंत्रण (Soyabean Weekly Advisory 22 to 28 August) के लिए निम्न में से किसी भी एक रसायन का छिडकाव करें: विनालफॉस 25 ई.सी. (1 ली/हे). या ब्रोफ्लानिलिडे 300 एस.सी. (42-62 ग्राम/हे). या फ्लूबेडियामाइड 39.35एस.सी ( 150मि.ली.) या इंडोक्साकार्ब 15.8एस सी (333 मि.ली/हे) या टेट्रानिलिप्रोल 18.18 एस. सी.. (250-300मिली/हे) या नोवाल्युरोन + इन्डोक्साकार्ब 04.50% एस. सी. (825-875 मिली/हे) या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 एस.सी. ( 150मि.ली./हे) या इमामेक्टिन बेंजोएट 01.90 (425 मि.ली./ह),

या फ्लूबेडियामाइड 20 डब्ल्यू. जी (250-300 ग्राम /हे) या सैम्बडा सायहेलोबिन 04.90 सी. एस. (300 मिली/हे) या प्रोफेनोफॉस 50ई.सी. (1 ली/हे) या स्पायनेटोरम 11.7 एस. सी (450 मिली/हे) या पूर्वमिथित बीटासायफ्लुझिन+इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली/है) या पूर्वमिश्रित भागमिथोक्सम जैम्बडा सायहेलोनि ) 125 मिली/हे. (या क्योरएन्ट्रानिलिप्रोल 09.30 % + सैम्बडा सायहेलोभिन 04.60 % ZC. ( 200 मिली/हे ) का छिड़काव करें।

6) बिहार हेयरी कैटरपिलर रोग प्रबंधन –

बिहार हेयरी कैटरपिलर का प्रकोप प्रारंभ होने पर किसानों (Soyabean Weekly Advisory 22 to 28 August) को सलाह हैं कि प्रारंभिक अवस्था में झुण्ड में रहने वाली इन इल्लियों को पौधे सहित खेत से निष्कासित करें एवं इसके नियंत्रण हेतु फसल पर लैम्बडा सायहेलोबिन 04.90 सी.एस. ( 300 मिली/हे ) या इंडोनसाकार्ब 15.8 एस.सी. ( 333 मिली/हे ) का छिड़काव करें।

7) पीला मोजेक रोग प्रबंधन –

इस रोग के नियंत्रण के लिए तत्काल रोगग्रस्त पौधों को खेत (Soyabean Weekly Advisory 22 to 28 August) से उखाड़कर निष्कासित करें तथा इन रोगों को फैलाने वाले वाहक सफेद मक्खी की रोकथाम हेतु पूर्वमिश्रित कीटनाशक भायोमियोक्सम सायहेलोबिन (125 मिली/हे) बीटासायफ्लुमिन+इमिडाक्लोप्रिड ( 350 मिली/हे) का छिड़काव करें। इनके छिड़काव से तना + या मक्खी का भी नियंत्रण किया जा सकता है। यह भी सलाह है कि सफेद मक्खी के नियंत्रण हेतु कृषकगण अपने खेत में विभिन्न स्थानों पर पीला स्टिकी ट्रैप लगाएं।

8) फफूंदजनित रोग प्रबंधन –

फफूंदजनित रोगों से सुरक्षा तथा बीज की गुणवत्ता में सुधार हेतु सोयाबीन (Soyabean Weekly Advisory 22 to 28 August) की फसल में दाने भरने की अवस्था में अनुशंसित फफूंदनाशकों टेवूकोनाझोल 25.9% ई.सी ( 625मि.ली/हे) या टेबूकोनाझोल+सल्फर (1.25 या पायरोक्लोस्ट्रोबीन % 20 डब्ल्यू. जी. (375-500 ग्रा/हे.) या पायरोक्लोस्ट्रोबीन + इपिक्साकोनाजोल 50 g/l एस.ई. ( 750. मि.ली/हे. ) या फ्लुक्सापोक्साट+पायरोक्लोस्ट्रोबीन ( 300 ग्रा/हे. ) का छिड़काव किया जा सकता है।

मौसम के पूर्वानुमान पर आधारित कीटों (Soyabean Weekly Advisory 22 to 28 August) के प्रकोप की जिलेवार क्षेत्रवार सूचना अगले सप्ताह के लिए मौसम के पूर्वानुमान सम्बन्धी आंकड़ो एवं तदनुसार कीटों के प्रकोप के विश्लेषण के आधार पर सोयाबीन की खेती किये जाने वाले क्षेत्रों में निम्न कीड़ो का प्रकोप होने की सम्भावना हैं। कृषकों से अनुरोध हैं की समुचित नियंत्रण के लिए यथासंभव उपाय अपनाए।

फसल सुरक्षा के अन्य उपाय

1) सोयाबीन की फसल (Soyabean Weekly Advisory 22 to 28 August) में तम्बाखू की इल्ली एवं चने की इल्ली के प्रबंधन के लिए बाजार में उपलब्ध कीट विशेष फिरोमोन ट्रैप्स का उपयोग करें। इन फेरोमोन ट्रैप में 5-10 पतंगे दिखने का संकेत यह दर्शाता हैं, कि इन कीड़ों का प्रादुर्भाव आप की फसल हो गया हैं। जो कि प्रारंभिक अवस्था में है। अतः शीघ्रातिशीघ्र इनके नियंत्रण के लिए उपाय अपनाने चाहिए।

2) खेत के विभिन्न स्थानों पर निगरानी करते हुए यदि आपको कोई ऐसा पौधा मिले जिस पर झुण्ड में अंडे या इल्लिया हों, ऐसे पौधों को खेत से उखाड़कर निष्काषित करें।

3) जैविक सोयाबीन उत्पादन (Soyabean Weekly Advisory 22 to 28 August) में रुची रखने वाले कृषक गण पत्ती खाने वाली इल्लियों ( सेमीलूपर, तम्बाखू की इल्ली ) की छोटी अवस्था की रोकथाम हेतु बेसिलस बुरिन्जिएन्सिस अथवा व्युवेरिया बेसिआना या नोमुरिया रिलेयी (1 लीटर/हे. ) का प्रयोग कर सकते हैं यह भी सलाह है कि प्रकाश प्रपंच का भी उपयोग कर सकते हैं।

4) सोयाबीन की फसल में पक्षियों की बैठने हेतु “T” आकार के बई-पर्चेस लगाए। इससे फीट-भक्षी पक्षियों द्वारा भी इल्लियों की संख्या कम करने में सहायता मिलती है।

5) कीट या रोग नियंत्रण के लिए केवल उन्ही रसायनों का प्रयोग करें जो सोयाबीन की फसल में अनुशंसित हों।

6) उन रसायनों या रसायनों के मिश्रण का उपयोग नहीं करें जो सोयाबीन (Soyabean Weekly Advisory 22 to 28 August) फसल के लिए अनुशंसित नहीं हैं इससे सोयाबीन की फसल पूर्णतः खराब होने की सम्भावना होती हैं।

7) कीटनाशक या फफूंदनाशक के छिडकाव के लिए पानी की अनुशंसित मात्रा का उपयोग करें (नेप्सेक स्प्रयेर से 450 लीटर है या पॉवर स्प्रेयर से 120 लीटर/हे. न्यूनतम।

8) किसी भी प्रकार का कृषि (Soyabean Weekly Advisory 22 to 28 August) आदान क्रय करते समय दूकानदार से हमेशा पक्का बिल लें जिस पर बैच नंबर एवं एक्सपायरी दिनांक स्पष्ट लिखा हो।

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राधेश्याम मालवीय

मैं राधेश्याम मालवीय Choupal Samachar हिंदी ब्लॉग का Founder हूँ, मैं पत्रकार के साथ एक सफल किसान हूँ, मैं Agriculture से जुड़े विषय में ज्ञान और रुचि रखता हूँ। अगर आपको खेती किसानी से जुड़ी जानकारी चाहिए, तो आप यहां बेझिझक पुछ सकते है। हमारा यह मकसद है के इस कृषि ब्लॉग पर आपको अच्छी से अच्छी और नई से नई जानकारी आपको मिले।
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