खेती-किसानी

किसानों के लिए बड़ी खबर : सोयाबीन बीज का परीक्षण इस प्रकार घर बैठे चंद मिनटों में करें

किसानों के लिए सोयाबीन बीज का परीक्षण (Soybean Bij ka Parikshan kaise karen) करना अनिवार्य है। बीज का परीक्षण आसानी से कैसे करें जानिए।

Soybean Bij ka Parikshan kaise karen | खरीफ सीजन की प्रमुख फसल एवं मध्य प्रदेश में पीले सोने के नाम से मशहूर सोयाबीन की खेती प्रदेश के सबसे बड़े रकबे में की जाती है। वर्तमान में सोयाबीन की खेती के लिए तैयारियां हो रही है। मानसून के आगमन के साथ ही सोयाबीन की बोवनी का कार्य शुरू हो जाएगा। इसके पूर्व किसान साथी सोयाबीन बीज की व्यवस्था करने में जुटे हुए हैं। किसान साथी बीज की जांच कैसे करें? किसानों की इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए सोयाबीन बीज का परीक्षण आसानी से घर बैठे बिना किसी खर्च के एवं बहुत ही कम समय में कैसे करें, यह इस लेख में बताया जाएगा।

किसानों के लिए जरूरी है बीज की प्रमाणिकता की जांच करना

सोयाबीन बीज की व्यवस्था करने के दौरान किसानों की सबसे बड़ी परेशानी यह रहती है कि सही सोयाबीन बीज (Soybean Bij ka Parikshan kaise karen) कैसे व कहां से मिले। अधिकृत बीज कंपनियों से प्रमाणित बीज लेने वाले किसानों की संख्या बहुत कम रहती है, वहीं दूसरी ओर आम किसानों या व्यापारियों से सोयाबीन बीज लेने वाले किसानों की संख्या अधिक। ऐसे में सोयाबीन बीज की प्रमाणिकता पर सवाल उठते रहते हैं वही कई बार अंकुरण नहीं हो पाने के कारण किसानों को डबल बोवनी करना पड़ती है। सोयाबीन का बीज खराब मिल जाने पर पूरी फसल खराब हो जाती है।

सोयाबीन बीज खरीदते समय आवश्यक बातें

सोयाबीन की बंपर पैदावार के लिए सोयाबीन बीज की गुणवत्ता अच्छी होना अति आवश्यक है। उत्तम क्वालिटी एवं अच्छी गुणवत्ता वाला सोयाबीन ही अच्छी पैदावार दे सकता है। इसलिए किसान प्रमाणित बीज ही खरीदें। यह बीज शासन द्वारा मान्यता प्राप्त बीज कंपनियों द्वारा उपलब्ध करवाया जाता है किसान इस बीज को ही खरीदें। उत्तम गुणवत्ता वाला बीज सामान्य बीज की अपेक्षा 20 से 25 प्रतिशत अधिक कृषि उपज देता है। अत:शुध्द एवं स्वस्थ “प्रमाणित बीज” अच्छी पैदावार का आधार होता है।

प्रमाणित बीजों का उपयोग करने से जहां एक ओर अच्छी पैदावार मिलती है वहीं दूसरी ओर समय एवं पैसों की बचत होती है,किसान भाई अगर अशुध्द बीज बोते व तैयार करते हैं तो उन्हे इससे न अच्छी पैदावार मिलती है और न बाजार में अच्छी कीमत। अशुध्द बीज बोने से एक ओर उत्पादन तो कम होता ही है और दूसरी ओर अशुध्द बीज के फलस्वरूप भविष्य के लिए अच्छा बीज प्राप्त नहीं होता है बल्कि अशुध्द बीज के कारण खेत में खरपतवार उगने से नींदा नियंत्रण के लिए अधिक पैसा खर्चा करना एवं अन्त में उपज का बाजार भाव कम प्राप्त होता है, जिससे किसानों को अपनी फसल का उचित लाभ नहीं प्राप्त होता है। यदि किसान भाई चाहें कि उनके अनावश्यक खर्चे घटें और अधिक उत्पादन व आय मिले तो उन्हे फसलों के प्रमाणित बीजों का उत्पादन एवं उपयोग करना होगा।

प्रमाणित बीज की श्रेणियाँ

  1. प्रजनक बीज : यह बीज अधिकृत प्रजनक की सीधी देख रेख में तैयार किया जाता है। प्रजनक बीज अनुवांशिक रूप से शत-प्रतिशत शुध्द होना चाहिये। बीज (Soybean Bij ka Parikshan kaise karen)की थैली पर सुनहरे पीले रंग का लेबल लगाकर सील किया जाता है, जिसमें फसल एवं किस्म के विवरण के साथ-साथ प्रजनक की सील एवं हस्ताक्षर होते हैं। यह बीज भारत शासन द्वारा विभिन्न उत्पादक संस्थाओं को उनकी मांग एवं उपलब्धता अनुसार आवंटित किया जाता है।
  2. आधार बीज : यह बीज प्रजनक बीज की संतति होती है जिसे प्रमाणीकरण संस्था द्वारा निर्धारित मानक अनुसार पाये जाने पर प्रमाणित किया जाता है। आधार बीज की थैलियों पर उत्पादक का दूधिया हरे रंग का लेबल एवं बीज प्रमाणीकरण संस्था का सफेद रंग का टैग लगा होता है। जिसमें संस्था के प्रतिनिधि के हस्ताक्षर होते हैं
  3. प्रमाणित बीज : यह बीज आधार बीज की संतति होती है जिसे प्रमाणीकरण संस्था द्वारा निर्धारित मानक अनुसार पाये जाने पर प्रमाणित किया जाता है। प्रमाणित बीज की थैलियों पर उत्पादक का दूधिया हरे रंग का लेबल एवं बीज प्रमाणीकरण संस्था का नीले रंग का टैग लगा होता है। जिसमें संस्था के प्रतिनिधि के हस्ताक्षर होते हैं। यही बीज किसानों को खरीदना चाहिए।

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सोयाबीन बीज की गुणवत्ता की जांच जांचने की प्रचलित विधि

किसान भाई अपने-अपने तरीकों से सोयाबीन बीज की गुणवत्ता की जांच करते हैं। सोयाबीन बीज की गुणवत्ता की जांच व अंकुरण क्षमता की जांच के लिए प्रचलित विधि यह है कि बोवनी के कुछ दिन पहले किसान गिनती के सोयाबीन दाने मिट्टी में बो देते हैं, बोने के दो-चार दिन के पश्चात उगने वाले दानों एवं अंकुरण अंकुरित दानों के हिसाब से यह तय करते हैं कि बीज कितना अंकुरण वाला है बीज के अंकुरण क्षमता क्या है? इस प्रचलित विधि के दौरान कई बार बीज की गुणवत्ता का सही प्रकार से पता नहीं चल पाता है, क्योंकि मौसम एवं परिस्थिति के अनुसार बीज का अंकुरण प्रभावित होने की संभावना रहती है।

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सोयाबीन बीज की गुणवत्ता की जांच कैसे करें?

Soybean Bij ka Parikshan kaise karen | सोयाबीन बीज की गुणवत्ता जांचने की तकनीकों में बढ़ोतरी होती जा रही है। एक विधि इस समय बहुत सफल मानी जा रही है, वह यह है :-

  • किसान गिनती के सोयाबीन दाने लेकर उन्हें पानी से भरे हुए बर्तन में डाल दें।
  • इस बर्तन में सोयाबीन के दाने 2 मिनट तक रहने दें।
  • इसके पश्चात दानों को निकाल लें, इस अवधि में ही सोयाबीन की अंकुरण क्षमता एवं गुणवत्ता की जांच हो जाएगी।
  • सोयाबीन के दानों को पानी से बाहर निकालने के पश्चात एक पेपर पर अलग-अलग हिस्सों में विभाजित करें।
  • पानी में 2 मिनट तक डुबोकर रखने वाले दानों में से जो दाने फूल गए हैं एवं जिनकी ऊपरी परत कमजोर होकर टूट चुकी है वह दाने नहीं उगेंगे यानी वह कमजोर हैं।
  • सोयाबीन के वह दाने जो सिकुड़ चुके हैं वह शत प्रतिशत उगेंगे।
  • एवं इस दौरान जो दाने बिल्कुल साबुत बचे हैं यानी इन पर किसी प्रकार का असर नहीं हुआ है, ऐसे सोयाबीन के दाने दाने देर से उगेंगे।

पूरा तरीका जानने के लिए नीचे दिया गया वीडियो देखें 👇

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राधेश्याम मालवीय

मैं राधेश्याम मालवीय Choupal Samachar हिंदी ब्लॉग का Founder हूँ, मैं पत्रकार के साथ एक सफल किसान हूँ, मैं Agriculture से जुड़े विषय में ज्ञान और रुचि रखता हूँ। अगर आपको खेती किसानी से जुड़ी जानकारी चाहिए, तो आप यहां बेझिझक पुछ सकते है। हमारा यह मकसद है के इस कृषि ब्लॉग पर आपको अच्छी से अच्छी और नई से नई जानकारी आपको मिले।
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