खेती-किसानी

RVS सोयाबीन की यह किस्में अच्छी पैदावार देगी, सोयाबीन की इन उन्नत किस्मों के बारे में जानिए

सोयाबीन की बंपर पैदावार के लिए आरवीएस (RVS) की उन्नत किस्मों (Soybean ki Kheti / RVS ke Unnat Varieties) किसानों को अच्छी पैदावार देगी। सोयाबीन की इन उन्नत किस्मों के बारे में जानिए।

Soybean ki Kheti / RVS ke Unnat Varieties | जैसे-जैसे खरीफ फसलों की बुवाई का समय नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे किसान सोयाबीन की उन्नत किस्मों को बुवाई के लिए खरीदने में लगा हुआ है आज हम आपको आरवीएस प्रजाति की उन्नत किस्मों के विषय में बताएंगे यह इसमें रोग प्रतिरोधक होने के साथ ही कम अवधि में पकती है इससे पैदावार अधिक होती है। आरवीएस एवं सोयाबीन की अन्य किस्मों के बारे में पहले भी अन्य लेख में जानकारी दे चुके हैं, आज सिर्फ आरवीएस किस्मों की ही जानकारी पढ़िए

सोयाबीन आर.वी.एस. 2001-4 : Soybean ki Kheti / RVS ke Unnat Varieties

राजमाता सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में जारी की गई सोयाबीन की इस नवीनतम किस्म ने अपने पहले ही उत्पादन वर्ष में इसके दर्शाए गए गुणों के अनुसार किसानों को चमत्कारी परिणाम दिए हैं। सेमीडिटरमिनेट (अर्धपरिमित) सीधा फैलाव वाला पौधा हायलम का रंग ब्राउन (भूरा), फूलों का रंग सफेद, पौधे की ऊंचाई 50-60 सेंटीमीटर, फसल की अवधि लगभग 93 दिवस। तेल की मात्रा 21.5%, प्रोटीन 42%, औसत उत्पादन लगभग 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, मजबूत जड़ तंत्र होने से जड़ सड़न, पीला मोजेक रोग, फलियां रोएंदार होने से गर्डल बीटल, सेमिलूपर आदि के लिए सहनशील, फलियों में चटकने की समस्या नहीं। जलजमाव वह भराव की स्थिति में अन्य किस्मों की तुलना में अधिक सहनशील किस्म।

अधिक फैलाव वाला मजबूत जड़ तंत्र होने से सूखा पड़ने की स्थिति में पौधे की नमी बनाए रखता है जिससे इस किस्म में सूखा निरोधक जाति के गुण भी पाए जाते हैं। अत्यधिक अंकुरण क्षमता 90/50% तक फैला वाला पौधा होने व दाना छोटा होने से कम बीज दर में अधिकतम उत्पादन व डिबलिंग हेतु सर्वश्रेष्ठ किस्म। इस किस्म ने पौधों की ऊंचाई अच्छी होने से यह हार्वेस्टर से काटने हेतु भी उपयुक्त है।

RVSM 1135 उच्च गुणवत्ता‌ वाली उत्तम वैरायटी सोयाबीन किस्म

RVSM 1135 मध्यम अवधि की उच्च उत्पादन क्षमता एवं असाधारण व्याधि एवं कीट निरोधकता वाली सोयाबीन किस्म परंपरागत पुरानी किस्मों से आगे निकल चुकी है। सोयाबीन की यह किस्म विपरीत जलवायु एवं परिस्थितियों में भी उच्च प्रतिरोधकता एवं सहनशीलता के कारण तथा उच्च उत्पादन क्षमता के गुण के कारण किसानों को अधिकतम सोयाबीन का उत्पादन एवं उसके अच्छे दाम किसान को प्रदान करेगी। सोयाबीन की यह किस्म आर.वी.एस.एम. 1135 (RVSM 1135) द्वारा दिए गए आश्चर्यकारी, चमत्कारी एवं व्यावहारिक परिणामों के परिपेक्ष्य में वैज्ञानिकों एवं किसानों द्वारा लिए गए परिणाम एवं अभिमत अनुसार 100% खरा उतरना तय है।

सोयाबीन आर.वी.एस.-18 (प्रज्ञा): (आर.वी.एस. 2001-18)

  • राजमाता सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में वर्ष 2017 में जारी इस किस्म का गजट नोटिफिकेशन क्रमांक 2458 (E) दिनांक 29.08.2017 है। इस नवीनतम सोयाबीन किस्म ने अपने पहले ही उत्पादन वर्ष में अपने चमत्कारी गुणों के कारण कृषकों का दिल जीत लिया है। यह किस्मत देश के मध्य क्षेत्र मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, बुंदेलखंड, मराठवाडा, विदर्भ आदि क्षेत्रों के लिए अनुशंसित की गई है।
  • सोयाबीन की यह किस्म मध्यम अवधि लगभग 91-93 दिवस की होने के कारण सोयाबीन जे.एस. 9305 के लगभग पक कर तैयार हो जाएगी। मध्यम अवधि व मजबूत जड़तंत्र, फैलावदार पौधा होने के कारण कम व अधिक वर्षा तथा वर्षा के जल्दी या देर तक वर्षा होने की स्थिति बने रहने पर भी दोनों ही परिस्थितियों में समायोजन का असाधारण गुण होने के कारण कृषकों को वर्षाजन्य परिस्थितियों से नुकसान नहीं होता है व इस प्रकार की परिस्थितियों में भी कृषक को उच्च गुणवत्ता वाले अधिकतम सोयाबीन का उत्पादन प्राप्त होने की पूरी पूरी संभावना रहती है।
  • इस किस्म के इन गुणों को देखते हुए लगभग 70 किलो प्रति हेक्टेयर बीज दर रखने, लाइन से लाइन की दूरी 14″ से 16″ रखने, आदर्श पौधों की संख्या 4.5 से 5.5 लाख पौधों की संख्या प्रति हेक्टेयर रखने तथा आदर्श कृषि कार्यमाला अनुसार कृषि कार्य करने पर आदर्श परिणाम सामान्य परिस्थितियों में 22 से 24 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन। किंतु व्यावहारिक रूप से किसानों द्वारा गत वर्षों में लिए गए वास्तविक अधिकतम उत्पादन का आंकड़ा इस किस्म में 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर व इससे अधिक भी बताया गया है।
  • प्रमुख गुण (कैरेक्टर)- दाने का आकार गोल, मध्यम बोल्ड 100 दानों का वजन 10 से 11 ग्राम दाने का रंग पीला, चमकदार नाभिका(हायलम) का रंग काला, अंकुरण क्षमता लगभग 80 से 85%, पौधे का प्रकार मध्यम ऊंची किस्म, ऊंचाई लगभग 60 से 70 सेंटीमीटर। 1 सेंटीमीटर इनडिटरमिनेट यानी सीधा मध्यम पहला वाला पौधा सेमी इरेक्ट।
  • पत्तियों का आकार तीखी सकरी, फलिया रोएंदार नहीं (चिकनी), फली का रंग भूरा, तीन से चार दाने की फलियां, फलियों में चटकने (शेटरिंग) की समस्या नहीं, फूल आने की अवधि 32-36 दिवस, फूलों का रंग सफेद, पौधे की ऊंचाई अच्छी होने से हार्वेस्टर से काटने हेतु उपयुक्त। मल्टीपल रेजिस्टेंस यानी बहुरोधक किस्म होने से इस किस्म में अनेक कीट एवं बीमारियों के प्रति विशेष प्रतिरोधकता एवं सहनशीलता का गुण। विशेष रूप से यह येलो मोजेक एवं कॉलर रॉट बीमारी के प्रति सहशीलता‌।

सोयाबीन आर.वी.एस.-24: (आर.वी.एस. 20024)

राजमाता सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में वर्ष 2017 में जारी इस किस्म का गजट नोटिफिकेशन क्रमांक एस.ओ.1007 (E) दिनांक 30.3.2017 है। सोयाबीन की यह एक अत्यंत उन्नत किस्म है। यह देश के मध्य क्षेत्र के लिए अनुशंसित की गई है।

सोयाबीन की यह किस्म लगभग मध्यम अवधि लगभग इनका 91-94 दिवस में आने वाली तथा मोजेक निरोधक किस्म के गुण के कारण जो कि आज की बहुत बड़ी समस्या है व अपने उच्च उत्पादन क्षमता के कारण शीघ्र ही किसानों में अपना एक मजबूत स्थान बना लेगी। इस किस्म में लगभग 70 किलो प्रति हेक्टेयर व लाइन से लाइन की दूरी 14″ से 16″ इंच रखने, 4.5 से 5.5 लाख प्रति हेक्टेयर पौधों की संख्या रखने पर आदर्श परिणाम लगभग 22 से 24 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन क्षमता व्यावहारिक व किसानों से प्राप्त उत्पादन आंकड़ों के अनुसार 30 क्विंटल से अधिक उत्पादन की पुष्टि की गई है।

प्रमुख गुण (कैरेक्टर)- दाने का आकार गोल, मध्यम -100 दानों का वजन 10 से 11 ग्राम, दाने का रंग पीला चमकदार, नाभिका (हायलम) का रंग काला, अंकुरण क्षमता लगभग 80 से 85%, पौधे का प्रकार सीधी मध्य ऊंची किस्म, सेमी इनडिटरमिनेट, सेमी इरेक्ट, पत्तियों का आकार मध्यम गोल, पत्तियां रोएंदर नहीं (चिकनी), फली का रंग भूरा, दो से तीन दाने की फलियां, फलियों में चटकने (शेटरिंग) की समस्या नहीं, फूल आने की अवधि 32 – 36 दिवस, फूलों का रंग सफेद, पौधे की ऊंचाई अच्छी होने से हार्वेस्टर से काटने हेतु उपयुक्त। येलो मोजेक, कॉलर रॉट एवं रूट रोट के प्रति सहशीलता का विशेष गुण।

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RVS किस्मों की यह सबसे बड़ी खासियत

RVS किस्मों की बुवाई के दौरान पौधे से पौधे की दूरी 4 इंच पर 3 – 3 बीज व लाइन से लाइन की दूरी 24 इंच रखने पर आदर्श परिणाम अंतरवर्तीय फसल पद्धति के लिए यह एक उपयुक्त एवं आदर्श किस्म गर्मी सोयाबीन 5 से 10 जनवरी तक होने पर भी उपलब्ध समस्त किस्मों से गर्मी में सर्वाधिक वर्षाकाल जैसा उत्पादन देने में भी सक्षम। गर्मी में भी 10 से 12 क्विंटल एकड़ उत्पादन देने वाली यह एकमात्र किस्म है।

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सोयाबीन की खेती करने वाले किसान इन बातों का जरूर ध्यान रखें

Soybean ki Kheti / RVS ke Unnat Varieties | सोयाबीन की खेती के लिए किसानों को कुछ बातों का जरूर ध्यान रखना होगा। इन बातों में प्रमुख रूप से यह बात है कि अधिक बीज दर लाइन से लाइन की दूरी कम रखने व ज्यादा घनी बिजाई करने पर पौधों के आडा पढ़ने (लाजिंग) की समस्या आ सकती है, किसान इस बात का विशेष ख्याल रखें अन्यथा बाद में अपनी गलती होने के बाद भी इस कथन को दोष देना इस किस्म के साथ अन्याय होगा। उच्च अंकुरण क्षमता, फैलावदार, शाखायुक्त पौधा होने से यह किस्म डिबलिंग (चुपाई) पद्धति से बोने के लिए भी एक आदर्श किस्में है।

नोट : उपरोक्त समस्त फसलों एवं बीजों का विवरण/विशेषताएं आदर्श कृषि कार्यमाला एवं आदर्श परिस्थितियों के अनुसार प्राप्त जानकारी के आधार पर तथा कृषको से प्राप्त व व्यावहारिक/वास्तविक आंकड़ों के आधार पर दिए गए हैं। इन आदर्श स्थितियों में परिवर्तन होने पर उपरोक्त विशेषताओं/परिणाम के आंकड़ों में भी परिवर्तन हो सकता है। किसान हित में इस जानकारी को अधिक से अधिक शेयर करें।

किसान साथी सोयाबीन बीज के संबंध में वसुंधरा सीड्स उज्जैन से संपर्क कर सकते हैं।

प्रदीप खड़ीकर, वसुंधरा सीड्स उज्जैन (म.प्र.)

फोन नंबर : 07342530547, मो.नं. 9301606161

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आरवीएसएम सोयाबीन 11-35 एवं आरवीएसएम की अन्य किस्में चमत्कारी पैदावार देगी

MP सोयाबीन की उन्नत/नई किस्में किसानों को मालामाल कर देगी

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राधेश्याम मालवीय

मैं राधेश्याम मालवीय Choupal Samachar हिंदी ब्लॉग का Founder हूँ, मैं पत्रकार के साथ एक सफल किसान हूँ, मैं Agriculture से जुड़े विषय में ज्ञान और रुचि रखता हूँ। अगर आपको खेती किसानी से जुड़ी जानकारी चाहिए, तो आप यहां बेझिझक पुछ सकते है। हमारा यह मकसद है के इस कृषि ब्लॉग पर आपको अच्छी से अच्छी और नई से नई जानकारी आपको मिले।
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