सोयाबीन की तीन नई किस्मों को मध्य प्रदेश में मंजूरी मिली, जान इनके बारे में
मध्य प्रदेश के किसानों के लिए सोयाबीन के 3 नई उन्नत किस्मों (Soybean new variety 2022) को मिली मंजूरी, जाने के बारे में।
Soybean new variety 2022 | मध्य प्रदेश के किसानों के लिए सोयाबीन की 3 नई उन्नत किस्मों को मंजूरी मिल गई है। सोयाबीन की यह 3 किस्में इंदौर अनुसंधान संस्थान ने तैयार की है। सोयाबीन की वेसे तो कई सारी अच्छी वैरायटी बाजार में उपलब्ध है। जहाँ नई किस्में (Soybean new variety 2022) कीट रोगों की प्रतिरोधक होती है वहीँ इनसे अधिक उत्पादन भी प्राप्त होता है।
जिससे खेती की लागत तो कम होती ही है साथ ही किसानों को लाभ भी अधिक होता है। ऐसी ही कुछ सोयाबीन की किस्में भारत के वैज्ञानिकों के द्वारा तैयार की गई हैं जो देश को तिलहन क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं। हम आपको यहां इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि, इन किस्मों (Soybean new variety 2022) की खासियत क्या है वह यह 3 वैरायटी किस तरह लाभकारी साबित हो सकती है। जानने के लिए लेख को अंत तक पढ़े..
यह 3 किस्मों को मिली मंजूरी
सोयाबीन पर अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रमों के लिए भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान’ (आईआईएसआर), इंदौर द्वारा पिछले कुछ वर्षों से लगातार नई किस्मों (Soybean new variety 2022) का विकास किया जा रहा है। आईसीएआर-आईआईएसआर द्वारा किए गए लगातार प्रयासों में, संस्थान ने सोयाबीन की तीन किस्में यानी एनआरसी 157,एनआरसी 131 और एनआरसी 136 विकसित की हैं, जिन्हें मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया है।
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इन किस्मों की खासियत क्या है
प्रधान वैज्ञानिक और ब्रीडर डॉ संजय गुप्ता ने कहा कि एनआरसी 157 (आईएस 157) मध्यम अवधि की किस्म (Soybean new variety 2022) है जो सिर्फ 94 दिनों में पक जाती है। इसकी औसत उपज 16.5 क्विंटल / हेक्टेयर है और यह अल्टरनेरिया लीफ स्पॉट, बैक्टीरियल पस्ट्यूल और टारगेट लीफ स्पॉट जैसी बीमारियों के लिए भी मध्यम प्रतिरोधी है।
संस्थान में फील्ड परीक्षणों ने एनआरसी 157 को न्यूनतम उपज हानियों के साथ देरी से रोपण (20 जुलाई तक) के लिए उपयुक्त पाया है। एक अन्य किस्म, एनआरसी 131 (आईएस131) के बारे में उन्होंने कहा कि यह 93 दिनों की मध्यम अवधि की किस्म (Soybean new variety 2022) है, जिसकी औसत उपज 15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। यह किस्म चारकोल रॉट और टार्गेट लीफ स्पॉट जैसी बीमारियों के लिए मध्यम प्रतिरोधी है।
मध्य प्रदेश में खेती के लिए जारी की है किस्में
इन दो किस्मों (Soybean new variety 2022) के साथ, एनआरसी 136 (आईएस 136) जो पहले से ही देश के पूर्वी क्षेत्र में खेती के लिए अधिसूचित है, को भी इस वर्ष मध्य प्रदेश में खेती के लिए जारी किया गया है।
इस किस्म के ब्रीडर और संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ ज्ञानेश कुमार सतपुते ने कहा कि यह किस्म 105 दिनों में 17 क्विंटल/हेक्टेयर की औसत उपज के साथ परिपक्व हो जाती है, एनआरसी 136 एमवायएमवी (मूंग बीन येलो मोज़ेक वायरस) के लिए मध्यम प्रतिरोधी है और भारत की पहली सूखा सहिष्णु (Soybean new variety 2022) किस्म है।
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