सोयाबीन में लग रहे पीले रंग के घातक रोग को कैसे रोके, अच्छी पैदावार के लिए यह करें किसान
Soybean Pila Mojek Rog Niyantran 2022 | किसान साथी सावधान हो जाइए ! पीला मोजेक रोग से सोयाबीन की फसल बर्बाद हो सकती है, रोग से बचने के लिए क्या करना होगा जानें ...
Soybean Pila Mojek Rog Niyantran 2022 | सोयाबीन खरीफ फसल में बोई जाने वाली प्रमुख फसल है। देश के अधिकतर किसान खेती पर निर्भर है, साथ ही सोयाबीन हमारे देश की अर्थव्यवस्था सुधारने में प्रमुख योगदान भी है।
मानसून के सीजन में अभी सोयाबीन की खेती जारी है, इस समय अधिकतर जगहों पर सोयाबीन में फूल आने लग गए है। मानसून के इस समय में फसल में रोग लगने का प्रभाव अधिक बना रहता है। किसान को सोयाबीन की अच्छी फसल के लिए, उसमे किसी प्रकार का रोग ना लगे इसके लिए वैज्ञानिकों के सुझाव पर उचित दवाई का छिड़काव आवश्यक है।
वैसे तो सोयाबीन की फसल में कई प्रकार के रोग लगते है, लेकिन यहां हम जानेंगे की किसान भाई सोयाबीन की फसल में लगने वाले पीला मोजेक रोग पर नियंत्रण कैसे कर सकते है..
पीला मोजेक रोग नियंत्रण से फसल होगी दमदार
सोयाबीन उत्पादक किसान सोयाबीन की अच्छी वृद्धि के लिए प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, पीले मोज़ेक रोग (Soybean Pila Mojek Rog Niyantran 2022) वर्तमान में राज्य में सोयाबीन की फसल को नष्ट कर रहा है। इससे सोयाबीन किसानों के लिए इस बीमारी पर समय से नियंत्रण पाना जरूरी हो गया है। सोयाबीन में लगने वाले इस रोग पर नियंत्रण पाकर किसान भाई अधिक उपज प्राप्त कर सकते है।
पीला मोजेक रोग के संक्रमण को फैलाती है सफेद मक्खी
पीला मोजेक रोग को नियंत्रित करने के लिए सबसे पहले आपको सफेद मक्खी को नियंत्रित करना जरूरी होता है। पीला मोजेक रोग मुख्य रूप से सफेद मक्खी के द्वारा पूरे खेत में फैल जाता है। ऐसे में यह जरूरी है की, सबसे पहले सफेद मक्खी (Soybean Pila Mojek Rog Niyantran 2022) को रोका जाए। इसलिए आज हम विस्तार से जानेंगे की सफेद मक्खी क्या है, यह कैसे पीला मोजेक रोग को फैलाती है व इसको कैसे नियंत्रित किया जा सकता है।
किस तरह संक्रमण फैलाती है सफेद मक्खी
सफेद मक्खियाँ खुले खेतों (Soybean Pila Mojek Rog Niyantran 2022) और ग्रीनहाउसों की कई फसलों में आम हैं। लार्वा और वयस्क पौधे के रस का सेवन करते हैं और पत्ती की सतह, तने और फलों पर मधुरस या हनीड्यू छोड़ते हैं।
- सफेद मक्खी से सोयाबीन की पत्तियों पर पीले धब्बे व राख जैसी फफूंद प्रभावित ऊतकों पर बन जाती है।
- पत्तियां विकृत हो सकती हैं, घुमावदार हो सकती हैं या प्याले का आकार ले सकती हैं।
- काली, मोटी फफूँदी विकसित हो जाती है।
- सोयाबीन के पौधे का विकास रुकना या अवरुद्ध विकास।
पीले मोजेक रोग के लक्षण क्या है ?
पीला मोजेक रोग (Soybean Pila Mojek Rog Niyantran 2022) का असर शुरू-शुरू में कुछेक पौधों पर दिखाई देता है, जिसके बाद सफेद मक्खी के कारण यह रोग धीरे-धीरे पूरे खेत में फैल जाता है और देखते ही देखते भयानक रूप धारण कर लेता है। पीला मोजेक रोग का लक्षण सोयाबीन के पौधे का पीलापन है। पूरे पौधे ऊपर से पीले हो जाते हैं और फिर पूरे खेत में फैल जाते हैं। इसके बाद इस रोग के कारण पौधे नर्म हो जाते हैं और पौधे भी मुरझा जाते हैं। कई बार पत्ते भी खुरदुरे हो जाते हैं।
फसल नुकसान को रोकने के लिए जल्द ही रोग नियंत्रण कर ले
अगर आपको लगता है की आपकी सोयाबीन (Soybean Pila Mojek Rog Niyantran 2022) की फसल में पीला मोजेक रोग के लक्षण नजर आने लगते है, तो उसपर जल्द नियंत्रण करना आवश्यक है। नहीं तो आपकी फसल नुकसान होने का ज्यादा खतरा है।
जब सोयाबीन की फसल पीले मोजेक (Soybean Pila Mojek Rog Niyantran 2022) रोग से संक्रमित होती दिखाई दे रही है ( गहरे हरे-पीले धब्बे दिखाई देते हैं ) तो, आप उन संक्रमित पौधों को उखाडकर अलग से छोटा सा एक गड्ढा खोदे व खोदे गए गड्ढे में उन पौधों को डाल दे तथा मिट्टी डालकर बंद कर दे।
पीला मोजेक रोग को ऐसे रोकें
- सोयाबीन की फसल (Soybean Pila Mojek Rog Niyantran 2022) में लगने वाले इस घातक बीमारी को फैलने से रोकने के लिए किसान भाई अपने खेत में अलग-अलग जगहों पर पीले चिपचिपे जाल लगा सकते हैं।
- साथ ही वैज्ञानिक सलाह देते हैं कि, संक्रमित पौधों को उखाड़कर खेत से दूर गड्ढा खोदकर दफना दें।
- किसान भाई कृषि वैज्ञानिकों व कृषि क्षेत्रों में जानकारी रखने वाले लोगों से या कृषि सेवा केंद्र संचालक की सलाह से कीटनाशकों का छिड़काव कर सकते हैं।
- इसके अलावा पीला मोजेक रोग की रोकथाम के लिए मुख्य सलाह यह है की, किसान भाई अगले सीजन से सोयाबीन की नई विकसित रोगप्रतिरोधी उन्नत किस्मों की बुवाई कर सकते है।
रोग नियंत्रण के लिए यह करें किसान
फसल (Soybean Pila Mojek Rog Niyantran 2022) में सक्रंमण की रोकथाम के लिए 1. थायामिथोक्सम 25 डब्ल्यू. जी. का संक्रमण के स्तर के अनुसार 80 से 100 ग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से स्प्रे करें।
2. पूर्वमिश्रित बीटासायफ़्लुथ्रीन 49 + इमिडाक्लोप्रिड 19.81% ओ.डी. का 350 एम.एल. प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें।
3. पूर्वमिश्रित थायो मिथाक्जाम लैम्बडासायहैलोथरीन का 125 एम.एल. प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव (Soybean Pila Mojek Rog Niyantran 2022) करें यह सफेद मक्खी के साथ साथ पत्ती खाने वाले कीटों का भी नियंत्रण करता है।
यह भी पढ़िए….सोयाबीन में पीला मोजेक रोग फैलाने वाली सफेद मक्खी किट से फसल को कैसे बचाएं, जानिए
कम लागत में सोयाबीन आवक अधिक होगी , सोयाबीन की जैविक खेती के बारे में जानिए
जुड़िये चौपाल समाचार से
ख़बरों के अपडेट सबसे पहले पाने के लिए हमारे WhatsApp Group और Telegram Channel ज्वाइन करें और Youtube Channel को Subscribe करें, हम सब जगह हैं।