किसानों को सावधान करने वाली खबर! किसान बीज के लिए सोयाबीन की यह वैरायटी न खरीदें, जानिए क्यों?
खरीफ सीजन के लिए (Soybean Variety Kds 726 Fule Sangam) कितनी उपयुक्त है यह बीज खरीदना चाहिए या नहीं? सोयाबीन की इस किस्म के विषय में जानिए सबकुछ
खरीफ सीजन की प्रमुख फसल सोयाबीन को लेकर मध्य प्रदेश के किसान बीज की व्यवस्था करने में जुट गए हैं। सोयाबीन बीज की व्यवस्था करने में जुटे किसानों के लिए एक चेतावनी भरी खबर यह है कि अभी मार्केट में सोयाबीन की केडीएस (Soybean Variety Kds 726 Fule Sangam) किस्म को लेकर बहुत चर्चा हो रही है, लेकिन वस्तुस्थिति यह है कि सोयाबीन की यह किस्म किसानों को घाटे में डाल देगी। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि कतिपय व्यापारी अधिक दाम में Kds किस्म को महंगे भाव में अधिक पैदावार होने का प्रलोभन देकर किसानों को बेच रहे हैं।
इस लेख में हम आपको बताने वाले हैं कि सोयाबीन की Kds वैरायटी के प्रति किसान अधिक आकर्षित क्यों हो रहे हैं? वहीं किसानों के हित में क्या है? और इसको नहीं खरीदने का कारण भी बताया जाएगा। इसके साथ ही यह भी बताया जाएगा कि किसानों के लिए अच्छी पैदावार वाली पांच प्रमुख सोयाबीन की किस्में कौन-कौन सी है इसलिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
Soybean Variety Kds 726 Fule Sangam| के बारे में जानिए
सोयाबीन की केडीएस 726 वैरायटी महात्मा फुले कृषि विश्वविद्यालय राहुरी(महाराष्ट्र) के द्वारा वर्ष 2016 में विकसित की गई थी। सोयाबीन की यह किस्म फुले संगम के नाम से भी जानी जाती है सोयाबीन की इस किस्म की पकने की अवधि 100 से 105 दिन की है। इसे महाराष्ट्र में अधिकांशतः बोई जाती है। कृषि वैज्ञानिकों ने केडीएस 726 फुले संगम को महाराष्ट्र के अलावा कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना के लिए अनुशंसित की गई है। इसके अलावा महाराष्ट्र में केडीएस की अन्य वैरायटी आदि उपलब्ध किसान किसानों द्वारा बोई जाती है, इनमें प्रमुख हैं केडीएस 753 केडीएस 992 एवं केडीएस 344।
सोयाबीन की किस्म Kds 726 (फुले संगम) किसान खरीदे या नहीं जानिए
वर्तमान में व्हाट्सएप, फेसबुक एवं सोशल मीडिया के अन्य प्रचार माध्यमों के द्वारा सोयाबीन की किस्म केडीएस 726 (फुले संगम) का प्रचार प्रसार अधिक हो रहा है। मध्य प्रदेश एवं राजस्थान के किसानों के बीच यह महाराष्ट्र की यह सोयाबीन किस्म चर्चा का विषय बन चुकी है। किसान इस सोयाबीन बीज के प्रति आकर्षित होकर इसे खरीदने के लिए उतावले हो रहे हैं। कई किसान महंगे दाम पर इस सोयाबीन की वैरायटी को खरीद चुके हैं। ऐसे किसानों को सावधान होने की आवश्यकता है। सोयाबीन का किसी भी प्रकार का बीज खरीदने के पहले उसके विषय में जरूर जान लें। कृषि विशेषज्ञों एवं कृषि वैज्ञानिकों के सुझाव एवं मार्गदर्शन पर ध्यान दें।
सोयाबीन की Kds 726 (फुले संगम) के संबंध में यह प्रमुख बात है
कृषि वैज्ञानिकों ने केडीएस किस्म को महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक के लिए अनुशंसित किया है महाराष्ट्र के कई किसान केडीएस वैरायटी के सोयाबीन लगाकर परेशान हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह सोयाबीन की यह वैरायटी अधिक दिनों में पकती है जिसके कारण बाद में पानी नहीं मिल पाने के कारण इसका दाना पर्याप्त पक नहीं पाता है।
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार सोयाबीन की प्रत्येक किस्में, प्रत्येक क्षेत्र के लिए उपयुक्त नहीं होती है, और ना ही प्रत्येक क्षेत्र में हर किस्म का प्रदर्शन/परिणाम अच्छा होता है। नवीन किस्म के नाम से किसी भी गैर अनुसूचित किसानो को अपने क्षेत्र में लगाना किसानों के लिए बहुत बड़ी समस्या व नुकसान का कारण बन सकता है। बिना वैज्ञानिक सलाह एवं अनुशंसा के बाहर की किस्मों को लगाना किसानों के लिए भारी नुकसान देह साबित हो सकता है।
सोयाबीन की Kds वैरायटी मध्यप्रदेश के लिए क्यों उपयुक्त नहीं है
सोयाबीन या अन्य फसलों की प्रत्येक वैरायटी कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की जाती है मौसम जलवायु मिट्टी एवं अन्य प्राकृतिक संसाधनों को ध्यान में रखते हुए इसकी किस में फसलों की किस्मों को अलग-अलग क्षेत्र के लिए अनुशंसित किया जाता है यानी कि फसलों की जो किस्में मध्यप्रदेश के लिए अधिसूचित/अनुशंसित है, वह किस्में अन्य राज्यों में बेहतर उपज नहीं दे सकती, वहीं अन्य राज्यों के लिए अनुशंसित किस्में मध्यप्रदेश में अधिक उपज नहीं दे सकती।
Kds वैरायटी : किसानों से यह बात छिपाई जा रही
किसान अधिक पैदावार के चक्कर में सोयाबीन की केडीएस वैरायटी (Soybean Variety Kds 726 Fule Sangam) को खरीद रहे हैं, कतिपय व्यापारी एवं डीलर किसानों को अधिक दाम पर केडीएस वैरायटी के बीज दे रहे हैं। वहीं किसानों के बीच यह प्रचारित किया जा रहा है कि यह किस्म 90 से 95 दिवस में पक कर तैयार हो जाती है, जबकि वास्तविकता यह है कि यह किस्म 100 से 105 दिवस में महाराष्ट्र में पककर तैयार होती है। महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश की जलवायु मौसम में अंतर है। कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि महाराष्ट्र की तुलना में मध्यप्रदेश में यह किस्म 110 से 15 दिन की अवधि में पक कर तैयार हो पाएगी। ऐसे में निश्चित तौर पर इस फसल को अंतिम दौर में पानी नहीं मिल पाएगा जिससे किसानों को भारी नुकसान होने की संभावना अधिक है।
Kds 726 (फुले संगम) वैरायटी खरीदने के पहले यह बात जरूर जान लें
मध्यप्रदेश में किसान 100 दिन के ऊपर की किस्मों को लगाना पसंद नहीं करते हैं, क्योंकि बाद में यहां पर वर्षा चली जाती है जिससे अधिक अवधि वाली सोयाबीन की किस्म का दाना नहीं बन पाता। जबकि वैरायटी की अवधि 100 से 105 दिवस की है। वहीं केडीएस 726 (फुले संगम) के उत्पादन के आंकड़े भी बढ़ाकर बताए जा रहे हैं, जो कि व्यवहारिक एवं तर्कसंगत नहीं लगते अतः किसान वैज्ञानिकों एवं कृषि विभाग से सलाह लेकर ही सोयाबीन की फसल के लिए बीच का चयन करें। मध्य प्रदेश में किसानों के लिए जेएस 20.69, जेएस 20.98, जेएस 2034 एवं सोयाबीन की नई किस्में एनआरसी, आरवीएसएम 11-35 आरवीएसएम- 24 आरवीएसएम 18 श्रेष्ठ है। इसके साथ ही वैज्ञानिकों द्वारा मध्यप्रदेश के लिए अनुशंसित अन्य के परिणाम भी बहुत अच्छे मिल रहे हैं।
Kds वैरायटी के संबंध में सामान्य प्रश्न/उत्तर (Soybean Variety Kds 726 Fule Sangam)
प्रश्न- क्या केडीएस 726 वैरायटी मध्यप्रदेश के लिए है?
उत्तर- नहीं केडीएस 726 वैरायटी महाराष्ट्र तमिलनाडु तेलंगाना कर्नाटक आंध्र प्रदेश के लिए अनुशंसित की गई है।
प्रश्न- केडीएस 726 (फुले संगम) सोयाबीन के पकने की अवधि क्या है?
उत्तर- केडीएस 726 वैरायटी के पकने की अवधि 100 से 105 दिन की है वहीं मध्यप्रदेश में यह किस्म 105 से 110 दिन की अवधि में पकेगी।
प्रश्न- सोयाबीन की Kds वैरायटी बीज की कीमत क्या है?
उत्तर- सोयाबीन बीज व्यापारी एवं महाराष्ट्र के डीलर केडीएस सोयाबीन की वैरायटी के बीज 14000 से ₹16000 प्रति क्विंटल के हिसाब से बेच रहे हैं।
प्रश्न- केडीएस 726 वैरायटी में तेल की मात्रा कितनी है?
उत्तर- केडीएस 726 (फुले संगम) वैरायटी में तेल की मात्रा 18.2% रहती है।
प्रश्न- केडीएस 726 वैरायटी की पैदावार कितनी होती है?
उत्तर-726 फुले संगम केडीएस की पैदावार 7 से 9 कुंटल क्विंटल प्रति बीघा होती है।
प्रश्न- मध्यप्रदेश के लिए Kds 726 किस्म क्यों उपयुक्त नहीं है?
उत्तर- मौसम जलवायु एवं सोयाबीन की फसल पकने की अवधि में अंतर होने के कारण सोयाबीन की यह किस्म मध्यप्रदेश के लिए उपयुक्त नहीं है।
प्रश्न- मध्यप्रदेश के लिए कौन-कौन सी सोयाबीन की किस्में अच्छी है?
उत्तर- मध्य प्रदेश के लिए जेएस 20.69, जेएस 20.98, जेएस 2034 एवं सोयाबीन की नई किस्में एनआरसी, आरवीएसएम 11-35 आरवीएसएम- 24 आरवीएसएम 18 श्रेष्ठ है।
किसान सोयाबीन एवं अन्य फसलों की वैरायटीयों के संबंध में अधिक जानकारी के लिए वसुंधरा सीड्स, उज्जैन से संपर्क करें :
प्रदीप खड़िकर : 9301606161 / 0734-2530547
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